 
                  रांची। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा रांची जिला अध्यक्ष शैलेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में लौह पुरुष भारत के उप प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री स्वर्गीय सरदार वल्लभ भाई पटेल की १५० जयंती " राष्ट्रीय एकता दिवस"के रूप में रांची स्थित हरमू पटेल चौक में सरदार वल्लभभाई पटेल की चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन  अर्पित की गई इस अवसर पर जिला अध्यक्ष शैलेश कुमार सिन्हा ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि आजादी के समय राष्ट्र खंड-खंड में राजे राजवाड़े के अधीन  थे 
खंड-खंड राज्यों को लोकतांत्रिक व्यवस्था के अधीन एक राष्ट्र के निर्माण का स्वरूप प्रदान करते हुए उन्होंने अपनी इच्छा शक्ति कर्मठता और राष्ट्रीय अखंडता को  लेकर एकजुट करने के लिए भारत एक अखंड लोकतांत्रिक देश हो इसके लिए उन्होंने साहसिक निर्णय लेते हुए सभी खंडितराज्यों को  एक देश "भारत" में परिवर्तित किया आज हम सभी राष्ट्रवासी उनके  प्रति ऋणी है
 श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए महासभा की रांची जिला महिला अध्यक्ष  सुरभि सिन्हा ने कहा कि एकता चाहे परिवार में हो समाज में हो या राष्ट्र में हो हमेशा एक शक्ति प्रदान करता है कायस्थ समाज ऐसे महापुरुषों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए गौरवान्वित महसूस करती है  जिन्होंने एकता के महत्व को राष्ट्रहित में उपयोग किया 
इस अवसर पर महासभा के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम कुमार सिन्हा ने कहा एकता की परंपरा को बनाए रखना है चाहे जाति में हो समाज में हो या राष्ट्र में हो। राष्ट्र संगठित और बलशाली तभी बन सकते हैं जब हम एकता पूर्वक रहे श्राद्ध सुमन करने वालों में से राकेश कुमार सिन्हा मनोज कुमार सिन्हा आदि उपस्थित थे इस श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित सभी लोगों ने एक स्वर में जिला प्रशासन और सरकार से मांग किया है कि राष्ट्रीय एकता के प्रतीक जीवंत  पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा स्थापित की जाए ।
 
रांची। तुपुदाना थाना अंतर्गत चांद गांव में एक वर्ष से ऊपर चर्च मिशनरी/ संस्था द्वारा बीमारी ठीक करने के नाम पर बड़े पैमाने पर गुप्त तरीके से आदिवासी गैर आदिवासियों का धर्मांतरण कराया जा रहा है। इस विषय को लेकर शासन प्रशासन को लिखित रूप में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई चांद गांव के अलावे रांची एवं झारखंड में कई स्थानों पर  कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। 
 आज इन सारे विषय को लेकर  राज्यपाल से  एक प्रतिनिधिमंडल  मिलकर सारी बातों को अवगत कराते हुए इस तरह अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला और बीमारी ठीक करने के नाम पर हो रहे धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई। 
प्रतिनिधि मंडल में मेघा उरांव, संदीप उरांव, अंजलि लकड़ा, गणेश तिग्गा, राम बाड़ों, मोती सिंह बड़ाइक शामिल थे।
 
                  पलामू । जिले पाटन थाना अंतर्गत 22.09.2025 को प्रातः लगभग 10:30 बजे यह सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम उताकी स्थित घान के खेत में बने एक कुएँ के पास एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है। प्राप्त सूचना के सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु सशस्त्र बल के साथ पुलिस दल ग्राम उताकी पहुँचा।घटनास्थल पर ग्राम उताकी निवासी जयशंकर ठाकुर (उम्र लगभग 55 वर्ष, पिता स्व० विश्वनाथ ठाकुर) का शव पड़ा हुआ पाया गया। मृतक के शरीर के एक हिस्से की त्वचा क्षतिग्रस्त पाई गई। पु०अ०नि० जितेन्द्र कुमार यादव द्वारा विधिवत मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट तैयार कर शव को सदर अस्पताल डालटनगंज भेजा गया, जहाँ चिकित्सकों द्वारा पोस्टमार्टम हेतु शव को रिम्स राँची रेफर किया गया। मृतक की पत्नी अन्नपूर्णा देवी (उम्र 45 वर्ष) के लिखित आवेदन पर पाटन थाना कांड सं0 – 169/2025 दिनांक – 25.09.2025 धारा 140(1)/103(1)/3(5) बी०एन०एस० के तहत छह नामजद एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कांड का अनुसंधान प्रारंभ किया गया।
अनुसंधान के क्रम में प्राप्त गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस द्वारा बिनोद सिंह पिता स्व० अखिलेश्वर सिंह, संतोष सिंह पिता बिनोद सिंह,बिधित सिंह पिता स्व० महेश्वर सिंह,सभी ग्राम उताकी, थाना पाटन, जिला पलामू — को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई।
पूछताछ के क्रम में उपरोक्त अभियुक्तों ने मृतक जयशंकर ठाकुर की हत्या कर शव को कुएँ के पास फेंकने की बात स्वीकार की। अभियुक्तों के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त एक बाँस का डंडा बिनोद सिंह के घर के समीप खेत से बरामद किया गया।
जप्त सामान:
1. एक बाँस का डंडा
गिरफ्तार अभियुक्तगण:
1. बिनोद सिंह पिता स्व० अखिलेश्वर सिंह
2. संतोष सिंह पिता बिनोद सिंह
3. बिधित सिंह पिता स्व० महेश्वर सिंह (सभी ग्राम उताकी, थाना पाटन, जिला पलामू)
छापामारी दल:
1. पु०अ०नि० शशि शेखर पाण्डेय (थाना प्रभारी)
2. पु०अ०नि० जितेन्द्र कुमार यादव
3. पु०अ०नि० निलेश कुमार
4. पु०अ०नि० अनिल कुमार सिंह
5. स०अ०नि० प्रभात किरण
6. स०अ०नि० धर्मेन्द्र कुमार सिंह
7. स०अ०नि० बिशुन कुजूर
8. पाटन थाना सशस्त्र बल एवं महिला आरक्षी
 
 
                  रांची। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी राँची, मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में रविवार 12 अक्टूबर 2025 को कार्यालय कक्ष में झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) स्टेडियम, धुर्वा, राँची में आगामी 30 नवंबर 2025 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मैच की वनडे के आयोजन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य क्रिकेट मैच के दौरान विधि-व्यवस्था, सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को सुनिश्चित करना था।
बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक राँची, राकेश रंजन, पुलिस अधीक्षक राँची, पारस राणा, पुलिस अधीक्षक यातायात राँची, अनुमंडल पदाधिकारी सदर राँची, उत्कर्ष कुमार, JSCA के अध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव, सचिव सौरभ तिवारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
क्रिकेट मैच के दौरान अपेक्षित भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए यातायात और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष जोर
उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने बैठक में क्रिकेट मैच के दौरान अपेक्षित भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए यातायात और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष जोर दिया। उन्होंने विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंडाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, यातायात प्रबंधन और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं पर क्रमवार चर्चा की। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी व्यवस्थाएं सुचारु रूप से सुनिश्चित की जाएं ताकि दर्शकों और खिलाड़ियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
उपायुक्त ने यह भी आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन JSCA को हर संभव सहयोग प्रदान करेगा ताकि यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच राँची में भव्य और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि यह आयोजन न केवल खेल प्रेमियों के लिए यादगार हो, बल्कि राँची की छवि एक उत्कृष्ट मेजबान के रूप में और मजबूत हो।
JSCA के अध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव ने जिला प्रशासन के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की समन्वित तैयारियां आयोजन की सफलता को सुनिश्चित करेंगी। सचिव सौरभ तिवारी ने भी इस अवसर पर स्टेडियम की तैयारियों और अन्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी साझा की।
 
                  रांची। राजधानी रांची के पुराने विधानसभा के सभागार में अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद के द्वारा शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। शिखर सम्मेलन में 6 राज्य के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से दुसाध जाति के उत्थान, सामाजिक विकास, शिक्षा को लेकर के चर्चा की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष रामस्वरूप सिंह दुसाध एवं राष्ट्रीय सलाहकार इंजीनियर शंभू प्रसाद, वशिष्ठ अतिथि डॉ मनोज पासवान शामिल है। शिखर सम्मेलन में 6 राज्य के प्रतिनिधियों ने अपनी सामाजिक विकास एवं अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद को मजबूत करने का निर्णय लिया, साथ ही संगठित रूप से कार्य करने का निर्णय एवं अन्य सामाजिक स्थिति को और बेहतर बनाने का संकल्प लिया गया । मौके पर झारखंड प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर शंभू प्रसाद ने कहा हमारा समाज काफी पिछड़ा हुआ है। समाज में जरूरी है कि शैक्षिक स्तर पर सभी को जोड़ा जाए,राजनीतिक तौर पर समाज की भागीदारी हो, वही भागलपुर अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद के अध्यक्ष बजरंगी पासवान ने कहा की सामाजिक चेतना को बढ़ाना है,समाज में शिक्षा को फैलाना है एवं सामाजिक स्तर पर जो भी रूढ़िवादी परंपरा है उसको समाप्त करते हुए समाज के बेहतर दिशा में आगे बढ़ना जिससे दुसाध जाति का सामाजिक विकास हो सके।
कौन-कौन थे शिखर सम्मेलन में उपस्थित
कार्यक्रम मुख्य रूप से झारखंड प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर शंभू प्रसाद, बिहार प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर अरविंद कुमार, छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष मदन पासवान,महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष विनोद परदेशी,उत्तर प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष गौतम प्रसाद, पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष हीरालाल पासवान, प्रधान महासचिव राजकुमार पासवान,प्रदेश संगठन सलाहकार विजय कुमार, प्रदेश वित्तीय सलाहकार रामसागर, प्रदेश कोषाध्यक्ष शिवानंद प्रसाद, प्रदेश महिला संयोजिका नीतू कुमारी, प्रदेश संयोजक विनय कुमार पासवान , प्रदेश सचिव नंदकुमार पासवान, प्रदेश महासचिव सुरेंद्र पासवान,सहित तमाम अखिल भारतीय दुसाध उत्थान समिति 6राज्यो के प्रतिनिधि मौजूद थे।
 
                  ब्यूरो। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे का फैसला लगभग हो गया है। खबरों के मुताबिक, जेडीयू 101-103 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बीजेपी 100-102 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाएगी। चिराग पासवान की एलजेपी को 20-26 सीटें मिलने की संभावना है। वहीं, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
एनडीए के सीट बंटवारे के फॉर्मूले के अनुसार¹ ² ³:
- जेडीयू: 101 सीटें
- बीजेपी: 100 सीटें
- एलजेपी: 26 सीटें
- हम/एचएएम: 6-7 सीटें
एनडीए की इस बैठक में यह भी तय किया गया कि गठबंधन के सभी दल अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जल्द ही जारी करेंगे। मालूम हो कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होगा, पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी और शाम तक परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
 
                  रांची। शनिवार को जनजाति सुरक्षा मंच के मीडिया प्रभारी सोमा उराँव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन , झारखंड सरकार आवेदन देकर चार प्रमुख मांगे की गई।
झारखंड प्रदेश/भारत देश में जनजाति सुरक्षा मंच निम्नलिखित मांग करती है:-
1. केंद्र सरकार डीलिस्टिंग बिल अति शीघ्र पास करें। डीलिस्टिंग यानि जो जनजाति अपनी रुढ़ि प्रथा, संस्कृति, परंपरा छोड़कर ईसाई या इस्लाम धर्म अपना लिए है, वैसे लोगों को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण का लाभ मिलना बंद हो। नोट:- झारखंड सरकार विधानसभा से डीलिस्टिंग का बिल पास कर महामहिम राज्यपाल महोदय से हस्ताक्षर कराकर केंद्र भेजें।
2. झारखंड सरकार (मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में वर्तमान समय में जो जाति प्रमाण पत्र निर्गत हो रहा है, उस जाति प्रमाण पत्र में केवल पिता का नाम होता है, अर्थात यह 2013 से चला आ रहा है। उस समय कैबिनेट से एक चिट्ठी निर्गत हुई थी जिसमें कोई जनजाति आदिवासी महिला यदि अन्य दूसरे पुरुष से शादी/विवाह करती है तो वह मायके से जाति प्रमाण पत्र बना सकता है। इसका दूर परिणाम 2013 से यह हो रहा है की जनजाति महिला दूसरे पुरुष से शादी कर रहे हैं और मायके से जाति प्रमाण पत्र बनाकर सबसे पहले धर्मांतरण, नौकरी, जमीन, सरकार की योजनाएं तथा एकल पद मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद तथा विधानसभा एवं लोकसभा के जनजातियों के रिजर्व सीट पर धर्मात्रित ईसाई और मुस्लिम काबिज हो रहे हैं। इसी के कारण बंगाला देशीय घुसबैठिया का भी बोलबाला हो गया है। इसी कारण जाति प्रमाण पत्र में पिता के नाम के साथ-साथ पति का नाम अनिवार्य हो ताकि जनजातियों का आरक्षण बच सके। नोट:- इस बावत झारखंड मंत्रालय से एक पत्र निर्गत की जाए।
3. झारखंड राज्य में सी.एन.टी. एवं एस.पी.टी. एक्ट होते हुए भी सदा पट्टा पर जमीनों की खरीद बिक्री हो रही है। सदा पट्टा पर लेन-देन होने के बाद नोटरी पब्लिक का मोहर लग रहा है, इस पर तुरंत रोक लगाई जाए।
4. भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, और यह देश के संसाधनों और विकास पर भारी दबाव डाल रही है। जनसंख्या वृद्धि के कारण, देश में गरीबी, बेरोजगारी, और पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना आवश्यक है। यह कानून सभी नागरिकों के लिए समान रूप से लागू होना चाहिए, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति, अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक के हों। इस कानून के तहत, प्रत्येक परिवार को दो बच्चों तक सीमित किया जाना चाहिए।
 
                  रांची। बहुजन समाज पार्टी झारखंड इकाई के द्वारा पुराने विधानसभा के सभागार में बीएसपी के संस्थापक रहे काशीराम की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष शिवपूजन कुशवाहार ने कहा झारखंड में बहुजन समाज पार्टी अपना संगठन को मजबूत कर रही है आज काशीराम की पुण्यतिथि है हम लोग आज संकल्प ले रहे हैं की झारखंड में दलित पिछड़ा तबका के ऊपर अत्याचार बढ़ रहा है । हम लोगों का आरक्षण को छीना जा रहा है। इन सभी मुद्दों को लेकर जमीन स्तर पर हम लोग अपनी लड़ाई लड़ेंगे आगे कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने अपनी अपनी बातों को रखा और झारखंड में पार्टी को मजबूत बनाने का संकल्प लिया मौके पर सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।
 
                  रांची। नगड़ी प्रखंड के स्वर्णरेखा होटल प्रांगण में विभिन्न सामाजिक संगठनों का एक विशेष बैठक हुई। इस बैठक में निर्णय लिया गया है आगामी दिनांक 23,11,2025 को जो अवैध तरीके से अंधविश्वास को बढ़ावा देने और बीमारी ठीक करने के नाम पर हो रहे मतातंरण के खिलाफ जनजातियों का एक विशाल जनाक्रोस विरोध मार्च दसमाहल चौक से चांद गांव उस सभा स्थल तक अपने पारंपरिक हरवे हथियार के साथ मार्च निकाला जाएगा। ज्ञात हो 24 ,9, 2025 को दस माइल चौक जतरा मैदान मे जनाक्रोश सभा के माध्यम से झारखंड महा अभिषेक चर्च को स्वेच्छा से 15 दिनों के अंदर अपना टेंट,तंबू, पंडाल को अखबार मीडिया के माध्यम से हटाने का समय दिया गया था किंतु झारखंड महा अभिषेक चर्च द्वारा अभी तक नहीं हटाया गया है, जिससे समाज लोग काफी आक्रोशित है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि समाज और अस्तित्व और अस्मिता की रक्षा सुरक्षा के लिए चाहे कोई भी पार्टी के जन-प्रतिनिधि हो उन्हें आमंत्रित किया जाएगा जिसमें अपना मूल धर्म और समाज को बचाने लिए आगे आए ।
आज की इस बैठक में संदीप उरांव, अंजलि लकड़ा, मेघा उरांव, सोमा उरांव , गणेश तिग्गा, सनी उरांव ,जगन्नाथ भगत, मनोज भगत, राजू उरांव ,साजन मुंडा, विश्वकर्मा पहान, जय मंत्री उरांव, सुदन मुंडा, विशु उरांव, विकास उरांव, मोती सिंह बड़ाइक, शंकर बड़ाइक , मनोज भगत, प्रकाश टाना भगत एवं अन्य उपस्थित थे ।
 
                  रांची। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के ऊपर जूता से हमला एवं यूपी के रायबरेली में दलित हरिओम नामक व्यक्ति की हत्या के मामले में कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रदेश अध्यक्ष केदार पासवान के नेतृत्व में झारखंड की राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रधानमंत्री मोदी का पुतला दहन किया गया। कार्यक्रम में दर्जनों की संख्या में कांग्रेसी नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए । वही कांग्रेस प्रदेश कार्यालय से जुलूस की शक्ल में रैली निकाली गई और अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया। मौके पर अनुसूचित जाति कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केदार पासवान ने कहा जिस तरीके से देश में संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है,आए दिन दलितों पर अत्याचार हो रहा है और सबसे बड़ी घटना जहां भारत के मुख्य न्यायाधीश पर जिस तरीके से सनातन के नाम पर जूता से हमला किया गया यह एक न्यायाधीश पर हमला नहीं बल्कि संविधान और देश पर हमला आगे श्री पासवान ने कहा कि देश में आए दिन दलितों पर हमले हो रहे हैं रायबरेली में जिस तरीके से हरिओम नामक दलित को पीट कर मार डाला गया है या दर्शा रहा है यूपी में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं आज हम लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन कर रहे हैं और हम मांग करते हैं की CJI पर हमले के वकील पर कार्रवाई की जाए और जिस तरीके से दलित हरिओम की हत्या हुई है उस पर कड़ी से कार्य कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ।कार्यक्रम में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाए और जमकर भारतीय जनता पार्टी को कोसा।
पुतला दहन कार्यक्रम में कौन-कौन थे उपस्थित
इस अवसर पर मुख्य रूप से रविन्द्र सिंह, जयशंकर पाठक, राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुंजनी अभिलाष साहु, राजन वर्मा निरंजन पासवान, सुरेन राम, अमरेन्द्र सिंह, राजू राम, सूजर कुमार पासवान, अर्चना मिर्धा, संतोष महतो, महावीर मिर्धा, संजय कुमार, अमित कुमार चौरसिया, सोनी नायक, नीतू पासवान, रेश्मी पिंगुआ, मनीष राम, सूर्यकांत शुक्ला, जगदीश साहु, टिंकू वर्मा, राजेश चन्द्र राजू, प्रभात कुमार आदि शामिल थे।
 
                  रांची। कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों के भविष्य और शिक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। छात्रवृत्ति केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और अवसर की समानता का प्रतीक है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है कि कोई भी पात्र विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित न रहे। कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा सोमवार को रांची के मोरहाबादी स्थित कल्याण कॉम्प्लेक्स में कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी एवं अन्य अधिकारियों के साथ प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत छात्रवृत्ति वितरण की अद्यतन स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा कर रहे थे।
समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत कुल 11,34,183 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 7,45,557 छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में 1202.89 करोड़ की राशि का ऑनलाइन हस्तांतरण सफलतापूर्वक किया जा चुका है।
मंत्री श्री चमरा लिंडा को जानकारी दी गई कि केंद्र सरकार से लगभग 900 करोड़ की बकाया राशि अब तक प्राप्त नहीं हो सकी है, जिसके कारण शेष पात्र विद्यार्थियों को लाभ प्रदान करने की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। श्री लिंडा ने कहा कि राज्य सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को औपचारिक रूप से अवगत कराते हुए बकाया राशि शीघ्र उपलब्ध कराने का आग्रह किया है, ताकि छात्रवृत्ति वितरण कार्य में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो।
 
                  रांची। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 45– घाटशिला (अ.ज.जा) विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव हेतु आदर्श आचार संहिता लागू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा उप चुनाव हेतु 11 नवंबर को मतदान एवं 14 नवंबर को मतगणना की तिथि की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि उप चुनाव के घोषणा के उपरांत केवल घाटशिला निर्वाचन क्षेत्र में ही आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी। श्री के. रवि कुमार घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में चुनाव संबंधित घोषणा हेतु निर्वाचन सदन से मीडिया के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2,55,823 है। जिसमें 1,24,899 पुरुष एवं 1,30,921 महिला मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि उप चुनाव के दौरान सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी के माध्यम से वेबकास्टिंग की जाएगी साथ ही विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एवं सीमाओं पर चेकपोस्ट तैयार किए जाएंगे जिसपर सीसीटीवी द्वारा वेबकास्टिंग के माध्यम से भी निगरानी रखी जाएगी।
श्री के. रवि कुमार ने बताया कि घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में 1200 से अधिक मतदाताओं वाले मतदान केंद्रों का युक्तिकरण किया गया है। जिसके उपरांत विधानसभा क्षेत्र में 218 मतदान केंद्र लोकेशन पर मतदान केंद्रों की कुल संख्या 300 हो गई है।
इस अवसर पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  सुबोध कुमार सहित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
 
 
                  साहेबगंज । सोमवार 6 अक्टूबर 2025 को डॉo रामदेव पासवान सिविल सर्जन साहिबगंज के आदेशानुसार अनुमण्डलीय अस्पताल राजमहल के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर जामनगर (दाहू टोला) में डॉo उदय टुडू उपाधीक्षक अनुमण्डलीय अस्पताल राजमहल के नेतृत्व में एकीकृत स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया! जिसमे उक्त गाँवों में लोगों को सभी प्रकार के स्वास्थ्य जांच एवं स्थल पर ही दवा वितरण किया गया! इस स्वास्थ्य शिविर में ग्रामीणों क़ो NCD स्क्रीनिंग, बीपी, शुगर, सिकल सेल एनीमिया, मलेरिया, कालाजार, फाईलेरिया, यक्ष्मा, टीकाकरण, एचआईवी, सिफलिस एवं अन्य सभी प्रकार के स्वास्थ्य जांच किया गया! साथ ही साथ स्थल पर ही आभा कार्ड एवं आयुष्मान कार्ड भी बनाया गया! इस मौके पर डॉo सत्ती बाबू डबडा जिला VBD सलाहकार, डॉo अंकित कुमार, डॉo विद्या भूषण कुमार, स्वीट कुमारी ART सेंटर, मनीष टुडू KTS, संजय यादव STS, अनु कुमारी CHO, सोनम कुमारी CHO, LT, ANM, फार्मासिस्ट, MPW, सहिया साथी, सहिया आदि सभी स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।
 
                  बरहरवा । सोमवार को साहिबगंज जिला अंतर्गत बीएसके महाविद्यालय में एनएसयूआई साहेबगंज जिला अध्यक्ष थॉमस रॉबर्ट की उपस्थिति में एवं एनएसयूआई कॉलेज अध्यक्ष सोयेब अख्तर के नेतृत्व में प्राचार्य द्वारा सिद्धू कानू मुर्मू विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय को ज्ञापन सोपा गया। जिसका विषय वस्तु NEP के सत्रों में देरी के कारण कई सारी समस्याएं आ रही है इसके समाधान हेतु पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा।
1. यूजी सेमेस्टर-1 सत्र- 2024-28 NEP की परीक्षा संपन्न हुए 4 महीने बीत चुके हैं, परंतु अभी तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुआ है। 
2. यूजी सेमेस्टर-1 सत्र- 2024-28 परीक्षा में यूजी सेमेस्टर-1 सत्र- 2022-26 एवं यूजी सेमेस्टर-1 सत्र- 2023-27 के अनुत्तीर्ण/ प्रमोटेड विद्यार्थी भी शामिल हुए थे। परंतु यूजी सेमेस्टर-1 सत्र- 2024-28 NEP परिणाम में देरी के कारण सेमेस्टर-3 सत्र- 2023-27 के साथ परीक्षा प्रपत्र नहीं भर पा रहे हैं। 
3. यूजी सेमेस्टर-4 सत्र- 2022-26 प्रायोगिक परीक्षा जल्द से कराई जाए एवं परीक्षा परिणाम भी प्रक्रिया भी जल्द से शुरू कराई जाए।
4. NEP के सभी सत्र देरी से चल रहे हैं। जिसके कारण आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति लेने से वंचित हो जा रहे हैं। एवं समय पर सत्र पूरा न होने के कारण भविष्य में कई सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यूजी सेमेस्टर-5 सत्र- 2022-26 के विद्यार्थियों को ई कल्याण छात्रवृत्ति शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में छात्रवृत्ति भरना था, परंतु विश्वविद्यालय के लापरवाही के कारण सभी विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रह गये। 
5. वर्तमान में ओल्ड कोर्स यूजी सेमेस्टर -4,5 एवं 6 की परीक्षा प्रपत्र भरी जा रही है। परंतु कई ऐसे विद्यार्थी है जो तीनों सेमेस्टर में प्रमोटेड है। लेकिन उन्हें किसी एक अर्थात दो सेमेस्टर का ही परीक्षा प्रपत्र भरने की अनुमति मिल रही है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय क्या समाधान रखी है?? इसे सार्वजनिक किया जाए। समाचार पत्रों में प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय कह रही है कि यहां ओल्ड कोर्स का आखिरी मौका है, परंतु आधे से अधिक विद्यार्थी पूर्ण रूप से परीक्षा प्रपत्र नहीं भर पा रहे हैं।
एवं कुलपति महोदय से अनुरोध किया कि उपरोक्त सभी मांगों पर अभिलंब ध्यान दिया जाए एवं त्वरित इसका समाधान किया जाए।
एनएसयूआई कॉलेज अध्यक्ष सोयेब अख्तर ने बताया कि सभी सत्र देरी से चल रहे हैं। जिसके कारण छात्रों को आने वाले भविष्य में कई सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ती है एवं केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दिए गए छात्रवृत्ति का भी लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। जिससे छात्रों एवं अभिभावकों पर शिक्षा का आर्थिक बोझ बनता जा रहा है। संथाल परगना का एकमात्र विश्वविद्यालय है, जिसमें अधिकतर ग्रामीण विद्यार्थियों अपने शैक्षणिक योग्यता को पूरा करके जीवन सफल बनाने की कोशिश में है। परंतु विश्वविद्यालय के लापरवाही के कारण छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं। समय पर शैक्षणिक सत्र पूरा न होने के कारण सबसे बड़ी समस्या उच्च शिक्षा एवं नौकरी का समय सीमा खत्म हो जाती है।
मौके पर बरहरवा नगर अध्यक्ष सत्यम कुमार यादव, एनएसयूआई सदस्य मो॰ जुनैद, मनोज कुमार रविदास, अमन कर्मकार, कोऐश शेख एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
 
                  लोहरदगा । सोमवार 06 अक्टूबर 2025 को लोहरदगा जिला मुख्यालय में आदिवासी छात्र संघ, केंद्रीय सरना समिति, स्वशासन पड़हा व्यवस्था, और जिला राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के संयुक्त नेतृत्व में एक विशाल आदिवासी जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का मुख्य उद्देश्य कुरमी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) कोटा में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में जनमत तैयार करना और सरकार तक आदिवासी समाज की भावनाओं को पहुंचाना था।
रैली का आरंभ BS कॉलेज परिसर, लोहरदगा से हुआ और यह बरवाटोली चौक, अलका सिनेमा, पावरगंज चौक होते हुए कचहरी मोड़ से होते हुए समाहरणालय मैदान तक पहुँची। रैली में हजारों की संख्या में आदिवासी युवक-युवतियाँ, महिलाएं और पुरुष पारंपरिक पोशाकों में, हाथों में सरना झंडा और पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र लिए शामिल हुए। पूरे मार्ग में गूंजते नारों ने जनआंदोलन को जीवंत बना दिया। प्रमुख नारे थे –
    •    “एक तीर एक कमान, सभी आदिवासी एक समान”
    •    “कुरमी आदिवासी बनना बंद करो”
    •    “आदिवासी एकता जिंदाबाद”
रैली के समापन पर समाहरणालय मैदान में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा के माध्यम से माननीय राज्यपाल, झारखंड के नाम एक ज्ञापन उपायुक्त लोहरदगा को सौंपा गया, जिसमें यह आग्रह किया गया कि किसी भी स्थिति में कुरमी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल न किया जाए। ज्ञापन में कहा गया कि यह प्रयास आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों, आरक्षण व्यवस्था और सामाजिक अस्तित्व के खिलाफ है।
सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील उरांव ने स्पष्ट कहा कि, “कुरमी समुदाय न तो कभी आदिवासी था, न है और न रहेगा। यह समुदाय सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से आदिवासी समाज से भिन्न है। ST कोटा में शामिल होने का उनका प्रयास आदिवासी समाज के अधिकारों पर कुठाराघात है।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक राजनीतिक साजिश है, जिसके तहत झारखंड की मूलवासी-आदिवासी पहचान को मिटाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
आदिवासी छात्र संघ के महासचिव फूलचंद उरांव ने चेतावनी भरे स्वर में कहा – “यह आग का दरिया है, हमें तैरकर पार करना है – डूबना नहीं, डुबाना है।” वहीं जिला अध्यक्ष श्री अवधेश उरांव ने कहा, “झारखंड के आदिवासी अपने हक और अधिकार के लिए किसी भी बलिदान को तैयार हैं। हमें एक सूत्र में बंधकर इस संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा।”
सभा में अन्य वक्ताओं – रघु उरांव (केंद्रीय सरना समिति अध्यक्ष), सोमदेव उरांव (सरना प्रार्थना सभा अध्यक्ष), जातरू उरांव (स्वशासन पड़हा सचिव), प्रोफेसर वरुण उरांव, पंकज भगत, महादेव उरांव, अमित उरांव, लकेश तिर्की, संतोष उरांव, मनीष मुंडा, देवेंद्र भगत, संजय गंझू, वेसराम उरांव आदि ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि यह आंदोलन झारखंड के आदिवासी अस्मिता की रक्षा के लिए जरूरी है।
DSPMU के अध्यक्ष विवेक तिर्की भी इस जनआंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रहे और युवा नेतृत्व को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सभा के अंत में जिला महासचिव फूलचंद उरांव ने रैली में शामिल सभी संगठनों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों, छात्र-छात्राओं, समाज के अग्रणी नेताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को भी इस शांतिपूर्ण और सफल रैली के आयोजन में सहयोग देने के लिए आभार प्रकट किया।
 
                  रांची। जगदंबा बैंक्विट हॉल बूटी, में टोटेमिक कुड़मी/कुरमी (महतो) समाज का अति महत्वपूर्ण एक दिवसीय बैठक समाज के अगुआ शीतल ओहदार के अध्यक्षता में संपन्न हुआ। बैठक में झारखंड के कुड़मी/कुरमी नामधारी सभी संगठनों के अध्यक्ष अथवा प्रतिनिधि भाग लिए। बैठक में विगत 20 सितंबर को रेल टेका आंदोलन की समीक्षा की गई एवं इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी आंदोलनकारीयों, माता-बहनों और युवाओं को बधाई दी गई ।कुछ आंदोलनकारियों पर मुकदमा किया है उसे मिलकर लड़ने का संकल्प लिया गया। बैठक में कुड़मी/कुरमी आंदोलन को प्रभावित करने वाले साजिशकर्ताओं से सचेत रहने की सलाह दी गई क्योंकि बहुत चालाकी से कुछ स्वार्थी लोग सिधे-सादे कुड़मीयों को सदियों से सुख दुख में साथ रहने वाले लोगों के साथ लड़वाकर हम जनजातियों की जल जंगल जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। हमारी लड़ाई नया नहीं है 1950 के बाद से ही अपने संवैधानिक अधिकार एवं अपनी पहचान के लिए आनावर्त जारी है फिर अब विरोध क्यों? हमारी मांग सरकार और सिस्टम से है संविधान हमें यह हक दिया है। अब तक कुड़मी एस० टी० मामला का विरोध करते वैसे लोगों को देखा जा रहा है जो रूढ़ी परंपरा से दूर हो चुके हैं। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आंदोलन को और अधिक सशक्त एवं तेज किया जाएगा, जिसके अंतर्गत नवंबर और दिसंबर में आठ जिलों में सम्मेलन किया जाएगा तथा जनवरी 2026 में रांची में महारैली की जाएगी एवं मार्च में आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी। इन सभी कार्यक्रम एवं आंदोलन के तिथि की घोषणा जल्द किया जाएगा और प्रभारी नियुक्त किया जाएगा।इस बैठक में मुख्य रूप से हरमोहन महतो , लालटु महतो, दिपक पुंडरीयार,रंधीर चौधरी, कुमेश्वर महतो सहित सैकड़ों सचेतक शामिल हुए।
 
