
रांची। झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह को 8 सूत्री मांगों के संबंध में पत्र लिखा है। इन मांगों में शामिल हैं :-
पंचायतों को वित्तीय सहायता: 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग की राशि तत्काल उपलब्ध कराना।
आकस्मिक मृत्यु/दुर्घटना के लिए बीमा/मुआवजा: पंचायत जनप्रतिनिधियों के लिए 30 लाख रुपये का बीमा/मुआवजा और विधायकों की तरह सेवा समाप्ति के बाद पेंशन की मांग।
मासिक मानदेय: सभी त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को केरल राज्य के तर्ज पर मासिक मानदेय प्रदान करना।
वित्तीय शक्तियों का उपयोग: टाइड और अनटाइड मद की राशि को जरूरत के अनुसार खर्च करने और चेक द्वारा भुगतान करने का अधिकार देना।
वित्तीय शक्तियों की बहाली : बिना जांच के जनप्रतिनिधियों की वित्तीय शक्तियाँ जब्त न करना और जिनकी शक्तियाँ जब्त की गई हैं, उन्हें बहाल करना, साथ ही आत्मरक्षा के लिए अंगरक्षक और शस्त्र लाइसेंस देना।
डीएमएफटी फंड का उपयोग: त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अनुसार डीएमएफटी फंड का उपयोग करना।
पूर्ण अधिकार: त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को 14 विभाग और 29 विषयों में पूर्ण अधिकार देना।
निजी मद की उपलब्धता: सांसद और विधायक मद के तर्ज पर राज्य वित्त आयोग के द्वारा त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को निजी मद उपलब्ध कराना।
इन मांगों को पूरा करने के लिए झारखंड प्रदेश मुखिया संघ ने केंद्रीय मंत्री से शीघ्र कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। संघ का कहना है कि अगर मांगें पूरी होती हैं तो इससे पंचायतों और जनप्रतिनिधियों को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी ।