
नई दिल्ली। एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन देश के नए उपराष्ट्रपति चुने गए हैं, उन्होंने बी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया। राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए। वह वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं। यह जीत भाजपा और एनडीए के लिए बड़ी राजनीतिक सफलता मानी जा रही है।
उपराष्ट्रपति चुनाव के परिणाम:
सीपी राधाकृष्णन: 452 वोट
बी सुदर्शन रेड्डी : 300 वोट
मतदान प्रतिशत : 98.2% (कुल 767 सांसदों में से 752 वोट वैध थे)
-वोटों का अंतर: 152 वोट
सीपी राधाकृष्णन की जीत को दक्षिण भारत की राजनीतिक पहचान और प्रभाव को दर्शाता माना जा रहा है। वह तमिलनाडु की राजनीति में एक सम्मानित नाम हैं और उनके पास चार दशक से अधिक का अनुभव है। वह पहले भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं, जिनमें राज्यसभा सदस्य और विभिन्न समितियों के अध्यक्ष शामिल हैं ।

ब्यूरो। एसआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बड़ा फैसला आया है । जिसमें कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग का दृष्टिकोण मतदाताओं के हितों के विपरीत है और यह पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने चुनाव आयोग को हटाए गए मतदाताओं के नामों के साथ कारण प्रकाशित करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, कोर्ट ने आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में स्वीकार करने का भी निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:
- मतदाताओं की सूची प्रकाशित करना: चुनाव आयोग को हटाए गए मतदाताओं की सूची प्रकाशित करनी होगी, जिसमें कारणों का उल्लेख हो।
- आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में स्वीकार करना: चुनाव आयोग को आधार कार्ड को वैध पहचान पत्र के रूप में मान्यता देनी होगी।
- राजनीतिक दलों को शामिल करना: सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया में राजनीतिक दलों को शामिल करके संशोधन को बेहतर बनाने के लिए सुरक्षा-व्यवस्था स्थापित की है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस निर्णय से कांग्रेस को एक ऐसा अधिकार मिलता है, जिसकी अनदेखी चुनाव आयोग नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा, "आज चुनाव आयोग पूरी तरह से बेनकाब और बदनाम हो चुका है।

79 वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर झारखंड वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं
निवेदक - श्रीमति दीपिका पांडे सिंह, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज विभाग मंत्री,झारखंड सरकार

79 वा स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर सभी रांची वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं - बबलू मुंडा, अध्यक्ष केंद्रीय सरना समिति

रांची। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन होने के साथ झारखंड में एक युग का अवसान हो गया। रामगढ़ जिला के गोला प्रखंड स्थित पैतृक गांव नेमरा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिवंगत शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पिता के पार्थिव शरीर को पारंपरिक रीति- रिवाज तथा रस्म के साथ मुखाग्नि दी। इस दौरान हर किसी की आंखें नम थी। इससे पहले रांची के मोरहाबादी स्थित आवास से दिवंगत शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव नेमरा में अंतिम दर्शनार्थ रखा गया। यहां हजारों -हज़ार की संख्या में लोगों ने भावुक और नम आंखों से "गुरुजी" को नमन कर अंतिम विदाई दी।
अंतिम जोहार " के लिए उमड़ा जन सैलाब
क्या आम और क्या खास, दिवंगत शिबू सोरेन के अंतिम जोहार के लिए नेमरा गांव में जन सैलाब उमड़ पड़ा था। उनके अंतिम दर्शन के लिए राज्य के अलग-अलग कोनों से लोग पधारे थे। इनमें अति विशिष्ट व्यक्ति से लेकर आम जन तक, हर कोई शामिल था। हर किसी ने झारखंड राज्य के प्रणेता, पथ प्रदर्शक औऱ मार्गदर्शक दिशोम गुरु जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान हर किसी का दिल उदास, व्यथित और आंखें नम थी।
रो पड़ा पूरा नेमरा
यूँ तो दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की जानकारी मिलने के बाद से ही उनके पैतृक गांव नेमरा में उदासी और सन्नाटा पसर चुका था। हर कोई गमगीन था। घरों में चूल्हे तक नहीं जले थे। वहीं, बुधवार को जैसे ही दिशोम गुरु का पार्थिव शरीर पैतृक आवास पहुंचा, पूरा नेमरा रो उठा। परिजन एवं सगे- संबंधी समेत राज्य के दूर दराज से आए लोगों की आंखों से आंसू छलक रहे थे। सभी ने दिशोम गुरु को नमन कर अन्तिम विदाई दी।

दिल्ली /रांची। राष्ट्रपति, भारत ,श्रीमती द्रौपदी मुर्मु एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली पहुंचकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री ने दुःख की इस घड़ी में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन , विधायक कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को इस कठिन घड़ी में संबल प्रदान करने की कामना ईश्वर से की।

रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो सह दिशोम गुरु शिबू सोरेन का दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार सुबह यह जानकारी अपने एक्स पर पोस्ट लिख कर दी। मालूम हो कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन का इलाज दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में कई दिनों से चल रहा था उनके स्वास्थ्य के लाभ को लेकर झारखंड में उनके चाहने वाले लगातार प्रार्थना कर रहे थे, लेकिन आखिरकार डॉक्टर के लाख प्रयास के बावजूद उनके स्वास्थ्य ठीक नहीं हो पाई और सोमवार सुबह निधन होने की जानकारी मिली । वहीं उनके निधन के बाद पूरे झारखंड राज्य में शोक की लहर है सभी राजनीतिक दल के तमाम नेता से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता उनके कार्यों को याद कर नमन कर रहे हैं और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
दिशोम गुरु शिबू सोरेन शून्य से शिखर तक
झारखंड राज्य के लिए अपनी संघर्ष की बदौलत राजनीति के पांच दशक अग्रणी भूमिका में निभाई, राज्य की अलग लड़ाई के साथ शोषित वंचित समाज के लिए हमेशा आगे खड़ा रहा और तीन बार झारखंड मुख्यमंत्री रहे । वहीं उनके निधन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री सोरेन सह पुत्र हेमंत सोरेन कहा कि आज मैं शून्य हो गया।

रांची (ऋषभ राजा) : ओडिशा के बालासोर में बीएड की एक छात्रा की आत्महत्या के मामले पर झारखंड में राजनीति गरमा गयी है. झामुमो और भाजपा के बीच वार-पलटवार शुरू हो गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने प्रेस वार्ता करके बीजेपी को ‘बेटी जलाओ पार्टी’ के नाम से संबोधित करने का ऐलान किया, तो इस पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. भाजपा ने इसे ‘गिद्ध राजनीति’ का जघन्य उदाहरण करार दिया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि झामुमो अब अपनी नैतिकता और संवेदनशीलता दोनों खो चुका है. चुनिंदा घटनाओं पर शर्मनाक ढंग से सियासी रोटियां सेंकने में जुट गया है.
घिनौनी सेलेक्टिव पॉलिटिक्स’ पर उतरा झामुमो – अजय साह
अजय साह ने दो टूक कहा कि झामुमो अब ‘घिनौनी सेलेक्टिव पॉलिटिक्स’ पर उतर चुका है, जहां पार्टी की आंखें और ज़ुबान तब बंद रहती है, जब अपराधी उनके गठबंधन से होते हैं, लेकिन जैसे ही भाजपा शासित राज्य में कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटती है, वे गिद्ध की तरह मौके पर राजनीति करने आ धमकते हैं.
बंगाल की घटनाओं पर कुछ नहीं बोला झामुमो – अजय साह
भाजपा प्रवक्ता ने याद दिलाया कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जब छात्रा से दुष्कर्म के बाद आंदोलित थे, तब झामुमो की पूरी लीडरशिप चुप थी. कोलकाता लॉ कॉलेज में इंडी गठबंधन के छात्र नेता पर गैंगरेप के गंभीर आरोप लगे, तब भी झामुमो ने एक शब्द नहीं बोला. भाजपा नेता ने पूछा, ‘क्या झामुमो के लिए अपराध की गंभीरता अपराधी की पार्टी से तय होती है
भाजपा प्रवक्ता बोले- झारखंड को बर्बाद कर चुका है झामुमो
भाजपा प्रवक्ता ने झामुमो की राजनीतिक प्राथमिकताओं पर करारा वार करते हुए कहा कि जो पार्टी झारखंड को बर्बाद कर चुकी है, अब उन राज्यों की घटनाओं पर सियासत कर रही है, जहां उसकी कोई जवाबदेही नहीं है. उन्होंने कहा कि पलामू के शेल्टर होम में नाबालिग लड़की ने खुलेआम आरोप लगाया कि एक अधिकारी उस पर ‘खुश करने’ का दबाव बना रहा था, लेकिन पूरा सरकारी सिस्टम उस अधिकारी को बचाने में जुट गया.
लातेहार के स्कूल में यौन शोषण मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई’
लातेहार स्कूल में हुई यौन शोषण की घटना पर भी भाजपा ने सरकार पर जमकर हमला बोला. अजय साह ने कहा कि 3 दिन बीतने के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा देने वाली पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. राज्य महिला आयोग का गठन तक नहीं हुआ. सीडब्ल्यूसी जैसी संस्थाएं कागजों पर हैं और महिला थाने सिर्फ नेमप्लेट की शोभा.
ओडिशा की घटना के आरोपियों पर होगी कड़ी कार्रवाई – अजय
अजय साह ने साफ किया कि भाजपा की सरकार ओडिशा की घटना को लेकर किसी भी आरोपी को नहीं बख्शेगी. सबसे सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी. उन्होंने झामुमो को आईना दिखाते हुए कहा कि पहले उस राज्य की जिम्मेदारी निभाएं, जहां की जनता ने उन्हें वोट देकर सत्ता सौंपी है. फिर दूसरों को नसीहत दें.
बीजेपी को अब ‘बेटी जलाओ पार्टी’ कहकर संबोधित करेंगे
इससे पहले झामुमो केंद्रीय कमेटी के महासचिव और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से देश के जिस किसी राज्य में बीजेपी की सरकार बनी है, वहां महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी है. वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेढ़ी पढ़ाओ’ का नारा दिया था. अब यह पार्टी बेटी जलाओ पार्टी बन गयी है. इस पार्टी को अब हमलोग इसी नाम से संबोधित करेंगे.
सुप्रियो ने महिला के खिलाफ अपराध वाले राज्यों के नाम गिनाये
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह मामला सिर्फ ओडिशा के बालासोर का नहीं है. उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और मणिपुर सब जगह ऐसी घटनाएं हो रहीं हैं. हाथरस, कठुआ, मुज्फ्फरपुर और सीकर की घटनाओं को लोग अभी तक नहीं भूले हैं. पहलवान बेटियों से दुर्व्यवहार करने वाले के बेटे को बीजेपी चुनाव का टिकट देती है.