                  रांची। बीआईटी मेसरा नया टोली निवासी विस्थापित योगु महतो बीआईटी इंजिनियरिंग कॉलेज में सिक्युरिटी गार्ड में कार्यरत था, दिनाँक 4 अक्टूबर 2025 को ड्यूटी के दौरान आकस्मिक मृत्यु हो गया, परिजन और ग्रामीण सुबह 10 बजे से बीआईटी इंजिनियरिंग कॉलेज गेट को जाम करके रख दिया है । मौके पर जेएलकेएम केन्द्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र ने बताया कि बीआईटी मेसरा राँची विस्थापित सिक्युरिटी गार्ड में कार्यरत योगु महतो जी का ड्यूटी के दौरान आकस्मिक निधन हो गया, मौत का स्पष्ट कारण पता नहीं चल रहा है मैनेजमेंट हॉस्पिटल छोड़कर बॉडी घर पहुँचा दिया, पीड़ित परिवार और ग्रामीण 9 घंटे से पार्थिव शरीर के साथ BIT गेट पर हैं लेकिन वीसी, रजिस्ट्रार अभी तक वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं ये मूल झारखंडीयों का वास्तविक स्थिति को दर्शाता है , खबर लिखने तक गेट जाम आंदोलन जारी है, गेट जाम से दुर्गा पूजा छुट्टी से कॉलेज वापस आने वाले छात्रों का परेशानी बढ़ गया है, छात्र घर वापस जा रहे हैं। आन्दोलन को समर्थन देने देवेन्द्र नाथ महतो के साथ कमलेश राम, संजय के अलावा सेंकड़ों ग्रामीण उपस्थित हैं
 
                  रांची । चांद गांव, (तुपुदाना ) के लिए विरोध मार्च की तैयारी को लेकर रविवार दिनांक 5,.10.,2025 को बैठक का आयोजन किया गया। जहां मुख्य रूप से चांद गांव में एक वर्ष से अधिक समय से चंगाई के नाम पर धर्मांतरण कराए जा रहे मामले को लेकर जनजाति  सुरक्षा मंच के टीम जनसंपर्क अभियान चला रहा है  उसी कड़ी में खूंटी जिला हुटार कनाडीह , एवं रांची जिला के नामकुम प्रखंड के हरदाग पंचायत ग्राम चितवादाग गांवों में  जनसंपर्क /बैठक किया गया  
जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा पन्द्रह दिनों का समय दिया गया था उसके बावजूद चंगाई सभा चल रहा है जिसके खिलाफ बहुत जल्द तुपुदाना  क्षेत्र चांद गांव के लिए विरोध मार्च निकालने की  तैयारी  चल रही है। 
मेघा उरांव ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि धर्मांतरण देश के लिए खतरा इस पर किसी तरह के राजनीति नहीं होना चाहिए। आज आदिवासी गैर आदिवासी चर्च मिशनरी के चपेट में आ गया है ये चिंता का विषय है,चर्च मिशनरी द्वारा चंगाई के नाम पर धर्मांतरण कराया जा रहे हैं जिसको शासन प्रशासन को अवगत कराया गया है किंतु शासन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है चुप्पी साधे हुए हैं ये आने वाले समय के लिए ठीक नहीं है ।
इस जनसंपर्क अभियान/ बैठक में अंजलि लकड़ा, मेघा उरांव,संदीप उरांव, सनी उरांव, गोंयद बाखला, प्रवीण टाना भगत , लीटू पाहन, सोमरा खोया, गणेश तिग्गा, भागु तिग्गा, संगीता लकड़ा, एंजेल केरकेट्टा, सुकर मणि बाल मुचु, विनीता लिंडा एवं अन्य शामिल है।
 
                  रांची। झमुमो के जल जंगल जमीन के संघर्ष की ताकत से बिखरी भाजपा झूठ और भ्रामक आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की असफल कोशिश कर रही है।
झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को नकारते हुए कहा कि भाजपा झूठ फैलाकर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। सारंडा जंगल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए हेमंत सरकार ने मंत्री समूह का गठन कर दिया है। आज से ही मंत्री समूह ने सारंडा में सामाजिक - आर्थिक अध्ययन कार्य शुरू कर दिया है, ताकि इस जंगल को जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की दृष्टि से सुरक्षित और संरक्षित किया जा सके।
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि झारखंड में अवैध खनन की जड़ें उन्हीं की सरकार के कार्यकाल में पड़ी थीं। पूरे देश को मालूम है कि किस तरह केंद्र में भाजपा की सरकार और राज्य में उनकी पिछली सरकारों ने कॉरपोरेट घरानों और खनन कंपनियों को संरक्षण देकर जंगल-जमीन को लूटा। हकीकत यह है कि भाजपा के संरक्षण में खनन माफिया सबसे अधिक फले-फूले और पर्यावरण की सबसे ज्यादा क्षति उसी दौरान हुई। भाजपा की ऐसी सरकार से परेशान होकर जानता ने सीएम हेमंत सोरेन को लगातार दूसरी बार बहुमत दिया है। हेमंत सरकार की नीति और नियत के कारण दूसरी बार दो तिहाई बहुमत का आशीर्वाद जानता ने माननीय हेमंत सोरेन के नेतृत्व को दिया। इससे साबित हो गया कि हर वर्ग की जनता का भरोसा, उम्मीद हेमंत सोरेन जी से जुड़ा है।
प्रवक्ता विनोद ने कहा कि हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ खनन गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण किया है बल्कि पर्यावरणीय मानकों को सख्ती से लागू करने के लिए नियम बनाए हैं। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए झारखंड सरकार ने सारंडा को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू की है और अब कोई भी कंपनी बिना सभी मानकों को पूरा किए यहां खनन नहीं कर सकेगी। दूसरी तरफ वन राज्य का वन आवरण राष्ट्रीय औसत 33 फीसदी से ज्यादा हो गया है। झमुमो की लड़ाई ही जल, जंगल और जमीन से जुड़ी है। झमुमो की इस ताकत के आगे भाजपा का झूठा दाव कभी टिक ही नहीं सकता। यही चिंता भाजपा को परेशान कर रहा है और तेजी से अपनी खोती जा रही राजनीतिक जमीन को बचाने के लिए भाजपा झूठे आरोप मढ़ रही है।
विनोद पांडेय ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्होंने दशकों तक जंगल, जल और जमीन को कॉरपोरेट के हवाले कर दिया, आज वे ही मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। सच यह है कि भाजपा को न आदिवासियों से मतलब है और न ही पर्यावरण से। उनका एकमात्र एजेंडा है— भ्रम फैलाकर सत्ता हथियाना।
झामुमो महासचिव ने कहा कि हेमंत सरकार की प्राथमिकता आदिवासियों और मूलवासियों के हितों की रक्षा करना है। सारंडा के जंगल को बचाने के लिए सरकार नीतिगत रूप से प्रतिबद्ध है। मंत्री समूह की टीम स्थानीय समुदायों से भी संवाद करेगी और एक व्यापक कार्ययोजना बनाकर सारंडा को अभूतपूर्व रूप में सुरक्षित, संरक्षित, संवर्धित करेगी।
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा को सलाह है कि वे अपने गिरेबान में झांके और जनता को गुमराह करने के बजाय पर्यावरण और समाज की भलाई के लिए सरकार का सकारात्मक सहयोग करें। हेमंत सरकार हर हाल में सारंडा की हरियाली को इस प्रकार सुनिश्चित करेगी कि आने वाली पीढ़ियां भी इसकी प्राकृतिक संपदा से लाभान्वित हों।
 
 
                  खूंटी। पुलिस अधीक्षक, खूँटी को गुप्त सूचना मिली की कर्रा थाना काण्ड सं0- 76/2025 के अपराधी अपने घर ग्राम मेजर कोठी, जोजो नागा बजरा, रांची में छिपे हुए हैं । उक्त सूचना के सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देशानुसार श्री क्रिस्टोफर केरकेट्टा अनु0 पु0 पदाधिकारी, तोरपा के नेतृत्व में एक छापामारी दल का गठन किया गया । छापामारी दल द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए बाल्टर कच्छप पिता बिरसा कच्छप, सा0 मेजर कोठी, जोजो नागा बजरा, पण्डरा ओ0पी0, जिला- रांची को पकड़ा गया । वाल्टर से पुछताछ करने पर अपने साथियों के साथ मिलकर बुधवा उराँव उर्फ एतवा बखला की हत्या करने की बात स्वीकार किया ।  उसी के निशानदेही पर घटना में प्रयोग की गयी स्कूटी, मृतक की स्कूटी, हत्या करने के एवज में 90,000 रूपये एवं एक मोबाईल को बरामद किया गया । बाल्टर कच्छप के अपराध स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर हत्या में संलिप्त साथी अनिल कच्छ्प एवं जीवन बाखला को पकड़ा गया ।  दोनों हत्या में अपनी- अपनी संलिप्तता स्वीकार किया । पकड़ाये अनिल कच्छप उर्फ करमा कच्छप पे0 लाखो कच्छप, सा0 कच्चाबारी के निशानदेही पर हत्या के एवज में लिया गया 4,50,000 रू0, 02 मोबाईल फोन तथा जीवन बाखला पिता मार्शल बाखला, सा0 मालगो दोनों थाना- कर्रा, जिला खूँटी के पास से एक मोबाईल बरामद किया गया । पकड़ाये तीनों व्यक्ति बाल्टर कच्छप, अनिल कच्छप एवं जीवन बाखला को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है । 
  गिरफ्तार अभियुक्त का नाम पताः-
1. बाल्टर कच्छप पिता बिरसा कच्छप, सा0 मेजर कोठी, जोजो नागा बजरा, पण्डरा ओ0पी0, जिला- रांची
2. अनिल कच्छप उर्फ करमा कच्छप पे0 लाखो कच्छप, सा0 कच्चाबारी 
3. जिवन बाखला पिता मार्शल बाखला, सा0 मालगो दोनों थाना- कर्रा, जिला खूँटी 
बरामद/जप्त समानों का विवरणः-
1. होन्डा एक्टीवा स्कुटी रजि नं0 JH09AF 0310 -  01 (एक)   
2. मोबाईल फोन-                                        04 (चार)                 
3. मृतक का स्कूटी रजि0 नं0 JH01CT 9144-     01 (एक)
4. हत्या के एवज में लिया गया नगद -                5,40,000 (पांच लाख चालिस हजार) रूपया
छापामारी दल में शामिलः-
1. क्रिस्टोफर केरकेट्टा अनु0 पु0 पदाधिकारी, तोरपा ।
2. अशोक कुमार सिंह पुलिस निरीक्षक, तोरपा अंचल ।
3. पु0अ0नि मनीष कुमार, थाना प्रभारी, कर्रा ।
4. पु0अ0नि मुकेश कुमार यादव, कर्रा थाना ।
5. पु0अ0नि0 दीपक कान्त कुमार ,कर्रा थाना ।
6. पु0अ0नि0 भरत भूषण पटेल ,कर्रा थाना ।
4. रिजर्व गार्ड कर्रा थाना सशस्त्र बल ।
5. तकनिकी शाखा, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, खूँटी ।
 
                  रांची। झारखंड के विभिन्न आदिवासी संगठनों की ओर से प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया । जहां आदिवासी नेताओं ने कहा कुड़मी/कुर्मी महतो समाज को आदिवासी (ST) के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह मांग न केवल ऐतिहासिक तथ्यों के विरुद्ध है, बल्कि संविधान और सामाजिक न्याय की भावना के भी खिलाफ है।
मनोज उराँव ने कहा कि यदि कुड़मी/कुर्मी समाज स्वयं को आदिवासी मानते हैं, तो उन्हें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि अगले जन्म में वे किसी आदिवासी माँ की कोख से जन्म लें।
आशुतोष सिंह चेरो (पलामू प्रमंडल प्रभारी, आदिवासी छात्र संघ) ने कहा कि कुड़मी/कुर्मी महतो समाज द्वारा आदिवासी समाज के बीच जो भ्रम और अराजकता फैलाई जा रही है, वह आदिवासी हक-अधिकारों पर सीधा हमला है। उनका समाज, आदिवासी सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक परंपराओं से बिल्कुल भिन्न है।
एडवोकेट देवी दयाल मुंडा ने कहा कि कुड़मी/कुर्मी समाज के कुछ तथाकथित नेताओं द्वारा आदिवासी दर्जा प्राप्त करने की जो गैर-संवैधानिक मांग की जा रही है, उसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। समाज में उत्पन्न तनाव और टकराव की स्थिति को समाप्त करने हेतु सभी पक्षों को मिलकर सामाजिक समरसता बनाए रखने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
सूरज टोप्पो, कार्यकारी अध्यक्ष – आदिवासी मूलवासी मंच, ने कहा कि कुड़मी/कुर्मी समाज कभी अपने आपको शिवाजी का वंशज तो कभी लव-कुश का वंशज बताते हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि वे स्वयं भी अपनी पहचान को लेकर स्पष्ट नहीं हैं।
विवेक तिर्की (DSPMU रांची कॉलेज अध्यक्ष, आदिवासी छात्र संघ) ने कहा कि ST आरक्षण में कुड़मी/कुर्मी महतो समाज को शामिल करने की कोई भी कोशिश आदिवासी समाज के लिए घातक होगी। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि झारखंड की शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाए और कुड़मी/कुर्मी नेतृत्व के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।
नाइन गोपाल सिंह मुंडा ने आरोप लगाया कि कुड़मी/कुर्मी महतो समाज द्वारा रघुनाथ महतो के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस संयुक्त प्रेस वार्ता में झारखंडी आदिवासी बचाव संघर्ष समिति, आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी मूलवासी मंच एवं अन्य समस्त आदिवासी संगठन सम्मिलित रहे।
हम सभी संगठनों की ओर से पुनः यह दोहराया जाता है कि:
“हम यहीं के थे, यहीं के हैं और यहीं के रहेंगे। भाईचारा बनाए रखें, सामाजिक सद्भाव बनाए रखें।”
 
                  रांची। रविवार को तुपुदाना क्षेत्र ग्राम गुंदु (दसमाईल चौक जतरा मैदान में पिछले दिनों जनाक्रोस सभा का समीक्षा बैठक ग्राम प्रधान राम बांडो के अध्यक्षता में उनके आवास पर हुई इस बैठक में उस क्षेत्र के प्रमुख प्रमुख लोगों के साथ बैठक हुई। बैठक में कहा गया कि झारखंड महा अभिषेक चर्च द्वारा जो अवैध तरीके से विगत एक वर्षों से ऊपर चंगाई के नाम पर धर्मांतरण का कार्य चल रहा है, जिसको 15 दोनों का समय दिया गया है यदि 15 दिनों के अंदर टेंट पंडाल को नहीं हटाया गया तो हजारों की संख्या में जाकर टेंट ,पंडाल को उखाड़ कर फेंक दिया जाएगा इससे पहले शासन प्रशासन और महामहिम राज्यपाल को अवगत कराया जाएगा।
चर्च मिशनरी के द्वारा यह कहा जा रहा है कि चांद गांव में कुछ असामाजिक तत्व द्वारा चंगाई सभा के नाम से बाइबल की झूठी शिक्षा दी जा रही है इस कृत के लिए समस्त मसीही समाज निंदा करने की बात करता है।
मेघा उरांव ने कहा है कि यदि मसीही / ईसाई समाज भी गलत मान रहा है तो इसको क्यों नहीं हटाता है। ये नौटंकी करना बंद करें और जितना जल्दी हो सके चांद गांव से अवैध धर्मांतरण कराने वाले पादरी/संस्था का टेंट तंबू को स्वेच्छा से हटा लें इसी में दोनों समुदाय का भलाई है।
संदीप उरांव ने कहा कि हम संवैधानिक तरीके से लड़ाई लड़ना चाहते हैं इससे पहले हम शासन प्रशासन और महामहिम राज्यपाल महोदय को अवगत कराएंगे। चंगाई सभा के माध्यम से धर्मांतरण कराना आसान तरीका हो गया है आज गांव के गांव ईसाई धर्म में धर्मांतरित हो रहे हैं कई गांवों का अखड़ा समाप्त हो गया है करम और सरहुल ठीक से मना नहीं पा रहा है। ये समाज के लिए चिंता का विषय है।
इस बैठक में अंजलि लकड़ा महिला संयोजक जनजाति सुरक्षा मंच, राम बांडो ग्राम प्रधान, गणेश तिग्गा ,पूर्व मुखिया, संदीप उरांव ,मेघा उरांव , सनी उरांव, सुकरा तिर्की, मोहन कच्छप, विजय तिर्की, बिनीता मिंज, मोहित बड़ाईक, सुखराम एवं अन्य उपस्थित थे।
 
                  रांची। झारखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि ,दुर्गा पूजा रातू रोड आरआर स्पोर्टिंग क्लब का पूजा पंडाल को वेटिकन सिटी का प्रारूप एवं मरियम तथा ग्रोटो बनाकर हिंदू धर्म मानने वाले पर कुठाराघात एवं आस्था पर गहरी चोट पहुंचाने के साथ-साथ धर्मांतरण करने का षड्यंत्र है। इसे अभिलंब बंद किया जाए तथा आरआर स्पोर्टिंग क्लब को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाए।पंडाल के बाहर क्रूस और अंदर में मरियम का फोटो लगाया गया है क्या चर्च में भगवान राम का मूर्ति लगाया जा सकता है नहीं तो आखिर हिंदू धर्म के साथ ही ऐसा खिलवाड़ क्यों इसका मैं कड़ा विरोध करता हूं। पेंटिंग और मूर्तिकार वाले भाइयों को हम तहे दिल से धन्यवाद देते हैं परंतु जो बनवाए हैं उनकी मैं घोर निंदा करता हूं और जब आप चर्च में भगवान राम का मूर्ति नहीं लगवा पाएऐगा तो आप अपना ही धर्म पर कुठाराघात क्यों कर रहे हैं। हिंदू धर्म पर हिंदू लोगों के द्वारा ही कुठाराघात किया जा रहा है कहीं ना कहीं यह अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है और कमेटी के जो लोग हैं वह चर्च से अवश्य जुड़े हुए हैं वैसे लोगों को क्रिप्टो इसाई बोला जाता है। यदि आपको वेटिकन सिटी का चर्च और मरियम, क्रूस एवं  ग्रोटो तो से प्यार है तो आप अपने घर में लगाइए और घर से निकलने से पहले दर्शन कीजिए और घर में वापस आने से पहले दर्शन कीजिए सार्वजनिक जगह पर इस प्रकार का प्रतिमा लगाकर एक प्रकार का धर्मांतरण का कार्य आप नहीं करें यह हिंदू धर्म के प्रति घोर अन्याय है।बीते वर्ष विधानसभा के पास यही सरकार भगवान राम लला का मंदिर का प्रारूप जो बन रहा था उसे सरकार नहीं बनने दे रही थी और इस वर्ष सार्वजनिक तौर पर आरआर स्पोर्टिंग क्लब के सदस्यों के द्वारा हिंदू धर्म के धर्मावलंबी के आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए चर्च मरियम और ग्रोटो का निर्माण कर रहे हैं आखिर ऐसा क्यों? यह खुल्लम-खुल्ला लाखो लाख के बीच में धर्मांतरण का खेल है। यदि आपको सर्वधर्म संप्रदाय का कार्य करना था तो पंडाल के ऊपर या नीचे एक मस्जिद एक चर्च एक गुरुद्वारा एक जैन मंदिर एक बौद्ध मंदिर सबों का निर्माण करते, तब जाकर कहलाता की सर्वधर्म संप्रदाय का मिलन हो रहा है लेकिन केवल चर्च का ही क्यों इसे स्पष्ट होता है कि कहीं ना कहीं अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत यहां के कार्यकर्ता चर्च से मिले हुए हैं।जिला प्रशासन इसे  तुरंत बंद करें तथा रांची जिला के जितने भी पूजा पंडाल के पदाधिकारी गण है सभी मिलकर बैठक कर सर्व समिति से आरआर स्पोर्टिंग क्लब को हमेशा के लिए बंद कर दें। ताकि किसी भी प्रकार का किसी का आस्था के साथ खिलवाड़ एवं कुठाराघात ना हो तथा हिंदू धर्म की जय हो।
 
 
                  रांची। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी राँची, मंजूनाथ भजन्त्री एवं उप- विकास आयुक्त राँची, सौरभ कुमार भुवनिया ने संयुक्त रूप से Rural Immersion & Culturual Celebration Programe के तहत Camping Programe निर्धारित है, जिसके लिए इच्छुक पर्यटकों को आज दिनांक 25.09.2025 को समाहरणालय परिसर से हरी झंडी दिखा कर प्रखण्ड रातू के ग्राम पाली के लिए रवाना किया गया।
इस दौरान, जिला नजारत उप समाहर्ता राँची, डॉ. सुदेश कुमार, जिला खेल पदाधिकारी राँची, शिवेंद्र कुमार सिंह एवं सम्बंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग (पर्यटन प्रभाग) तथा जिला प्रशासन, राँची के संयुक्त तत्वाधान में विश्व पर्यटन दिवस 2025 के अवसर पर राँची जिले में 21 से 27 सितंबर 2025 तक *पर्यटन जागरूकता अभियान* का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य पर्यटन के प्रति आम जनमानस में जागरूकता बढ़ाना, स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहन देना, और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना है।
24 सितंबर 2025: टैगोर हिल में सफाई और योग कार्यक्रम
इसी कड़ी में दिनांक 24 सितंबर 2025 को राँची के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल *टैगोर हिल* में *सफाई अभियान* और *योग कार्यक्रम* का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग *130 पर्यटकों* ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सफाई अभियान के माध्यम से पर्यटकों और स्थानीय समुदाय ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को दर्शाया, वहीं योग कार्यक्रम ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर किया। यह आयोजन पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के बीच सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने में सफल रहा।
*25-26 सितंबर 2025: ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु रूरल इमर्शन एंड कल्चरल सेलिब्रेशन प्रोग्राम*
 
विश्व पर्यटन दिवस के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहित करने और स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से *25 से 26 सितंबर 2025* को *रूरल इमर्शन एंड कल्चरल सेलिब्रेशन प्रोग्राम* के तहत *कैंपिंग प्रोग्राम* का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम राँची जिले के *रातू प्रखंड* के *पाली गाँव* में आयोजित होगा।  
यह कार्यक्रम ग्रामीण जीवनशैली, स्थानीय कला-संस्कृति, और प्राकृतिक सौंदर्य को अनुभव करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
यह अभियान न केवल पर्यटकों को झारखंड के ग्रामीण और प्राकृतिक सौंदर्य से परिचित कराने का प्रयास है
 
यह अभियान न केवल पर्यटकों को झारखंड के ग्रामीण और प्राकृतिक सौंदर्य से परिचित कराने का प्रयास है, बल्कि स्थानीय समुदायों को पर्यटन के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का भी एक कदम है। कैंपिंग कार्यक्रम के दौरान पर्यटक स्थानीय व्यंजनों, हस्तशिल्प, और सांस्कृतिक प्रदर्शनों का आनंद ले सकेंगे, जो झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाएगा।  
*हम सब मिलकर झारखंड के प्राकृतिक और सांस्कृतिक वैभव को विश्व पटल पर उजागर करें*
उपायुक्त ने सभी पर्यटकों, स्थानीय निवासियों, और पर्यटन प्रेमियों से इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया और कहा हम सब मिलकर झारखंड के प्राकृतिक और सांस्कृतिक वैभव को विश्व पटल पर उजागर करें।
 
 
                  साहिबगंज। पुलिस ने फरार चल रहे कुल पाँच वारंटियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजने में सफलता हासिल की है।जिसमें जिले के नगर थाना पुलिस ने कुंदन पासवान पिता छोटेलाल पासवान नगर थाना क्षेत्र के रसूलपुर दहला निवासी को जेल भेजा है,जिसके विरुद्ध नगर थाना में कांड संख्या 64/2019 दर्ज है।वही दूसरी तरफ जिले के मुफस्सिल थाना पुलिस ने कुल चार वारंटियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है जिसममें पंकज मंडल 28 वर्षीय बड़ी कोदार्जना निवासी,दीपक यादव 28 वर्षीय गुड्डू सिंह 32वर्षीय कांतर सिंह 32 वर्षीय को गिरफ्तार कर सदर अस्पताल में कोविड 19 जांच कराकर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।वही मामले में मुफस्सिल थाना प्रभारी अनीश पांडे ने बताया कि इन चारों पर आर्मस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है।
 
                  रांची। क्षेत्रीय सरना समिति, जनजाति सुरक्षा मंच, झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा रांची एवं अन्य संगठनों की ओर से जो बगैर परमिशन के चांद गांव में एक वर्ष से ऊपर तंबू कैंप लगाकर रविवार और बुधवार को चंगाई के नाम पर आदिवासियों के साथ गैर आदिवासियों को भी चर्च मिशनरी धर्मान्तरण कराने के खिलाफ जनाक्रोस जनसभा का आयोजन तुपुदाना क्षेत्र दसमाईल चौक जतरा मैदान में किया गया।
मेघा उरांव ने कहा है कि ईसाई मिशनरी ये ठान लिया है कि आदिवासियों का अस्तित्व, और अस्मिता उनका  समुल को नष्ट कर  ईसाईयत की ओर ले जाना  और इनका आसान तरीका चंगाई सभा जो जगह-जगह कैंप लगाकर धर्मानांतरण कराने का काम किया जा रहा है यदि यीशु ईश्वर का प्रार्थना करने से ही गंभीर से गंभीर  बीमारी ठीक करने का दावा करता है तो सबसे पहले  मिशनरी  अस्पतालो को बंद कर देना चाहिए। 
एक तरफ आदिवासियो का हितैषी बनकर रहना चाहता है दूसरी तरफ आदिवासियों का आस्था विश्वास को ही नष्ट कराता ये ईसाई मिशनरी हम आदिवासियों का हितैषी कभी नहीं हो सकता ए हमारा एक नंबर का शत्रु है हमें  समय रहते है इससे सावधान रहने की जरूरत है आज का सभा ये चेतावनी सभा है अगर इससे भी  नहीं चेता तो आने वाले समय में चर्च मिशनरियों को सामना करना पड़ेगा।
संदीप उरांव ने कहा कि अवैध तरीके से पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में इस तरह के बिना ग्राम सभा ग्राम प्रधान का परमिशन न ही शासन प्रशासन का बगैर सहमति के इस तरह पूरे झारखंड में धर्मांतरण का खेला बेला चल रहा है जो देश के लिए राष्ट्र के लिए खतरा है इस विषय को लेकर बहुत जल्द राज्यपाल, राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री से मिलकर सारी बातों का अवगत कराएंगे।
जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा कि ईसाई मिशनरी हम जनजातियों /आदिवासियों को दींमक की तरह चाट जा रहा है ये अब सहन नहीं किया जाएगा  अंत में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया तुपुदाना थाना  क्षेत्र अंतर्गत चांद गांव में गलत तरीके से एक साल ऊपर टेंट लगा कर ईसाई बनाने का काम किया जा रहा है उसको 15 दिनों के अंदर अपना बोरिया बिस्तर हटा लें अन्यथा हजारों कि संख्या में झारखंड और छत्तीसगढ के लोग उस टेंट पंडाल को उखाड़ कर फेंक देंगे। 
सभा को कई वक्ताओं ने भी  संबोधित किया 
इस दौरान सभा में कार्यक्रम के संयोजक ग्राम प्रधान राम बान्डो , झारखंड प्रदेश मुखिया सघ अध्यक्ष सोमा उरांव ,मनोज मुंडा ,पंचायत समिति सदस्य मगरा कच्छप , पूर्व मुखिया गणेश तिग्गा ,रजनी टोप्पो , जय मंत्री उरांव, डा बिरसा उरांव, प्रमिला कच्छप , शांति कुजूर ,सरिता बान्डो , रितेश उरांव, अंजलि लकड़ा , राजू उरांव , एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। सभा का संचालन सन्नी उरांव , और धन्यवाद ज्ञापन पिंकी खोया ने की ।
 
                  रांची। झारखंड आंदोलन के प्रणेता, झारखंडी अस्मिता के गौरव स्व. बिनोद बिहारी महतो की 102वीं जयंती आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय, हरमू में बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर उनकी स्मृति में 102 दीप प्रज्वलित कर उनके अमर योगदान को नमन किया गया। साथ ही, उनके सुपुत्र एवं झारखंड अस्मिता के सशक्त प्रहरी, आजसू पार्टी के पूर्व केंद्रीय उपाध्यक्ष,पूर्व सांसद एवं विधायक स्व. राजकिशोर महतो की जयंती पर भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम में नेताओं के विचार
आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री  सुदेश कुमार महतो  ने कहा कि स्व. बिनोद बिहारी महतो   ने मजदूर वर्ग, विस्थापितों और वंचित समुदाय को संगठित कर “पढ़ो और लड़ो ” जैसे क्रांतिकारी नारे के साथ झारखंड आंदोलन को नई दिशा दी। उनका संघर्ष केवल राज्य निर्माण तक सीमित नहीं था, बल्कि एक समानतापूर्ण और बौद्धिक झारखंड के निर्माण का सपना था।
 स्व. राजकिशोर महतो  जी ने भी अपने पिता के सपनों को आगे बढ़ाते हुए सामाजिक और राजनीतिक चेतना को मजबूत किया।उन्होंने वर्तमान राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जबरन विस्थापन, रोजगार की कमी और सरना धर्म कोड, PESA कानून व ST वर्ग के अधिकारों  पर मौन नीति, सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाती है। जिस तरह कोटशिला में हालिया रेल टेका आंदोलन के दौरान बंगाल पुलिस ने निर्दोष लोगों पर अत्याचार किया, वह लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। यह स्पष्ट करता है कि वर्तमान सरकार समाज को बांटने और हक से वंचित करने की राजनीति कर रही है।
'पढ़ो और लाड़ो' का संदेश आज प्रासंगिक
केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देव शरण भगत ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि झारखंड की परिकल्पना एक समतापूर्ण और न्यायपूर्ण समाज की थी, जो आज न तो दिशापूर्ण है और न न्यायपूर्ण। उन्होंने कहा कि बिनोद बिहारी महतो का दिया हुआ संदेश “पढ़ो और लड़ो” आज भी युवाओं के लिए शिक्षा और जागरूकता का सबसे बड़ा प्रेरणा सूत्र है।
युवाओं से नया संकल्प
केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी ने कहा कि स्व. बिनोद बिहारी महतो और स्व. राजकिशोर महतो जी का जीवन समर्पण से भरा रहा। झारखंड आंदोलन को गति देने में उनकी भूमिका निर्णायक रही। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि युवा उनके विचारों और आदर्शों से प्रेरित होकर उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लें और झारखंड को समानता, न्याय और विकास की दिशा में आगे बढ़ाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएँ।
विस्थापन से प्रेरणा
केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बचपन से स्व. बिनोद बिहारी महतो से लगाव रहा, जिनके संगठनात्मक संबंध ने विस्थापन की पीड़ा देखी। बिना संघर्ष के राज्य का निर्माण असंभव है। आजसू आंदोलन को उनका साथ मिला, जिसकी विचारधारा को मैंने जीवन में आत्मसात किया।
रांची जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला भगत ने कहा कि बिनोद बाबू के अधूरे सपनों को पूरा करने का दायित्व आज की पीढ़ी का है।संजय मेहता और अन्य वक्ताओं ने भी बिनोद बाबू और राजकिशोर जी की नीतियों को आत्मसात कर झारखंड को मजबूत करने का संकल्प दोहराया।
कोटशिला प्रकरण पर आजसू पार्टी का कड़ा रुख
मीडिया को संबोधित करते हुए  सुदेश महतो ने कहा कि कोटशिला रेल टेका आंदोलन के दौरान बंगाल पुलिस की बर्बरता लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। उन्होंने बताया कि घायल और पीड़ित ग्रामीणों से मिलने के लिए वेकोटशिला जा रहे थे, लेकिन पश्चिम बंगाल प्रशासन ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया। यह तब हुआ जब  उनके दौरे की पूर्व सूचना प्रशासन को दी जा चुकी थी।
 जिस तरह  आम ग्रामीणों पर लाठीचार्ज, गिरफ्तारियां और मारपीट की गई, वह पूरी तरह असंवैधानिक है। पीड़ितों से मिलने पर रोक लगाना बंगाल सरकार की अलोकतांत्रिक मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी इस घटना की कड़ी निंदा करती है, पीड़ितों के साथ खड़ी है और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करती है।
रोजगार और विकास पर सवाल
सुदेश महतो ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने 2019 में युवाओं को 25 लाख रोजगार देने और 2022 को रोजगार वर्ष घोषित करने का वादा किया था, लेकिन हकीकत यह है कि अब तक 10 हजार पदों पर भी नियुक्ति नहीं हुई । आज भी लाखों पद खाली पड़े हैं और युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार केवल मंच सजाकर वाहवाही लूटने में व्यस्त है जबकि जनता अंधकार में है।
आजसू पार्टी ने स्पष्ट किया कि उसका संगठन किसी एक समाज का नहीं बल्कि सभी वर्गों का आंदोलन है। शिक्षा, विकास और वंचित समुदायों के अधिकारों के लिए पार्टी लगातार संघर्षरत है।
उपस्थित नेता
कार्यक्रम में आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सुदेश महतो , केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देव शरण भगत, केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी , केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता , केंद्रीय महासचिव संजय मेहता रांची महानगर अध्यक्ष ज्ञान सिन्हा,  रांची जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला भगत , केंद्रीय सचिव हरीश सिंह , छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा,  पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष पार्वती देवी , सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
 
