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कुड़मी/ कुरमी जाति के अनुसूचित जनजाति एसटी बनने की मांग के विरोध में राजभवन के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन
September 20, 2025 | 130 Views
कुड़मी/ कुरमी जाति के अनुसूचित जनजाति एसटी बनने की मांग के विरोध में राजभवन के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन

रांची। राजधानी स्थित राजभवन के समक्ष संयुक्त आदिवासी संगठन के तत्वाधान में राज्य के विभिन्न जिलों से आए हुए आदिवासी समुदाय के लोगों विभिन्न आदिवासी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा कुड़मी/कुरमी/महतो जाति के लोगों द्वारा अनुचित तरीके एसटी बनने की मांग और आंदोलन की विरोध में राजभवन के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए आदिवासी नेता लक्ष्मीनारायण मुंडा ने कहा कि कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के लोगों द्वारा यह मांग मूल आदिवासियों के संवैधानिक हक-अधिकारों राजनीतिक प्रतिनिधित्व - हिस्सेदारी आरक्षण ,नौकरी,जमीन और गौरवशाली संघर्षशील आदिवासी विद्रोह के इतिहास पर कब्जा करके मूल आदिवासियों को हाशिए में धकेलने की साज़िश है। ये मांगें आदिवासियों की पहचान,अस्तित्व संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। आदिवासी नेत्री कुंदरसी मुंडा ने कहा कि कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति की मांग और रेल टेका आंदोलन अलोकतांत्रिक  गैरकानूनी है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया है। इसके खिलाफ सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदाय के अधिकारों पर हकमारी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा आदिवासी आंदोलन में कभी भूमिका नही निभाने वाले लोग एसटी बनने को लालायित है जिसका विरोध किया जाएगा।निरंजना हेरेंज ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों ,ब्रिटिश गेजेटियर और एसटी बनने के मानदंडों को पूरा नही करने के कारण ही  1931 की जनगणना में अंग्रेजी शासनकाल के दौरान आदिवासी नही मानकर हटा दिया गया था।  इसलिए वोट बैंक दिखाकर जबरन गैर कानूनी ढंग से आंदोलन करके राजनीतिक सौदेबाजी करके एसटी बनना चाहते हैं जिसे बर्दाश्त नही किया जा सकता है। सूरज टोप्पो ने कहा कि कुड़मी/ कुरमी/महतो समुदाय के नेतागण अपनी जातिय राजनीतिक महात्वाकांक्षा को पूरी करने के लिए कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति लोगों को झौंक रहे हैं।निशा भगत ने कहा कि इस मामले में  राजनीतिक पार्टियों अपना खास तौर से भाजपा,कांग्रे, झामुमो अपनी नीतियां स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि भाजपा,कांग्रेस, झामुमो के नेताओं की भूमिका भी आदिवासी समाज पहचान करेगा। कांके रोड सरना समिति के अध्यक्ष डब्लू मुंडा ने कहा कि आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का विरोध करने वाले लोगों द्वारा आज एसटी बनने की मांग करना लोभी प्रवृत्ति का परिचायक है।  अमर तिर्की ने कहा कि मुगल काल, ब्रिटिश काल से लेकर आज तक जितने भी आदिवासी विद्रोह और आदिवासी आंदोलन हुए हैं ये लोग कभी शामिल नही रहे हैं। आज एसटी होने का दावा कर रहे हैं यह हास्यास्पद है। 

इस कार्यक्रम में रांची, जमेशदपुर, पश्चिमी सिंहभूम,गुमला, लोहरदगा, खूंटी रामगढ़, हजारीबाग सिमडेगा, पलामू  इत्यादि लोग शामिल हुए।

इस अवसर पर धरना स्थल पर आदिवासी नेता लक्ष्मीनारायण मुंडा  ने चार बिंदुओं का प्रस्ताव रखा ।
                   