साहेबगंज। ट्रक से डीजल चोरी की घटना तो आपने कई बार सुना होगा जहां. चोर रात के अंधेरे में डीजल चोरी कर लेते है, लेकिन रेल इंजन से डीजल चोरी हो जाए यह घटना सोचने को मजबूर कर देती है ? चोर ऐसा भी कर सकता है? लेकिन ऐसा घटना के मामले सामने आए, जो रेल विभाग के साथ आम आदमी को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है?
क्या है पूरा मामला
रविवार को जानकारी मिली कि हावड़ा रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले सीमावर्ती गुमानी रेलवे स्टेशन पर गुरुवार रात एक चौंकाने वाली घटना घटी, जिसने भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। रात लगभग 11 बजे, अज्ञात चोरों ने स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या-4 पर खड़ी एक मालगाड़ी के रेल इंजन से करीब 2000 लीटर डीज़ल चोरी कर लिया।इस घटना का खुलासा तब हुआ जब मालगाड़ी पाकुड़ स्टेशन पहुंची और लोको पायलट ने डीज़ल टैंक में भारी कमी की जानकारी अधिकारियों को दी। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया।तुरंत हरकत में आया रेलवे प्रशासन शुक्रवार की सुबह पाकुड़ आरपीएफ पोस्ट के इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह अपनी टीम के साथ गुमानी स्टेशन पहुंचे और घटना स्थल की बारीकी से छानबीन शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए रेलवे की स्पेशल ब्रांच, क्राइम इंटेलिजेंस ब्यूरो और डॉग स्क्वायड टीम को भी जांच में शामिल किया गया है।उसी शाम हावड़ा रेल मंडल के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त चोक्का रघुबीर ने भी घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों को मामले की शीघ्र जांच पूरी कर दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।रेलवे सूत्रों के अनुसार, पाकुड़ आरपीएफ पोस्ट में कांड संख्या 05/2025 के तहत अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।लोको पायलट मौजूद, फिर भी चोरी कैसे?इस मामले का सबसे हैरान करने वाला पहलू यह है कि घटना के वक्त मालगाड़ी के दोनों लोको पायलट इंजन में ही मौजूद थे, इसके बावजूद इतनी भारी मात्रा में डीज़ल की चोरी हो जाना कई गंभीर सवाल खड़े करता है।क्या यह किसी भीतरखाने मिलीभगत का मामला है, या फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक?—इन सवालों के जवाब ढूंढना जांच एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।स्थानीय नागरिकों के अनुसार, गुमानी एक उपेक्षित स्टेशन है, जहां ना तो स्थायी आरपीएफ की तैनाती है और ना ही कोई प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था। बीते कुछ वर्षों से यहां चोरी और अन्य असामाजिक गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, लेकिन रेलवे प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई।इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को सीमावर्ती स्टेशनों पर विशेष प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
अब तक खाली हाथ रेलवे प्रशासन
घटना को 48 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन रेल प्रशासन अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है, लेकिन अब तक कोई अपराधी गिरफ्त में नहीं आया है।वहीं स्थानीय स्तर पर रेलवे कर्मियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो बिना किसी आंतरिक सहयोग के इस तरह की घटना को अंजाम देना असंभव है।
फिलहाल, रेलवे प्रशासन जांच के अंतिम निष्कर्ष का इंतजार कर रहा है। इस घटना का जल्द उद्भेदन न केवल दोषियों को सजा दिलाने के लिए जरूरी है, बल्कि रेलवे की साख बचाने के लिए भी।