                  साहेबगंज । राजमहल विधायक मो ताजउद्दीन उर्फ एमटी राजा जी ने राजमहल प्रखंड के मंगलहाट स्थित सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति के माध्यम से आयोजित कलश यात्रा का फीता काटकर व नारियल फोड़कर शुभारंभ किए. कलश यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल थे. पूजा समिति के सुभाष चंद्र दास, राजेश मंडल, विकास यादव, दुर्गा मंडल , श्रवण मंडल सहित अन्य ने माननीय विधायक को अंग वस्त्र एवं चुनरी भेंट कर स्वागत किया. मौके पर मौजूद झामुमो युवा मोर्चा जिला सचिव सह विधायक प्रतिनिधि मो मारूफ उर्फ गुड्डू जी, राजमहल सीओ मो युसूफ व थाना प्रभारी मोहम्मद हसनैन अंसारी का भी अंग वस्त्र देकर स्वागत किया गया. कलश यात्रा में लगभग 5 हजार से अधिक लोग शामिल थे. विधायक जी ने कहा कि मंगलहाट दुर्गा मंदिर के माध्यम से भव्य आयोजन दुर्गा पूजा के अवसर पर की जाती है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से समिति से उनका पुराना संबंध है और पूजा एवं आयोजन में विधि व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासनिक पदाधिकारी सजगता पूर्वक कार्य करेंगे।
 
                  नई दिल्ली :- नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 5 से 22 सितम्बर तक आयोजित सरस आजीविका मेले में झारखंड की ग्रामीण महिलाओं ने अपनी उद्यमिता और परंपरागत कला से खास पहचान बनाई। पलाश एवं आदिवा ब्रांड के सात स्टॉलों के माध्यम से महिलाओं ने 25 लाख रुपये से अधिक का कारोबार किया। माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने भी ट्वीट कर इन महिलाओं के प्रयासों की सराहना की और झारखंड के हस्तनिर्मित उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए शुभकामनाएं दीं।
झारखंड की महिलाओं का अपना ब्रांड ‘पलाश’ का सरस आजीविका मेले में शानदार प्रदर्शन रहा। पलाश के अंतर्गत उपलब्ध खाद्य उत्पाद जैसे रागी लड्डू, शुद्ध शहद, काले गेहूं का आटा और अरहर दाल, तथा गैर-खाद्य उत्पाद जैसे साबुन, लेमन ग्रास ऑइल इत्यादि दिल्लीवासियों के बीच बेहद लोकप्रिय रही। पूरे मेले के दौरान इन उत्पादों की कुल बिक्री 25 लाख रुपये से ज्यादा रही, जो ग्रामीण महिलाओं की मेहनत, हुनर और लगन का प्रतीक है। पलाश के उत्पाद न केवल गुणवत्ता और स्वाद में श्रेष्ठ हैं, बल्कि झारखंड की ग्रामीण महिलाओं की पहचान और उनकी आत्मनिर्भरता को भी दर्शाते हैं। हर उत्पाद में इन महिलाओं के प्रयास, परंपरा और नवाचार का अनूठा संगम देखने को मिला, जिसने पलाश को राष्ट्रीय मंच पर एक अलग पहचान बनाई।
*झारखंड की ग्रामीण महिलाओं को प्रोत्साहित करने दिल्ली पहुँची मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह*
ग्रामीण विकास मंत्री, श्रीमती दीपिका पाण्डेय सिंह ने सरस आजीविका मेले का दौरा किया और महिलाओं के स्टॉल पर जाकर पलाश ब्रांड के उत्पादों का अवलोकन किया।
उन्होंने कहा, "इन ग्रामीण महिलाओं की मेहनत और हुनर काबिले तारीफ है। उन्हें राष्ट्रीय मंच पर अपनी कला और उत्पाद प्रदर्शित करने का पूरा अवसर मिलना चाहिए। पलाश ब्रांड और सरस मेला इसी दिशा में एक कदम है" मंत्री ने ग्रामीण महिलाओं को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रोत्साहित किया और उनकी कला को और विकसित करने के लिए झारखंड सरकार द्वारा हर संभव सहयोग उपलब्ध कराने का विश्वास दिलाया।
गोड्डा की सोनी देवी ने सरस मेले में दिखाया हुनर, 3 लाख से अधिक का किया कारोबार
गोड्डा जिले की सोनी देवी को पहली बार दिल्ली सरस मेले में जाने का मौका मिला। सखी मंडल से जुड़कर अपने गाँव में तसर सिल्क की साड़ियाँ, सूट पीस और दुपट्टे तैयार करने वाली सोनी देवी ने मेले में लगभग 3 लाख रुपये से अधिक का कारोबार किया। उन्होंने बताया कि मेले ने उन्हें सिर्फ बिक्री का अवसर ही नहीं दिया, बल्कि अन्य राज्यों की महिलाओं से सीखने और अनुभव साझा करने का भी अवसर प्रदान किया।
*आदिवा : झारखंड के पारंपरिक आभूषणों का अपना ब्रांड मेट्रो सिटी के लोगों को आया बहुत पसंद*
ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए गए पारंपरिक आभूषणों को पहचान देने के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के मार्गदर्शन में आदिवा ब्रांड की शुरुआत वर्ष 2021 में की गई थी। आदिवा ब्रांड को राष्ट्रीय पटल पर ले जाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने हर संभव प्रयास किया और इसी कड़ी में सरस आजीविका मेले में आदिवा ज्वेलरी का प्रदर्शनी सह बिक्री स्टॉल लगाया गया।
मेले में आदिवा के गहनों की चमक आकर्षण का केंद्र बनी रही। चाहे छोटी बच्चियाँ हों, कॉलेज की लड़कियाँ या फिर महिलाएँ—सभी को हस्तनिर्मित पारंपरिक आभूषण बेहद पसंद आए। आदिवा  के स्टॉल पर 200 रुपये के झुमकों से लेकर 5-6 हजार रुपये तक के चाँदी के आभूषण उपलब्ध रहे। चाँदी सहित अन्य धातुओं से बने आभूषण भी दिल्ली के लोगों को काफी भाए।
झारखंड की पारंपरिक ज्वेलरी, जो कभी विलुप्त होने के कगार पर थी, आज देश की राजधानी में आदिवा ब्रांड के तले अपनी पहचान बनाने में सफल रही। लोगों ने पारंपरिक आभूषणों में चाँदी की मंढली, झोंपा सीकरी, पछुवा, कंगना, डबल झुमका तथा मेटल से बने अन्य आभूषणों को विशेष रूप से सराहा।
*दिल्ली में झारखंडी व्यंजनों का स्वाद रहा हिट, राष्ट्रीय स्तर पर मिला तीसरा पुरस्कार*
सरस मेला में झारखंड के पारंपरिक व्यंजनों ने विशेष पहचान बनाई। सखी मण्डल की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए धूसका, दाल पीठा और घूग्नि ने दिल्लीवासियों का दिल जीत लिया। इन व्यंजनों की लोकप्रियता से महिलाओं ने 3 लाख रुपये से अधिक का कारोबार किया। स्वादिष्ट होने के साथ-साथ ये व्यंजन झारखंड की समृद्ध ग्रामीण संस्कृति और खान-पान की परंपरा को भी जीवंत रूप से प्रस्तुत कर रहे थे।
मेले के अंतिम दिन झारखंड को लाइव फ़ूड श्रेणी में तीसरे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमती दीपिका पाण्डेय सिंह ने भी मेले में झारखंडी व्यंजनों का स्वाद चखा और इन महिलाओं का उत्साह बढ़ाया।
*झारखंड की पत्रकार दीदी ने की ‘सरस आजीविका मेले’ की पूरी रिपोर्टिंग*
इस आयोजन में एक और खास आकर्षण रहीं झारखंड की ‘पत्रकार दीदी’। ग्रामीण विकास मंत्रालय के विशेष आमंत्रण पर सरायकेला की सुनीता ने पूरे मेले की रिपोर्टिंग की। उन्होंने सोशल मीडिया के लिए सामग्री तैयार करने, विभिन्न राज्यों से आई महिलाओं की कहानियाँ लिखने और ग्राहकों व आयोजकों के अनुभव साझा करने की जिम्मेदारी निभाई। पत्रकार दीदी की इस पहल ने यह साबित किया कि ग्रामीण महिलाएँ अब सिर्फ उत्पादन और बिक्री तक सीमित नहीं हैं, बल्कि मीडिया और संवाद के क्षेत्र में भी अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं।
 
                  रांची – झारखंड किसान महासभा ने रांची में प्रेस क्लब में एक राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन सह प्रेस वार्ता का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता महासभा के अध्यक्ष श्री राजू महतो जी ने की। इस सम्मेलन में राज्य भर से आए किसानों ने हिस्सा लिया और अपनी समस्याओं को साझा किया।
अध्यक्ष श्री राजू महतो जी ने कहा कि झारखंड की 80% आबादी कृषि पर निर्भर है, लेकिन राज्य के बजट का केवल 4-5% हिस्सा ही कृषि के लिए आवंटित होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस राशि का भी सही ढंग से उपयोग नहीं होता है, बल्कि मनमाने तरीके से योजनाएं बनाकर पैसों की बंदरबांट की जाती है।
महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री पंकज राय जी ने यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि किसानों को ₹266 प्रति बोरी मिलने वाली यूरिया ₹500 से ₹600 में खरीदने पर मजबूर होना पड़ा। श्री राय ने कहा कि हमारे राज्य में सिंदरी में 1.30 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाला उर्वरक कारखाना होने के बावजूद किसानों को यह परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अब किसान इस तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं करेंगे और अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
महासभा के केंद्रीय महासचिव उपेंद्र गुरु जी ने धान खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठते हुए कहा कि जब दिसंबर में धान की फसल तैयार हो जाती है, तो पैक्स फरवरी-मार्च में क्यों खोले जाते हैं? राज्य में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य पड़ोसी राज्यों ओडिशा और छत्तीसगढ़ की तुलना में ₹800 कम है और किसानों को भुगतान के लिए भी महीनों इंतजार करना पड़ता है ,ऐसा क्यों? किसानों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों हो रहा है । उन्होंने मांग की कि इस बार धान खरीद केंद्रों को समय पर खोला जाए और भुगतान भी तय समय में किया जाए, अन्यथा किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
सम्मेलन में उपस्थित सभी किसानों ने एक स्वर में कहा कि वे अब किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने मांग की कि कृषि योजनाएं किसानों की जरूरतों और सहमति के अनुसार ही बनाई जानी चाहिए न कि ऐसी कमरों में कुछ लोगों की मिलीभगत से ।
सम्मेलन के अंत में, केंद्रीय अध्यक्ष श्री राजू महतो ने घोषणा की कि किसानों की समस्याओं के समाधान और उनके हितों की रक्षा के लिए झारखंड किसान महासभा जल्द ही पूरे राज्य में "किसान बचाओ यात्रा" शुरू करने जा रही है। यात्रा राज्य के प्रत्येक गांव तक पहुंचेगी और किसानों योजना के एक एक पैसों के हिसाब भी लिया जाएगा।
 
                  राँची। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा है कि आजसू लगातार कुड़मी समाज के साथ खड़ी रही है। कुड़मी समुदाय धैर्य के साथ विगत 90 वर्षों से अपने साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय के खिलाफ लड़ता आ रहा है। इसके धैर्य की अब और परीक्षा नहीं ली जाए। अब समय आ गया है कि राज्य और केंद्र सरकार अविलंब फैसला लें। श्री महतो आज मुरी में कुड़मी समाज के रेल टेका, डहर छेका आंदोलन में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
श्री महतो ने कहा कि कुड़मी समुदाय ने अपनी ताकत दिखा दी है। कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने और कुड़मालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता दिलाने की ऐतिहासिक मांग को लेकर झारखंड सहित आसपास के राज्यों में “रेल टेका–डहर छेका” आंदोलन का व्यापक रूप से सफल रहा है।
श्री महतो ने कहा कि कुड़मी समाज को 1931 में एसटी सूची से बाहर कर दिया गया था। तब से यह समाज अपने अधिकारों की लड़ाई लगातार लड़ रहा है।
सुदेश महतो ने राज्य झामुमो सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पहले शिबू सोरेन ने और 2019 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वयं कुड़मी समाज की मांग को स्वीकार करते हुए उस पर अपनी सहमति जताई थी और हस्ताक्षर भी किए थे, लेकिन आज वही झामुमो अपने रुख से पीछे हट रहा है। उन्होंने कहा, यह एक लंबी लड़ाई है। जैसे देश की आज़ादी एक दिन में नहीं मिली, वैसे ही समाज ने समय के साथ जागरूकता और एकता के बल पर अपनी आवाज बुलंद की है। परंतु वर्तमान सरकार इस विषय पर गंभीर नहीं दिख रही है और लगातार अपने रुख में बदलाव कर रही है।
सुदेश महतो ने बताया कि आजसू पार्टी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर 16 संगठनों के साथ मिलकर भारत सरकार के समक्ष रखा है और गंभीर विचार-विमर्श के लिए प्रस्ताव भी सौंपा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालें, ताकि समाज का आक्रोश शांत हो और ऐतिहासिक न्याय सुनिश्चित हो सके।
श्री महतो ने दोहराया कि कुड़मी समाज की मांग तथ्य एवं ऐतिहासिक आधार पर पूरी तरह उचित है। पार्टी ने सरकार से अपील की है कि आंदोलन को देखते हुए त्वरित निर्णय ले और कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की दिशा में ठोस कदम उठाए।
 
                  ब्यूरो। राजस्थान विधानसभा में पारित “राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025” को समाज के व्यापक वर्गों ने स्वागत योग्य और ऐतिहासिक बताया है। यह विधेयक न केवल अवैध धर्मांतरण पर सख्त अंकुश लगाने वाला है, बल्कि भारतीय संस्कृति और सामाजिक समरसता की रक्षा का सशक्त साधन भी बनेगा। लंबे समय से समाज में यह मांग उठ रही थी कि धर्म की स्वतंत्रता के नाम पर चल रहे सुनियोजित षड्यंत्रों पर लगाम कसने के लिए कठोर कानून बनाया जाए। राजस्थान ने इस दिशा में जो कदम उठाया है, वह देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।
विधेयक की पृष्ठभूमि
भारत एक लोकतांत्रिक और पंथ निरपेक्ष राष्ट्र है। यहाँ हर नागरिक को अपनी आस्था और पूजा-पद्धति का पालन करने की स्वतंत्रता है। किंतु यह स्वतंत्रता तभी तक सार्थक है जब तक इसका दुरुपयोग न हो। विगत कुछ दशकों में कई बार यह देखने को मिला कि समाज के वंचित वर्गों विशेषकर नाबालिगों, महिलाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति और गरीबों को लालच, प्रलोभन, छल या दबाव के जरिए धर्म परिवर्तन के लिए विवश किया गया। कट्टरपंथी इस्लाम और ईसाइयत इसके केंद्र में है, ये आरोप और साक्ष्य बार-बार सामने आते रहे हैं। वहीं, विदेशी फंडिंग से चलने वाले संगठनों पर भी ऐसी गतिविधियों के आरोप लगते रहे हैं। राजस्थान जैसे सीमावर्ती और जनजातीय इलाकों वाले राज्यों में यह समस्या और अधिक गंभीर रूप ले चुकी थी। परिणामस्वरूप जनभावनाएँ बार-बार कठोर कानून की मांग कर रही थीं। फरवरी 2025 में प्रस्तुत प्रारंभिक विधेयक की तुलना में वर्तमान संस्करण कहीं अधिक कठोर और प्रभावी है।
कठोर दंड का प्रावधान
इस विधेयक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें धर्मांतरण कराने वालों को अब हल्की सजाओं के बजाय कठोरतम दंड भुगतना होगा। जबरन, धोखे या लालच से कराए गए धर्मांतरण पर अब सात से चौदह वर्ष तक की कैद और पाँच लाख रुपये तक का जुर्माना निर्धारित किया गया है। नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति और दिव्यांगजनों का धर्मांतरण कराने पर दस से बीस वर्ष की कैद और दस लाख रुपये तक का दंड विधान है। सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में तो बीस वर्ष से आजीवन कारावास तथा न्यूनतम पच्चीस लाख रुपये का दंड अनिवार्य होगा। विदेशी फंडिंग से कराए गए धर्मांतरण पर भी दोषी को दस से बीस वर्ष की सजा और बीस लाख रुपये तक का दंड भुगतना होगा।
सबसे कठोर प्रावधान पुनरावृत्ति के मामलों में है। यदि कोई अपराधी बार-बार धर्मांतरण की साजिश करता पकड़ा गया तो उसे आजीवन कारावास और पचास लाख रुपये तक का दंड भोगना होगा। स्पष्ट है कि अब अवैध धर्मांतरण करने वालों के लिए बच निकलने की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।छद्म विवाह और संस्थाओं पर नकेल विधेयक में विवाह के माध्यम से किए गए धर्मांतरण को भी अवैध घोषित किया गया है। सामान्य तैर पर यह देखा जाता है कि विवाह को साधन बनाकर धर्मांतरण कराए जाते हैं। यह प्रावधान ऐसे प्रपंचों को रोकने में सहायक होगा। साथ ही धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं की संपत्ति जब्त करने और आवश्यक होने पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने का भी प्रावधान पहली बार जोड़ा गया है। यह कदम अपराधियों में भय पैदा करेगा और संगठित षड्यंत्रों की जड़ें काट देगा।
प्रशासनिक नियंत्रण
विधेयक के अनुसार धर्म परिवर्तन करने से पूर्व व्यक्ति को 90 दिन पहले जिला कलेक्टर या एडीएम को सूचना देना अनिवार्य होगा। धर्माचार्यों को भी दो महीने पूर्व नोटिस देना होगा। इस पारदर्शिता से प्रशासन को पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखने में आसानी होगी। वहीं, ‘घर वापसी’ यानी पूर्वजों के धर्म में लौटने को धर्मांतरण नहीं माना जाएगा। इससे समाज में भ्रम और विवाद की स्थितियों को रोका जा सकेगा। सभी अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती घोषित किया गया है। इसका अर्थ है कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है और अदालत से आसानी से जमानत नहीं मिलेगी। यह सख्ती विधेयक को प्रभावी बनाने में निर्णायक सिद्ध होगी।इसके बाद हम राजस्थान को लेकर यही उम्मीद करते हैं कि इस कानून से समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को सबसे अधिक राहत मिलेगी। अब उन्हें लालच या दबाव से धर्म परिवर्तन कराने वाले संगठनों से सुरक्षा मिलेगी। विदेशों से आने वाले संदिग्ध फंड पर भी अंकुश लगेगा। सामूहिक धर्मांतरण जैसी गतिविधियों पर रोक लगने से समाज में कृत्रिम विभाजन की प्रक्रिया रुकेगी और सामाजिक समरसता को बल मिलेगा। साथ ही यह कानून भारतीय सनातन संस्कृति की रक्षा में एक ढाल का काम करेगा। यह केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता की दृष्टि से भी अनिवार्य है।विधेयक का सबसे चर्चित पहलू बुलडोजर एक्शन है। यदि कोई संस्था सुनियोजित तरीके से धर्मांतरण कराती है तो उसकी संपत्ति जब्त करने और भवनों को ध्वस्त करने का प्रावधान अपराधियों में भय पैदा करेगा। यह पहली बार है जब किसी राज्य ने धर्मांतरण जैसी गतिविधि को रोकने के लिए इतने कठोर उपायों को अपनाया है। इससे यह संदेश जाएगा कि समाज और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।
विश्व हिन्दू परिषद की भूमिका
हमारे संतों और मनीषियों ने कहा है कि धर्मांतरण एक अभिशाप है। इससे न सिर्फ एक हिन्दू कम होता है अपितु भारत के शत्रु बढ़ जाते है। गत कालखंड में ही पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान जैसे देश और उनमें बढ़ती अमानवीय, देश विरोधी व धर्म-द्रोही घटनाओं से सम्पूर्ण विश्व भली भांति परिचित है। उन सब के पीछे धर्मांतरण का खेल ही है। विश्व हिन्दू परिषद के तो जन्म के प्रमुख कारणों में से एक ‘अवैध धर्मांतरण’ ही है। इसे रोकने के लिए अनेक देशव्यापी अभियान संगठन चला रहा है। संगठन के द्वारा अब तक 40 लाख से अधिक हिंदुओं को धर्मांतरण से बचाने का कार्य हुआ है । वहीं 9 लाख से अधिक की घर-वापसी भी कराई जा चुकी है। लगभग 25 हजार हिन्दू बेटियों को लव जिहाद चंगुल से बचाने का कार्य भी किया जा चुका है। विहिप की यह पुरानी मांग थी कि राज्य में एक कठोर कानून बने। राजस्थान सरकार ने इसे स्वीकार कर समाज की आवाज को कानूनी रूप दिया है। संगठन के अनवरत प्रयासों व हिन्दू समाज की संगठित शक्ति का ही परिणाम है कि आज देश के दर्जन भर राज्यों में इसके लिए कठोर कानून बने हैं। अब धीरे-धीरे यह मांग भी बलवती हो रही है कि इसके लिए संसद में भी एक कठोरतम कानून बने जिससे माँ भारती का कोई हिस्सा इस अभिशाप का शिकार ना बन सके।
साधुवाद सरकार
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनकी सरकार ने जो साहसिक कदम उठाया है, वह निश्चित ही जन-भावनाओं का सम्मान है और इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। हालांकि कुछ वर्ग इस कानून की आलोचना करेंगे। वे इसे कठोर या धार्मिक स्वतंत्रता का हनन कह सकते हैं। किंतु यह समझना आवश्यक है कि यह कानून स्वेच्छा से किए गए धर्म परिवर्तन का विरोध नहीं करता। संविधान ने अनुच्छेद 25 में धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी है, लेकिन यह स्वतंत्रता सार्वजनिक व्यवस्था, स्वास्थ्य और नैतिकता के अधीन है। जबरन या छल-कपट से किया गया धर्म परिवर्तन न तो धार्मिक स्वतंत्रता है और न ही संवैधानिक अधिकार। यह सीधा-सीधा शोषण है और यही इस विधेयक का लक्ष्य है कि शोषण पर रोक लगे।
अंत में यही कहना है कि “राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025” केवल एक कानून नहीं, बल्कि समाज की सुरक्षा और संस्कृति की रक्षा का संकल्प है। यह अवैध धर्मांतरण की जड़ों को काटकर सामाजिक एकता और राष्ट्रीय अखंडता को सुदृढ़ करेगा। आने वाले समय में यह विधेयक राजस्थान ही नहीं, पूरे देश में एक आदर्श बनेगा। आज आवश्यकता है कि समाज के सभी वर्ग इस कानून का समर्थन करें और एकजुट होकर उन ताकतों का प्रतिकार करें जो छल-कपट से समाज को बाँटने की कोशिश करती हैं। यह विधेयक वास्तव में जनभावनाओं का प्रतिबिंब और सनातन संस्कृति की रक्षा का ऐतिहासिक कदम है।
 
                  रांची। राजधानी स्थित राजभवन के समक्ष संयुक्त आदिवासी संगठन के तत्वाधान में राज्य के विभिन्न जिलों से आए हुए आदिवासी समुदाय के लोगों विभिन्न आदिवासी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा कुड़मी/कुरमी/महतो जाति के लोगों द्वारा अनुचित तरीके एसटी बनने की मांग और आंदोलन की विरोध में राजभवन के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए आदिवासी नेता लक्ष्मीनारायण मुंडा ने कहा कि कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के लोगों द्वारा यह मांग मूल आदिवासियों के संवैधानिक हक-अधिकारों राजनीतिक प्रतिनिधित्व - हिस्सेदारी आरक्षण ,नौकरी,जमीन और गौरवशाली संघर्षशील आदिवासी विद्रोह के इतिहास पर कब्जा करके मूल आदिवासियों को हाशिए में धकेलने की साज़िश है। ये मांगें आदिवासियों की पहचान,अस्तित्व संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। आदिवासी नेत्री कुंदरसी मुंडा ने कहा कि कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति की मांग और रेल टेका आंदोलन अलोकतांत्रिक  गैरकानूनी है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया है। इसके खिलाफ सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदाय के अधिकारों पर हकमारी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा आदिवासी आंदोलन में कभी भूमिका नही निभाने वाले लोग एसटी बनने को लालायित है जिसका विरोध किया जाएगा।निरंजना हेरेंज ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों ,ब्रिटिश गेजेटियर और एसटी बनने के मानदंडों को पूरा नही करने के कारण ही  1931 की जनगणना में अंग्रेजी शासनकाल के दौरान आदिवासी नही मानकर हटा दिया गया था।  इसलिए वोट बैंक दिखाकर जबरन गैर कानूनी ढंग से आंदोलन करके राजनीतिक सौदेबाजी करके एसटी बनना चाहते हैं जिसे बर्दाश्त नही किया जा सकता है। सूरज टोप्पो ने कहा कि कुड़मी/ कुरमी/महतो समुदाय के नेतागण अपनी जातिय राजनीतिक महात्वाकांक्षा को पूरी करने के लिए कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति लोगों को झौंक रहे हैं।निशा भगत ने कहा कि इस मामले में  राजनीतिक पार्टियों अपना खास तौर से भाजपा,कांग्रे, झामुमो अपनी नीतियां स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि भाजपा,कांग्रेस, झामुमो के नेताओं की भूमिका भी आदिवासी समाज पहचान करेगा। कांके रोड सरना समिति के अध्यक्ष डब्लू मुंडा ने कहा कि आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का विरोध करने वाले लोगों द्वारा आज एसटी बनने की मांग करना लोभी प्रवृत्ति का परिचायक है।  अमर तिर्की ने कहा कि मुगल काल, ब्रिटिश काल से लेकर आज तक जितने भी आदिवासी विद्रोह और आदिवासी आंदोलन हुए हैं ये लोग कभी शामिल नही रहे हैं। आज एसटी होने का दावा कर रहे हैं यह हास्यास्पद है। 
इस कार्यक्रम में रांची, जमेशदपुर, पश्चिमी सिंहभूम,गुमला, लोहरदगा, खूंटी रामगढ़, हजारीबाग सिमडेगा, पलामू  इत्यादि लोग शामिल हुए।
इस अवसर पर धरना स्थल पर आदिवासी नेता लक्ष्मीनारायण मुंडा  ने चार बिंदुओं का प्रस्ताव रखा ।
                   
1.आदिवासी समुदाय के लोगों और सभी आदिवासी संगठन कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के आदिवासी अनुसूचित जनजाति  एसटी  बनने की मांग और आंदोलन के प्रतिवाद स्वरुप झारखंड,बंगाल,उड़ीसा के विभिन्न जगहों पर अभियान चलाते हुए जन जागरण अभियान तेज करेंगे।
2. हम सभी आदिवासी संगठनों का कहना है कि कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के आदिवासी अनुसूचित जनजाति/ एसटी  बनने की मांग को लेकर भाजपा,कांग्रेस, झामुमो,टीएमसी जैसे राजनीतिक पार्टियों अपनी नीतियां स्पष्ट करें।
3. कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के आदिवासी/अनुसूचित जनजाति /एसटी  बनने की मांग को लेकर रेल टेका डहर छेंका आंदोलन के खिलाफ केंद्र सरकार राज्य सरकार विधि सम्मत कार्रवाई करें 
यह आंदोलन गैरकानूनी है तथा करोड़ों रुपये राजस्व की क्षति, लाखों यात्रियों को परेशानी में डालने वाला कदम है अन्यथा हम आदिवासी लोग समझेंगे कि यह आंदोलन सत्ता -सरकार संरक्षित,संपोषित और सामाजिक समरसता बिगाड़ कर राजनीतिक वोट बैंक के लिए सरकार प्रायोजित कार्यक्रम है।
4. एसटी सीटों से चुनाव जीतने वाले विधायक-सांसद कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के आदिवासी/अनुसूचित जनजाति  एसटी बनने की मांग को लेकर अपनी अपनी नीति स्पष्ट करें अन्यथा सभी एसटी विधायकों - सांसदों का विरोध किया जाएगा।
वहीं राज्य के दोनों बड़े समुदाय कुड़मी/कुरमी/ महतो और आदिवासी भाईयों से अपील की गई। जो इस प्रकार है।
1. हमारा मानना है कि कुड़मी/कुरमी  महतो जाति एक मेहनतकश संघर्षशील समुदाय है। इसलिए हमारा अनुरोध है कि अपने स्वजातीय नेताओं जयराम महतो, सुदेश महतो,लंबोदर महतो जैसे राजनीति करने वालों और स्वजातीय  संपन्न नवधनाढ्य् वर्ग के तथाकथित 
अगुवाजनों के अनुसूचित जनजाति/ ST बनने की मांग और आंदोलन के लिए बहकावे में नही आएं। ये लोग अपने स्वार्थ और राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए आप सभी कुड़मी/कुरमी/महतो जाति समुदाय का इस्तेमाल कर रहे हैं।
2. हमारे आदिवासी समुदाय के लोगों से भी अपील है कि कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति समुदाय के आदिवासी/अनूसूचित जनजाति/ ST बनने की मांग और आंदोलन का मर्यादापूर्वक संयमित होकर लोकतांत्रिक तरीके से तथ्यात्मक,तार्किक रुप से खंडन करते हुए विरोध करें। पूरे कुड़मी/कुरमी/  महतो जाति समुदाय को निशाना नहीं बनायें।इसके बाद चार सूत्री मांगों का ज्ञापन राज्यपाल के नाम दिया गया। जहां आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों द्वारा कुड़मी/कुरमी/महतो समुदाय की ओर से हमारे संवैधानिक अधिकारों,राजनीतिक प्रतिनिधित्व,नौकरी-रोजगार, आरक्षण, जमीन और गौरवशाली इतिहास पर अनुचित तरीके से कब्जा करने की साजिश के खिलाफ एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम के माध्यम से यह ज्ञापन दिया जा रहा है। जो हमारी संस्कृति,पहचान और आजीविका को खतरे में डालने वाली  गतिविधियों को रोकने हेतु निम्नलिखित चार सूत्री मांगें हैं।
1. कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति द्वारा हमारे मूल आदिवासियों की संवैधानिक हक-अधिकारों,राजनीतिक हिस्सेदारी-प्रतिनिधित्व,आरक्षण,नौकरी और जमीन पर हकमारी करने के लिए आदिवासी/अनूसूचित जनजाति (ST) बनने की अनुचित दावों पर तत्काल रोक लगाया जाए। वहीं आदिवासियों के लिए निर्धारित विशेष संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत सलाह भारत सरकार को दिया जाए।
2. हम आदिवासियों को संविधान द्वारा प्रदत्त विशेष कानूनों और अधिकारों को कमजोर करने वाली किसी भी कोशिश अथवा दुरुपयोग को रोकने के लिए अनूसूचित जनजाति/एसटी आरक्षण की पात्रता की जांच को लेकर एक स्वतंत्र समिति गठित की जाए। 
3. चुआड़ विद्रोह में रघुनाथ महतो,कोल विद्रोह में बुली महतो और संथाल विद्रोह में चानकु महतो जैसे नाम के छद्म नायकों को आदिवासी समुदाय के ऐतिहासिक गौरवशाली संघर्ष और योगदानों को कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति के लोगों द्वारा अपने इतिहास के रुप में प्रस्तुत करने की साजिश को रोका जाए। 
4. कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति समुदाय द्वारा आदिवासी /अनूसूचित जनजाति (ST) बनने की मांग को लेकर असंवैधानिक और अनुचित तरीके से " रेल टेका डहर छेंका " कार्यक्रम के द्वारा रेल परिचालन रोकने, सरकारी राजस्व की क्षति पहूंचाने, यात्रियों को परेशानियों में डालने और माल ढुलाई वाहक रेलों का आवाजाही बंद करने जैसे गैर कानूनी कार्यों में शामिल लोगों पर विधि सम्मत कारवाई किया जाए।
 
                  रांची: 20 सितम्बर को रांची जिला साक्षी बना राज्य के चौबीसों जिलों से आए हजारों कर्मचारी शिक्षकों एवं अधिकारियों के एक बहुत बड़े हुजूम का, जो जमा हुआ था स्थानीय जिला स्कूल के मैदान में। राज्य के सबसे संगठित महासंघ झारखंड ऑफिसर्स टीचर्स एवं एम्पलाइज फेडरेशन (झारोटेफ) के तत्वाधान में विशाल कर्मचारी संकल्प महासम्मेलन" का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर माननीय नगर एवं विकास मंत्री सुदीव्य कुमार एवं माननीय राजस्व मंत्री  दीपक बिरुआ तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर राज्यसभा सांसद महुआ माजी उपस्थित रहीं। राज्य कर्मियों ने वर्तमान सरकार को पेंशन बहाली के लिए धन्यवाद दिया एवं उपस्थित अतिथियों द्वारा नई पेंशन योजना की त्रासदी से निकल कर पुरानी पेंशन योजना में लौटे पेंशनधारियों को सम्मानित भी किया गया।
 
