मैं मुंबई क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूं आपके नाम और आधार संख्या लिखे गए पैकेट में ड्रग्स पाया गया? डरा कर ठग लिए करोड़ों रुपए 
                      
                      
                      
                        
             रांची। खबर पढ़ने से पहले,आप फोटो देखकर अगर सोच रहे होंगे कि यह लगता है छोटा-मोटा कर चोर होगा, लेकिन पूरी खबर पढ़ने के बाद आपका दिमाग हिल जायेगा। लेकिन कहते है ना अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो एक ना एक सुराग छोड़ ही जाता है, और यही सुराग उनके लिए जंजाल बन जाता है। वैसे जो फोटो दिख रहा है देखने से नही पता चलता है, की यह इतना बड़ा साइबर क्राइमर है। इसने तो आम लोगों को डरा कर करोड़ो रु ठगा ही यहां तक कि उसने चाइना के साइबर अपराधियों के हाथों आम लोगो का संवेदनशील डाटा भी बेच दिया। मामला काफी संवेदनशील और काफी खतरनाक है। इस मामले में झारखण्ड सीआईडी के साइबर अनुसंधान शाखा ने बड़ा खुलासा करते हुए जो जानकारी दी है वह काफी चौंकाने वाली है। गिरफ्तार साइबर अपराधी पंकज कुमार पिता रामनाथ दास पता भरपुरा चौरसिया टोला थाना सोनपुर जिला सारण निवासी के द्वारा जो घटना को अंजाम दिया गया है । जिसमें सबसे पहले एक कोरियर कंपनी फेडिक्स के मैनेजर बनकर लोगों को फोन करता है, आपके नाम और आधार संख्या अंकित एक पैकेट में ड्रग्स पाया गया और उसके बाद एक अन्य फर्जी अधिकारी को बनाकर लोगों को वीडियो कॉल कर धमकाया जाता कि मैं मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूं आपके नाम पर प्राथमिक की दर्ज की गई है ? और फिर यहीं से गोरखधंधा शुरू होता है और आम लोगों को डराकर इस पंकज कुमार ने करोड़ों रुपए बड़े-बड़े लोगों से ठग लिए। इस तरह इन्होंने अपने साइबर क्राइम पटना और सूरत में बैठे सहयोगियों के साथ मिलकर एक केस में 1.78 करोड़ रु और दूसरे केस में 11 लाख रु ठगी किए। वही पंकज कुमार और इसके सहयोगियों के मनसूबे इतने तक ही नही रुके। आगे ये लोग एक कंपनी बनाया जिनका नाम (dikshup enterprise) के नाम विभिन्न बैंको में खाता खुलवाया और ऐप्स बनाकर सैकड़ों लोगों से ठगी की। सीआईडी साइबर क्राइम शाखा के अनुसार, ये लोग एक दिन में 4 करोड़ 80 लाख रु तक आम लोगों से ठगी कर लेते थे ,और तो और आम आदमियों से जुड़े हुए संवेदनशील डाटा को टेलीग्राम चैनल बनाकर चीन के साइबर अपराधियों के सहयोगियों से क्रैडेंशियल प्राप्त करते थे, जिससे ओटीपी चीन के साइबर अपराधियों को फॉरवर्ड हो जाता था और फिर बैक खाता से जुड़े आम लोगो के रुपए गायब कर लिए जाते थे। साथ ही यह साइबर अपराधी आम लोगों से जुड़े संवेदनशील डाटा को चीन के साइबर अपराधियों के हाथों बेच देते थे। कहा जाता है दिमाग होना अच्छा है लेकिन ज्यादा दिमाग होना काफी खतरनाक है। आखिरकार खतरनाक साइबर अपराधी पंकज कुमार झारखंड सीआईडी साइबर क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गए और धीरे-धीरे अपने साइबर क्राइम दुनिया के खतरनाक गतिविधि को उगल रहे है।              
                            
                         
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                   
                   
                   
                   
                   
                   
                   
                   
                   
                   
                 
                                    
                                 
                                    
                                 
                                    
                                 
                                    
                                 
                                    
                                