रांची (ऋषभ राजा ) भारत वर्ष 2027 तक मलेरिया को पूरी तरह से खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार ने कई योजनाएं बनायीं हैं. उस पर अमल भी किया जा रहा है. फलस्वरूप मलेरिया उन्मूलन की दिशा में भारत को बड़ी सफलता मिली है. बावजूद इसके, वर्ष 2022 में देश के 18 ऐसे जिले हैं, जहां एपीआई (Annual Parasite Index – API) 2 या उससे अधिक थी. वर्ष 2015 में इन जिलों की संख्या 110 थी. बहरहाल, मलेरिया के लिहाज से देश के सबसे संवेदनशील 18 जिलों में झारखंड के भी 3 जिले शामिल हैं.
1947 में 8 लाख लोगों की हो जाती थी मलेरिया से मौत
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सामुदायिक स्वास्थ्य अनुसंधान, सोसाइटी फॉर एजुकेशन, एक्शन एंड रिसर्च इन कम्युनिटी हेल्थ की उपनिदेशक और गढ़चिरौली में मलेरिया उन्मूलन के लिए कार्यबल की सदस्य सुप्रियालक्ष्मी तोटीगर के अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है. सुप्रियालक्ष्मी तोटीगर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 1947 में भारत में लगभग 7.5 करोड़ मलेरिया के मामले सामने आते थे. 8 लाख लोगों की मलेरिया से मौत हो जाती थी. वर्ष 2023 तक इस आंकड़े में बड़ी गिरावट आयी है. इस वर्ष 2,27,564 लोग मलेरिया से पीड़ित हुए और मात्र 83 लोगों की इससे मौत हुई.
मच्छरों के प्रजनन के लिए पर्याप्त है 2 मिली ठहरा हुआ पानी
सुप्रियालक्ष्मी के मुताबिक, शहरी और वन क्षेत्रों के लिए मलेरिया नियंत्रण की रणनीति अलग-अलग होती है. वन क्षेत्रों में भारी मानसूनी वर्षा के कारण लंबे समय तक पानी ठहर जाता है, जिससे मच्छरों के पनपने के लिए आदर्श स्थितियां बनती है. आदिवासी समुदाय जीवनयापन के लिए जंगलों पर निर्भर हैं. इसलिए मलेरिया के मच्छर की चपेट में आने का जोखिम अधिक होता है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि केवल 2 मिलीलीटर ठहरा हुआ पानी भी मच्छरों के प्रजनन के लिए पर्याप्त है.
एयर कंडीशनर और कूलर में जमे पानी भी बढ़ाते हैं समस्या
सुप्रियालक्ष्मी तोटीगर आगे कहतीं हैं कि शहरी क्षेत्रों में खराब जल निकासी प्रणाली और एयर कंडीशनर या कूलर में जमा पानी मलेरिया की समस्या को बढ़ाते हैं. इसलिए शहरी क्षेत्रों में मलेरिया नियंत्रण के लिए अलग रणनीति पर काम करने की आवश्यकता होती है. सुप्रियालक्ष्मी कहतीं हैं कि किसी क्षेत्र को मलेरिया से मुक्त तब माना जाता है, जब वहां स्थानीय स्तर पर कोई नया मामला दर्ज नहीं होता.
मलेरिया को खत्म करने के लिए समेकित रणनीति
तोटीगर के मुताबिक, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक समेकित रणनीति लागू की जा रही है, जिसमें शीघ्र जांच व उपचार, मच्छरों से मानव संपर्क रोकना, शारीरिक अवरोध बनाना और मच्छरों के प्रजनन को रोकना शामिल है. इस रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मलेरिया फैलाने वाले प्लाज्मोडियम परजीवी का उन्मूलन है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर, सतत विकास लक्ष्य (SDGs) के अंतर्गत मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2030 है. भारत ने इससे भी अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करते हुए 2027 के अंत तक मलेरिया उन्मूलन का संकल्प लिया है.
मलेरिया के मामले में झारखंड की स्थिति में हुआ है सुधार
स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीजेज कंट्रोल की ओर से मलेरिया उन्मूलन के लिए विशेष रूप से तैयार ‘नेशनल स्ट्रैटेजिक प्लान : मलेरिया एलीमिनेशन 2023-2027’ पर गौर करेंगे, तो झारखंड की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. यह वर्ष 2015 तक कैटेगरी-3 में था और वर्ष 2022 में यह कैटेगरी-2 में आ गया. इसका मतलब यह हुआ कि वर्ष 2015 तक झारखंड के जिलों में एपीआई 1 से अधिक था और अब यहां एपीआई 1 से कम है. बावजूद चिंता की बात यह है कि झारखंड के 3 ऐसे जिले हैं, जहां एपीआई अब भी 3 से अधिक हैं.
झारखंड में सबसे चिंताजनक स्थिति पश्चिमी सिंहभूम की
सबसे चिंताजनक स्थिति पश्चिमी सिंहभूम जिले की है. यहां का एपीआई 8.8 है, जो झारखंड में सबसे ज्यादा है. इसके अलावा संताल परगना के गोड्डा और पाकुड़ जिले में भी एपीआई बहुत ज्यादा है. इन दोनों जिलों का एपीआई 3.5-3.5 है. हालांकि, अच्छी बात यह है कि देश के कई राज्यों के जिले अभी भी ऐसे हैं, जो झारखंड से कई गुणा ज्यादा खतरनाक स्थिति में हैं. वहां एपीआई 56 से भी ज्यादा हैं. मिजोरम का लावंगतलाई ऐसा ही एक जिला है, जिसका एपीआई 56.2 पाया गया है. मिजोरम के लुंगलेई में 28, मामिट में 33.2, साइहा में 24.4 हैं. झारखंड के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के बीजापुर में यह 30.8, दंतेवाड़ा में 25.7 और नारायणपुर में 13.4 है.