महा सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि आप सरकार की बाहें हैं, कदम हैं, ना सरकार आप से डरती है ना आप डरते हैं सरकारी कर्मचारियों के साथ जो बेहतर संबंध हमारे झारखंड में है वह कहीं नहीं है। सरकार आपकी मांगों पर संजिदा हैं आप आंख मूंद कर सरकार पर भरोसा कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि आप सभी कर्मचारी झारखंड के बेटा-बेटी हैं, आपके हितों के लिए सरकार के अंदर के लोग आपकी पैरवी करते हैं।
उन्होंने कहा कि आप जिससे प्यार करते हैं उसपर भरोसा मत करिए भरोसा उसपर करिए जो आप से प्यार करते है। ऐसी है हमारी सरकार जो आप सभी से प्यार करते हैं। आप लोगों ने सरकार के साथ संबंध बेहतर बनाया है यह आपके संगठन की एकजुटता का ताकत है। झारखंड का सबसे मजबूत संगठन झारोटेफ है आपकी एकता को सलाम करते हैं। यह सरकार आपकी मांगों पर जरुर विचार करेगी।
वहीं  मंत्री दीपक बिरूवा ने कहा कि संवाद से ही समस्या का समाधान संभव है। आपके संगठन का सरकार से संवाद करने और समर्थन लेने का तरीका अनोखा है। शिक्षकों को एमएसीपी, सेवानिवृत्ति आयु सीमा 62 साल एवं शिशु शिक्षण भत्ता के अलावा उपार्जित अवकाश समेत अन्य मांगें सरकार के संज्ञान में है। विश्वास रखिए जो सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किया, वृद्धों गरीबों के लिए सर्वजन पेंशन किया वह सरकार आपके इन मांगों को भी पूरा करेगी। हमारी सरकार में संवाद ही समाधान है। 
वहीं राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि सरकार ने मेरे सुझाव पर कला अकादमी, साहित्य अकादमी का तोहफा दिया उम्मीद रखिएगा आपलोगों को भी सरकार बहुत जल्द तोहफा देगी।तेलंगाना से पहुंचे एन एम ओ पी एस के राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञा जी ने कहा कि आप सभी कर्मचारी सौभाग्यशाली हैं कि आप झारखंड से हैं। हेमंत सोरेन सरकार कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।वहीं झारोटेफ के प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि आप कर्मचारियों की एकजुटता से सरकार का भरोसा बढ़ा है। जिस सरकार ने हमें पुरानी पेंशन का तोहफा दिया है वही सरकार एम ए सी पी, सेवानिवृत्ति आयु 62 साल, शिशु शिक्षण भत्ता समेत अन्य मुद्दों का समाधान करेगी।भीषण गर्मी में भी कार्यक्रम में शामिल होने के मुख्य अतिथि समेत झारखंड के कोने-कोने से पहुंचे कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।
इन मांगों के समर्थन में कर्मचारियों ने किया महासंकल्प सम्मेलन:
झारोटेफ के बैनर तले जिला स्कूल मैदान में आयोजित विशाल महासम्मेलन में सरकारी कर्मचारियों से संबंधित मुख्य मांगों में अन्य राज्य कर्मियों की भांति शिक्षक संवर्ग को भी एमएसीपी लाभ , राज्यकर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र को 62 वर्ष , केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति राज्य कर्मियों को शिशु शिक्षण भत्ता तथा बड़े शहरों की भांति ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित कर्मियों के लिए परिवहन भत्ता का लाभ प्रमुख था। इसके अलावा अन्य मांगों में राज्य कर्मियों की एनपीएस में जमा राशि को वापस लेने हेतु कदम उठायी जाए,राज्य प्रशासनिक सेवा के सीमित परीक्षा में समस्त राज्य कर्मियों को बैठने का अवसर दिया जाए, विभिन्न विभागों के सेवा नियमावलियों में किए जा रहे अलाभकारी संशोधनों को रोका जाए,  300 दिनों से अधिक अवकाश (ईएल) उपार्जित होने पर इसके उपभोग की स्वीकृति दी जाए, राज्य के सभी विभागों के लिपिक संवर्गों के लिए एक समान सेवा नियमावली लागू की जाए, योग्यताधारी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को लिपिक संवर्ग में नियमित प्रोन्नति दिया जाए, संविदा/आउटसोर्सिंग नियुक्ति तथा निजीकरण की परिपाटी को समाप्त किया जाए शामिल है।इस राज्य में कर्मचारी संगठनों के इतिहास में पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि कर्मचारी अधिकारी शिक्षक किसी प्रकार का कोई उग्र आंदोलन ना करते हुए सरकार के साथ संवाद और समन्वय के साथ मिलकर अपनी जायज मांगों की पूर्ति का प्रयास कर रही है। इस सब में देखने वाली बात यह भी थी कि न सिर्फ कर्मचारियों का रुख सरकार के प्रति काफी प्रेम से भरा था और उन्होंने अपनी बातों को विभिन्न वक्ताओं के माध्यम से बहुत सलीके से सरकार के समक्ष रखा बल्कि सरकार के प्रतिनिधियों ने भी हर बात पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए कर्मचारियों को  ससमय उनकी मांगों की पूर्ति का आश्वासन भी दिया और यह भी कहा कि वह प्रयास करेंगे कि जल्द ही सरकार इस दिशा में विचार करें और आपकी मांगे  पूरी हो।
कई कर्मचारी संगठनों ने लिया भाग
इस कार्यक्रम में न सिर्फ सभी संवर्ग के शिक्षक बल्कि कई अन्य विभागों के कर्मचारी खासकर  पुलिस एसोसिएशन, समाहरणालय सेवा, पशुपालन सेवा, सहकारिता सेवा, कृषि सेवा, आशुलिपिक, अराजपत्रित कर्मचारी, आईटीआई, स्वास्थ्य विभाग, उर्जा विभाग, प्रशिक्षण अधिकारी जैसे तकरीबन 26 विभागों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने शिरकत की। यह पहला ऐसा मौका है जब शिक्षक संवर्ग में भी प्राथमिक, माध्यमिक, प्लस टू शिक्षक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कल्याण विद्यालय, इन सभी के शिक्षक एक ही मंच पर उपस्थित हुए हैं। झारोटेफ न सिर्फ झारखंड राज्य में बल्कि पूरे देश में सबसे अनुशासित कई सेवाओं से बना एक महासंघ बनकर उभरा है। इसकी पुष्टि पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के राष्ट्रीय महासचिव तेलंगाना केसरी स्थित प्रज्ञा ने अपने भाषण में की जिसमें उन्होंने कहा कि काश मैं भी झारखंड में पैदा हुआ होता, काश मेरे भी मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन होते, काश मुझे भी पुरानी पेंशन मिलती।
 
                  रांची । आदिवासी कुड़मी समाज द्वारा दिनांक 20 सितम्बर, 2025 को समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर रेल परिचालन बाधित करने एवं रेल रोको आंदोलन की घोषणा की गई है। इस संदर्भ में रांची के अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा रांची जिला अतर्गत विभिन्न रेलवे स्टेशन के 300 मीटर के दायरा में निषेधाज्ञा लागूक गई है।
इस संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि आंदोलन के दौरान किसी भी प्रकार से कानून-व्यवस्था की स्थिति भंग नहीं होनी चाहिए तथा नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। न्यायालय ने कहा है कि प्रस्तावित रेल एवं सड़क अवरोध किसी भी स्थिति में चिकित्सा एवं आपातकालीन सेवाओं, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं जन-साधारण के सामान्य जीवन को बाधित नहीं करना चाहिए।
आंदोलन के संबंध में आदिवासी कुड़मी समाज ने भी न्यायालय एवं प्रशासन को आश्वस्त किया है कि उनका कार्यक्रम शांतिपूर्ण होगा तथा इससे अर्थव्यवस्था, परिवहन एवं आवश्यक सेवाओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। समाज द्वारा लिखित रूप से यह भी आश्वासन दिया गया है कि आंदोलन के दौरान किसी भी निर्दोष नागरिक को क्षति नहीं होगी और प्रशासन के साथ पूर्ण सहयोग किया जाएगा।
जिला प्रशासन ने इस संबंध में आम नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन को सहयोग करें। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि अथवा हिंसक व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रांची  मंजूनाथ भजंत्री ने कहा है कि कानून-व्यवस्था एवं शांति बनाए रखना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जा रहे हैं। रेलवे, परिवहन विभाग एवं पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
 
 
                  रांची। राजधानी रांची स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में झारखंड ऑफिसर्स टीचर एंड एम्पलाई फेडरेशन (JHAROTEF) के द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जहां संघ के द्वारा प्रेस वार्ता कर विभिन्न जानकारी दी गई । संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह ने बताया कि पेंशन बहाली के रूप में संघ ने एक बड़ी सफलता हासिल किया। साथ ही सरकार से संवाद समन्वक और संघर्ष के बदौलत जो भी महत्वपूर्ण मुद्दे थे उन सभी को हल किया आगे श्री सिंह ने बताया संघ की ओर से सभी जिलों में सघन सदस्यता अभियान चलाकर जिला में नई कार्यसमिति गठन किया गया। संघ के द्वारा विगत वर्ष में जो उपलब्धियां हासिल की गई उसकी जानकारी संघ के लोगों को दी गई है। आगे 11 सूत्री मांगों को लेकर संघर्ष करने का निर्णय लिया गया।
क्या है मांग
1.अन्य राज्य कर्मियों की भारतीय शिक्षक संवर्ग को भी मैक का लाभ दिया जाए।
2 राज्य कर्मी की सेवा निवृत्ति की उम्र 62 वर्ष किया जाए।
3.केंद्रीय कर्मियों की भारतीय राज्य कर्मियों को शिशु शिक्षण भत्ता का लाभ दिया जाए।
4.राज कर्मियों की एनपीएस में जमा राशि को वापस लाने हेतु कदम उठाए जाएं।
5.राज्य प्रशासनिक सेवा के सिमित परीक्षा में समस्त राज्य कर्मियों को बैठने का अवसर दिया जाए।
6.विभिन्न विभागों के सेवा नियमावली में किया जा रहे अल्पकारी संशोधन को रोका जाए।
7. बड़े शहरों की भांति छोटे शहरों ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित कर्मियों को परिवहन भत्ता दिया जाए ।
8. 300 दिनों से अधिक अवकाश EL उपवर्जित होने पर इसके उपभोग की स्वीकृति दी जाए ।
9.राज्य के सभी विभागों के लिपिक संपर्कों के लिए एक समान सेवा नियमावली लागू की जाए।
10.योग्यता धारी चतुर्थ वर्गी कर्मचारी को लिपिक संपर्क में निमित्त पदोन्नति दिया जाए .
11. संविदा आउटसोर्सिंग नीति एवं निजीकरण की परिपाटी को खत्म किया
प्रेस वार्ता के दौरान JHAROTEF के कर्मचारी उपस्थित थे।
 
                  रांची। नगर निगम के द्वारा इन दिनों नगर निगम क्षेत्र में सड़क किनारे लगाने वाले छोटे-मोटे दुकानदारों पर रांची नगर निगम का बुलडोजर इन दोनों चल रहा है जहां सड़क किनारे सब्जी, ठेला,दुकान, खोमचा लगाने वाले दुकानदारों के लिए भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई । जहां परिवार पालना इन लोगों के लिए मुश्किल हो गया है।एवं सड़क किनारे लगाने वाले दुकानदार अब पूरी तरीके से बेरोजगार हो जाने के बाद शुक्रवार को रांची के सत्य भारती सभागार में नेशनल हॉकर फेडरेशन के बैनर तले एक बैठक आयोजित की गई। जहां रांची नगर निगम क्षेत्र में पीड़ित दुकानदारों ने बैठक कर आगे की रणनीति तय की । मौके पर नेशनल हॉकर फेडरेशन के महासचिव अनीता दास ने बताया की रांची नगर निगम के द्वारा जिस तरीके से सड़क किनारे लगाने वाले दुकान ठेला खुमचा के विरुद्ध बुलडोजर की कार्रवाई कर रही है यह अन्याय है वही नगर निगम पूरी तरीके से सरकार सड़क किनारे पार्किंग का टेंडर कर पैसे कमा रही है लेकिन अगर सड़क किनारे आम आदमी अपनी जीविका पार्जन करने के लिए काम कर रहे हैं तो उसे अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ा जा रहा है । वही फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि रांची नगर निगम में लगभग 5901 फुटपाथ दुकानदार चिन्हित किए गए हैं लेकिन इन तमाम दुकानदारों के वेंडर प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है और टाउन वेंडिंग कमेटी के रांची में फुटपाथ दुकानदार को उजाड़ कर उत्पीड़न कर रहे हैं। आगे नेताओ ने बताया 2014 में फुटपाथ कानून लागू करने को लेकर 9 सितम्बर 2013 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है लेकिन 9 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी फुटपाथ कानून लागू नहीं हो पाया है। हमारी मांग है सरकार उत्पीड़न बंद करें और फुटपाथ दुकानदार को सम्मान पूर्वक व्यवसाय करने दे नहीं तो मजबूरन हाई कोर्ट में सरकार एवं नगर निगम के विरुद्ध अवमानना का केस दायर करना पड़ेगा । बैठक में मुख्य रूप से राजकुमार चौरसिया सहित तमाम फुटपाथ विक्रेता मौजूद थे।
 
                  रांची। झारखंड महाअभिषेक चर्च के द्वारा ग्राम चांद गांव हरदाग पंचायत थाना तुपुदाना ओपी प्रखंड नामकुम जिला रांची में एक साल से ऊपर चल रहे चंगाई प्रार्थना सभा के नाम पर धर्मांतरण सभा को अभिलंब बंद कराने को लेकर गुरुवार दिनांक 18,.09,.2025 को तुपुदाना चौक के निकट एक कंपलेक्स मे जनजाति सुरक्षा मंच की बैठक हुई जिसमें चांद गांव के ग्राम प्रधान मनोज मुंडा के अध्यक्षता में हुए जिसमें समाज का आक्रोश को देखते हुए तुरंत ग्राम सभा का बैठक बुलाई जाएगी उसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची,थाना प्रभारी तुपुदाना चंगाई सभा को हटाने लिए पत्र लिखा जाएगा। यदि इस पर भी नहीं मानेगा तो जनजाति सुरक्षा मंच बहुत जल्द दसमाईल तुपुदाना क्षेत्र में जनआक्रोश रैली/ सभा का आयोजन किया जाएगा ।
इससे पहले जनजाति सुरक्षा मंच एवं झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा द्वारा उपयुक्त रांची, अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची एवं तुपुदाना ओपी प्रभारी को ज्ञापन दिया जा चुका है। मेघा उरांव ने कहा है कि शासन प्रशासन इस पर चुपी साध लिया इससे यही प्रतीत होता है कि शासन प्रशासन के संरक्षण में यह धर्मांतरण का कार्यक्रम चल रहा है यह किसके नेतृत्व में हो रहा है कौन है कौन करा रहा है इसका कोई खोज खबर नहीं है इससे यही प्रतीत होता है कि शासन प्रशासन के संरक्षक में इस तरह का अवैध कार्यक्रम चल रहा है आज की इस बैठक में ग्राम प्रधान मनोज मुंडा, जेबियर मुंडा, संदीप उरांव, जगन्नाथ भगत, सोमा उरांव , विशु उरांव, अंजलि लकड़ा, सनी उरांव, विकास उरांव, मेघा उरांव, मंगरा मुंडा, चंदन कछप, उत्तम गोप, राम पाहन , एवं अन्य उपस्थित थे।
 
                  रांची। स्वर्गीय शिबू सोरेन के पैतृक नेमरा गांव को गोद लेने हेतु मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने लिखा पत्र।पत्र के माध्यम से निम्नलिखित मांग की गई है
    1. नेमरा गांव में अंतिम दाह-संस्कार स्थल तक पहुँच पथ की व्यवस्था की जाए।
    2. नेमरा गांव के सभी छोटे-बडे़ रास्ते का पक्कीकरण या पेवर ब्लॉक से निर्माण की जाए।
    3. गांव में समुचित बिजली की व्यवस्था करते हुए कृषि हेत् भी बिजली की व्यवस्था की जाए।
    4. गांव में पानी पीने की व्यवस्था की जाए।
    5. शौचालय शौलभ की समुचित व्यवस्था की जाए।
    6. इंटरनेट एवं दुरसंचार की समुचित व्यवस्था की जाए।
    7. गांव में रोजी-रोजगार की समुचित व्यवस्था की जाए।
    8. गांव में पुलिस चौकी एवं खेल-कूद के लिए मैदान की व्यवस्था की जाए।
    9. गांव में उप स्वस्थ केंद्र या हॉस्पिटल की व्यवस्था की जाए।
    10. गांव में शिक्षा समुचित व्यवस्था की जाए।
    11. गांव से गोला चौक तक यतायात की समुचित व्यवस्था की जाए।
    12. गांव में सूची बनाकर सभी घरों का पक्कीकरण हो तथा कोई भी मिट्टी का घर छूटे ना।
    13. नेमरा गावं में स्थल चयन कर सर्वसम्मति से स्व. शिबू सोरेन का आदमकद प्रतिमा स्थापित किया जाए तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हो।
  
आगे सोमा उरांव ने संथालों/मुडाओं का उदगम स्थल सुंतियाम्बे गढ़ पिठौरिया कांके रांची में संथालों के प्रथम नर-नारी पिलचू हड़ाम, पिलचू बूढ़ही, मारंगबूरू सहित कूल 44 धार्मिक स्थल है, जो जिन-सीन अवस्था में है इनका संरक्षण एवं सर्वधन करना अति आवश्यक है, पूर्व में भी कई आवेदन दिया जा चुका है परंतु कोई करवाई नही हुई। महोदय से निवेदन है कि उपरोक्त मांगो को शीघ्र पूरा करें ताकि स्व. शिबू सोरेन जी को सच्ची श्रद्धांजलि मिल सकें। इस शुभ कार्य के लिए समस्त झारखंडवासी आपके सदा आभारी बने रहेंगे।
                                     
 
 
                  रांची। सीपीआई (एम) झारखंड राज्य कमिटी के सचिव मंडल सदस्य का. मो. इकबाल का सोमवार अपराह्न 7.30 बजे निधन हो गया। मामले में राज्य कमिटी ने सूचना जारी कर कहा की, पार्टी के साहेबगंज जिला कमिटी के सचिव का. असगर आलम ने दी है. जिसकी पुष्टि इकबाल के परिवार के सदस्यों द्वारा की गई। का. इकबाल के निधन पर पूरे राज्य में अगले तीन दिनों तक पार्टी दफ्तरों पर लाल झंडा झूका (Half Mast) रहेगा.का. इकबाल की मिट्टी 16 सितंबर को पूर्वाह्न 10. 30 बजे उनके गाँव दिलालपुर में होगी उनके जनाजे में शामिल होने के लिए पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य एहतेशाम अहमद, राज्य कमिटी सदस्य अशोक साह और गोपीन सोरेन जायेंगें. चुंकि राज्य सचिव दिल्ली में है इसलिए वे समय पर नहीं पहुंच पायेंगें. पार्टी की पाकुड़, साहेबगंज और गोड्डा जिला कमिटी के साथी भी उनके जनाजे में शामिल होंगें।
 
                  पटना। बिहार सरकार में मंत्री मंत्री जीवेश मिश्रा के द्वारा एक पत्रकार सहनी के साथ मारपीट के मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने आवास एक पोलो रोड स्थित संवाददाता सम्मेलन में बिहार सरकार के शहरी विकास मंत्री जीवेश मिश्रा के करतूतों का वीडियो साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि जाले विधानसभा के सिंघवारा में पत्रकार, जो सहनी समाज से आते हैं को मंत्री के द्वारा की गई मारपीट और उन्हें भद्दी भद्दी मां बहन की गालियां दिया जाना बिहार में जंगल राज होने का स्पष्ट प्रमाण है। इन्होंने कहा कि पत्रकार का कसूर सिर्फ इतना ही था कि उन्होंने पूछा कि 10 सालों में आपने मंत्री रहते हुए किस तरह का विकास का कार्य किया है, की सड़कें भी सही नहीं है। जाले विधानसभा क्षेत्र के हालात पर उन्होंने सवाल किया, लेकिन उनकी बातें सुनते ही मंत्री जीवेश मिश्रा भड़क उठे और पत्रकार को बुरी तरह से मारा पीटा और उन्हें भद्दी भद्दी मां बहन की गालियां दी गई ,और उनके वीडियो कैमरा को छीन लिया गया।
 तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि क्या 2005 के पहले पत्रकारों के साथ ऐसा होता था। बिहार में सरकार के लोगों ने अराजकता का माहौल बना रखा है।  और आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आ रहे हैं, तो  उन्हें यह बताना चाहिए की भाजपा के मंत्री के द्वारा पत्रकार सहनी जी  के साथ मार पीट और उनकी मां -बहन की गाली पर वह चुप क्यों है? क्या पत्रकार की मां -बहन का कोई सम्मान नहीं है। बेकसुर पत्रकार को इंसाफ कब मिलेगा मंत्री को सजा कब मिलेगी? और बिहार में जंगल राज है कि नहीं यह भी प्रधानमंत्री जी बताएं।  इन्होंने आगे कहा कि क्या बिहार में कानून दो तरह के हैं मंत्री के लिए अलग और आम लोगों के अलग। आखिर क्या कारण है कि पत्रकार के साथ मारपीट और भद्दी भद्दी गालियों पर भी सिंघवारा थाना मंत्री जीवेश मिश्रा पर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। और इस मामले को रफा दफा करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है,और किस दबाव में एफआईआर नहीं लिया जा रहा है।  डबल इंजन सरकार को बताना चाहिए। इस तरह के मामले से  यह स्पष्ट होता है कि बिहार में किस तरह का शासन चल रहा है। बिहार में व्यवस्था की हालात यह है कि घूस लेते जाओ पकड़े नहीं जाएंगे। हत्या करते जाओ पकड़े नहीं जाएंगे। मां- बहन की गालियां देते जाओ पकड़े नहीं जाएंगे । और  कल तक जो प्रधानमंत्री की मां के नाम पर बिहार बंद किये थे, उन्हें बताना चाहिए की मंत्री के द्वारा पत्रकार को मां -बहन की गाली दिए जाने पर वह अब खामोश क्यों हैं?  इस मामले पर बिहार के पत्रकारों को भी सवाल  करना चाहिए और पूछना चाहिए कि क्या इसी तरह से सरकार काम करेगी। जब पत्रकार के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है तो बिहार में आम जनों के साथ कैसा बर्ताव होता होगा इससे ही समझा जा सकता है ।
           
इन्होंने आगे कहा कि बिहार में सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार और अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है, अपराधी अब विजय और सम्राट हो गए हैं। यह शर्म की बात है, पत्रकार को गाली दी जा रही है और सरकार के लोग चुप हैं। इस मुद्दे पर सभी पत्रकारों को मंत्री की बर्खास्तगी की मांग के साथ उन पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दबाव बनाना चाहिए। श्री तेजस्वी ने आगे कहा कि इस घटना की जानकारी के लिए स्वयं आज दरभंगा सिंधवारा जा रहे हैं और वहां पर पीड़ित पत्रकार सहनी जी से मिलकर सिंघवारा थाने से एफआईआर दर्ज करवाने के लिए थाना भी जाएंगे और वह थाना पहुंच गए। बिहार में सरकार के स्तर से जिस तरह से मंत्री को बचाया जा रहा है, ये कहीं से उचित नहीं है ।इन्होंने आगे कहा कि बिहार में पुलिस सिलेक्टिव कार्रवाई करती है लोकतंत्र में जनता और पत्रकार को सवाल पूछने का अधिकार है ,लेकिन मंत्री से जब सवाल पूछा जाएगा तो लोगों को पीटेंगे और उन्हें भद्दी भद्दी गालियां भी दी जाएगी। और पत्रकार का कैमरा छीना जाएगा।जीवेश मिश्रा जैसे लोग बिहार और समाज के लिए कलंक है जो मंत्री बने हुए हैं जबकि इन पर नकली दवा बनाने के मामले में राजस्थान कोर्ट से सजा भी मिली हुई है। फिर भी मंत्री बने हुए हैं।
आगे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के टीम के साथ ऐसे ही लोग हैं जिनमें प्रज्वल रेवन्ना, बृजभूषण शरण सिंह और जीवेश मिश्रा जैसे लोग हैं जो प्रधानमंत्री की टीम के सदस्य हैं ,तो इससे समझा जा सकता है कि आमलोग कैसे सुरक्षित रहेंगे। आखिर किसके कहने पर सरकार में ऐसे लोग बने हुए हैं जो अपनी घिनौनी हरकतों से बिहार को कलंकित कर रहे हैं ये दुर्भाग्य की बात है ।
इन्होंने प्रधानमंत्री जी से पूछा है कि आप बताएं कि पत्रकार सहनी जी को कब इंसाफ मिलेगा। कब उनकी मां -बहन को गाली देने वाले उनके साथ मार -पिटाई करने वाले मंत्री पर कार्रवाई होगी। जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ऐसे लोगों को संरक्षित करती है ,उसे क्या कहेंगे। 
प्रधानमंत्री जी क्या यह जंगल राज नहीं है तो क्या है। हमारी सरकार होती तो ब्रेकिंग न्यूज़ चलता और प्रधानमंत्री जी बिहार में इस बात का रोना रोते की मंत्री के हाथों पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है। इन्होंने कहा कि पत्रकार की मां बहन की गाली के लिए दरभंगा  और बिहार बंद  कब होगा। इसे स्पष्ट बताया जाए यह बिहार की जनता जानना चाहती है। जिस तरह से सरकार चलाने वाले लोग पत्रकार और आम अवाम की पिटाई कर रहे हैं  इससे स्पष्ट होता है कि बिहार में महाजंगल राज की स्थिति है  और सरकार में बैठे हुए लोग ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं। पत्रकार सहनी  से मिलकर और उनके मामले में एफआईआर दर्ज हो इसके लिए वो सिंघवारा थाना पहुंच गए हैं । और न्याय दिलाने के लिए सरकार को बाध्य करेंगे। बिहार की जनता ऐसे लोगों को जल्द ही सबक सिखाएगी ,क्योंकि बिहार में सरकार के स्तर से सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है।
संवाददाता सम्मेलन में मुख्य रूप से
राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी, राज्यसभा सांसद संजय यादव, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सहनी, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद और मृत्युंजय तिवारी भी उपस्थित थे ।
 
                  रांची। भारतीय जन जागरण गांधीवादी पार्टी के द्वारा रांची राज भवन के समक्ष सात सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष मदन महतो जानकारी देते हैं बताया कि राज्य सरकार के द्वारा जनहित मुद्दों पर कोई कार्य नहीं किया जा रहा है, सरकार पेसा एक्ट लागू नहीं कर रही है, सहित तमाम ऐसे मुद्दे हैं जिस पर हेमंत सरकार फेल है । आगे उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार जल्द से जल्द हमारी मांगों को पूरी करें नहीं तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा । वहीं प्रदर्शन के बाद भारतीय जन जागरण गांधीवादी पार्टी के द्वारा सात सूत्री एक मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित किया गया । धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से रांची जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश प्रजापति, मधु प्रजापति, रामशरण साहू, संगीता देवी, निर्मला देवी, प्रकाश प्रजापति, सिकंदर प्रजापति, विशेश्वर महतो सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे
क्या है पार्टी की मांग
1.झारखंड के सार्वजनिक विकास के लिए प्रदेश में पूर्ण रूप से धरातल पर पेसा कानून लागू किया जाए
2.सभी स्कूलों के पाठ्यक्रम में पैसा कानून और संविधान की पढ़ाई सुनिश्चित किया जाए
3.विवाहित महिलाओं की जाति एवं आवासीय प्रमाण पत्र मायके की बजाय ससुराल के पति के आधार पर बनाया जाए
4. प्रदेश के सभी पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार दिया जाए
5. प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाए
6.प्रदेश के पीडीएस दुकानदारों का सभी तरह का बकाया कमीशन अभिलंब भुगतान किया जाए
7. सभी विभाग में कार्यरत अनुबंध कर्मियों को समायोजित किया जाए
 
                  रांची। नामकुम प्रखंड, पंचायत हरदाग जिला रांची के ग्राम चांद गांव मे लगभग एक वर्ष से झारखंड महाभिषेक चर्च द्वारा प्रत्येक रविवार और बुधवार को 11:00 बजे से 5:00 तक चंगाई के नाम पर हजारों लोगों को एकत्रित कर भोले भाले आदिवासी और गैर आदिवासियों को धर्मांतरण कराया जा रहा हैं और जो भी उस कार्यक्रम में जा रहे हैं वे लोग ईसाई धर्म का अनुयाई बनकर ही लौट रहे हैं यह शिकायत मिलने के बाद झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा रांची और जनजाति सुरक्षा मंच के एक प्रतिनिधिमंडल आज थाना प्रभारी तुपुदाना ओपी से मिलकर ये गैरकानूनी तरीके से लगभग एक वर्ष से तंबू और टेंट गाडकर चंगाई के नाम पर धर्मांतरण कराने वाला चंगाई सभा को अभिलंब बंद कराने का निवेदन किया है इससे पहले अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची एवं उपायुक्त रांची से मिलकर इस तरह कार्यक्रम को अवगत कराते हुए अभिलंब बंद कराने का अनुरोध किया।
अध्यक्ष मेघा उरांव कहा है कि चर्च के द्वारा यह प्रचार प्रसार किया जा रहा है कि यीशु के नाम से प्रार्थना करने से महामारी परेशानी अशांति अर्थात जितने प्रकार के बीमारी हैं ठीक हो जाते यीशु के नाम से प्रार्थना करने से अंधे देखते हैं लंगड़े चलते हैं बहरे सुनते हैं गुंगे बोलते हैं और मुर्दे भी जी उठते हैं। अर्थात यीशु के नाम से प्रार्थना करने से सारे बीमारी सारे कष्ट दूर हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति में कम से कम ईसाई मिशनरियों का अस्पतालों को तो बंद कर देना चाहिए। मेघा उरांव ने कहा कि यदि शासन प्रशासन गैर कानूनी तरीके से और अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला कार्यक्रम को बंद नहीं करवाया तो बाध्य होकर समाज/ संगठन कार्रवाई करेगा।मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल मे संदीप उरांव, मेघा उरांव, सनी उरांव, राजू उरांव, आकाश उरांव, शुभम बेक, गणेश तिग्गा, शिबू सिंह एवं अन्य।
 
                  रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में औपचारिक मुलाकात की। इस मौके पर राज्य सरकार के अधिकारियों तथा कोल मंत्रालय एवं कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में कोयला और खनन क्षेत्र की बेहतरी को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान राज्य में कोल माइंस से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों/ मुद्दों पर विचार- विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री ने कोल माइंस के मुद्दे पर राज्य सरकार का पक्ष रखा, वहीं केंद्रीय कोयला मंत्री ने कोल खनन परियोजनाओं को लेकर आ रही समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के आपसी सहयोग से ही कोल माइंस से जुड़े समस्याओं का समाधान संभव है। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र को क्षेत्र को आगे ले जाने के लिए मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।
*_इन विषयों को लेकर हुई चर्चा, सकारात्मक कदम उठाने पर बनी सहमति_*
मुख्यमंत्री और कोयला मंत्री की उपस्थिति में अधिकारियों के बीच हुई बैठक में खनिजों पर मिलने वाली रॉयल्टी, विस्थापितों का पुनर्वास, नौकरी और मुआवजा, खनन क्षेत्र और आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों को रोजगार, खनन कार्य पूरा हो चुके जमीन की वापसी, खदानों में अवैध खनन की वजह से हो रहे हादसों पर नियंत्रण को लेकर सुरक्षा मानकों के पालन, कोल परियोजनाओं के ऑपरेशनल करने में आ रही अड़चनों का समाधान तथा डीएमएफटी और सीएसआर फंड के इस्तेमाल जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सकारात्मक चर्चा हुई।
 बैठक में  मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, केंद्रीय खनन मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी  संजय लोहिया, केंद्रीय कोयला मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी श्री सनोज कुमार झा,  राज्य सरकार में  राजस्व विभाग के सचिव चंद्रशेखर, खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव श्री अरवा राजकमल, निदेशक खान एवं भूतत्व राहुल सिन्हा, कोल  इंडिया के  चेयरमैन  पीएम प्रसाद, सीसीएल के सीएमडी  निलेन्दु कुमार सिंह, बीसीसीएल के सीएमडी  मनोज अग्रवाल, हिंदुस्तान कॉपर के सीएमडी  संजीव कुमार सिंह,  केंद्रीय कोयला मंत्री के पीएस  पंकज जैन समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।
 
 
                  साहेबगंज। सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की हत्या की सीबीआई जांच कराने एवं नगड़ी के रैयतों को रिम्स 2 के नाम पर छीनी जा रही जमीन किसानों को वापस दिलाने केलिए राज्य सरकार को  निर्देशित करने के संबंध में संवेदनहीन भ्रष्ट एवं निकम्मी हेमंत सरकार में राज्य की स्थिति दिनोदिन बद  से बदतर होती जा रही। राज्य की विधि व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। राज्य सरकार के संरक्षण में अपराधी, माफिया ,दलाल , बिचौलियों ने पूरे सरकारी  तंत्र पर कब्जा जमा लिया है।  इनका विरोध करने पर नृशंस हत्या , बिना कारण मुकदमे,धमकी ,फिरौती जैसी सजा  सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भुगतने केलिए विवश होना पड़ रहा है। ,सरकारी रजिस्टर में दर्ज आंकड़े बता रहे की राज्य में प्रतिमाह 5000 से अधिकहत्या ,लूट,बलात्कार,डकैती जैसे गैर जमानती आपराधिक मामले घटित हो रहे।
 विगत दिनों संथाल परगना के प्रसिद्ध सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता की राज्य की पुलिस द्वारा  एनकाउंटर दिखाकर नृशंस हत्या कर दी गई। राज्य पुलिस जिन्हें अपराधी बता रही वे लोकतांत्रिक तरीके से राज्य में विभिन्न दलों के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे। सामाजिक कार्यकर्ता के नाते 250 से अधिक गरीब आदिवासी बच्चों को पढ़ाते थे।उनके भोजन,आवास की चिंता करते थे। साथ ही क्षेत्र में व्याप्त अवैध उत्खनन, पत्थरों की तस्करी का विरोध करते थे जो माफिया तत्वों को पसंद नहीं था।
 स्व सूर्या हांसदा पर कोई वारंट नहीं था। 14  मुकदमों में वे बरी हो चुके थे, 5 पर जमानत मिल गई थी । बावजूद इसके राज्य की पुलिस इन्हें अपराधी बताकर घर से उठाती है, टॉर्चर करती है और फिर गोली मार देती है जो पूरी तरह से स्पष्ट है। और यही कारण है कि पुलिस ने  मीडिया को भी फर्जी इनकाउंटर की जानकारी नहीं दी।  इससे साफ है कि यह एनकाउंटर नहीं हत्या है। क्षेत्र की जनता, उनके परिजन  स्व सूर्या हांसदा  एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई से कराना चाहते है लेकिन हेमंत सरकार राज्य की एजेंसी के माध्यम से लीपापोती में जुटी है।
एक तरफ राज्य में आदिवासियों की हत्याएं हो रही वही दूसरी ओर आदिवासी रैयतों की नगड़ी  में खेतिहर जमीन को रिम्स 2 के नाम पर राज्य सरकार किसानों को उजाड़ने पर अड़ी हुई है।
 नगड़ी की उपर्युक्त जमीन को  अधिग्रहित करने का प्रयास 1955 में तत्कालीन बिहार सरकार ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय केलिए करने का प्रयास किया था जिसे प्रबल विरोध के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री ने नगड़ी आकर जमीन नहीं लेने की घोषणा की थी।तब से रैयतों के नाम मालगुजारी रसीद काटी जाती रही। वर्ष 2012 में फिर  एकबार झारखंड सरकार ने जमीन का अधिग्रहण किया और फिर से प्रबल विरोध के बाद सरकार ने प्रक्रिया रोक दी।परन्तु तब से मालगुजारी रसीद नहीं काटी जा रही। ऐसे में किसान अपनी जमीन को लेकर सशंकित हैं।
 अबुआ राज की डुगडुगी पीटने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में आदिवासी लूटे भी जा रहे और पीटे भी। रोज हत्याएं हो रही।बहन बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं।प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासी जमीन की लूट और सूर्या हांसदा की हत्या को लेकर सड़क से सदन तक लगातार आंदोलन किया है , लेकिन राज्य सरकार कान में तेल डालकर सोई हुई है आप राज्य के संवैधानिक प्रमुख के साथ  साढ़े तीन करोड़ जनता के अभिभावक हैं। इसलिए प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में प्रखंड स्तर पर प्रदर्शन करते हुए आपसे गुहार लगा रहे। आज प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से भाजपा के कार्यकर्ता आपसे अनुरोध करते हैं कि जनहित में ,राज्य हित में दोनों मुद्दों को आप गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लें तथा स्व सूर्या हांसदा की हत्या की सीबीआई  जांच कराने तथा नगड़ी में रैयतों को उनके जमीन को वापस दिलाने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने की कृपा की जाए मांग पत्र को सौंपने के लिए राजमहल के पूर्व विधायक अनंत ओझा रामानंद साह धर्मेंद्र कुमार अनंत सिंन्हा संजय कुमार चांदनी देवी डब्लू ओझा गणेश तिवारी चंद्रभान शर्मा और सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।
 
                  रांची। ऑल इंडिया एससी एसटी एकता मंच झारखंड के अध्यक्ष वंश लोचन राम ने झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को पत्र लिखकर अनुसूचित जातियों के लिए कई महत्वपूर्ण मांगें उठाई गई हैं। पत्र के माध्यम से निम्नलिखित मांग की है।
1. अनुसूचित जाति आयोग का गठन और रिक्त पदों को भरना झारखंड अनुसूचित जाति आयोग के रिक्त पदों को भरने और नियमावली तैयार करने की मांग की गई है।
2. अंबेडकर छात्रावास की व्यवस्था*: सभी जिलों में अंबेडकर छात्रावास की व्यवस्था करने की मांग की गई है।
3. आरक्षण का लाभ*: चौकीदार के पद पर नियुक्ति में अनुसूचित जातियों को आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई है।
4. शिक्षा का अधिकार : गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सभी गरीब लोगों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने की मांग की गई है।
5. न्यूनतम मजदूरी*: असंगठित श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण करने और इसका अनुपालन करने की मांग की गई है।
इन मांगों का उद्देश्य अनुसूचित जातियों और अन्य वंचित वर्गों को सामाजिक और आर्थिक न्याय प्रदान करना है। झारखंड सरकार से इन मांगों पर विचार करने और आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
नुसूचित जाति आयोग: झारखंड अनुसूचित जाति आयोग के रिक्त पदों को भरने और नियमावली तैयार करने की मांग की गई है
शिक्षा और स्वास्थ्य  गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सभी गरीब लोगों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने और स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने की मांग की गई है।
न्यूनतम मजदूरी: असंगठित श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण करने और इसका अनुपालन करने की मांग की गई है।इन मांगों को पूरा करने से अनुसूचित जातियों और अन्य वंचित वर्गों को सामाजिक और आर्थिक न्याय मिलेगा।
 
                  रांची। झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उराँव ने पीएम नरेंद्र मोदी भारत सरकार ,नई दिल्ली, एवं नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री ,बिहार सरकार को जनजातियों के प्राचीन धरोहर स्थल रोहतासगढ़ किला (कैमूर-बिहार) को गोद (संरक्षण एवं संर्वधन) लेने के संबंध में लिखा पत्र। पत्र के माध्यम श्री उरांव ने जनजातियों / आदिवासियों की प्राचीन धरोहर रोहतासगढ़ किला (कैमूर-बिहार) को गोद लेकर इसका कायाकल्प करने की सख्त आवश्यकता है। इसी रोहतासगढ़ किला से जनजातियों का शासन-प्रशासन चलता था। आज इस किला जो जीन-सीन (खण्हर) अवस्था में है, उसका उद्धार करना अतिआवश्यक है। इस प्राचीन धरोहर स्थल से शेरशाह सूरी को हमारे पूर्वज सिनगी दई-कैली दई ने पुरुष वेश धारण कर तीन बार हराया था। ऐसे धरोहर स्थल का जीर्णोद्धार होना अतिआवश्यक है। माघ पूर्णिमा के दिन प्रति वर्ष वनवासी कल्याण आश्रम के तत्त्वावधान में रोहतासगढ़ तीर्थ यात्रा महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन होते आ रहा है। इस कार्यक्रम में देश के कई राज्यों से जनजाति/आदिवासी समाज आते हैं और पूजा-पाठ कर पूर्वजों से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।वर्तमान समय में रोहतास प्रखण्ड से किला की दूरी 37 कि.मी. है जो अत्यंत ही जर्जर (उबड़-खाबड़ ) है, किला का सुन्दरीकरण हो, शौचालय की व्यवस्था, सामुदायिक भवन, पानी पीने की व्यवस्था, बिजली की व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, किला से शिव मंदिर की दूरी 5 कि.मी. है उसका भी निर्माण होना आवश्यक है। नोट:- किला के देखभाल करने हेतू स्थानीय आदिवासी को स्थायी पर रखा जाए ताकि किला का उचित देखभाल कर सके।
 प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री से सादर प्रार्थना है कि रोहतासगढ़ किला (कैमूर-बिहार) को गोद लेते हुए जनजातियों / आदिवासियों की धरोहर को बचाने की कृपा प्रदान करें ताकि जनजाति/आदिवासी समाज आपको मसीहा के रूप में देख सके, इसके लिए समस्त भारत देश के जनजाति समाज आपका सदा आभारी बने रहेंगे।
 
 
                  रांची। झारखंड प्रजापति( कुम्हार) महासंघ की प्रदेश का कार्य समिति की बैठक विधानसभा सभागार रांची में संपन्न हुए इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष  देवनारायण प्रजापति एवं संचालन प्रदेश महामंत्री सह माटी कला बोर्ड के माननीय पूर्व सदस्य  ईश्वरचंद्र प्रजापति ने की इस बैठक में मुख्य रूप से महासंघ के पूर्व संरक्षक सह बेरमो के  पूर्व विधायक  योगेश्वर महतो (बाटुल ) महासंघ के पूर्व अध्यक्ष माटी कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष  श्रीचंद प्रजापति, महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष सह माटी कला बोर्ड के मा० पूर्व सदस्य  राजेंद्र पंडित जी एवं माटी कला बोर्ड के  सदस्य श्री नीरज प्रजापति उपस्थित रहे ! इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सभी जिला का अध्यक्ष/ महामंत्री गण भाग लिए सभी सदस्यों ने बारी बारी से अपना विचार रखा तत्पश्चात सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि महासंघ को ग्राम स्तर तक  जोड़ने हेतु जिला प्रवास का कार्यक्रम बनाया गया। एवं सभी जिला में प्रवास हेतु जिला संयोजक, सहसंयोजक का गठन किया गया।
झारखंड प्रजापति (कुम्हार) महासंघ ने कहा कि झारखंड में कुम्हारो की संख्या 32 लाख है फिर भी हम कुम्हार को पता नहीं सरकार क्यों अपेक्षित रख रही है हमारा हक हमें नहीं दे रहे हैं इसलिए महासंघ सरकार से मांग करता हूं की माटी कला बोर्ड का गठन जल्द से जल्द करें। राजनीति में भी उचित प्रतिनिधित्व दें।
इस बैठक में मुख्य रूप से मुख्य रूप से
मुख्य रूप से उपाध्यक्ष संजय पंडित, पुना बेसरा, संगठन मंत्री पप्पू पंडित, प्रदेश मंत्री लक्ष्मण पंडित, रमेश चंद्र मांझी प्रदेश प्रवक्ता विक्रम महतो, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय प्रजापति, महिला प्रदेश महिला प्रभारी कामिनी देवी, प्रदेश युवा प्रभारी शंभू प्रजापति ,सह प्रभारी संदीप पंडित, हजारीबाग जिला अध्यक्ष नरेंद्र प्रजापति , जमशेदपुर जिला अध्यक्ष तेतर प्रजापति, बोकारो जिला अध्यक्ष शेखर प्रजापति, गुमला जिला अध्यक्ष राजू प्रजापति, कोडरमा जिला अध्यक्ष भुनेश्वर पंडित, रामगढ़ जिला अध्यक्ष राधा विनोद प्रजापति , लातेहार जिला अध्यक्ष भुनेश्वर प्रजापति , लोहरदगा जिला अध्यक्ष सरोज प्रजापति, धनबाद जिला महामंत्री अर्जुन पंडित, साहिबगंज जिला अध्यक्ष पिंटू पंडित, उमेश प्रजापति।
प्रदेश कार्य समिति सदस्य--- विशेश्वर महतो, हरिवंश पंडित, जागेश्वर प्रजापति , प्रकाश बाबा
विशेष आमंत्रित सदस्य , प्रदीप प्रजापति, विनोद प्रजापति, उमाशंकर पंडित, रणजीत पंडित, गोपाल पंडित, बोधी पंडित, विजय पंडित, केदार पंडित ।
 
                  रांची। झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के  अध्यक्ष सोमा उरांव ने  राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष लोकसभा नई दिल्ली एवं  सोनिया गाँधी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी नई दिल्ली को पत्र लिखकर कांके प्रखंड के नगड़ी ग्राम के कृषि युक्त भूमि पर रिम्स-2 नहीं बनाने हेतू डा. इरफान अंसारी को मना करने के संबंध में, चिट्ठी लिखा।  पत्र में उल्लेख है कि है  झारखंड के रांची जिला के कांके प्रखंड के नगड़ी ग्राम के आदिवासियों के कृषि युक्त भूमि पर डा. इरफान अंसारी के द्वारा जबरजस्ती बिना मुआवजा दिए रिम्स-2 बनाने पर अड़ा हुआ है। विदित हो कि सरकार द्वारा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय हेतू सन् 1957-58 ई. में अधिकृत किया गया था, जबकि कुल 153 किसानों में से मात्र 19 किसानों ने ही मुआवजा लिए थे और  बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का कहना है कि मैनें उस आदिवासियों की कृषि भूमि को कभी भी अधिकृत नही किया है। उस समय से लेकर अभी तक आदिवासियों के द्वारा खेती-बारी कर जीवन यापन करते आ रहे हैं। भूमि अधिकरण 1913 के अनुसार भूमि अधिग्रहण करने से पूर्व उचित मुआवजा, पूनर्वास एवं भूमि देने के उपरांत ही भूमि अधिकरण किया जा  सकता है अन्याथा नहीं। सन् 1912-13 ई. तक किसानों का रसीद भी कटते आया है, फिर रसीद कटना बंद हो गया, उसी समय 2012-13 में स्व. शिबू सोरेन उसी कृषि युक्त भूमि पर सभा स्थल में ग्रामीणों को स्पष्ट शब्दों में कहा था कि कृषि युक्त भूमि को सरकार नहीं ले सकती है, आप लोग हल जोतिये और खेती-बारी कीजिए, उस समय से अभी तक आदिवासी खेती-बारी कर जीवन बसर कर रहे है। उसी समय तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्री जयराम रमेश जी ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा  कि कृषि  युक्त भूमि को अधिकृत नहीं किया जा सकता है। 
    
चूंकि झारखंड प्रदेश पांचवी अनुसूची क्षेत्र है और यहां सी.एन.टी 1908 (छोटानागपुर काशकारी अधिनियम 1908) लागू है। तथा इस कानून के अंतरगत घारा 49 का 3 में यह उल्लेख किया गया है कि यदि सरकार किसी प्रयोजन हेतू भूमि अधिकृत करती है और उस भूमि के एवज में यदि किसान मुआवजा भी ले लेते है और सरकार यदि पांच साल तक उस भूमि पर कोई कार्य नहीं करती है तो ऐसी परिस्थिति में उपायुक्त के माध्यम से भूमि को किसानों को
स्वत: वापस कर देना है। परंतु इस कृषियुक्त भूमि पर इस प्रकार का कोई कार्य नहीं किया गया, नाहि ग्रामीणों को सूचना दिया गया तथा नाहि ग्रामसभा से  अनुमति ली गई।
    बीतें दिनों हजारों-हजार की संख्या में आदिवासी समाज के लोग 24 अगस्त 2025 को हल जोतो और रोपा रोपो के कार्यक्रम में हल जोताई एवं धान रोपाई की गई, जिसमें प्रशासन के द्वारा आसू गैस के गोले, लाठीचार्ज एवं बंदूक के नोंक में भय दिखाया गया, परंतु किसान मार खाते हुए भी हल जोताई एवं धान रोपाई का कार्यक्रम किया, जिसमें प्रशासन के द्वारा झूठा आरोप एवं खतरनाक धारा लगाते हुए कुल 85 लोगों पर प्रथमिकी दर्ज की गई।
आदिवासियों की कृषि युक्त भूमि पर रिम्स-2 बनाने के लिए डा. इरफान अंसारी अडे़ हुऐ है। अगर सरकार जबर-जस्ती उसी भूमि पर असंवैधानिक, गैर-कानूनी, प्रशासन के बल पर रिम्स-2 बनाती है तो झारखंड ही नहीं, भारत के समस्त आदिवासी समाज कांग्रेस पार्टी से अपना मुंह मोड़ लेगी और आने वाले दिनों में जो भी आदिवासी कांग्रेस पार्टी के साथ है, वो भी साथ छोड़ देगी। इसलिए कांग्रेस पार्टी की हित को देखते हुए, पत्र मिलते ही तुरंत डा. इरफान अंसारी को नगड़ी की कृषि युक्त भूमि को छोड़ दुसरे जगह रिम्स-2 बनाने के लिए आदेश देने की कृपा करें, ताकि आदिवासियों का कांग्रेस पार्टी के प्रति विश्वास बना रहे नही तो झारखंड ही नहीं पूरे भारत देश में कांगे्रस पार्टी के प्रति आदिवासियों का विश्वास जो स्व. इंदिरा गांधी के समय से है वह टूट जाएगा और इसका खामियाजा काग्रेस पार्टी को ही भूगतना पडे़गा।
 
                  रांची । Aimim- All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen झारखंड इकाई की एक महत्वपूर्ण प्रदेश स्तरीय बैठक सह प्रेस कॉन्फ़्रेंस प्रदेश अध्यक्ष मो. शाकिर की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य झारखंड में सदस्यता अभियान को तेज़ी देना, संगठन को नए सिरे से मज़बूती प्रदान करना तथा आने वाले समय में पार्टी के राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करना रहा।
बैठक में प्रदेश के सभी नवनियुक्त पदाधिकारी, ज़िला अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हैदराबाद सांसद बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब की क़ियादत, झारखंड प्रभारी माजिद हुसैन साहब के निर्देशन और प्रदेश अध्यक्ष मो. शाकिर के मार्गदर्शन में कई अहम निर्णय लिए गए तथा नवनियुक्त पदाधिकारियों की घोषणा की गई।
नवनियुक्त प्रदेश पदाधिकारी
इंतख़ाब आलम – प्रदेश महासचिव सह दक्षिण छोटानागपुर प्रभारी
डॉ. मो. नसीम अंसारी – प्रदेश महासचिव सह संथाल परगना प्रभारी
राशिद हुसैन (बाबर ख़ाँ) – प्रदेश महासचिव
अफ़ज़ल सिद्दीकी – प्रदेश महासचिव सह उत्तरी छोटानागपुर प्रभारी
महताब आलम – प्रदेश महासचिव (संगठन)
कैस अहमद अंसारी – प्रदेश सचिव (संगठन)
मो. इब्राहीम जावेद – प्रदेश सदस्यता प्रभारी सह संयुक्त प्रभारी उत्तरी छोटानागपुर
हाजी मो. तनवीर आलम – प्रदेश सचिव
काज़ी अब्दुल मुकीत – प्रदेश सचिव
सालिक जावेद – प्रदेश सचिव सह कोल्हान प्रभारी
मोहम्मद अर्श – प्रदेश सचिव
शोऐब कलाम – प्रदेश सचिव
बजरंग लोहरा – प्रदेश सचिव
मो. शमीम – प्रदेश संयुक्त सचिव
अब्दुल लतीफ़ अंसारी – प्रदेश संयुक्त सचिव
मौलाना मोकर्रम मदनी – प्रदेश संयोजक, ओलमा प्रकोष्ठ
सीमा परवीन – प्रदेश संयोजिका (महिला विंग)
-नवनियुक्त ज़िला अध्यक्ष
राशिद जमाल – रांची महानगर ज़िला अध्यक्ष
अरशद अयूब – रांची ग्रामीण ज़िला अध्यक्ष
 इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि AIMIM झारखंड, बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब की क़ियादत में झारखंड की राजनीति में नई पहचान और मज़बूत विकल्प के रूप में उभरेगी। बैठक में सदस्यता अभियान को हर पंचायत और प्रखंड स्तर तक पहुँचाने पर ज़ोर दिया गया।
 
                  साहिबगंज। जिला के परिवहन पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह ने साहिबगंज संवाददाता से बात करते हुए कहा कि साहिबगंज जिले में जितने भी इलेक्ट्रॉनिक टोटो डीजल पेट्रोल ऑटो है उन सभी चालकों को जल्द ही आईडी कार्ड निर्गत किया जाएगा और साथ में उन सभी टोटो चालकों ऑटो चालकों का निबंधन भी नगर परिषद के द्वारा किया जाएगा इसे आम जनता को सुविधा होने के साथ-साथ अगर किसी क्षेत्र में कोई दुर्घटना होती है तो टोटो चालकों और ऑटो चालकों के आईडी कार्ड से तुरंत जानकारी प्राप्त हो जाएगी जिससे कि त्वरित गति में सहायता की जा सके साथ में परिवहन पदाधिकारी ने कहां की कुछ असामाजिक तत्व भी कुछ चालकों के रूप में आकर गलत कार्य करते हैं अगर उनके पास आईडी कार्ड नहीं होगा तो यात्री भी सचेत हो जाएंगे और उनसे अपराधिक गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही साहिबगंज के सभी इलेक्ट्रिक वाहनों और डीजल वाहनों को ड्रेस कोड अनिवार्य किया जाएगा जिससे कि यात्रियों को सुविधा अधिक मिल सकेगी उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
 
                  साहिबगंज। जिला के परिवहन पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह ने साहिबगंज संवाददाता से बात करते हुए कहा कि साहिबगंज जिले में जितने भी इलेक्ट्रॉनिक टोटो डीजल पेट्रोल ऑटो है उन सभी चालकों को जल्द ही आईडी कार्ड निर्गत किया जाएगा और साथ में उन सभी टोटो चालकों ऑटो चालकों का निबंधन भी नगर परिषद के द्वारा किया जाएगा इसे आम जनता को सुविधा होने के साथ-साथ अगर किसी क्षेत्र में कोई दुर्घटना होती है तो टोटो चालकों और ऑटो चालकों के आईडी कार्ड से तुरंत जानकारी प्राप्त हो जाएगी जिससे कि त्वरित गति में सहायता की जा सके साथ में परिवहन पदाधिकारी ने कहां की कुछ असामाजिक तत्व भी कुछ चालकों के रूप में आकर गलत कार्य करते हैं अगर उनके पास आईडी कार्ड नहीं होगा तो यात्री भी सचेत हो जाएंगे और उनसे अपराधिक गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही साहिबगंज के सभी इलेक्ट्रिक वाहनों और डीजल वाहनों को ड्रेस कोड अनिवार्य किया जाएगा जिससे कि यात्रियों को सुविधा अधिक मिल सकेगी उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
 
                  रांची। झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह को 8 सूत्री मांगों के संबंध में पत्र लिखा है। इन मांगों में शामिल हैं :-
पंचायतों को वित्तीय सहायता: 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग की राशि तत्काल उपलब्ध कराना।
आकस्मिक मृत्यु/दुर्घटना के लिए बीमा/मुआवजा: पंचायत जनप्रतिनिधियों के लिए 30 लाख रुपये का बीमा/मुआवजा और विधायकों की तरह सेवा समाप्ति के बाद पेंशन की मांग।
मासिक मानदेय: सभी त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को केरल राज्य के तर्ज पर मासिक मानदेय प्रदान करना।
वित्तीय शक्तियों का उपयोग: टाइड और अनटाइड मद की राशि को जरूरत के अनुसार खर्च करने और चेक द्वारा भुगतान करने का अधिकार देना।
वित्तीय शक्तियों की बहाली : बिना जांच के जनप्रतिनिधियों की वित्तीय शक्तियाँ जब्त न करना और जिनकी शक्तियाँ जब्त की गई हैं, उन्हें बहाल करना, साथ ही आत्मरक्षा के लिए अंगरक्षक और शस्त्र लाइसेंस देना।
डीएमएफटी फंड का उपयोग: त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अनुसार डीएमएफटी फंड का उपयोग करना।
पूर्ण अधिकार: त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को 14 विभाग और 29 विषयों में पूर्ण अधिकार देना।
निजी मद की उपलब्धता: सांसद और विधायक मद के तर्ज पर राज्य वित्त आयोग के द्वारा त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को निजी मद उपलब्ध कराना।
इन मांगों को पूरा करने के लिए झारखंड प्रदेश मुखिया संघ ने केंद्रीय मंत्री से शीघ्र कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। संघ का कहना है कि अगर मांगें पूरी होती हैं तो इससे पंचायतों और जनप्रतिनिधियों को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी ।
 
                  रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सत्ता से बेदखल भाजपा को आज भी समानांतर सरकार चलाने का भ्रम हो गया है। हर मुद्दे पर भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह करना ही भाजपा का एजेंडा है।
श्री पांडेय ने कहा कि सूर्या हांसदा प्रकरण में भाजपा जिस तरह से राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रही है, वह आदिवासी समाज का अपमान है। झामुमो के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं विधायक हेमलाल मुर्मू पहले ही सूर्या के आपराधिक जीवन का पूरा विवरण सार्वजनिक कर चुके हैं। आदिवासी समाज अपराधियों को स्वीकार नहीं करता। ऐसे व्यक्ति को ‘सामाजिक कार्यकर्ता’ बताकर भाजपा जनता की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि आखिर सूर्या पर दर्ज 24 से अधिक मुकदमों का सच क्या था। क्या अवैध खनन और तस्करी के संरक्षण से भाजपा के कुछ चेहरे जुड़े नहीं रहे हैं? सच तो यह है कि भाजपा अपने दिल्ली वाले आकाओं के इशारे पर नाचना बंद करे और प्रदेश की लोकप्रिय हेमंत सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र त्याग दे।
नगड़ी भूमि विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री पांडेय ने कहा कि भाजपा जानबूझकर आधे-अधूरे तथ्यों को पेश कर रही है। रैयतों की भावनाओं का सम्मान हेमंत सरकार ने किया है और विकास के साथ अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित कर रही है। जमीन अधिग्रहण का निर्णय पूर्ववर्ती सरकारों में लिया गया था, जिसे लेकर संघर्ष भी हुआ। हेमंत सरकार ने हमेशा संवाद की पहल की है, लेकिन भाजपा सस्ती राजनीति के लिए किसानों को भड़काने से बाज नहीं आ रही।
श्री पांडेय ने कहा कि भाजपा के पास न तो जनादेश है, न ही कोई ठोस मुद्दा। इसलिए कभी सीबीआई का राग, कभी भूमि विवाद का बहाना बनाकर जनता को गुमराह कर रही है। प्रदेश की जनता सब समझ रही है।
उन्होंने कहा कि यदि बाबूलाल मरांडी सचमुच आदिवासी समाज और गरीबों के हितैषी हैं तो केंद्र की भाजपा सरकार से झारखंड के बकाया खनिज राजस्व, विशेष पैकेज और एमएसपी की गारंटी की मांग करें। हेमंत सरकार की ओर से एसटी को 28 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत व एससी को 12 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर किए गए पहल को पूरा करने के लिए भाजपा नेता केंद्र सरकार और राज्यपाल से क्यों नहीं बात करते।  
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को चाहिए कि वे झूठ की राजनीति छोड़कर जनता की भावनाओं के अनुरूप सकारात्मक सहयोग करें। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी प्राथमिकता है।
 
                  रांची। सुखदेव नगर हेसल सरना समिति साथी संघठन के द्वारा इस वर्षो बड़े ही धूमधाम से परम्परागत रीतिरिवाज के साथ करम महोत्सव बनया गया जिसमे मुख्य अतिथि मिर्त्युजय सिंह,एवं युवा आदिवासी अगुआ राहुल तिर्की विशिस्ट अतिथि नीरज कुमार वार्ड 31 के पार्षद प्रत्याशी एवं भगवा सेना के संयोजक मंजीत सिंह सेना प्रमुख अमित सोनी काली मंदिर दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष सुजीत वर्मा मौजूद थे जिसमे साथी संघठन के अध्यक्ष आनंद कुजूर ने अंग वस्त्र एवं मोमेंट देकर अतिथि का स्वागत किया गया जिसमे निरत्या प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे ग्रुप केटगरी मे प्रथम स्थान गुमनाम अग्नि को दिया गया द्वितीय स्थान सुकून क्रिव एवं तृतीय स्थान द सोलो क्रिव को दिया गया सोलो डांस केटगरी मे पहला स्थान लाइन पॉप को मिला दूसरा स्थान प्रकश तृतीय स्थान पर ऋतू रही इस कार्यक्रम मे एक सरहानीय नृत्य प्रतियोगिता मे फोल्क डांस भी रखा गया था जिसमे पहला स्थान हेसल सरना समिति छोटका टोली को दिया गया और द्वितीय स्थान सारण सिस्टर एवं तृतीय स्थान पर आरोही और परी को घोषित किया गया इस पूरी डांस प्रतियोगिता मे नागपुरी जगत के उभरते हुए कलाकार अंकित पॉप भी सिरकत किये जज की भूमिका मे दीपक नायक एवं अंकित उरांव की भूमिका अहम रही इस कार्यक्रम मे मुख्य रूप से अध्यक्ष आनंद कुजूर मुख्य संरक्षक अभिजीत कुमार छोटू, प्रकश थापा नरेश उरांव, तुलसी उरांव, शेमल टोप्पो एवं पदाधिकारी सरन उरांव, शुभम बंटी, शशि लकड़ा आयुष उरांव राहुल उरांव रमेश कछप सुमित उरांव आदि लोग मौजूद थे।
 
                  रांची। मानव सेवा कल्याण समिति झारखंड के द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2025 को YBN विद्यालय धुर्वा रांची में गरीब बच्चों के लिए निशुल्क भोजन का आयोजन कर रही है। समिति का उद्देश्य गरीब बच्चों को शिक्षा और पोषण प्रदान करना है, जो देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।
मानव सेवा कल्याण समिति के उद्देश्य:
- गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करना
- गरीब बच्चों को पोषण प्रदान करना
- बच्चों से मजदूरी नहीं करवाना
- राज्य और केंद्र सरकार से गरीब बच्चों के लिए निशुल्क        शिक्षा की मांग करना*
 