1.आदिवासी समुदाय के लोगों और सभी आदिवासी संगठन कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के आदिवासी अनुसूचित जनजाति  एसटी  बनने की मांग और आंदोलन के प्रतिवाद स्वरुप झारखंड,बंगाल,उड़ीसा के विभिन्न जगहों पर अभियान चलाते हुए जन जागरण अभियान तेज करेंगे।
2. हम सभी आदिवासी संगठनों का कहना है कि कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के आदिवासी अनुसूचित जनजाति/ एसटी  बनने की मांग को लेकर भाजपा,कांग्रेस, झामुमो,टीएमसी जैसे राजनीतिक पार्टियों अपनी नीतियां स्पष्ट करें।
3. कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के आदिवासी/अनुसूचित जनजाति /एसटी  बनने की मांग को लेकर रेल टेका डहर छेंका आंदोलन के खिलाफ केंद्र सरकार राज्य सरकार विधि सम्मत कार्रवाई करें 
यह आंदोलन गैरकानूनी है तथा करोड़ों रुपये राजस्व की क्षति, लाखों यात्रियों को परेशानी में डालने वाला कदम है अन्यथा हम आदिवासी लोग समझेंगे कि यह आंदोलन सत्ता -सरकार संरक्षित,संपोषित और सामाजिक समरसता बिगाड़ कर राजनीतिक वोट बैंक के लिए सरकार प्रायोजित कार्यक्रम है।
4. एसटी सीटों से चुनाव जीतने वाले विधायक-सांसद कुड़मी/ कुरमी/ महतो जाति के आदिवासी/अनुसूचित जनजाति  एसटी बनने की मांग को लेकर अपनी अपनी नीति स्पष्ट करें अन्यथा सभी एसटी विधायकों - सांसदों का विरोध किया जाएगा।
वहीं राज्य के दोनों बड़े समुदाय कुड़मी/कुरमी/ महतो और आदिवासी भाईयों से अपील की गई। जो इस प्रकार है।
1. हमारा मानना है कि कुड़मी/कुरमी  महतो जाति एक मेहनतकश संघर्षशील समुदाय है। इसलिए हमारा अनुरोध है कि अपने स्वजातीय नेताओं जयराम महतो, सुदेश महतो,लंबोदर महतो जैसे राजनीति करने वालों और स्वजातीय  संपन्न नवधनाढ्य् वर्ग के तथाकथित 
अगुवाजनों के अनुसूचित जनजाति/ ST बनने की मांग और आंदोलन के लिए बहकावे में नही आएं। ये लोग अपने स्वार्थ और राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए आप सभी कुड़मी/कुरमी/महतो जाति समुदाय का इस्तेमाल कर रहे हैं।
2. हमारे आदिवासी समुदाय के लोगों से भी अपील है कि कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति समुदाय के आदिवासी/अनूसूचित जनजाति/ ST बनने की मांग और आंदोलन का मर्यादापूर्वक संयमित होकर लोकतांत्रिक तरीके से तथ्यात्मक,तार्किक रुप से खंडन करते हुए विरोध करें। पूरे कुड़मी/कुरमी/  महतो जाति समुदाय को निशाना नहीं बनायें।इसके बाद चार सूत्री मांगों का ज्ञापन राज्यपाल के नाम दिया गया। जहां आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों द्वारा कुड़मी/कुरमी/महतो समुदाय की ओर से हमारे संवैधानिक अधिकारों,राजनीतिक प्रतिनिधित्व,नौकरी-रोजगार, आरक्षण, जमीन और गौरवशाली इतिहास पर अनुचित तरीके से कब्जा करने की साजिश के खिलाफ एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम के माध्यम से यह ज्ञापन दिया जा रहा है। जो हमारी संस्कृति,पहचान और आजीविका को खतरे में डालने वाली  गतिविधियों को रोकने हेतु निम्नलिखित चार सूत्री मांगें हैं।


1. कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति द्वारा हमारे मूल आदिवासियों की संवैधानिक हक-अधिकारों,राजनीतिक हिस्सेदारी-प्रतिनिधित्व,आरक्षण,नौकरी और जमीन पर हकमारी करने के लिए आदिवासी/अनूसूचित जनजाति (ST) बनने की अनुचित दावों पर तत्काल रोक लगाया जाए। वहीं आदिवासियों के लिए निर्धारित विशेष संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत सलाह भारत सरकार को दिया जाए।


2. हम आदिवासियों को संविधान द्वारा प्रदत्त विशेष कानूनों और अधिकारों को कमजोर करने वाली किसी भी कोशिश अथवा दुरुपयोग को रोकने के लिए अनूसूचित जनजाति/एसटी आरक्षण की पात्रता की जांच को लेकर एक स्वतंत्र समिति गठित की जाए। 


3. चुआड़ विद्रोह में रघुनाथ महतो,कोल विद्रोह में बुली महतो और संथाल विद्रोह में चानकु महतो जैसे नाम के छद्म नायकों को आदिवासी समुदाय के ऐतिहासिक गौरवशाली संघर्ष और योगदानों को कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति के लोगों द्वारा अपने इतिहास के रुप में प्रस्तुत करने की साजिश को रोका जाए। 


4. कुड़मी/कुरमी/ महतो जाति समुदाय द्वारा आदिवासी /अनूसूचित जनजाति (ST) बनने की मांग को लेकर असंवैधानिक और अनुचित तरीके से " रेल टेका डहर छेंका " कार्यक्रम के द्वारा रेल परिचालन रोकने, सरकारी राजस्व की क्षति पहूंचाने, यात्रियों को परेशानियों में डालने और माल ढुलाई वाहक रेलों का आवाजाही बंद करने जैसे गैर कानूनी कार्यों में शामिल लोगों पर विधि सम्मत कारवाई किया जाए।

 


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