रांची (ऋषभ राजा ) वक्फ (संशोधन) लोकसभा और राज्यसभामें मैराथन चर्चा के बाद देर रात हुए मतदान में पारित हो गया है. संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद अब ये बिल कानून का रूप लेने से महज एक कदम दूर है और ऐसे में बात अब इसके प्रावधानों में हुए बदलाव और उससे वक्फ बोर्ड पर पड़ने वाले संभावित असर को लेकर होने लगी है. इस संशोधन विधेयक में ऐसा ही एक बदलाव है लिमिटेशन एक्ट को लेकर. सरकार ने इस बिल के जरिये अब वक्फ बोर्ड को भी लिमिटेशन एक्ट के दायरे में ला दिया है.
लिमिटेशन एक्ट से वक्फ को थी छूट
वक्फ अधिनियम 1995 में वक्फ को लिमिटेशन एक्ट से छूट मिली हुई थी. वक्फ अधिनियम की धारा 107 में इस बात का प्रावधान था कि वक्फ संपत्तियों पर लिमिटेशन एक्ट 1963 के प्रावधान लागू नहीं होंगे. लिमिटेशन एक्ट के तहत ये प्रावधान है कि किस मामले में कितने दिनों के अंदर शिकायत दर्ज कराना, केस कराना जरूरी है. तय अवधि के बाद किया गया दावा कोर्ट में खारिज हो जाता है. निजी संपत्ति के मामले में यह सीमा 12 साल है. इस बात को इस से समझा जा सकता है कि अगर कोई व्यक्ति आपकी जमीन पर कब्जा कर लेता है तो उस जमीन को वापस पाने के लिए आपको 12 साल के भीतर कोर्ट में केस करना होता है. वक्फ को लिमिटेशन एक्ट से मिली छूट को इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि कोई कोई व्यक्ति किसी जमीन पर 50 साल से खेती कर रहा है. वक्फ बोर्ड उस जमीन पर भी दावा कर सकता था कि ये हमारी जमीन है. संबंधित व्यक्ति के पास अपने बचाव के लिए लिमिटेशन एक्ट को आधार बनाकर कोर्ट में ये दलील देने का अधिकार नहीं था कि आपने क्लेम करने में बहुत देर कर दी. 50 साल से ये संपत्ति मेरे कब्जे में है और इसलिए अब इस पर आपका दावा नहीं बनता. ये मेरी जमीन हो गई.
अब लिमिटेशन एक्ट के दायरे में वक्फ
वक्फ संशोधन विधेयक में सरकार ने पुराने कानून की धारा 107 को समाप्त कर दिया है. इसका सीधा मतलब है कि वक्फ बोर्ड भी अब लिमिटेशन एक्ट 1963 के दायरे में आएगा. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन बिल पेश करते हुए स्पष्ट कहा कि अब वक्फ पर लिमिटेशन एक्ट भी लागू होगा.
लिमिटेशन एक्ट लागू होने का प्रभाव क्या
वक्फ संपत्तियों पर भी लिमिटेशन एक्ट लागू होने के बाद वक्फ बोर्ड अब किसी संपत्ति पर चाहे जितने समय बाद भी दावा नहीं कर सकेगा. वक्फ बोर्ड ऐसी किसी भी संपत्ति पर अपने मालिकाना हक का दावा नहीं कर सकेगा जिस पर 12 साल या इससे अधिक समय से किसी दूसरे व्यक्ति या संस्था का कब्जा हो. वक्फ बोर्ड के लिए भी किसी संपत्ति पर दावा करने की एक तय समय सीमा होगी. वक्फ के भी लिमिटेशन एक्ट के दायरे में आने का सीधा मतलब यह होगा कि एडवर्स पजेशन एक्ट भी लागू हो जाएगा. अब अगर किसी ने 12 साल तक वक्फ की संपत्ति पर कब्जा बनाए रखा तो वह खुद को स्थायी मालिक घोषित कर सकता है.

(रांची ऋषभ राजा )सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार देर रात दिल्ली हाई कोर्ट के वर्तमान जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर बेहिसाब नकदी मिलने के आरोपों से संबंधित रिपोर्ट, फोटो और वीडियो अपलोड किए। यह अपनी तरह का पहला और दुर्लभ मामला है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्री में आंतरिक जांच के निष्कर्ष और आरोपों से इनकार करते हुए जस्टिस वर्मा की विस्तृत कार्रवाई का खुलासा किया गया है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने दिया था वीडियो
इससे पहले दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने सीजेआई संजीव खन्ना और दिल्ली HC के चीफ जस्टिस डी के उपाध्याय के साथ एक वीडियो साझा किया था। इसमें 14 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर जली हुई नकदी का कथित तौर पर खुलासा किया गया था। अब ऐसा लगता है कि दिल्ली HC के मौजूदा जज के खिलाफ गहन जांच के लिए मामला तय हो गया है। इससे पहले जस्टिस वर्मा ने, तस्वीर वाले सबूतों के बावजूद खुद को निर्दोष बताया था। साथ ही उन्होंने खुद के फंसाए जाने का आरोप लगाया था।
सीजेआई ने पूछे तीन सवाल
CJI खन्ना ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से तीन सवालों पर जस्टिस वर्मा से जवाब मांगने को कहा। इसमें पहला सवाल है कि वह (जस्टिस वर्मा) अपने परिसर में स्थित कमरे में पैसे/नकदी की मौजूदगी का कैसे हिसाब देते हैं। दूसरा उक्त कमरे में मिले पैसे/नकदी के स्रोत की व्याख्या करें। तीसरा सवाल है कि वह व्यक्ति कौन है जिसने 15 मार्च, 2025 की सुबह कमरे से जले हुए पैसे/नकदी को निकाला था?