                  रांची। मंगलवार को वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता कर बताया, 28 अगस्त 2025 को अपराहन् में जगतपुरम कॉलोनी स्थित बंद घर में अज्ञात अपराधकर्मियों के द्वारा चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था,जिसमें वादी के घर से जेवरात की चोरी हुई। वादी के लिखित आवेदन के आधार पर कांके थाना कांड संख्या-232/25, दिनांक-28. 08.25 धारा-305/33(3) BNS दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए घटना के उद्भेदन, अपराधियों की गिरफ्तारी एवं छापामारी के संबंध में पुलिस उप-महानिरीक्षक-सह-वरीय पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण के निर्देशन एवं वरीय पुलिस उपाधीक्षक, मुख्यालय, प्रथम के नेतृत्व में छापामारी दल का गठन किया गया था।
अनुसंधान के क्रम में दिनांक-01.09.25 के प्रातः में गुप्त सूचना मिली की कांके थाना क्षेत्र अन्र्तगत सा०-जगतपुरम कॉलोनी स्थित एक घर में हुई चोरी की घटना में संलिप्त अपराधी आई०टी०आई० बस स्टैन्ड, पिस्का मोड़, रांची के पास छुपे हुये है।
प्राप्त सूचनानुसार छापामारी दल द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आई०टी०आई० बस स्टैन्ड, पिस्का मोड़, रांची पहुँचने पर ज्ञात हुआ कि अपराधी अरूण कुमार शर्मा, पिता-मथुरा शर्मा, सा०-न्यू मधुकम, स्वर्ण जयंती नगर, थाना-सुखदेवनगर, जिला-रांची एवं रोहित कुमार, पिता-स्व० जागोली सिंह उर्फ जगबली सिंह, सा०-न्यू मधुकम, स्वर्ण जयंती नगर, थाना-सुखदेवनगर, जिला-रांची चोरी के सारे सामान को एक बैग में डालकर बेचने हेतु अन्यत्र भाग रहे है, जिन्हें पुलिस के द्वारा घेराबंदी कर पकड़ लिया गया। पकड़ाये हुए अपराधी से पुछताछ करने पर घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए बताया गया कि दिनांक-28.08.25 को ये लोग एक्टिवा स्कूटी रजि नं0-JH0IFE2303 में बैठकर योजना के तहत कांके की ओर गये तथा घुम-घुमकर बंद घर की खोजबीन कर रहे थे। कांके थानान्र्तगत जगतपुरम कॉलोनी के पास पहुँचे तो देखे कि एक सफेद रंग का घर के मेन गेट में ताला लगा हुआ है। तत्पश्चात् उस घर का ताला इनलोगों के द्वारा तोड़ा गया। ताला तोड़ने के पश्चात् पूरे घर में छानबीन करने पर ये लोग एक कमरा में रखे गोदरेज को तोड़कर कर, उसमे रखे सोना-चांदी को एक झोला में रखकर वहां से बाहर निकलकर भाग गये। फिर सारा समान लेकर ये लोग रातू चले गये। 2-3 दिन इंतजार करने के बाद सारा सामान को ठिकाने लगाने के लिए ये लोग संतोष सोनी, न्यू मधुकम, सुखदेवनगर, रांची को सामान बेचने के लिए सम्पर्क किये, जिसपर वह तैयार हो गया। ये लोग सारे सामानों को बैग में डालकर आई०टी०आई० बस स्टैन्ड, पिस्का मोड़ के पास ज्योहीं पहुँचे तो तो ही पुलिसकर्मी द्वारा चोरी के सभी समानों के साथ इनलोगो को पकड लिया गया। पकडाये अपराधकर्मियों के निदशानदेही पर संतोष सोनी, पिता-भरत प्रसाद, न्यू मधुकम चुना भठ्ठा, थाना-सुखदेवनगर, रांची को भी गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अपराधियों का अपराधिक इतिहास रहा है तथा इनके द्वारा प्रायः चोरी की घटना को रांची जिला अर्न्तगत विभिन्न थाना क्षेत्र में अंजाम दिया गया है।
गिरफ्तार किये गये अपराधकर्मी का नाम एवं पताः-
1. अरूण कुमार शर्मा, पिता-मथुरा शर्मा, सा०-न्यू मधुकम, स्वर्ण जयंती नगर, थाना-सुखदेवनगर, जिला-रांची,
2. रोहित कुमार, पिता-स्व० जागोली सिंह उर्फ जगबली सिंह, सा०-न्यू मधुकम, स्वर्ण जयंती नगर, थाना-सुखदेवनगर, जिला-रांची
3. संतोष सोनी, पिता-भरत प्रसाद, न्यू मधुकम, चुना भठ्ठा, थाना-सुखदेवनगर, रांची।
अपराधिक इतिहास :-
1. अरूण कुमार शर्मा का अपराधिक इतिहास निम्न है :-
i. गोविन्दपुर (नवादा) थाना कांड संख्या-100/17, दिनांक-18.09.17, धारा-414 भा०द०वि०,
ii. सुखदेवनगर थाना कांड संख्या-451/17, दिनांक-14.09.17, धारा-394 भा०द०वि०,
iii. टाटीसिल्वे थाना कांड संख्या-103/22, दिनांक-06.10.22, धारा-457/380/511 भा०द०वि०,
iv. नगड़ी थाना कांड संख्या-97/23, दिनांक-25.12.23, धारा-380/457/411 भा०द०वि०,
V. नगड़ी थाना कांड संख्या-250/23, दिनांक-25.12.23, धारा-380/457/411 भा०द०वि०,
vi. कांके थाना कांड संख्या-196/24, दिनांक-06.07.24, धारा-331 (4)/305/317 (2) BNS
vii. रातू थाना कांड संख्या-359/24, दिनांक 31.10.24, धारा-305/317 (5) भा०न्या०सं०
2. रोहित कुमार का अपराधिक इतिहास निम्न है :-
i. सुखेदवनगर थाना कांड संख्या-67/20, दि०-08.10.20, धारा-302/34 भा०द०वि० एवं 27 आर्म्स एक्ट
बरामद एवं जप्त सामान की विवरणीः-
1. ब्लू रंग का Activa स्कूटी वाहन संख्या-JH01FE2303,
2. कान का झुमका सोना का-03 जोड़ा,
3. लरी सोना का-02 जोड़ा,
4. बाली सोना का-03 जोड़ा,
5. चेन सोना का-02 अद्द,
6. पायल चांदी का-06 जोड़ा,
7. घुंघरू चांदी का-01 अद्द,
8. नथिया सोना का-04 अद्द,
9. लॉकेट सोना का-02 अद्द,
10. चुड़ी चांदी का-04 जोड़ा + सिंगल-01 पीस,
11. हार सेट सोना का-01 अद्द,
12. ब्रॉसलेट चांदी का-03 अद्द,
13. मांगटीका सोना का-01 अद्द,
14. अंगुठी सोना का-03 अद्द,
15. जीतिया सोना का-01 अदद,
16. चांदी का सिक्का-06 अद्द,
17. राधा-कृष्ण मुर्ति चांदी का-01 अद्द,
18. ग्लास चांदी का-01 अद्द,
19. चम्मच चांदी का-01 अद्द,
20. कटोरी चांदी-01 अद्द,
21. सिल्वर मेडल-01 अद्द,
22. पंजा सेट, सिटि गोल्ड का 01 अद्द,
23. एन्ड्रॉयड मोबाईल-02 अद्द
छापामारी दल के सदस्यः-
1. अमर कुमार पाण्डेय, पुलिस उपाधीक्षक (मु०) प्रथम, राँची,
2. पु०नि०-सह थाना प्रभारी, प्रकाश रजक, कांके थाना, रांची,
3. पु०अ०नि०, मनोज करमाली, कांके थाना, रांची,
4. पु०अ०नि०, अरविन्द कुमार, कांके थाना, रांची
5. पु०अ०नि०, काफील अहमद, कांके थाना, रांची,
6. पु०अ०नि०, प्रवीण रजक, कांके थाना, रांची,
7. पु०अ०नि०, सतीश कुमार, कांके थाना, रांची,
8. पु०अ०नि०, रवि कुमार सिंह, कांके थाना, रांची,
9. पु०अ०नि०, टिंकु रजक, कांके थाना, रांची,
10. स०अ०नि०, बलेन्द्र कुमार, तकनिकी शाखा, रांची,
11. कांके थाना सशस्त्र बल।
 
                  साहिबगंज। जिले के ग्राम उरसा पहाड़ पोस्ट घटियारी अंचल पतना जिला साहिबगंज के कई ग्रामीणों ने आज साहिबगंज जिला के खाद आपूर्ति पदाधिकारी श्री झुन्नु कुमार मिश्रा को मांग पत्र सौंपा मांग पत्र सौंपने के बाद संवाददाता से बात करते हुए वहां के ग्रामीणों ने बताया कि उनका हरा कार्ड बना है पर जबकि हम लोग पहाड़िया जनजाति से हैं हमें अंत्योदय कार्ड या पीला कार्ड से ही राशन मिलना चाहिए हरा कांड होने पर भी हमारे डीलर हमको अनाज वितरण नहीं करते हैं और कहते हैं कि जब पीला कार्ड बन जाएगा तब अनाज दिया जाएगा हमारी मांग यह है कि हम लोगों का अंत्योदय कार्ड बनाया जाए और कुछ ऐसे परिवार हैं जो कि हमसे अलग हो गए हैं उनका नाम काटकर उन्हें भी नया अंत्योदय कार्ड जल्द से जल्द बनवाया जाए इस संबंध में जब खाद आपूर्ति पदाधिकारी से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि खाद आपूर्ति सचिव से बात कर ली गई है कि उन्होंने कहा है की 10 दिनों के अंदर एक बैठक बुलाई जाएगी और उनके समस्या का समाधान कर लिया जाएगा उर्स पहाड़ से कई पहाड़ियां समुदाय आए थे जिसमें की बंगारू पहाड़ियां लौकी पहाड़िया जुहान मालतो शनिचर पहाड़िया मुंगला पहाड़िया मंडल पहाड़िया मेसा पहाड़िया देवा पहाड़िया पेंट पहाड़िया और सभी ग्रामीण उपस्थित थे।
 
                  रांची। मंगलवार को आदिवासी नेता स्व: सूर्या हांसदा फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर राष्ट्रीय आदिवासी मंच के माध्यम से पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सन्नी टोप्पो उरांव के नेतृत्व में झारखंड के महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात कर झारखंड सरकार को सीबीआई जांच के लिए दिशा निर्देश देने की मांग किया नहीं तो आदिवासी समाज पुनः सड़कों पर उतर कर सीबीआई जांच की मांग करेगा वही महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार ने सदस्यों को इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की सलाह दिया मौके पर बलवंत तिर्की, ओमप्रकाश, राजू उरांव , रौशनी मुंडा उपस्थित थे।
 
                  रांची । झारखंड गैर सरकारी स्कूल संचालक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी,उपाध्यक्ष सह कोषाध्यक्ष शंभू लाल वर्णवाल,केंद्रीय सचिव अजय शंकर कुमार, केंद्रीय महासचिव कृष्णा मोदी ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति बयान जारी करते हुए झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार द्वितीय संशोधन नियमावली 2025 को कैबिनेट के द्वारा पारित करने पर आभार प्रकट किया है। संघ के केंद्रीय अध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी ने यह उम्मीद व्यक्त करते हूए कहा है कि गैर मान्यता प्राइवेट स्कूल संचालको को मान्यता लेने के कड़े नियमों को निश्चित रूप खत्म किए होगे। जिससे सभी गैर मान्यता प्राइवेट स्कूलो को झारखंड निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार द्वितीय संशोधन नियमावली 2025 के तहत मान्यता मिलने में आसानी होगी,यह नियमावली को देखने के बाद ही हम लोग जान पाएंगे कि सरकार के द्वारा गैर मान्यता प्राइवेट स्कूल संचालकों को कितना राहत दिया है?
 
                  राँची। जिले के बुंडू,तमाड़,सिल्ली, सोनाहातु समेत कई क्षेत्रों में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाते हुए अवैध बालू खनन और परिवहन का कार्य दिन-रात जारी है। इन इलाकों में प्रतिदिन सैकड़ों हाइवा, ट्रक और ट्रैक्टरों के माध्यम से नदियों से अवैध रूप से बालू निकाला जा रहा है। इस खनन ने जहाँ एक ओर पर्यावरण को गहरी क्षति पहुँचाई है, वहीं दूसरी ओर वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास पर भी संकट मंडराने लगा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नदियों की सतह इतनी अधिक खोदी जा रही है कि उनका स्वरूप ही बदल रहा है। इससे प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है और वनों में विचरण करने वाले हाथियों का झुंड अपने रास्ते से भटककर गांवों की ओर रुख कर रहा है, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है।
अबुआ अधिकार संघ ने दी चेतावनी
इस मुद्दे पर अबुआ अधिकार संघ ने जिला प्रशासन और खनन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि जिला खनन कार्यालय इन अवैध गतिविधियों में या तो प्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है या इन पर जानबूझकर आंख मूंदे हुए है। संघ का कहना है कि विभाग को अवैध व्यापार में संलिप्त प्रत्येक व्यक्ति और वाहन की जानकारी है, फिर भी कार्रवाई नहीं की जा रही।
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिनों के भीतर इस अवैध खनन पर प्रभावी रोक नहीं लगाई गई, तो वे दिनांक 06 सितंबर 2025 को मोरहाबादी स्थित साधु प्रतिमा के समक्ष सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक एक दिवसीय धरना देंगे।
ओवरलोडिंग से सड़कें भी क्षतिग्रस्त
स्थानीय सड़कों पर ओवरलोड गाड़ियों का आवागमन लगातार हो रहा है, जिससे सड़कों की स्थिति भी बद से बदतर हो गई है। सिल्ली और सोनाहाता मार्ग पर यह गतिविधि रात के अंधेरे में ही नहीं, बल्कि दिन के उजाले में भी साफ तौर पर देखी जा सकती है।
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या ठोस कदम उठाता है, या फिर अवैध खनन का यह खेल यूँ ही चलता रहेगा।
 
                  रांची अखिल भारतीय अनुसूचित जाति समन्वय समिति झारखंड के अध्यक्ष वंश लोचन पासवान ने जानकारी देते हुए कहा ,संगठन के माध्यम से अनुसूचित जाति के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया जा रहा है। इस संगठन का उद्देश्य अनुसूचित जाति के लोगों को एकता के सूत्र में बांधना और उनकी समस्याओं का समाधान करना है।
संगठन के मुख्य उद्देश्य:
अनुसूचित जाति के लोगों को एकजुट करना: संगठन का उद्देश्य अनुसूचित जाति के लोगों को एकजुट करना और उनकी आवाज़ को मजबूत करना है।
समस्याओं का समाधान*: संगठन का उद्देश्य अनुसूचित जाति के लोगों की समस्याओं का समाधान करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।
संगठित प्रयास*: संगठन का मानना है कि जब तक अनुसूचित जाति के लोग संगठित नहीं होंगे, तब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता है।
संगठन के लिए आह्वान:
एकजुट होने का आह्वान*: संगठन ने झारखंड के सभी अनुसूचित जाति के लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया है।
-50 लाख अनुसूचित जाति के लोगों को संगठित करना संगठन का मानना है कि जब झारखंड के 50 लाख अनुसूचित जाति के लोग संगठित हो जाएंगे, तब उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
आगे वंश लोचन पासवान ने अनुरोध किया कि इस संगठन के साथ जुड़ें और अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों की रक्षा में योगदान करें।
 
                  रांची। झारखंड विधानसभा में पास हुए उस विधेयक का छात्र समाज तीव्र विरोध करता है, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि अब विश्वविद्यालयों में छात्र संघ का चुनाव मतदान के जरिए नहीं होगा और सरकार सीधे-सीधे कुलपति एवं प्रो-वीसी की नियुक्ति करेगी। यह निर्णय न केवल छात्रों की आवाज़ को दबाने वाला है, बल्कि लोकतंत्र के मूल्यों पर सीधा प्रहार भी है।
छात्र नेता इन्द्रोजीत ने कहा कि “यह विधेयक छात्रों को शिक्षा से वंचित करने और उनके लोकतांत्रिक अधिकार छीनने की गहरी साज़िश है। अब छात्र संघ चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया से नहीं होकर केवल कुलपति द्वारा मनमाने तरीके से प्रतिनिधियों की नियुक्ति से होगा, जिससे छात्रों की वास्तविक आवाज़ विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार तक कभी नहीं पहुँच पाएगी। यह छात्रों के अधिकारों का हनन है और किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
इन्द्रोजीत ने आगे कहा कि, “सरकार जिस तरह से निजी संस्थानों की मनमानी फीस पर नियंत्रण करने का दिखावा कर रही है और दूसरी तरफ छात्रों की भागीदारी को खत्म कर रही है, यह दोहरा रवैया साफ़ दर्शाता है कि सरकार छात्रों को केवल कमजोर और नियंत्रित बनाना चाहती है। छात्र संघ हमेशा से छात्र-छात्राओं के अधिकारों, उनकी समस्याओं और आवाज़ को उठाने का सबसे मज़बूत लोकतांत्रिक मंच रहा है। अब उस मंच को खत्म कर दिया जा रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने इस तुगलकी फरमान को वापस नहीं लिया तो राज्यभर के कॉलेज और विश्वविद्यालयों में बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। इन्द्रोजीत ने चेतावनी देते हुए कहा कि “छात्र अपनी आवाज़ दबने नहीं देंगे। हम सड़क से सदन तक इस काले कानून के खिलाफ़ संघर्ष करेंगे और जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल, धरना-प्रदर्शन से लेकर विधानसभा का घेराव भी करेंगे।”
उन्होंने में यह भी कहा है कि सरकार को याद रखना चाहिए कि छात्र समाज ही भविष्य की रीढ़ है। अगर लोकतांत्रिक तरीके से चुने हुए प्रतिनिधियों की जगह नियुक्त प्रतिनिधि थोपे गए तो यह छात्रों की आवाज़ का गला घोंटने जैसा होगा।
 
                  नामकुम (रांची): संगठन सृजन अभियान के तहत आगामी दिनांक 29 अगस्त 2025 दिन शुक्रवार को सारजोमडीह मैदान में नामकुम प्रखंड के ग्राम पंचायत कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त पदाधिकारियों के साथ संवाद चौपाल का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में झारखंड कांग्रेस के प्रभारी के. राजू, सह प्रभारी डॉ सिरीबेला प्रसाद,प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, जिला पर्यवेक्षक शहजाद अनवर, विधायक दल के उप नेता सह स्थानीय विधायक राजेश कच्छप, प्रभारी विधायक नमन विक्सल कोनगाड़ी, जिला अध्यक्ष डॉ. राकेश किरण महतो सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं का जुटान होगा।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा चलाए जा रहे संगठन सृजन अभियान के सभी प्रखंडों में ग्राम पंचायत कांग्रेस कमेटियों का भी गठन किया गया है। साथ ही, सभी मतदान केंद्रों के लिए बी.एल.ए. भी चुने गए हैं। इन कमेटियों के पदाधिकारियों को पार्टी द्वारा नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है ताकि वे अपनी जवाबदेही को समझें एवं समाज में उनका मान सम्मान स्थापित हो।
प्रदेश प्रभारी के.राजू,सह प्रभारी डॉ सिरिबेला प्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा विभिन्न जिलों के पंचायतों में जाकर ग्राम कमेटियों के पदाधिकारियों के साथ संवाद करके जमीनी सच्चाई से अवगत हो रहे हैं। पिछले दिनों रांची जिला के ही चान्हो एवं लोहरदगा जिला के कुड़ू प्रखंड के पंचायतों में इनका दौरा हुआ था। नामकुम प्रखंड के इस कार्यक्रम से गांव स्तर के कार्यकर्ताओं में जान फुंकने की कोशिश की जा रही है ताकि संगठन को जमीनी स्तर पर सशक्त किया जा सके। इस कार्यक्रम में कांग्रेस पदाधिकारियों के अलावा ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्य, मनरेगा कर्मी, महिला समिति के सदस्य तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिगण भी अपनी बातों को अतिथियों के समक़ रखेंगे।
इस कार्यक्रम की तैयारी हेतु आज रांची जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ राकेश किरण महतो, जिला उपाध्यक्ष माधो कच्छप,प्रखंड अध्यक्ष विजय टोप्पो, विधायक प्रतिनिधि सतीश पंडा,जयराम तिर्की,पुनीत तिग्गा,मदन टोप्पो,नितिन तिर्की,विकास मुण्डा सहित अन्य पदाधिकारियों ने स्थल निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
 
                  रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने बयान जारी कर,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता का विश्वास खो चुकी है और अब झूठे आंकड़ों व साम्प्रदायिक जहर के सहारे राजनीति कर रही है।विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि झारखंड की किसी सीमा से अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर नहीं जुड़ता। ऐसे में यदि कहीं घुसपैठ हुआ है तो इसके लिए सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय और उससे जुड़ी एजेंसियां जिम्मेदार हैं। भाजपा को इस मुद्दे पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करने के बजाय केंद्र से जवाब मांगना चाहिए। उन्होंने चुनौती दी कि अगर भाजपा के पास कोई प्रमाणित दस्तावेज है तो वह झारखंड सरकार को सौंपे। राज्य सरकार उस आधार पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी आदिवासी–मूलवासी समाज को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि भाजपा ने ही अपने शासनकाल में झारखंड को बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार की दलदल में धकेला। आज जब हेमंत सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अधिकार की दिशा में ठोस काम कर रही है, तो भाजपा की जमीन खिसकती जा रही है और वह अफवाह फैलाने की राजनीति पर उतर आई है।
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा की असलियत जनता जान चुकी है। यह पार्टी सिर्फ साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण चाहती है और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर अविश्वास पैदा करती है। झारखंड मुक्ति मोर्चा साफ कर देना चाहता है कि आदिवासी–मूलवासी की पहचान और अधिकार सर्वोपरि है, जिसे कोई बदल नहीं सकता। भाजपा कितना भी भ्रम फैलाए, जनता आने वाले समय में उसे करारा जवाब देगी।
विनोद पांडेय ने कहा कि एसआईआर के माध्यम से भाजपा अपने पक्ष में मतदान कराने का षड़यंत्र रच रही है और सबसे बड़ी अदालत जनता की अदालत में इसका माकूल फैसला आएगा। थोड़ा इंतजार कीजिए। झारखंड के जागरूक मतदाताओं ने पिछले साल 2024 में झामुमो के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को भरपूर आशीर्वाद देकर भाजपा को आइना दिखाया था।
 
                  रांचीi। झारखंड विधानसभा में गढ़वा रंका विधानसभा क्षेत्र के  विधायक  सत्येंद्र नाथ तिवारी  के द्वारा कल कई प्रमुख सवालों को विधानसभा सत्र के दौरान प्रमुखता से रखने का कार्य किया। खासकर गैरमजरुआ जमीन को लेकर गढ़वा विधायक  के द्वारा तथ्य प्रस्तुत किया गया है। मेराल प्रखंडवासी ,जिलेवासी के साथ-साथ पूरे प्रदेश के लोग  विधायक  को धन्यवाद दिए हैं। वही गैरमजरूआ जमीन हर घर परिवार से जुड़ा मामला है सरकार के पास अच्छा अवसर था जब घोषणा के अनुरूप कार्य कर सकता था लेकिन   सर्वोच्च न्यायालय में जाकर अपने मानसिकता साबित कर दी है ।विधायक को बधाई देने वालों में भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता शामिल थे।
 
 
                  रांची।नगड़ी में जमीन बचाने को लेकर धान रोपनी करने 
पहूंचे आदिवासियों के साथ  बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज आंसू गैस के गोले  दागे गए प्रशासन द्वारा मारपीट किया गया इसका जनजाति सुरक्षा मंच ने कड़ा विरोध किया है और निंदा करते हुए जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश मिडिया प्रभारी सोमा उरांव ने कहा कि यह सरकार आदिवासी समाज को जल  जंगल जमीन से बेदखल करने का पूरा 
प्रयास कर रहा है  जिसका आदिवासी समाज मुंहतोड़ जवाब नगड़ी में दे दिया  इरफान अंसारी अगर सही मायने में रिम्स 2 बनाना चाहते हैं तो  आए हैं वक्फ बोर्ड की जमीन झारखंड में बहुत खाली है वहां बनवाये ना,देखते हैं कि आप रिम्स 2 बनानें में कितना सीरियस है नगड़ी में सभी जमीने खेती की जमीन है ये दिखाई  नहीं  देता है हठधर्मिता छोड़े  आगे कहा कि लोकतंत्र में गला घोंटने का 
पूरा प्रयास हुआ सन्नी उरांव ने कहा कि नगड़ी में 
आदिवासी समाज ने  एकता का परिचय दिया ये अब तक का आदिवासी समाज का एतिहासिक आंदोलन रहा 
नगड़ी की जमीन में किसी भी हाल में रिम्स 2  बनने दिया जायेगा आदिवासी समाज रिम्स 2 बनने का विरोध नहीं किया है बल्कि नगड़ी में खेतीहर  जमीन है वहां नहीं बने का विरोध किया जा रहा है ।
 
 
                  साहिबगंज। जिले के बाल कल्याण कार्यालय से महज एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी में स्थित केलाबाड़ी पोखरिया में पढ़ने वाले आंगनबाड़ी केंद्र का हाल बहुत ही बुरा है आप यूं कहें तो कभी भी किसी भी समय कोई बड़ी दुर्घटना वहां पर हो सकती है और छोटे-छोटे नंदलाल जो गरीब तबके से आते हैं उनके साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है बात करते हैं समलपुरी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का कुछ मन पहले भी इसी केंद्र का समाचार अखबार पत्र के माध्यम से छापा था परंतु विभाग कोई कार्रवाई नहीं की पुणे चार-पांच माह जाने के बाद जब संवाददाता इस आंगनवाड़ी केंद्र में पहुंचे तो स्थिति बद से बद्तर से होती जा रही है कुछ देर की पानी से ही पूरे छत से पानी का हिसाब होने लगता है और छोटे-छोटे ननिहाल इधर-उधर भाग कर और अपनी को छुपाते देखे जा सकते हैं आज मैंने आंगनबाड़ी केंद्र की वस्तु स्थिति को जानने का प्रयत्न किया तो वहां पर मौजूद सहायिका ने बताया कि इस संबंध में कई बार आवेदन दिया जा चुका है परंतु इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं होती है और बरसात के समय में तो आप देख ही रहे हैं कि किस कदर छत से पानी टपकता है और छोटे-छोटे बच्चों को बैठाने में भी बहुत-बहुत असुविधा होती है और साथ ही साथ हम सेविका और सहायिका को भी बहुत परेशानी होती है अब तो डर भी लगता है कि कहीं कुछ अनहोनी ना हो जाए अब देखते हैं की शासन प्रशासन कब गहरी निद्रा से जागते हैं और इस पर कार्रवाई करते है।
 
                  रांची। गुरुवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों के द्वारा रांची करम टोली स्थित धूमकुडिया भवन में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया l इस प्रेस वार्ता में कई आदिवासी संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित थे प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राजभवन घेराव कार्यक्रम के आक्रोश मार्च कार्यक्रम के मुख्य संयोजक रांची के मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में सरकार जल जंगल जमीन  की लूट,अवैध खनन, मानव और पत्थर तस्करी, महिलाओं पर शोषण अपने चरम पर है, इन्हीं कामों के खिलाफ आवाज उठाना संथाल नेता सूर्या हांसदा को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी,अबुआ सरकार सूर्या हांसदा की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर कुख्यात अपराधी बता फर्जी हत्या कर दी और इसे फर्जी एनकाउंटर का नाम देकर लीपापोती करने का काम कर रही है, हेमंत सरकार के राज में कई होनहार आदिवासी अगुवा लोगों की हत्या कर दी जाती है l सूर्या हांसदा के फर्जी एनकाउंटर की सीबीआई जाँच करने, परिजनों को सुरक्षा और फर्जी मुकदमा ख़त्म करने,अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी लेने जैसे मांग को लेकर दिनांक 23/08/25 को आक्रोश मार्च जिला स्कूल मैदान से राजभवन पहुंचेगी और महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौपैगा,प्रेस वार्ता में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा, ट्राइब फर्स्ट अभियान झारखण्ड की प्रदेश संयोजक आरती कुजूर, चडरी सरना समिति के प्रधान महासचिव सुरेन्द्र लिंडा, आदिवासी रूढ़ि सुरक्षा मंच के प्रदेश संयोजक रवि मुंडा, ट्राइब फर्स्ट अभियान के सह संयोजक रितेश उराव, सरना जन क्रांति सेना के संयोजक रंजीत उराव, एदलहातू सरना समिति के मुकेश मुंडा, जनजाति सुरक्षा मंच के मीडिया प्रभारी सोमा उराव, महादेव टोप्पो ,आषिष मुंडा, सहित कई लोग उपस्थित थे।
                     
 
                  रांची। विधानसभा भवन में षष्ठम झारखंड विधानसभा का तृतीय (मानसून) सत्र रांची में दिनांक 22.08.2025 से 28.08.2025 तक आहूत है। उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, राँची एवं अपर जिला दंडाधिकारी विधि व्यवस्था, राँची के संयुक्तादेश मैं निहित निर्देश के आलोक में विधानसभा परिसर के 1000 मीटर के दायरे में किसी तरह के जुलूस, रैली, प्रदर्शन, घेराव आदि आयोजित नहीं किये जा सकेंगे। इसके मद्देनजर सुरक्षा की दृष्टिकोण से अनुमंडल दंडाधिकारी, सदर, राँची द्वारा बी०एन०एस०एस० की धारा-163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए झारखंड विधानसभा (नया विधानसभा) परिसर के 1000 मीटर के दायरे में (माननीय उच्च न्यायालय झारखंड, रांची को छोड़कर) निषेधाज्ञा जारी की गई है, जो निम्न है :-
1- उक्त क्षेत्र में पाँच या पाँच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह जमा होना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों/कर्मचारियों तथा सरकारी कार्यक्रम एवं शवयात्रा को छोड़कर)।
2- किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र, जैसे बंदूक, राईफल, रिवाल्वर, बम, बारूद आदि लेकर चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों/कर्मचारियों को छोड़कर)।
3- किसी प्रकार का हरवे हथियार जैसे-लाठी-डंडा, तीर-धनुष, गड़ासा भाला आदि लेकर चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों को छोडकर)।
4- किसी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आम सभा का आयोजन करना।
5- किसी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र का व्यवहार करना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों को छोडकर)।
*यह निषेधाज्ञा दिनांक 22.08.2025 के प्रातः 08:00 बजे से दिनांक 28.08.2025 के रात्रि 10:00 तक के लिए तक प्रभावी रहेगा।
 
                  रांची । राजधानी के धुर्वा में स्थित हनुमान नगर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता वंश लोचन पासवान ने की । बैठक में "पासवान मानव सेवा दल झारखंड" का गठन किया गया। इस सेवा दल का उद्देश्य समाज के गरीब और बेरोजगार वर्ग की मदद करना है। सेवा दल में समाज के युवा सदस्य शामिल होंगे, जो विभिन्न केंद्रों पर काम करेंगे।
पासवान मानव सेवा दल के उद्देश्य:
- गरीब वर्ग को सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध कराना
- गरीब वर्ग के शादी-ब्याह में मदद करना
- गरीब वर्ग को इलाज में मदद करना
- बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना
- बच्चों को नि:शुल्क आधुनिक शिक्षा प्रदान करना
- गरीब वर्ग को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में अवगत कराना
- समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुप्रथाओं को दूर करना
इस सेवा दल के गठन से समाज के वंचित वर्गों को काफी लाभ होने की उम्मीद है। यह पहल समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने और लोगों के जीवन में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। बैठक में कई लोग मौजूद थे।
 
                  रांची। झारखंड राज्य में आज 15 लाख से अधिक छात्र-छात्राएँ अपने हक की छात्रवृत्ति राशि से वंचित हैं। यह स्थिति पिछले दो वर्षों से बनी हुई है, जहाँ सरकार द्वारा समय पर छात्रवृत्ति की राशि जारी न किए जाने के कारण गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के छात्र गंभीर संकट से गुजर रहे हैं।
छात्र नेता इन्द्रोजीत साह ने कहा –
यह बेहद शर्मनाक है कि झारखंड सरकार छात्रों का भविष्य दांव पर लगाकर उनके हक का पैसा रोक कर बैठी है। छात्र महीनों से आवेदन और दस्तावेज़ जमा कर चुके हैं, लेकिन अब तक बैंक खातों में एक रुपया भी नहीं पहुँचा। इससे लाखों छात्रों की पढ़ाई, किताबें, हॉस्टल और कॉलेज की फीस प्रभावित हो रही है। यह सीधे तौर पर छात्रों के सपनों और भविष्य के साथ धोखा है।”
उन्होंने बताया कि—
    •    पिछले 2 वर्षों से छात्रवृत्ति वितरण में लगातार देरी हो रही है।
    •    कई जिलों में हजारों छात्र आवेदन करने के बावजूद अब तक एक भी किश्त प्राप्त नहीं कर पाए हैं।
    •    छात्रवृत्ति की कुल बकाया राशि सैकड़ों करोड़ रुपये में पहुँच चुकी है, जो छात्रों के भविष्य को अधर में लटका रही है।
इन्द्रोजीत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा –
“छात्रों का पैसा सरकार की मेहरबानी नहीं, बल्कि उनका अधिकार है। अगर सरकार ने तुरंत सभी लंबित छात्रवृत्ति की राशि छात्रों के बैंक खाते में नहीं भेजी, तो राज्यभर में बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। छात्र सड़कों पर उतरेंगे और तब सरकार को इसका जवाब देना होगा। हम किसी भी कीमत पर छात्रों का हक छीनने नहीं देंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि—
छात्रों का एक-एक रुपया उन्हें मिलना चाहिए। अगर यह सरकार छात्रों को उनका हक नहीं देती है, तो यह सरकार छात्रों के भविष्य की दुश्मन कहलाएगी। अब चुप्पी नहीं, संघर्ष होगा।
 
                  रांची। JLKM पार्टी से बोरियो विधानसभा से प्रत्याशी रहे सूर्या हॉंसदा उर्फ सूर्य नारायण हांसदा एनकाउंटर का मामला अब राज भवन तक पहुंच गया है। 'झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा' इस मामले को लेकर प्रखर हैं। संगठन के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने आज महामहिम राज्यपाल महोदय से मुलाकात किया एवं विस्तृत जानकारी साझा किया। फर्जी एनकाउंटर के कई साक्ष्य व सबूत राज भवन के समक्ष प्रस्तुत किया। राज्यपाल संतोष गंगवार ने बातों को गंभीरता से लेते हुए यथाशीघ्र कार्रवाई करने का सकारात्मक आश्वासन दिया। देवेन्द्र नाथ महतो ने मीडिया वार्ता में कहा कि सूर्या हांसदा सामाजिक न्याय के लिए प्रखर थे। कंपनी और सरकार के गलत कार्यों के खिलाफ संघर्षरत रहे हैं। कई बार संवैधानिक चुनाव में हिस्सा लेकर यह साबित किया कि वह समाज के मुख्य धारा से जुड़े हुए थे। फिर भी शासन व प्रशासन ने गलत तरीके से उन्हें जबरन निगल गया। सरकार उनका फर्जी एनकाउंटर कर जनसाधारण में भय का माहौल पैदा करना चाहती है। 10 अगस्त को गिरफ्तार के बाद 11 अगस्त को एनकाउंटर आदिवासी अस्मिता, प्रशासन के प्रति न्याय और सुरक्षा के प्रति गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है, वर्तमान समय में हांसदा के परिजन दुःख, पीड़ा और अन्याय के वेदना में हैं। देवेंद्रनाथ महतो ने महामहिम से ज्ञापन सौंपते हुए त्रीसूत्रीय निम्न मांग किया-
1) पूरे मामले की निष्पक्ष सीबीआई जांच हो
2) दोषियों पर ठोस रूप से त्वरित कार्रवाई हो
3) पीड़ित परिवार के आश्रितों को समुचित मुआवजा के साथ सुरक्षा प्रदान किया जाए।
साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि सूर्या हांसदा मामले को मानसून सत्र में डुमरी विधायक जयराम महतो जी सरकार के संज्ञान में लायेगा और दूसरी तरफ सड़क में आंदोलन को जेएलकेएम जारी रखेंगे। शिष्टमंडल में देवेंद्रनाथ महतो,आलोक उरांव, पार्वती कुमारी, जितेंद्र महतो, राजू महतो शामिल रहे।बताते चलें की इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग ने संज्ञान में लेते हुए जांच रिपोर्ट तलब किया है।
 
                  रांची। मंगलवार को 19 अगस्त 2025 को करम टोली धूमकुडिया में विभिन्न सामाजिक आदिवासी संगठनों की एक बैठक मुख्य पहान जगलाल पहान की नेतृत्व हुई l इस सामाजिक संगठन की बैठक में बोरियो निवासी सूर्या हाँसदा की एनकाउंटर के खिलाफ बैठक रखी गई l इस बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि सूर्या हांसदा एक सामाजिक और राजनीतिक व्यक्ति थे जो कि समाज के हित में काम करते थे, चार बार से विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार थे और राज्य सरकार के कई गैर कानूनी काम के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे l हेमंत सरकार के गैर कानूनी कामों के खिलाफ आवाज उठाने के कारण हेमंत सरकार ने सूर्या को कुख्यात अपराधी घोषित कर फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर दी, यह हत्या आदिवासी समाज की हत्या है यह एक सामाजिक व्यक्ति की हत्या है,यह हत्या एक राजनीतिक हत्या है और अबुआ राज्य में जिन्होंने भी गलत के खिलाफ आवाज उठाया है उसकी हत्या कर दी गई है और यह हेमंत सरकार हमेशा समाज के खिलाफ आवाज उठाने वाले की आवाज को दबाने का काम किया है चाहे रूपा तिर्की हो, उमेश कछप हो,संध्या टोपनो हो, सुभाष मुंडा हो, अनिल टाइगर हो या सूर्या हांसदा हो,सूर्या हांसदा की हत्या अबुआ सरकार ने किया और इसे फर्जी एनकाउंटर का रूप देने का प्रयास किया गया है l तमाम आदिवासी सामाजिक संगठनों ने 23 तारीख सूर्या हांसदा के न्याय के लिए राजभवन मार्च करने का निर्णय लिया l बैठक में जगलाल पहान,बबलू मुंडा, महादेव टोप्पो,संदीप उराव, आरती कुजूर, पिंकी खोया, सोमा उराव,अनीता गाड़ी,रवि मुंडा,नमित हेमरोम,सनी टोप्पो,सोनी हेंब्रम, रितेश उरांव, कमलेश राम, मुन्ना टोप्पो, रोशन मुंडा, सत्यदेव मुंडा, आशीष मुंडा, संतोष मुंडा, मुकेश भगत, नीलकंठ मुंडा, बुधराम बेदिया,उर्मिला उरांव, रूपन कुजूर,सुनीता तिर्की, बंधन तिर्की, इत्यादि उपस्थित थे।
 
                  रांची। सोमवार 18 अगस्त 2025 को जवाहर नवोदय विद्यालय, मेसरा, रांची में 33वें नेशनल आर्चरी मीट-2025 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।
उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि खेल हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। खेलों से अनुशासन, टीम भावना, एकाग्रता और आत्मविश्वास का विकास होता है। उन्होंने कहा कि तीरंदाजी जैसी पारंपरिक और गौरवशाली खेल विधा भारत की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा रही है। यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि देश के विभिन्न प्रक्षेत्रों से आए प्रतिभागी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं।
उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जीत या हार से परे खेलों में भागीदारी ही सबसे महत्वपूर्ण है। यह प्रतियोगिता युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है। सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि पूरी निष्ठा और खेल भावना के साथ प्रदर्शन करें।
नवोदय विद्यालय समिति, पटना द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 08 प्रक्षेत्रों की टीमें हिस्सा ले रही हैं। इनमें भोपाल, चंडीगढ़, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ, पुणे, शिलांग और पटना की टीमें शामिल हैं। ब्वॉयज और गर्ल्स कैटेगरी मिलाकर कुल 192 प्रतिभागी प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रतियोगिता का समापन 21 अगस्त को होगा।
 
                  रांची। जनजाति सुरक्षा मंच की बैठक नगड़ी स्वर्ण रेखा होटल प्रांगण में रांची जिला संयोजक जगन्नाथ भगत के अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई विषयों पर चर्चा करते हुए तय हुआ की आगामी करम पूजा के शुभ अवसर पर रांची में कई स्थानों पर पूर्व संध्या मनाया जाएगा जिसमें समाज के सम्मानित पहान, पुजारो को सम्मान किया जाएगा इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय संयोजक माननीय गणेश राम भगत जी भी शामिल रहेंगे।
दूसरी ओर जनजाति सुरक्षा मंच ने कहा कि चर्च मिशनरी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातियों के साथ-साथ अब ओबीसी वर्ग के लोगों को भी चंगाई, नौकरी ,सुविधा, शिक्षा, वस्त्र चावल दाल, इत्यादि दिलाने के बहाने नीचे से ऊपर तक पास्टर पादरी नन सारे लोग अर्थात पूरा सिस्टम धर्मांतरण कार्य में लगा हुआ हैं यदि कोई सामाजिक संगठन धर्मांतरण कार्य में सम्मिलित लोगों के खिलाफ बोलने और रोकने पर उल्टे उनके ऊपर केस मुकदमा करवा देते हैं ये बहुत ही शातिर लोग हैं विदेश से भी दबाव बनवाने लगते हैं और इस मामले में राजनीतिक पार्टी अपना वोट बैंक के खातिर मौन धारण किए रहते हैं।
इस बैठक में मेघा उरांव, संदीप उरांव, सोमा उरांव, जगन्नाथ भगत, सनी उरांव टोप्पो, रवि प्रकाश उरांव, राजू उरांव, हिंदवा उरांव, विशु उरांव, फागु मुंडा, विकास उरांव,  नौजून उरांव एवं अन्य। 
 
 
                  रांची। रविवार को पूर्वाहन 11:00 से सुखवा बागान स्थित गौरैया बाबा मंदिर प्रांगण, धुर्वा, रांची में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया है l बैठक में निम्न विषयों पर भी चर्चा की गई जिनमें परम पूजनीय बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना, सामाजिक कुप्रथा- मृत्यु भोज, तिलक दहेज, सामूहिक विवाह, धर्म परिवर्तन, सामाजिक एकता, दुसाध भवन, सुलभ शौचालय, पुस्तकालय, जाति का गौरवशाली इतिहास, संवैधानिक अधिकार, सभी विभागों में अनुसूचित जातियों को समुचित प्रतिनिधित्व अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद, सभी बोर्ड, निगम, आयोग में अनुसूचित जातियों को समुचित प्रतिनिधित्व, रांची में अंबेडकर भवन एवं 500 वेट का छात्रावास, सभी जिला में अंबेडकर आवासीय विद्यालय की स्थापना, अनुसूचित जातियों में एकता कायम करना, अनुसूचित जातियों पर हो रहे अत्याचार, जाति, आवास एवं आय प्रमाण पत्र बनवाने के संबंध में गंभीरता पूर्वक विचार विमर्श किया गया l
 
                  दिल्ली/रांची । झारखंड राज्य के लिए दिल्ली के ओपेलो अस्पताल से एक बड़ी खबर आई है, जहां स्कूली शिक्षा साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन का निधन हो गया। मामले में पूर्व विधायक सह JMM नेता कुणाल षाडंगी ने सोशलसइट X के माध्यम से सूचना दी जिसके बाद निधन की खबर सामने आई। वहीं उनके निधन से झारखंड के राजनीतिक जगत में शोक की लहर फैल गई।
चोट के बाद बिगड़ी हालत
2 अगस्त 2025 को मंत्री रामदास सोरेन अपने आवास के बाथरूम में फिसलकर गिर पड़े थे, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट लगी और ब्रेन हेमरेज हो गया। हालत नाजुक होने पर उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनका लगातार इलाज कर रही थी। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
झारखंड आंदोलन के साथ JMM में थी महत्वपूर्ण भूमिका
घाटशिला विधानसभा सीट से 3 बार विधायक रहे थे मंत्री  रामदास सोरेन ने झारखंड आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनकी सादगी, कर्मठता और जनसेवा की भावना के कारण वे जनता के बीच बेहद लोकप्रिय थे। उनके निधन से राज्य के राजनीतिक और शैक्षणिक जगत में गहरा शोक है। रामदास सोरेन की बात की जाए तो वह JMM के बड़े नेता थे और 2009 में कांग्रेस के बड़े नेता प्रदीप कुमार बालमुचू को हराकर विधानसभा चुनाव जीते थे और फिर 2019 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लखन चंद्र मार्डि और 2024 में चम्पाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को हराया था। वही मंत्री रामदास सोरेन के पास झारखंड राज्य में स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग एवं राजस्व, पंजीकरण एवं भूमि सुधार(पंजीकरण) विभाग   थे।
 
                  रांची। आजसू पार्टी के बड़कागांव विधानसभा की समीक्षा बैठक, आज केंद्रीय कार्यालय, रांची में हुई। बैठक में तय हुआ कि 24 अगस्त 2025 को उरीमारी, शनिचरा बाज़ार में बड़कागांव विधान सभा स्तरीय सम्मेलन सह मिलन समारोह होगा।
आजसू पार्टी प्रमुख एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड को बदलने के लिए नौजवानों और छात्रों को नए संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। श्री महतो ने कहा कि आजसू ने जिन सपनों और आकांक्षाओं के लिए संघर्ष किया, आज उन्हीं सपनों को आगे बढ़ाने का दायित्व नई पीढ़ी के कंधों पर है। कार्यकर्ता जनता के विश्वास को बनाए रखें। जनमुद्दों पर संघर्ष को तेज करने के लिए आजसू पार्टी कमर कस चुकी है।
मांडू विधायक निर्मल महतो ने कहा कि संगठन को गांव गांव तक ले जाने के लिए कार्यकर्ताओं को अपनी भूमिका तय करनी होगी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं को विधायक नहीं, बल्कि एक कार्यकर्ता के रूप में ही जनता के बीच प्रस्तुत करते हैं और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहते हैं।
बैठक में केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता संजय मेहता, रामगढ़ जिला अध्यक्ष श्री दिलीप दांगी, हज़ारीबाग जिला अध्यक्ष श्री परमेश्वर महतो समेत अन्य प्रमुख उपस्थित पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
बैठक में संदीप कुशवाहा, लीलाधन साव, भोला महतो, अनिल राम, रवि शंकर जायसवाल, पंकज साहा, मोहन महतो, विश्वनाथ महतो, कैलाश महतो, अनिकेत नायक, नागेश्वर तुरी, कामेश्वर महतो, तूलेश्वर राम, गौतम वर्मा, सुरेश महतो, ब्रजेश सिंह, अशोक पाठक, अजय रवि, नित्यानंद कुमार, गंगाधर महतो, छोटू करमाली, उमेश महतो, सुनील यादव, राकेश विश्वकर्मा, वीरेन्द्र झा, संजय कुमार महतो, प्रकाश महतो, टिकेश्वर महतो, कोलेश्वर महतो, जुगेश बेदिया, भुजा बेदिया, बलेश्वर मुंडा, राजेंद्र सिंह, कुलदीप मुंडा, सुदामा बेदिया आदि भी उपस्थित रहे।
 
                  नेमरा (रामगढ़) नेमरा गांव के रास्तों पर चलते हुए, किसानों से मिलते हुए, जल-जंगल-ज़मीन के मुद्दों पर बोलते हुए — हर जगह मुख्यमंत्री में पिता की विरासत जीवित दिखाई देती है। यह रिश्ता केवल खून का नहीं, बल्कि विचारों, सिद्धांतों और सेवा के संकल्प का है। झारखंड की धरती अपनी प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगलों, कल-कल बहती नदियों और हरे-भरे खेतों के लिए जानी जाती है। इस धरती के सच्चे बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को प्रकृति से गहरा लगाव है। यह लगाव केवल शब्दों में नहीं, बल्कि उनके जीवनशैली और नीतियों में साफ़ दिखाई देता है। गांव के प्राकृतिक वातावरण में पले-बढ़े मुख्यमंत्री आज भी अपने व्यस्त राजनीतिक जीवन में प्रकृति के साथ समय बिताना नहीं भूलते। इसी क्रम में आज मुख्यमंत्री अपने पैतृक गांव नेमरा में सादगीपूर्ण अंदाज में गांव की गलियों और पगडंडियों पर घूमते हुए नजर आए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुना।
बेटे में झलकती है पिता की परछाई
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को लोग सिर्फ राज्य का मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि अपने पिता दिशोम गुरु दिवंगत शिबू सोरेन जी की परछाई के रूप में भी देखते हैं। चाहे ग्रामीण इलाकों का दौरा हो, गरीब और वंचितों की समस्याएं सुनना हो या जल, जंगल और ज़मीन की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाना — हर कार्य में गुरुजी की सोच और आदर्श साफ़ झलकते हैं। जनसेवा, सरल स्वभाव और लोगों से गहरे जुड़ाव की वही विरासत, जिसे गुरुजी ने दशकों तक निभाया, आज मुख्यमंत्री अपने कार्यों से आगे बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व में वही सादगी, वही संघर्ष और वही अटूट समर्पण झलकता है, जिसने गुरुजी को लोगों के दिलों में अमर कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके जीवन का हर कदम पिता की सीख और आशीर्वाद से प्रेरित है। "गुरुजी ने सिखाया कि राजनीति का अर्थ केवल सत्ता नहीं, बल्कि जनता की सेवा और अधिकारों की रक्षा है।"
जल, जंगल और ज़मीन से है गहरा जुड़ाव
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जल, जंगल और ज़मीन राज्य की पहचान और अस्तित्व का आधार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इन तीनों संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन को अपनी प्राथमिकता में रखकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह केवल प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा का विषय नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध झारखंड बनाने का संकल्प है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की संस्कृति, परंपरा और आजीविका जल, जंगल और ज़मीन से अभिन्न रूप से जुड़ी है। यही कारण है कि राज्य सरकार जल संरक्षण, वनों की रक्षा और भूमि अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड की असली पहचान उसकी प्राकृतिक संपदा और सांस्कृतिक धरोहर है। सरकार जल संरक्षण, वन संरक्षण और भूमि अधिकारों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह धरती हरी-भरी और जीवनदायी बनी रहे।
गांव और प्रकृति से जुड़ी हैं बचपन की यादें
मुख्यमंत्री का बचपन गांव की गोद में बीता, जहाँ सुबह की ठंडी हवा, खेतों की हरियाली और नदी की कलकल ध्वनि उनका रोज़ का साथी था। इसी वातावरण में पला-बढ़ा मन आज भी प्रकृति की गोद में सुकून पाता है। मुख्यमंत्री का सपना है कि झारखंड आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उतना ही हरा-भरा, स्वच्छ और जीवनदायी बना रहे जितना यह आज है। वे मानते हैं कि विकास तभी सार्थक है, जब वह पर्यावरण और स्थानीय संस्कृति के साथ तालमेल बिठाए। मुख्यमंत्री का मानना है कि जल, जंगल और ज़मीन केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा हैं। ये लोकगीतों, त्योहारों और पारंपरिक रीति-रिवाजों में रचे-बसे हैं। इसलिए, इनके संरक्षण को सांस्कृतिक संरक्षण के रूप में भी देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांव का विकास राज्य के सर्वांगीण विकास की बुनियाद है और हमारी सरकार ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
 
                  नेमरा। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से बुधवार को नेमरा, रामगढ़ स्थित पैतृक गांव में "कुड़मालि भाखी चारि आखड़ा" के सदस्यों ने मुलाकात कर उनके प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने स्मृति शेष- दिशाेम गुरु शिबू सोरेन जी को स्मरण करते हुए एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया। जिसमें "गुरूजी" को श्रद्धा व्यक्त करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर संगठन के वरिष्ठ सदस्यों ने गुरूजी के जीवन, विचारों और समाज के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि गुरूजी ने सदैव शिक्षा, सेवा और एकता का संदेश दिया। उनका मार्गदर्शन और प्रेरणा हमेशा समाज को दिशा देता रहेगा। सभा में उपस्थित लोगों ने गुरूजी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
इस मौके पर "कुड़मालि भाखी चारि आखड़ा" के संरक्षक  दीपक पुनरियार, जिला संरक्षक सदस्यगण में अनंत कँड़हरआर, सुभाष पुनरियार, गोविंद पुनरियार, सुखदेव जालबनवार, अशोक हिन्दयार, चंद्र मोहन सखवार , सुभाष हिन्दयार के अलावे सैकड़ों की संख्या में संगठन के पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे।
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                  रांची। लोकतंत्र के पहरेदार लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। भारत के लोकतंत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग के गठजोड़ ने पूरे विश्व समुदाय के समक्ष शर्मसार किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि भारत का लोकतंत्र हमारे संविधान की नींव पर टिका है,इसी संविधान में एक व्यक्ति एक वोट का अधिकार दिया गया है।संविधान निर्माताअओं ने परिकल्पना की थी कि भारत के नेतृत्वकर्ता को चुनने में सबको समान अधिकार है,इस अधिकार की चोरी भाजपा चुनाव आयोग के साथ मिलकर कर रही है।लोकतंत्र में वोट का अधिकार जनता को सबसे ज्यादा ताकत देता है,यह ताकत जनता से छीनी जा रही है,वोट चोरी से भाजपा देश मे सत्ता हासिल कर रही है।
नरेंद्र मोदी ने देश को अराजक की स्थिति में खड़ा कर दिया है संस्थाएं मनमानी पर उतर रही हैं विपक्ष द्वारा सवाल उठाने पर नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है,नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं को जनता पर भरोसा नहीं था इसलिए चुनाव आयोग के साथ भाजपा ने गठबंधन किया जिसने वोट चोरी कर भाजपा को केंद्र और विभिन्न राज्यों में सत्ता प्राप्ति में सहयोग किया। राहुल गांधी ने सबूत के साथ वोट चोरी का खुलासा किया लेकिन चुनाव आयोग शपथ पत्र मांग रहा है लोकतंत्र का इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता। भारत के चुनावी प्रक्रिया की पूरे विश्व में मिसाल दी जाती थी परंतु आज हमारी चुनावी प्रक्रिया को विश्व जगत शक निगाह से देख रहा है नरेंद्र मोदी की सत्तालोलुपता ने देश की शाख को दाँव पर लगा दिया है। चुनाव आयोग अगर निष्पक्ष है तो इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट जारी करें,मतदान का सीसीटीवी फुटेज जारी करे ताकी जनता का भरोसा चुनाव पर कायम रह सके।
उन्होंने कहा कि साफ सुथरी वोटर लिस्ट स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की नींव है,यह जनता का हक है लेकिन इस हक पर डाका डाला जा रहा है। चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था चोरी में अग्रिम भूमिका निभा रही है, इस वोट चोरी के खिलाफ जनता को खड़ा होना होगा,भारत के लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष करना होगा।वोट चोरी के खिलाफ राहुल गांधी ने जो युद्ध छेड़ा है उसे निर्णायक मोड़ पर पहुंचाना है। देश में निष्पक्ष चुनाव पूरी तरह संदेह के घेरे में आ गया है,भाजपा के शासनकाल में संवैधानिक संस्थाएं कैद कर ली गई है,चंद लोगों के सहारे देश की शासन व्यवस्था तानाशाही कानून से चल रही है।
 
 
                  रांची । आदिवासी  महिलाओं के जमीन पर अधिकार विषय पर लैंड राइट फोर आदिवासी वीमेन ग्रुप की बैठक बगाईचा, नामकोम में हुई।जिसका मुख्य विषय था। इतिहास, नैतिकता और आदिवासी समाज में आदिवासी महिलाओं की हिंसा पर चर्चा किया गया। जमीन आदिवासी समाज की पहचान है पर इस पहचान में औरत की की पहचान सिर्फ पुरुष से सम्बंधित जैसे, मां, बहन,पत्नी, बेटी, के रूप में ही जानी जाती रहीं हैं उनका अपना स्वतंत्र पहचान नहीं बना हैं इसलिए कि स्त्रियां जमीन की मालिक नहीं होती हैं। मालिकाना अधिकार का ना होना उसमें उनकी पहचान से उन्हें वंचित करता है। जबकि जमीन बनाने, और खेती किसानी में उसका सबसे अधिक श्रम जाता है। सामाजिक मान्यताओं में खेती करने समय लड़का लड़की द्वारा विवाह कर खेती के काम किया जाता है। जिस घर में महिलाएं ना हो वहां जमीन बंजर हो जाती है। और जहां बंजर भूमि है वहां महिलाओं के सहयोग से खेती होता है वैसे ही घर बसने बसाने का प्रक्रिया में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रहा है। 
लेकिन समाज ने कभी उन्हें ताकत(पावर) के रूप में देखना या बनाने से वंचित(कमजोर) रखा है। वैसा ही आदिवासी समाज में जमीन का मालिकाना हक देने से समाज ने महिलाओं को वंचित रखा है। जो आदिवासी औरतों की स्वतंत्र पहचान बनने नहीं देता जो उनके कई अधिकारों से उन्हें वंचित करता है.
अगर पूराने दौर की बात किया जाए तो आदिवासी समाज में समुदायिक जमीन थी वह समुदाय का होने का कोई प्रमाण नहीं मिलता है। समुदाय का सीधा मतलब तलाब, जंगल गोचर, आज भी समुदाय का ही है। लेकिन परिवार के अंदर खेती करने का वो व्यक्ति की जमीन ही होती थी जिस पर पड़ोसी उसके सहमति के बिना खेत नहीं कर सकता था।
लेकिन जब भी जमीन पर औरतों का मालिकाना हक की बात उठती है लोग तर्क देते हैं आदिवासी का जमीन समुदायिक जमीन हैं।
आदिवासी में कस्टमरी कानून बना हुआ है जो लिखित तौर पर नहीं है उस  कस्टमरी कानून में महिलाओं को जमीन देने की बात कही गयी है। कुछ जगह में सिर्फ परिवार  में महिलाएं हैं वहां भरण पोषण के लिए उपयोग होता है। पर स्त्रियों का नाम दर्ज नहीं है। यह प्रैक्टिस में नहीं है। 
खतियान में महिलाओं के नाम दर्ज नहीं है। इस बात से इंगित होता आ रहा हैं परम्परागत कस्टमरी लॉ धरातल पर नहीं है। आदिवासी समाज ने कस्टमरी कानून का हनन किया जिससे आज महिलाएं कोर्ट जा रहीं और धर्म के आधार पर हक की मांग कर रहीं हैं। यदि कानून धरातल पर होते तो आदिवासी समाज में डायन हत्या जैसे गम्भीर घटना को अंजाम नहीं दिया जाता। समाज को इस पर विचार-विमर्श करना चाहिए और औरतों के हक पर बराबरी मलिकाना हक जमीन पर मिलना चाहिए।
ग्रुप यह प्रयास करेगा कि कस्टमरी कानून और ग्रामसभा में निर्णय प्रक्रिया महिलाओं की भागीदारी पर कार्य करे।
बैठक में रंजनी मुर्मू,नितिशा खलखो, आकृति लकड़ा, अल्का आइंद, लिपि बाग, आलोका कुजूर, दीप्ति बेसरा, एलिना होरों, उपस्थिति थी।
 
                  रांची। जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी द्वारा रविवार को कांग्रेस भवन,रांची में झारखंड के महान नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक अध्यक्ष दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह कार्यक्रम रांची जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ राकेश किरण महतो की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
सर्वप्रथम दिवंगत आत्मा की शांति के लिए एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न धर्मों के धर्म गुरुओं ने एक साथ मिलकर सामूहिक रूप से प्रार्थना कर श्रद्धांजलि देते हुए उनकी आत्मा के शांति के लिए प्रार्थना किया। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर परिचर्चा में इतिहासकार डॉ. इलियास मजीद ने गुरुजी की जीवनी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। इस अवसर पर उपस्थित कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने शिबू सोरेन जी के व्यक्तित्व, उनके संघर्षों और झारखंड राज्य के निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान पर विस्तार से चर्चा की। वक्ताओं ने उन्हें एक दूरदर्शी नेता, गरीबों और आदिवासियों के मसीहा और झारखंड के सच्चे जननायक के रूप में याद किया।
इस श्रद्धांजलि समारोह में मुख्य रूप से शहजादा अनवर, जिला पर्यवेक्षक, राजीव रंजन प्रसाद, अध्यक्ष गौ सेवा आयोग, ज्योति सिंह मथारू , उपाध्यक्ष राज्य अल्पसंख्यक आयोग, राजीव रंजन राजू, चंद्र रश्मि पिंगुआ, रमेश पांडे, शहीद अहमद, माधव कच्छप विनोद सिंह, अमरजीत सरदार, संतोष कुमार, शैलेन्द्र सिंह, सहाबीर लोहरा, नंद किशोर चंदेल, विजय टोप्पो, संजर खान, अख्तर अंसारी, हैदर अंसारी, रिज़वान अंसारी, अब्दुस सलाम, संजय सरैया, ख़रगेश चंद महतो एवं ग्रामीण कमिटी के अन्य नेता एबं कार्यकर्तागण उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में इलेक्ट्रॉनिक पर्दे पर राहुल गांधी द्वारा निर्वाचन आयोग का वोट चोरी का खुलासा से संबंधित वीडियो प्रसारित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रांची जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ राकेश किरण महतो ने कहा कि शिबू सोरेन जी का निधन झारखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन और संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास के लिए उनके देखे गए सपने को पूरा करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
 
                  रांची। इलेक्शन कमीशन के द्वारा भाजपा को चुनावी प्रक्रिया में सीधे लाभ पहुंचाने के लिए किस प्रकार वोटो की चोरी में सहयोग किया जा रहा है, उसका इंदिरा भवन, नई दिल्ली में नेता विपक्ष न्याय योद्धा राहुल गांधी ने संवाददाता सम्मेलन कर "वोट चोरी प्रकरण" का आंकड़ों एवं तथ्यों के साथ उजागर किया। उस संपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस के वीडियो को प्रदेश मुख्यालय में सभी मंच, मोर्चा एवं संगठन के लोगों के सामने प्रदर्शित करने के लिए बड़े स्क्रीन को 9 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक के लिए लगवाया गया है, जिसका क्रांति दिवस एवं विश्व आदिवासी दिवस के शुभ अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष श्री केशव महतो कमलेश जी के द्वारा शुभारंभ किया गया।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने बताया कि राज्य के सभी जिला अध्यक्षों को भी निर्देश दिया गया है कि अपने जिला में वोट चोरी को लेकर प्रखंड स्तर पर इस प्रकार का अभियान चलाकर लोगों को बताए कि किस प्रकार वोट की चोरी कर मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं।
 
                  रांची । झारखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने मूलनिवासी दिवस के अवसर पर बोड़या पंचायत अंतर्गत निवास स्थान में विचार गोष्ठी का आयोजन किया । गोष्ठी में श्री उरांव ने कहा 9 अगस्त 2025 को मूलनिवासी दिवस के स्थान पर, विश्व आदिवासी दिवस बहुत सारे संगठन और लोग उत्सव के रूप में मना रहे हैं।9 अगस्त का इतिहास जानने के बाद हम सबों ने तय किया कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने जो विश्व मूल निवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया था उसके स्थान पर लगभग 2022 वर्षों से विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जा रहा है।यह जानने की जरूरत है कि हम विश्व आदिवासी दिवस किस लिए मनाते हैं और क्यों मनाते हैं?। 9 अगस्त का इतिहास जानने के बाद हम सभी ने यह निर्णय लिया कि अमेरिका में जिस प्रकार 5 प्रकार के जनजातीय ऑब्लिक आदिवासियों को समूल रूप से नष्ट कर दिया गया मार दिया गया नरसंहार किया गया महिलाओं को यातनाएं एवं गलत काम किया गया, इसके विरोध में वहां संयुक्त राष्ट्र के संघ के बाहर आज भी जो बच्चे हुए आदिवासी है वे वहां पर आज के दिन काला दिवस मानकर विरोध प्रदर्शन करते हैं।संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा जो 46 अनुच्छेद हमें 2007 में दे रहे हैं हुए अधिकार या अनुच्छेद पूर्व में ही भारत के संविधान 1950 में हमें पहले से ही प्राप्त है। मूल निवासी दिवस के स्थान पर विश्व आदिवासी दिवस मनाना यह चर्च का षड्यंत्र है। आज है कि दिन कोलंबस के द्वारा अमेरिका में चर्च निर्माण का नियर रखा गया तथा बाइबल का प्रचार प्रसार किया गया और उसे दिन हमारे कैज जनजातियों का समूह नाश कर दिया गया और मूल निवासी के स्थान पर आज हम विश्व आदिवासी दिवस मना रहे हैं इसको समझने की आवश्यकता है।अमेरिका में जो हमारे जनजातीय का समूलनास किया गया, जिनकी मृत्यु हो गई है जिनकी हत्या की गई वैसे लोगों की आत्मा की शांति के लिए हम सभी आज के दिन भगवान से प्रणाम कर आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा एवं शोक सभा का आयोजन किया और प्रत्येक आने वाले 9 अगस्त के दिन हम लोग शोक सभा एवं श्रद्धांजलि सभा के माध्यम से आत्मा शांति के लिए प्रार्थना करेंगे ऊँ शांति ऊँ शांति ऊँ शांति।शोक सभा एवं श्रद्धांजलि सभा में जनजाति सुरक्षा मंच के मीडिया प्रभारी सोमा उरांव , मंच के संयोजक संदीप उराव, जय मंगल उरांव, गणेश नायक, सुनील टोप्पो, शंकर टोप्पो, करण कुमार, राजू उरांव, गुड़िया कुमारी वगैरा उपस्थित थे।
 
 
                  रांची। झारखंड अलग राज्य आंदोलन के महान क्रांतिकारी ,प्रणेता, पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के देहावसान एवं राजकीय शोक के उपरांत रांची जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में आगामी दिनांक 10 अगस्त 2025, दिन-रविवार को कांग्रेस भवन, रांची में दिवंगत आत्मा की शांति हेतु सर्व धर्म श्रद्धांजलि प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है।तदोपरांत दिशोम गुरु शिबु सोरेन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर परिचर्चा का भी आयोजन किया गया है।
इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश एवं जिला स्तर के वरिष्ठ नेतागण दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
रांची जिला ग्रामीण कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ राकेश किरण महतो ने रांची जिला के जिला,प्रखंड एवं मंडल कमिटी के सभी पदाधिकारियों को इस कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल होने का निर्देश दिया है।
 
 
                  रांची। आजसू के संस्थापक शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस पर आजसू प्रमुख एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो तथा अन्य नेताओं ने रांची और जमशेदपुर में निर्मल महतो को श्रद्धांजलि दी। श्री महतो ने रांची के निर्मल महतो चौक, अनगड़ा, सिल्ली, सोनाहातु और तमाड़ के अलावा जमशेदपुर में चमड़िया गेस्ट हाउस, निर्मल समाधि स्थल पर निर्मल महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस, विधायक निर्मल महतो, पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो, मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रवीण प्रभाकर, हसन अंसारी, हरेलाल महतो, सागेन हांसदा, सपन सिंहदेव, संजय मेहता, डॉ मुकुंद मेहता समेत वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी माल्यार्पण किया और शहीद निर्मल महतो के बलिदान और संघर्ष को याद किया तथा उनके सपनों को साकार करने का संकल्प दोहराया।
इस मौके पर आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा कि निर्मल दा का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने झारखंड की अस्मिता, सम्मान और अधिकार की लड़ाई के लिए जिस साहस और निष्ठा के साथ संघर्ष किया, वह अद्वितीय है। श्री महतो ने कहा कि निर्मल महतो के बलिदान ने आजसू को उग्र तेवर दिया, जिसके बल पर झारखंड आंदोलन को नई दिशा मिली और राज्य का निर्माण संभव हुआ। उन्होंने कहा कि निर्मल दा आजसू के संस्थापक थे।
मांडू विधायक निर्मल महतो ने कहा कि शहीद निर्मल दा ने झारखंड की पहचान, सम्मान और अधिकार की लड़ाई के लिए अपना जीवन न्योछावर किया। उनका संघर्ष और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
कार्यक्रम में जिप अध्यक्ष निर्मला भगत, दीपक महतो, शहजाद आलम, परवाज़ खान, इम्तियाज अहमद नज़मी, डॉक्टर पार्थ परितोष, वनमाली मंडल, बसंत महतो, हरीश कुमार, कुमुद वर्मा, सुरेन्द्र लिंडा, सीमा सिंह, प्रभा महतो, ओम वर्मा, बबलू महतो, ऋतुराज शाहदेव, अमन साहू, सक्षम झा, दया शंकर झा, राकेश सिंह, शहजाद, प्रशांत कुमार, अजीत कुमार, चेतन प्रकाश, उत्कर्ष महतो आदि उपस्थित थे।
 