रांची (ऋषभ राजा ) ऑनलाइन गेमिंग एप की जाल में फंसकर जिले के 40 प्रतिशत से अधिक टीनएजर्स व यूथ अपना करियर बर्बाद कर रहे हैं . अपने माता - पिता के द्वारा देखे गए डॉक्टर , इंजीनियर , आइएएस व आइपीएस, बनाने सपना पर पानी फेर रहे हैं . आलम यह है कि जिले में 14 से 35 साल के बीच के हर 10 लड़को में से 4 ऑनलाइन गेमिंग के जाल ने फंस चुके हैं . रियल टाइम में अधिक रुपये कमाने की चाह में लड़के अपने माता - पिता के अकाउंट खाली कर दे रहे हैं .
गेमिंग एप में पैसा लगाने को सूद पर देते हैं रुपये
टीनएजर व यूथ को ऑनलाइन गेमिंग एप की लत लगने पर जब पैसा नहीं मिलता है . तो उनको रुपये देने के लिए सूदखोर भी उपलब्ध है . यूथ को 10 से 20 रुपये उपलब्ध करवा देता है . इसके लिए लड़को से सादे स्टाम्प पर दस्तखत लेता है . ऑनलाइन गेमिंग एप में लगे रुपये की वसूली को लेकर सूदखोर प्रोटेक्शन गैंग का भी सहारा लेते है . जब मामला परिजन तक पहुंचता है तो उनको रुपये देना पड़ता है .
ऑनलाइन गेमिंग एप में पांच लाख हारने पर की सुसाइड की कोशिश
शहर के बालूघाट के रहने वाले एक 22 वर्षीय युवक ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग एप में पांच लाख से अधिक रुपये हार गया था . इसमें तीन लाख रुपये कमा कर रखा था . दो लाख रुपये के आसपास ब्याज पर लिया था . जब रुपये नहीं चुका पाया तो चार दिन पहले वह अखाड़ाघाट पुल पर पहुंच कर सुसाइड का प्रयास किया था . उसकी दोस्तों ने जान बचायी थीं .

रांची (ऋषभ राजा) नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात दर्दनाक हादसा हुआ . स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ने से भगदड़ मच गई . हादसे में 18 यात्रियों की मौत हो गई . जबकि 20 से अधिक घायल हो गए हैं .
शनिवार - रविवार की छुट्टी के चलते हुआ ये दर्दनाक हादसा
शनिवार - रविवार छुट्टी होने के वजह से महाकुंभ जाने के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने से स्टेशन पर अफरा - तफरी मच गई . भीड़ को काबू करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल न होने से हालात बेकाबू हो गए . भीड़ एक - दूसरे पर चढ़ने लगी .
हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश
लोकनायक अस्पताल में आपातकालीन विभाग की प्रमुख डॉक्टर ऋतु सक्सेना ने 15 लोगों की मौत की पुष्टि की है . मृतकों में 11 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं दो की मौत लेडी हार्डिंग अस्पताल में हुई . रेलवे ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं . एक की मौत देर रात और हुई है . एनडीआरएफ की टीम भी राहत के लिए स्टेशन पहुंच गई . रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि पूरी टीम प्रभावितों की मदद में जुटी है . दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि शनिवार रात 9 :55 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 14 -15 पर भगदड़ की सूचना मिली थी . चार गाड़ियों समेत स्टाफ को मौके पर भेजा गया .
ओवरब्रिज एवं सीढ़ियों पर भीड़ बढ़ी
भीड़ एस्क्लेटर और स्टेशन के दरवाजों की ओर भागी इससे ओवरब्रिज एवं सीढ़ियों पर भीड़ बढ़ गई . वहीं रेलवे प्रशासन का कहना है कि प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी वहीं भारी भीड़ जुटी थी . स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस भी देरी से चल रही थी
भीड़ संभाल नहीं पाया प्लेटफॉर्म और भगदड़ मच गई
लोगों ने बताया कि प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर शिवगंगा एक्सप्रेस जा रही थी . गाड़ी के जाते ही सारी भीड़ प्लेटफॉर्म 14 - 15 पर आ गई . प्रयागराज की अधिक ट्रेनें यहीं से जा रही हैं . प्लेटफॉर्म भीड़ संभाल नहीं पाया और भगदड़ मच गई .
हर घंटे बेचे जा रहे थे पंद्रह सौ टिकट
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हर घंटे रेलवे स्टेशन पर 1500 टिकट बेचे जा रहे थे . उम्मीद से अधिक भीड़ पहुंचने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और भगदड़ मच गई .