                  रांची। झारखंड राष्ट्रीय जनता दल के लिए एक बड़ी खबर आ रही है जहां राजद गढ़वा जिला अध्यक्ष सूरज सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता एवं पद से इस्तीफा दे दिया है। मामले में उन्होंने दिल्ली से वीडियो जारी कर कहा है की राष्ट्रीय जनता दल का सेवा देने का समय अब यही तक था,मेरी राजद की पारी यही समाप्त होती है,अभी मैं दिल्ली में हूं और मैं पद और पार्टी से प्रदेश अध्यक्ष को पत्र भेजकर इस्तीफा दे रहा हूं । वही इस्तीफा देने की वजह पर उन्होंने अभी तक खुलकर नहीं कहा कि किन कारणों से वह इस्तीफा दे रहे हैं ,वही वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं कि वह निजी कारणों के कारण इस्तीफा दे रहे हैं। और जब वह दिल्ली लौटेंगे तब अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे। आगे की क्या रणनीति है, दिल्ली में सूरज सिंह क्या राजनीतिक की नई पारी किसी और पार्टी से खेलने वाले हैं इन सवाल का जवाब आने वाले समय में मिल सकता है।
 
                  सोनाहातू : शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस पर शुक्रवार को सोनाहातू प्रखंड के जाड़ेया मोड़ में शहीद निर्मल महतो के आदमकद प्रतिमा का अनावरण डुमरी विधायक सह जेएलकेएम के केंद्रीय अध्यक्ष टाइगर जयराम कुमार महतो एवं वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने किया। इसके पश्चात श्रद्धांजलि सभा में टाइगर जयराम कुमार महतो ने कहा कि भारत देश के आजाद पर भगत सिंह की याद आती है। उसी तरह झारखंड अलग राज्य के निर्माण में बलिदानी निर्मल महतो की यादें हमेशा आती है। बलिदानी निर्मल महतो के खून से ही झारखंड राज्य हमें मिला है। उन्होंने कहा कि 25 बर्षों के बाद भी हमें अधिकार नहीं मिला है। जबकि हमारे झारखंड में 40 फीसदी खनिज संपदा है। अब झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के उलगुलान से ही राज्य का भला होगा। मौके पर वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो, दमयंती मुंडा, राजू महतो, राजेंद्र महतो, अजित महतो, प्रखंड अध्यक्ष राजेश्वर कोइरी, रंजीत महतो, अभिराम महतो, जयराम महतो समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व ग्रामीण उपस्थित थे।इसके पूर्व सोनाहातू स्थित झारखंड मेला मैदान से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के द्वारा मोटरसाइकिल रैली निकाली गई जो विधायक टाइगर जयराम कुमार महतो को आदमकद प्रतिमा तक स्थल तक लाया गया। इस दौरान महतो का गांव - गांव में माल्यार्पण कर भव्य तरीके से स्वागत किया गया।
 
                  रांची। शुक्रवार को जनजाति सुरक्षा मंच का प्रांतीय कार्यालय आरोग्य भवन बरियातू में एक महत्वपूर्ण बैठक की गई, जिसमें विश्व मूल निवासी दिवस पर चर्चा की गई । बैठक में संदीप उरांव ने कहा कि वर्किंग ग्रुप ऑफ इंडीजीनस पीपुल्स 9 अगस्त 1982 को जिनेवा में पहली बैठक हुई। और सभी देशों से राय लेकर सहमति लेने का प्रयास किया गया, सन 1994 को विश्व मूल निवासी दिवस मनाने का घोषणा की गई। सन 2007 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने 46 अनुच्छेद के साथ घोषणा पत्र जारी किए ,इस घोषणा पत्र में भारत के संदर्भ में तार्किक विश्लेषण सिद्ध नहीं होता है।
9 अगस्त का इतिहास को अध्ययन करने के बाद जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं ने तय किया कि उत्सव नहीं बल्कि शोक सभा श्रद्धांजलि मनाएंगे ।
बैठक में सोमा उरांव  ने कहा कि की जनजाति समाज में महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार नहीं होता है क्योंकि जनजाति समाज का अपना कस्टमरी लॉ होता है और समाज उसी से गाइड होता है। जो कस्टमरी लॉ को नहीं मानता हो उसके लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कस्टमरी लॉ वाले जनजाति के लिए नहीं है।
मेघा उराव ने कहा कि 9 अगस्त मूल निवासी दिवस है और इस दिन अमेरिका में पांच जनजातियों की जल जंगल जमीन भाषा संस्कृति सभ्यता और महिलाओं के साथ दर्दनाक यातनाएं करते हुए समूल रूप से नष्ट कर दिया गया जिसको ढकने और छुपाने के लिए मूल निवासी दिवस के स्थान पर जानबूझकर षड्यंत्र के तहत विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है जबकि विश्व आदिवासी दिवस या आदिवासी दिवस के रूप में 9 अगस्त के दिन में किसी भी प्रकार का कोई भी महानुभूति की उपलब्धि या जन्म या मरण नहीं है। अमेरिका में जनजातियों को समूल रूप से जो नष्ट किया गया है वैसे जनजातियों के लिए उनकी आत्मा की शांति के लिए हम सभी कार्यकर्ता शोक सभा  श्रद्धांजलि दिवस मनाएंगे।इस बैठक में बिना उराव, राजेंद्र बड़ाईक,   बंधना मुंडा, जगन्नाथ भगत, मनोज भगत, अंजलि लकड़ा, सुजाता मुंडा, विशु उरांव, दुर्गा उरांव , हिंदुवा उरांव, कामेश्वर साहू, सुनील कुमार वगैरा उपस्थित थे।
 
 
                  साहिबगंज। ज़िला संवेदक संघ ने नगर परिषद प्रांगण में शुक्रवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक, पूर्व मुख्यमंत्री सह वर्तमान राज्यसभा सांसद दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन पर शोकसभा का आयोजन किया गया । इस दौरान संवेदकों ने उनके तैलीय चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर व दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अध्यक्ष राजीव चौधरी गुरूजी के निधन को संपूर्ण झारखंड के जनमानस की क्षति बताई। उन्होंने कहा कि संवेदकों का गुरूजी से हमेशा अटूट संबंध रहेगा। गुरूजी ने झारखंड को अलग कराया। संवेदकों ने राज्य के विकास के लिए गुरूजी के उठाए गए हर कदम का साथ दिया। मौके पर बंधु यादव, सुरेंद्र यादव, बबलू सिन्हा, प्रदीप पासवान, श्रीवास्तव यादव, मनीष सिन्हा, सुधांशु शेखर, राजू अंसारी, मुन्ना यादव, रामलाल, अशोक यादव, गौतम गुप्ता , चुन्नु तिवारी, दिलीप सिंह आदि मौजूद रहे।
 
                  रांची। आजसू पार्टी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख सुदेश महतो का नाम उग्रवादियों द्वारा हिटलिस्ट में रखने की उच्चस्तरीय जांच करवाने तथा उनकी सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा करने की मांग की है। इस बात का खुलासा होना चाहिए कि सुदेश महतो उग्रवादियों के निशाने पर क्यों हैं? पार्टी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार सुदेश महतो की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष द्वय प्रवीण प्रभाकर एवं हसन अंसारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बार बार उग्रवादियों द्वारा सुदेश महतो की हत्या की साजिश की जानकारी सामने आती रहती है, लेकिन इसके कारणों का अभी तक पुलिस द्वारा खुलासा नहीं किया गया है। इस संबंध में शीघ्र ही पार्टी नेता राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी से मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे। प्रेस वार्ता में मीडिया संयोजक परवाज खान भी उपस्थित थे।
श्री प्रभाकर ने कहा कि दो दिन पूर्व गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए उग्रवादी मार्टिन केरकेट्टा ने भी सुदेश महतो को अपनी हिटलिस्ट में रखा था और हमले की फिराक में था। उसने 2023 में अनगड़ा थाना क्षेत्र में बैठक कर सुदेश महतो की हत्या की योजना बनाई थी, जिसका खुलासा पुलिस ने किया था।
हसन अंसारी ने कहा कि इससे पूर्व किसी राजनेता द्वारा सुदेश महतो की हत्या के लिए उग्रवादियों को 5 करोड़ रुपयों की सुपारी देने की बात सामने आ चुकी है। इस बात का खुलासा होना चाहिए कि बार बार किस कारण से हत्या की साजिश रची जा रही है और इस साजिश के पीछे कौन है?
श्री प्रभाकर ने कहा कि 2005 में सिल्ली से पोगड़ा जाने के रास्ते में केन बम लगाने की साजिश सामने आई थी। 2013 में पीएलएफआई कमांडर जीदन गुड़िया द्वारा किसी राजनेता से 5 करोड़ की सुपारी ली गई थी, जिसके बाद 27 एवं 28यू जनवरी 2014 को सिल्ली प्रतिभा महोत्सव में टाइम बम लगाकर हमले का प्रयास किया गया। इसमें विफल होने पर 26 फरवरी 2014 को जोन्हा में एक विवाह समारोह में हमले की योजना बनाई गई, जिसे पुलिस और ग्रामीणों की तत्परता से विफल किया गया। बाद में खुलासा हुआ कि एक उग्रवादी देव सिंह मुंडा को साजिश के तहत आजसू में शामिल भी करवाया गया था।
उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व मारे गए पीएलएफआई कमांडर मार्टिन केरकेट्टा ने भी सुदेश महतो की हिटलिस्ट में रखा था और 25 जनवरी 2023 को अनगड़ा थाना क्षेत्र में बैठक कर हमले की योजना बनाई थी। इसका खुलासा पुलिस छापामारी में पकड़ाए उग्रवादियों ने बाद में किया था।
आजसू नेताओं ने बताया कि पीएलएफआई द्वारा 2014 में पार्टी के केंद्रीय महासचिव स्व तिलेश्वर साहु की भी हत्या हजारीबाग जिले के बरही में कर दी गई थी।
आजसू नेताओं ने मांग करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री एवं पार्टी के प्रधान महासचिव रामचंद्र सहिस की भी सुरक्षा वापस ले ली गई है, जिसे तुरंत वापस किया जाए।
 
                  रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने एक बयान जारी कर भारत सरकार से अपील की है कि वह झारखंड राज्य के निर्माता, सामाजिक न्याय के अप्रतिम योद्धा और दिशोम गुरु के नाम से समूचे आदिवासी समाज में पूज्य शिबू सोरेन को भारत रत्न देने पर गंभीरता से विचार करे। श्री पांडेय ने कहा कि गुरुजी का जीवन संघर्षशील, प्रेरणादायी और जन-सरोकारों से ओतप्रोत रहा है।
गुरु शिबू सोरेन न केवल एक राजनेता थे, बल्कि वे आदिवासी चेतना के वाहक, शोषित-वंचित वर्ग के सशक्त प्रवक्ता और सामाजिक क्रांति के प्रतीक थे। उन्होंने नशाखोरी और महाजनी प्रथा के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन खड़ा किया, जिससे झारखंड के दूर-दराज़ गांवों में चेतना फैली। शिक्षा के क्षेत्र में भी गुरुजी ने अनेक पहल की, ताकि आदिवासी समाज ज्ञान के माध्यम से सशक्त हो सके।
श्री पांडेय ने कहा कि झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन से लेकर केंद्र और राज्य सरकारों में मंत्री व मुख्यमंत्री रहते हुए गुरुजी ने सदैव जनहित को प्राथमिकता दी। उनका जीवन त्याग, संघर्ष और सेवा की मिसाल है। ऐसे महापुरुष को भारत रत्न से सम्मानित करना केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक और सामाजिक चेतना को भी गौरवान्वित करना होगा। केंद्र सरकार को इस पर अविलंब निर्णय लेना चाहिए।
 
 
                  रांची। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय कांग्रेस भवन मे शोक सभा का आयोजन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। सभा में गुरु जी के चित्र पर नेताअओं एवं कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।श्री कमलेश ने कहा कि शिबू सोरेन का जीवन एक अंतहीन किताब की तरह है जिसके पन्नों को जितना पलटा जाएगा संघर्ष की उतनी गाथाएं मिलेंगी। आदिवासी समुदाय के अस्मिता हक अधिकार आर्थिक सुदृढ़ता के लिये उन्होंने युवावस्था से ही संघर्ष किया। झारखंड वासियों के अधिकार के लिए झारखंड अलग राज्य के आंदोलन को सक्षम नेतृत्व प्रदान किया और आंदोलन को धारदार बनाया, हर जाति समुदाय को आंदोलन से जोड़ा जिसका प्रतिफल अलग राज्य निर्माण के रूप में मिला। जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए सदैव संघर्षरत और प्रयत्नशील रहने वाले गुरु जी ने उनके महत्व से आम लोगों को जागरूक किया। उनके द्वारा आदिवासी समुदाय के उत्थान के प्रयास और झारखंड आंदोलन का निर्णायक नेतृत्व उदाहरण के रूप में देश के समक्ष रखा जाएगा। झारखंड मे उनके द्वारा जलायी गयी क्रांति की मशाल हमेशा लोगों के लिए पथ प्रदर्शक का काम करेगा। गुरुजी के त्याग बलिदान और समाज में योगदान के लिए केंद्र सरकार को उन्हे भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए।उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया कि गुरु जी के नाम से राज्य में एक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाये, उनके निवास स्थान को संग्रहालय घोषित किया जाए, झारखंड के पाठ्य पुस्तकों में उनके जीवन चरित् को शामिल किया जाए।
कांग्रेस के सह प्रभारी सीरीबेला प्रसाद ने कहा कि शिबू सोरेन संघर्षों के प्रतीक थे। झारखंड निर्माण के लिए किये आंदोलन और आदिवासीयों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिये, उनके बिच जागरूकता फैलाने के लिए किए गए उनके प्रयासों के लिए झारखंड की जनता सदैव उनका ऋणी रहेगी। अपने आंदोलन और विभाग विचारों के लिए उन्होंने पूरे देश स्तर पर आदिवासी समुदाय के बीच अपनी विश्वसनीय का कायम की थी,उनके आदर्शों को आत्मसात करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने कहा कि गुरु जी के व्यक्तित्व की चर्चा की कोई सीमा नहीं हो सकती है।झारखंड की उन्होने न सिर्फ परिकल्पना की बल्कि संघर्षों से उसे मुकाम तक पहुंचाया, जिन उद्देश्यों को लेकर उन्होंने अपने जीवन काल में संघर्ष किया उन उद्देश्यों को धरातल पर उतारना,झारखंड वासियों को आर्थिक सामाजिक राजनीतिक रूप से मजबूती करना ही उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना होगा।
झारखण्ड सह प्रभारी डाॅ. सिरिबेला प्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, उप नेता राजेश कच्छप, मंत्री राधाकृष्ण किशोर, मंत्री डॉ इरफान अंसारी, विधायक डाॅ. रामेश्वर उरांव, सुरेश बैठा, सुबोधकांत सहाय, रोशन लाल भाटिया, बन्ना गुप्ता , रविन्द्र सिंह , श्री बंधु तिर्की शाहजादा अनवर, राकेश सिन्हा, आलोक दूबे, अमुल्य नीरज खलखो,  सतीश पौल मुजनी, राजीव रंजन प्रसाद, सोनल शांति,  लाल किशोरनाथ शाहदेव,  सूर्यकांत शुक्ला, आभा सिन्हा, सुल्तान अहमद, सतीश केडिया, अभिलाष साहू , राजन वर्मा , रमा खालखो,कमल ठाकुर, केदार पासवान ,भीम कुमार जगदीश साहू ,निरंजन पासवान, राकेश किरण महतो, राजेश सिन्हा सन्नी, ऐनुल हक, अजय सिंह, अशोक वर्मा ,नीतू सिंह, सुन्दरी तिर्की ,राजू राम,  सुरिन राम, प्रभात कुमार सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
 
                  रांची । गुरुवार को रांची के स्थानीय सांसद सह रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने अपने संसदीय कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया । प्रेस वार्ता में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया 28 अगस्त 2025 से लेकर 3 सितंबर 2025 तक सांसद कला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जहां 20000 से अधिक विद्यार्थी भाग लेने की संभावना है। सांसद कला महोत्सव का मुख्य थीम ऑपरेशन सिंदूर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी को लेकर उनकी यादगार तस्वीर बनाना जिससे कि उनसे जुड़ी हुई यादें को संजोया जा सके। विद्यार्थी अपने अनुसार किसी भी थीम में पेंटिंग कर सकते हैं। ड्राइंग का समय 2 घंटे का होगा। इस कला महोत्सव में कक्षा 8 से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। विद्यार्थियों को अपने विद्यालय से ही रजिस्ट्रेशन करना होगा, प्रत्येक स्कूल से पांच श्रेष्ठ पेंटिंग का चुनाव किया जाएगा और सभी स्कूल से चुने गए श्रेष्ठ प्रतिभागियों की एक अलग प्रतियोगिता होगी और सबसे सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया जाएगा और जो सर्वश्रेष्ठ होंगे उन विद्यार्थी को पुरस्कृत भी किया जाएगा,साथ ही महोत्सव में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
 
                  रांची। आठ अगस्त को झारखंड अलग आंदोलन के मसीहा शहीद निर्मल महतो का पुण्यतिथि मनाया जाएगा। पूरे प्रदेश में इसकी भव्य रूप से तैयारी चल रही है। 'झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा' के द्वारा सोनाहातु के जाडेया मोड़ में शहीद निर्मल महतो जी का आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो जी के द्वारा  (शुक्रवार को) अनावरण किया जाएगा। संगठन के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो के नेतृत्व में झारखंड मेला मैदान सोनाहातु से बाइक रैली निकाला जाएगा। यह बाइक रैली पुराना ब्लॉक ऑफिस, थाना मैदान,  जमुदाग मोड एवं तेलवारी मोड से होते हुए कार्यक्रम स्थल कार्यक्रम जाडे़या मोड़ पहुंचेंगे।
बताते चले कि शहीद निर्मल महतो जी के आदमकद विधिवत् अनावरण के टाइगर जयराम महतो श्रद्धांजलि जन संबोधन प्रस्तुत करेंगे। संगठन रांची जिला अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए कहा कि कार्यक्रम की संपूर्ण तैयारी संपन्न कर लिया गया है।
 
                  रांची। भगवान बिरसा मुंडा समाधि स्थल स्थित जमीन पर सरना झंडा को उतारने और गाड़ने को लेकर उत्पन् विवाद एवं दिनांक 4 ,8, 2025 को ऑल इंडिया क्रिश्चियन माइनॉरिटी फ्रंट की ओर से निशा भगत के प्रति लालपुर थाना में शिकायत दर्ज किए गए को लेकर सामाजिक संगठन सामाजिक अगुवाओं का एक आवश्यक बैठक धुर्वा सेक्टर 3 एन टाइप धूमकुड़िया प्रांगण में मेघा उरांव के अध्यक्षता में हुई।
इस बैठक में वक्ताओं ने कहा कि ऑल इंडिया क्रिश्चियन माइनॉरिटी फ्रंट के द्वारा निशा भगत पर आरोप लगाया जा रहा है कि हमारे पवित्र बाइबल पर गलत टिप्पणी और हमारे समाज को बहिष्कृत जैसे असंवैधानिक शब्दों का प्रयोग और चर्च और ग्रोटो को बुलडोजर चला कर तोड़ देंगे इस तरह का धमकी और भाषा से पूरे ईसाई समुदाय आहत हैं हमारे धार्मिक आस्था विश्वास को अपमान किया है।
इस बयान पर झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा है कि शायद ऑल इंडिया क्रिश्चियन माइनॉरिटी फ्रंट के लोगों को पता नहीं है या तो वे अधूरा ज्ञान रखते हैं। निशा भगत जो बाइबल और कई पुस्तकों के बारे में बोली है वह सतप्रतिशत सही है कहीं से भी गलत नहीं है। इसको हम लोग कही भी प्रमाणित कर सकते हैं। मेघा उरांव ने कहा कि वर्षों से चर्च मिशनरी द्वारा आदिवासी/जनजातियों का आस्था और विश्वास पर्व त्यौहार के प्रति गलत गलत टिप्पणी लिखित और मौखिक रूप से किया जा रहा है उससे क्या आदिवासी समाज आहत नहीं है? वर्षों से इस तरह का पीड़ा को झेल रहे हैं।
 जो आज निशा भगत  हकीकत और सही बातों को बोल दी तो पूरे ईसाई समुदाय आहत है। जहां तक ग्रोटो और चर्च को बुलडोजर से तोड़ने की बात है तो इसको समझने का प्रयास करना चाहिए सच्चाई यह है कि ग्राम टीन टांगर पतरा टोली चैनपुर गुमला में रोमन कैथोलिक ईसाई मिशन द्वारा सरना (झखरा) स्थल जिसका खाता संख्या 104, प्लॉट नंबर 340, रकबा 2 एकड़ 56 डिसमिल सरना पूजा स्थल जमीन पर ग्रोटो और चर्च बना हुआ है जिसको हटाने के लिए कई संगठन के लोगों ने दिनांक 10, 12 2018 को उपयुक्त गुमला को ज्ञापन सौंपा था लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई ने किया गया जबकि अंचल कार्यालय चैनपुर द्वारा प्रमाणित कर दिया गया है कि ये सरना की जमीन है। इसको हटाने के लिए फिर से उपयुक्त गुमला को ज्ञापन दिया जाएगा अगर प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो समाज कार्रवाई करेगा। 
सनी उरांव टोप्पो ने कहा कि ये स्पष्ट हो गया है कि क्रिश्चियन क्रिश्चियन है और आदिवासी आदिवासी है क्रिश्चियन कभी आदिवासी नहीं हो सकता है और क्रिश्चियन हो करके आदिवासियों का कोई भी पर्व त्यौहार आस्था का प्रतीक झंडा इत्यादि को इस्तेमाल नहीं कर सकता है जबकि उस स्थल पर झंडा गाड़ने वाला खुद को स्वीकार किया कि हम लोग ईसाई समुदाय से हैं और जमीन बचाने के लिए सरना झंडा को गाड़े थे सवाल यह है की क्या यह जमीन कब्जा करने वाला जमीन बचाने वाला झंडा बन गया है?
जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक संदीप उरांव ने कहा है कि यह लड़ाई निशा भगत का नहीं है बल्कि पूरे मूल आदिवासी /जनजाति समाज की लड़ाई है और जो ऑल इंडिया क्रिश्चियन माइनॉरिटी फ्रंट द्वारा जो भी पुस्तक और बाइबल के बारे में गलत टिप्पणी बता रहे हैं उसको न्यायालय में प्रमाणित किया जाएगा। चर्च मिशनरियों का चुनौती स्वीकार है अगर अभी भी ईसाई समुदाय अपने हरकतों से बाज नहीं आए तो इस आंदोलन को पूरे देश स्तर से लड़ाई लड़ा जाएगा।
बैठा मे यह भी निर्णय लिया गया है कि धर्मांतरित ईसाइयों को आदिवासियों का कोई भी पर्व त्यौहार आदिवासियों का कोई भी प्रतीक झंडा को प्रयोग उपयोग करने नहीं दिया जाएगा। इस बैठक में मेघा उरांव,संदीप उरांव, सनी उरांव, जय मंत्री उरांव, जगन्नाथ भगत, चरवा उरांव, बिरसा उरांव, बिगल उरांव, विशु उरांव, लूथरू उरांव, बजरंग टाना भगत , अजय उरांव एवं अन्य।
 
                  रांची। दिशोम गुरु शिबू सोरेन अब नहीं रहे। वे इतिहास का हिस्सा बन गए। स्मृति , संकल्प और प्रेरणा के अमूर्त अहसास बनकर रह गये।शिबू सोरेन आदिवासी अस्मिता, स्वायत्तता और सम्मान के संघर्ष को नेतृत्व देनेवाले जननायकों की परम्परा के एक प्रखर व्यक्तित्व रहे। वे झारखंड के औपनिवेशिक शोषण के विरोध के एक जीवंत प्रतीक बन गये थे। झारखंड को लूटने वाली , झारखंड पर अपने राजनीतिक और प्रशासनिक वर्चस्व को बनाये रखने की साजिश रचती रही ताकतों ने उन्हें बदनाम और बेअसर करने की हर कोशिश करती रहीं। ऐसी जितनी कोशिशें चलीं , झारखंडी जनमानस में वे उतने असरदार होते गये। आज की झारखंड सरकार का व्यापक जनाधार उनके द्वारा विकसित झारखंडी मूल्यों और भावनाओं की ही देन है। उनके प्रति झारखंडी जनों के आत्मीय विश्वास और लगाव की बदौलत ही है।
 झारखंड अलग राज्य की भावना को बचाए रखने में, आगे बढ़ाने में, और सीमित या अधूरे रूप में ही सही, उसे साकार हासिल करने में शिबू सोरेन की बड़ी भूमिका रही है। मरांग गोमके जयपाल  सिंह मुंडा के कांग्रेसी चक्रव्यूह में फंस जाने, एन ई होरो के झारखंड पार्टी के सिमटते जाने के बाद झारखंड में एक शून्यता सी थी। स्वतंत्र और सशक्त संगठित झारखंडी शक्ति का अभाव था। तरह तरह के शोषण दमन से त्रस्त झारखंडी जनगण बेचैन था। ऐसे समय में अपने पिता की सूदखोरों महाजनों द्वारा की गयी हत्या से आहत शिबू का महाजन विरोधी आंदोलन शुरू हुआ। सूदखोरों के यहां बंधक खेतों की फसलकटनी का अभियान लहर की तरह फैलता गया था। इस धनकटनी आंदोलन से सैकड़ों आदिवासी गांव सच्चे मायने में महाजनों की थोपी गुलामी और बदहाली से आजाद हुए। और खेतिहर संघर्ष, कोलियरी मजदूर संघर्ष तथा पुनर्वास के कानूनी संघर्ष की नींव से उभरी नयी झारखंडी राजनीतिक शक्ति फैलती गयी।
शिबू सोरेन के व्यक्तित्व के अनेक प्रेरक पहलू रहे। वे गजब का साहस रखते थे। गुआ गोलीकांड की बरसी पर गुआ को पुलिस और सीआरपीएफ छावनी में बदल दिया गया था।  किसी को गुआ में घुसने नहीं दिया जा रहा था। तब भी वे गुआ पहुंच कर रहे। शहीदों को श्रद्धांजलि देकर पुलिस बल को चेतावनी देते हुए लौटे। जब भी झामुमो का बड़ा जमावड़ा होता था, वे अधिकांश के खाने के बाद लगभग अंतिम पांत में बैठकर खाते थे। बाद में स्थापित होने के बाद वे अपने शहीद मित्रों के परिजनों और अभावग्रस्त सहयोगियों को यथासंभव सहयोग पहुंचवाते थे। वैमनस्य और प्रतिशोध की मनोवृत्ति से मुक्त थे। जब उनका आतंक था, तब भी अपने पिता के हत्यारे परिवार से बदला लेने की नहीं सोची। डोमिसाइल आंदोलन के समय जो वैमनस्य का वातावरण बना था,उसके प्रति उनका दुख जाहिर हुआ था। सिपाही बनने के लिए ज्ञान कौशल से ज्यादा जरूरी शारीरिक फुर्ती और कौशल है, ऐसा मौलिक और ग्रंथिमुक्त चिंतन बहुत कम लोग बोल पाते हैं। शारीरिक श्रम, सहज मेलजोल उनके स्वभाव का हिस्सा रहा।
आजादी के बाद भी आदिवासी बहुल क्षेत्र को एक अलग राज्य बनाने के बदले में उसे संसाधनों के लूट के लिए बिहार, बंगाल, उड़ीसा,और मध्यप्रदेश के बीच टुकड़े टुकड़े बांट दिया गया था। बाहर से आए बनिया और महाजन आदिवासियों की जमीन लूटते थे, उनका  बंधुआ सा शोषण करते थे, और महिलाओं पर शारीरिक लैंगिक शोषण करते थे। आदिवासी एक तरीके का गुलामी का जीवन बिताते थे। आदिवासियों को  शोषण से मुक्त करने के लिए शिबू सोरेन ने धानकटनी आंदोलन शुरू किया था। शिक्षा के लिए  स्कूल खोला था। धनबाद, जामताड़ा और अन्य क्षेत्रों के लोगों ने शिबू के अगुआई में अपने जमीन पर महाजन द्वारा रोपे गए धान काट लिया और जमीन को मुक्त घोषित किया। यह आंदोलन दूसरे क्षेत्रों में भी फैलने लगा और एक बड़ा जन आंदोलन का रूप ले लिया। सैकड़ों गांवों में लोगों की जमीन मुक्त हुई। जन आंदोलन के सामने थानों में लदे मुकदमे भी कुछ भी नहीं कर पाए। 
इस आंदोलन के द्वारा आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार दुनिया के सामने लाने में शिबू सफल हुए। अलग झारखंड की मांग को न्यायोचित मानने का समर्थन बढ़ता गया। आदिवासियों का बराबरी का अधिकार, निर्णय लेने का अधिकार, इज्जत से जीने का अधिकार, बुनियादी जरूरतों को पाने का अधिकार का पहलू ज्यादा मजबूती से प्रकट हुआ। यह शिबू सोरेन के आंदोलन का सबसे बड़ा उपलब्धि रहा।
शिबू सोरेन एक धैर्यशील नेता थे। शिबू सोरेन एक साधारण व्यक्ति थे। लेकिन उनके साहस, दृढ़संकल्प एवं अन्याय के प्रति आक्रोश ने उन्हें दूसरों से अलग बनाया। 
वे हर इंसान को सम्मान देते थे। वे अन्याय से लड़ते थे। लेकिन किसी व्यक्ति के प्रति ईर्ष्या या दुश्मनी नहीं रखते थे। शांत स्वभाव के थे। किसी को अपमानित नहीं करते थे। लेकिन अपने और अपने लोगों के हक के बारे में स्पष्ट थे और दृढ़ता के साथ बात रखते थे। वे सरल भोजन करते थे और नशा पानी से दूर रहते थे। 
शिबू सोरेन समझते थे कि अपने लोगों के विकास के लिए चुनावी राजनीति में भाग लेना जरूरी है। लेकिन राजनीति में भाग लेने के बाद उन्हें लोगों के सपनों और सरकार के नीति के बीच की खाई समझ में आयी। इस पर शिबू सोरेन को दुख होता था। सरकार की नीति और जनता की स्थिति को देख कर वे विवश हो जाते थे। अपने लोगों के सपने पूरा नहीं कर पाने का अफसोस वे जाहिर भी करते थे। 
लेकिन शिबू सोरेन यह समझते थे और गर्व करते थे कि अलग झारखंड के लिए लड़ कर वे आदिवासी समाज की एक अलग पहचान बना पाए । इसे कभी भी वनांचल या अन्य राजनीतिक पहचान में नहीं बदला जा सकता है। इसके साथ ही आदिवासियों के जल जंगल जमीन पर अधिकार, इज्जत से जीने का अधिकार, अपने भविष्य बनाने के लिए स्वयं निर्णय लेने का अधिकार, ग्राम सभा का अधिकार आदि बुनियादी अधिकारों के रूप में पहचान बना पाये। पूर्ण स्वराज के लिए, जल जंगल जमीन और संसाधन पर निर्णायक अधिकार के लिए संघर्ष जारी रखना है। यह काम वीर शिबू सोरेन, दिशुम गुरु ने हमारे लिए, वर्तमान पीढ़ी को सौंप गये हैं। समर अभी काफी बाकी है।
झारखंड जनाधिकार महासभा शिबू सोरेन के संघर्ष को स्मरण करता है और प्रेरणा लेता है। और उनके दुख से सबक भी लेता  है। हम सब दिसुम गुरु शिबू सोरेन को नमन करते हैं। हम सब सच्चे जनतंत्र के लिए लड़ते रहेंगे। वैसा झारखंडी जनतंत्र जिसमें जनांदोलन और जनशक्ति इतनी सशक्त हो कि सरकार को जनता के हित में काम करना ही पड़े।
 
                  रांची। झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय अनुबंध शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ ने अपने अनशन और आमरण अनशन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। यह निर्णय पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के कारण लिया गया है, जिनका निधन 4 अगस्त 2025 को हुआ था।
संघ ने राजकीय शोक के मद्देनजर अपने कार्यक्रम को तीन दिनों के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है। अब 7 अगस्त 2025 से पुनः पूर्व की भांति धरना जारी रहेगा। इसके अलावा, 11 अगस्त 2025 से 14 अगस्त 2025 तक चार दिवसीय अनशन और 16 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।
गौरतलब है कि झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय अनुबंध शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है, जिसमें अनुबंध कर्मचारियों का स्थायीकरण, नियमित वेतन भुगतान और सेवा शर्तों का निर्धारण शामिल है। संघ के सदस्य राजभवन के समक्ष धरना दे रहे हैं और सरकार से अपनी मांगों को मानने की मांग कर रहे हैं
 
                 
                                    
                                 
                                    
                                 
                                    
                                 
                                    
                                 
                                    
                                 
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                            