राँची (ऋषभ राजा ) जम्मू - कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एलओसी पर आईईडी विस्फोट में शहीद हुए झारखंड के हजारीबाग निवासी आर्मी कैप्टन करमजीत सिंह की अंतिम यात्रा में गुरुवार को पूरा शहर उमड़ पड़ा . शहर के खीरगांव स्थित मुक्तिधाम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गयी .
शहर के जुलू पार्क स्थित आवास से शहीद की अंतिम यात्रा निकाला गया
" कैप्टन करमजीत सिंह अमर रहे " और "भारत माता की जय" के नारे गूंज उठे . हजारों लोग तिरंगा और शहीद की तस्वीरें लेकर अंतिम यात्रा में शामिल हुए . हजारीबाग की उपायुक्त नैन्सी सहाय , पुलिस अधीछक अरविंद कुमार सिंह सहित सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी , स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद रहे .
लोगों ने अपने घरों की छतों से भी शहीद अमरजीत सिंह का आखिरी दर्शन किया
शहर के जिन रास्तों से होकर शहीद की अंतिम यात्रा निकली वहां सड़कों के दोनों किनारों और घरों की छतों पर मौजूद लोगों ने उनके आखिरी दर्शन किए और फूलों की बारिश की . अंतिम यात्रा में शामिल कई लोगों ने तिरंगे और शहीद की तस्वीरें ले रखी थीं . उनके सम्मान में गुरुवार को शहर के गुरु गोविंद सिंह रोड की सभी दुकानें बंद रखी गई थीं .
मुक्तिधाम में शहीद कैप्टन को दी गई सशस्त्र सलामी
मुक्तिधाम में शहीद कैप्टन को सशस्त्र सलामी देने के बाद जब सेना के अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर रखा तिरंगा उनकी मां नीलू बख्शी को सौंपा तो उन्होंने उची स्वर से "जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल " का जयकारा लगाया . उनके पिता अजनिंदर सिंह अपने नम आंखों से अपने बेटे को आखरी विदाई दी .
करमजीत सिंह के बारे में कुछ विशेष जानकारी
28 वर्षीय कैप्टन करमजीत सिंह शहर के मशहूर रेस्टोरेंट और टेंट हाउस के व्यवसायी अजनिंदर सिंह बख्शी और नीलू बख्शी के इकलौते पुत्र थे . उनकी शादी आगामी 5 अप्रैल को होने वाली थी . अपनी शादी की तैयारियों के सिलसिले में वह हाल ही में हजारीबाग आए थे और 10 दिन पहले वापस ड्यूटी पर लौटे थे . उनका रिश्ता आर्मी में काम करने वाली एक मेडिकल ऑफिसर के साथ तय हुआ था . उनकी मंगेतर गुरुवार सुबह उन्हें नमन करने पहुंचीं तो हर किसी की आंखे नम हो उठी .
आतंकियों द्वारा बिछाई गई आईईडी की चपेट में आ गए थे करमजीत सिंह
करमजीत सिंह मंगलवार को एलओसी पर सेना की जिस टुकड़ी को लेकर गशत कर रहे थे , वह आतंकियों द्वारा बिछाई गई आईईडी की चपेट में आ गई . करमजीत सिंह और टुकड़ी में शामिल एक कांस्टेबल इस विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए . उन्हें सेना नें हॉस्पिटल में दाखिल कराया जहां उन्होंने आखिरी सांस ली . उनका पार्थिव शरीर बुधवार शाम राँची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया गया था . तब राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर नें उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की .
सेना के सिख रेजिमेंट लाया गया शहीद कैप्टन का शव
शहीद कैप्टन का शव रामगढ़ स्थित सेना के सिख रेजिमेंट में ले जाया गया . जहां हजारों जवानों नें उनके अंतिम दर्शन किए . रेजिमेंट में गुरुवार सुबह सशस्त्र सलामी के बाद उनका शव हजारीबाग स्थित आवास लाया गया था .

राँची ( ऋषभ राजा ) मौसम विभाग के मुताबिक फरवरी में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और कम बारिश की संभावना हैं . भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर सामान्य से कम बारिश होंगी . जनवरी में गर्म मौसम के बाद फरवरी में स्थिति खास बदलने वाली नहीं हैं मौसम विभाग के मुताबिक फरवरी में भी भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और नॉर्मल से कम बारिश की आशंका हैं . आईएमडी ने बताया कि फरवरी में भी मौसम गर्म रहेगा . देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक और बारिश सामान्य से कम रहने कि उम्मीद हैं . मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली - एनसीआर समेत उत्तर भारत में धूप खिलने से पारा ऊपर गया दिल्ली में 31 जनवरी को तापमान 27 डिग्री पहुंच गया था . ये छह सालों का यह सबसे गर्म दिन रहा एक दिन पहले पारा 26.7 डिग्री था
फरवरी में भी कम बारिश के आसार IMD
IMD के महानिदेशक मृत्युँजय महापात्रा ने बताया कि फरवरी में भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान हैं कम बारिश से रबी के फसलों पर असर पड़ सकता है . फरवरी में बारिश सामान्य से 81 फीसदी कम रह सकती हैं . 1971 से 2020 तक के आकड़ो के अनुसार फरवरी में औसतन 22.7 मिमी बारिश होती हैं

रांची। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है, इसकी भरपाई नहीं हो सकती।डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने योजना आयोग के उपाध्यक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार के पद से होते हुए प्रधानमंत्री पद पर अपने कार्यकाल के दौरान आर्थिक सुधारो की दिशा मे महत्वपूर्ण कार्य किया। उनके वित्त मंत्रीत्व काल को भारत में आर्थिक सुधारो का प्रणेता माना गया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारत को विश्व के विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा करने का प्रयास किया जिसमें काफी हद तक सफल रहे। आर्थिक सुधारो की दिशा में उनके द्वारा किए गए कार्यों को जनमानस हमेशा याद रखेगा। जब देश आर्थिक पतन के कगार पर था तब रूपये का अवमूल्यन कर और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित कर देश की अर्थव्यवस्था को बदलने और आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
श्रद्धा सुमन अर्पित करते कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने कहा कि उन्होंने देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के साथ-साथ सामाजिक और संरचनात्मक सुधारो में भी आमूलचूल बदलाव लाने का काम किया।विश्व व्यापी मंदिर के दौर में भी भारत इससे अछूता रहा। मनरेगा जैसी योजना लागू करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करके ग्रामीणों के आजीविका में उल्लेखनीय सुधार किया। भारतीय अर्थव्यवस्था के नए युग के सूत्रपात के जनक के रूप में देश उन्हे हमेशा याद रखेगा।
विधायक दल उप नेता राजेश कच्छप ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण परिवार को 100 दिन के रोजगार की गारंटी, सूचना का अधिकार,आधार कार्ड, डीबीटी जैसी योजनाएं लागू कर क्रांतिकारी बदलाव किया था। जिससे आम नागरिकों का अधिकारो और उनके कल्याणकारी योजनाओं की व्यापकता बढ़ गई।आम नागरिकों के कल्याण हेतु वितरण की व्यवस्था को डीबीटी के माध्यम से सुवस्थित किया। आर्थिक सुधारो को बढ़ाने की दिशा में लाइसेंस राज को खत्म किया देश में विदेशी कारोबार के निवेश को प्रोत्साहित किया।
पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. प्रदीप बलमुचु ने कहा की डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान देश भुला नहीं पाएगा। आर्थिक सुधारो के कारण वह एक जीवित किदवंती बन चुके थे।उन्होंने वैट लागू किया सेल्स टैक्स के नियमों को सरल किया आधार के द्वारा देशवासियों को विशिष्ट पहचान प्रदान किया।रविंद्र सिंह,जयशंकर पाठक, राजीव रंजन प्रसाद,राकेश सिन्हा सतीश पॉल मुजनी,संजय पांडे सोनाल शांति,अमूल्य नीरज खलको, कमल ठाकुर,ऋषिकेश सिंह ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।

ब्यूरो। पूर्व प्रधानमंत्री सह अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया है। तबीयत बिगड़ने के बाद देर शाम उन्हें दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने उन्हें जांच के बाद निधन की घोषणा की । वह 92 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के बाद देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री से लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर शोक जताया है।
जानकारी के अनुसार साल 2006 में मनमोहन सिंह की दूसरी बार बाईपास सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से वह काफी बीमार चल रहे थे। गुरुवार को उन्हें सांस लेने में तक़लीफ और बेचैनी के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। उनका जन्म 26 सितम्बर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह (अब पाकिस्तान) में हुआ था।

ब्यूरो। पुष्पा कभी झुकेगा नहीं लेकिन पुष्पा अब झुक भी गया और जेल भी चला गया। मिली जानकारी के अनुसार हैदराबाद में पुष्पा 2 फिल्म रिलीज के एक दिन पहले फिल्म प्रीमियर के प्रदर्शन के दौरान एक महिला अल्लू अर्जुन की झलक पाने के लिए बेकरार थी इसी दौरान भीड़ बेकाबू हो गई और पुलिस की लाठी चार्ज में भगदड़ मच गई जिसमें एक महिला जिसका नाम रेवती बताया जा रहा है उसकी मौत हो गई। जिसपर पुष्पा उर्फ अल्लू अर्जुन पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसी मामले में पुलिस ने पुष्पा उर्फ अल्लू अर्जुन को पुछताछ के लिए गुरुवार रात को हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया आगे न्यायलय में प्रस्तुत किया गया जहां न्यायधीश ने 14 दिन की न्यायिक में भेज दिया।






























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