रांची। महानगर स्थित अल्बर्ट एक्का चौक, रांची में राज्यसभा सांसद डॉ. महुआ माजी के जन्मदिन के शुभ उपलक्ष्य पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन महुआ माजी फ़ैन्स क्लब, धार्मिक संगठनों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में पूरे उत्साह के साथ मनाया गया।
शाम 6:00 बजे कार्यक्रम की शुरुआत केक काटने के साथ हुई। इसके बाद बच्चों के बीच पेन-पेंसिल, लड्डू वितरित किया गया साथ ही आकर्षक आतिशबाज़ी ने उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित किया। बड़ी संख्या में नागरिक इस उत्सव का हिस्सा बने और पूरे कार्यक्रम में उत्साह का माहौल बना रहा।सभी ने एक साथ सांसद राज्यसभा डॉ० महुआ माजी की उन्नति की कामना की साथ ही इसी तरह रांची झारखंड का नाम पूरे विश्व में रौशन करें।
जन्मदिन के कार्यक्रम के आयोजक नंद किशोर सिंह चंदेल ने कहा—
यह जन्मदिन का कार्यक्रम रांचीवासियों के अपनी जनप्रतिनिधि के प्रति सम्मान और स्नेह का प्रतीक है। जनता की इतनी बड़ी सहभागिता इस आयोजन को और विशेष बना देती है।कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों तथा विभिन्न संस्थाओं के सदस्यों की उपस्थिति ने समारोह को और प्रभावशाली बनाया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से
जन्मदिन के कार्यक्रम में मुख्य रूप से- नन्द किशोर सिंह चंदेल,सोमवित माजी,मंटू पांडे, विक्रम सिंह सोनू, मनीष सिंह, विनय सिंह,राहुल सिंह, कविता सिन्हा,अमन ठाकुर, सोमू बनर्जी, अनीश वर्मा, बिट्टू सिंह,अर्चना मिर्धा , रंजीता पांडे, शिल्पी कुमारी वर्मा,रश्मि कुजूर,शीला उरांव कौशिक घोष,अमन ठाकुर, निलेश चौधरी, राधा हेमरोम ,आरती मुंडा, राहुल सिंह, सोमू बनर्जी, अजित सिंह टिंकू,विश्वजीत चौधरी,बिट्टू कुमार ,विशाल सिंह सुजीत कुमार,शुभम् वर्मा,अंकित सिंह, रिकी वर्मा, अर्जुन वर्मा,रोहन सिंह,आकाश रजक, आनंद कुमार, अर्जुन सिंह, आशीष रजक सहित अन्य लोग मौजूद थे।
रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से झारखंड विधान सभा में आदिवासी समन्वय समिति भारत (असम) ने मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने असम में रहने वाले आदिवासी समुदाय के विभिन्न समस्याओं एवं उनकी वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने कहा कि आदिवासी समुदायों के प्रति असम सरकार की उदासीनता से समाज की दुर्दशा हुई है। असम में निवास कर रहे आदिवासी समाज यहां हर क्षेत्र में निरंतर पिछड़ रहा है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने प्रतिनिधिमंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुना तथा उन्हें भरोसा दिलाया कि झारखंड सरकार असम में रह रहे आदिवासी समुदायों को उनका हक-अधिकार एवं पहचान की संरक्षा के लिए सकारात्मक पहल करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा एवं अधिकारों की रक्षा के लिए हमारी सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में रह रहे आदिवासी समुदाय के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास के लिए हम तत्परता और प्रतिबद्धता के साथ कदम से कदम मिलाकर उनके साथ सदैव खड़े हैं। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से कहा कि जल्द झारखंड सरकार का एक डेलिगेशन असम में रह रहे आदिवासियों की वर्तमान स्थिति से अवगत होने असम दौरे पर जाएगा। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने असम के चाय बागानों में काम कर रहे आदिवासियों को एसटी का दर्जा दिलाने की बात को दोहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय बागानों में काम कर रहे आदिवासी समुदायों के लोगों के दैनिक वेतन में वृद्धि हो सके इस निमित्त हमारी साकार सकारात्मक पहल करेगी तथा वहां रह रहे आदिवासियों के भूमि संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए भी कदम आगे बढ़ाएगी।
विदित हो कि अंग्रेजी शासन के दौरान झारखंड से आदिवासी समाज के परिवारों को ले जाकर असम में बसाया गया था एवं वर्तमान ने उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन जी से उनका नेतृत्व करने का आग्रह किया जिससे कि उनकी आवाज को केंद्र एवं राज्य सरकार तक पहुंचाया जा सके।
मौके पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चमरा लिंडा, आदिवासी समन्वय समिति भारत (असम) के जीतेन केरकेट्टा, बिरसा मुंडा, तरुण मुंडा, गणेश, अजीत पूर्ति, राजेश भूरी, बाबूलाल मुंडा, मंगल हेंब्रम सहित अन्य उपस्थित रहे।
रांची। आदिवासी संघर्ष मोर्चा व झारखंड जनाधिकार महासभा के संयुक्त तत्वावधान में 9 दिसंबर 2025 को रांची में एक व्यापक विचार विमर्श आयोजित किया गया। कार्यक्रम में झारखंड-छत्तीसगढ़ क्षेत्र में माओवादी उन्मूलन के नाम पर जारी हिंसा, राज्य दमन और कॉरपोरेट लूट की गहन समीक्षा की गई। इसमें झारखंड के विभिन्न जिलों, बोकारो, लातेहार, पलामू, पश्चिमी सिंहभूम, रामगढ़, हजारीबाग, रांची आदि से आए सैकड़ों आदिवासी-मूलनिवासी, सामाजिक कार्यकर्ता, महिला कार्यकर्ता, युवा और जन संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
सभा में कार्यक्रम के विषय प्रस्तुति करते हुए झारखंड जनाधिकार महासभा के सिराज ने कहा कि माओवादी खात्मा अभियानों के नाम का मुख्य उद्देश्य है आदिवासियों के अस्तित्व को खतम करना और उनके जल, जंगल, जमीन और खनीज को कॉर्पोरेट लूट के सुरक्षित करना। भाकपा (माले) के राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा मार्च 2026 तक “माओवाद के सफाये” की घोषणा के बाद आदिवासी क्षेत्रों में मुठभेड़, गिरफ्तारियां और सैन्यीकरण तेज हो गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ और झारखंड में सैकड़ों आदिवासी—निहत्थे ग्रामीण और आम नागरिक भी—मारे गए हैं। हालिया माडवी हिडमा की हत्या ने इस अभियान का असली चेहरा उजागर कर दिया है, जहां एक ओर आत्मसमर्पण की अपील होती है और दूसरी ओर तथाकथित मुठभेड़ों में हत्याएं। आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राज्य सचिव देवकीनंदन बेदिया ने सवाल उठाया कि जब माओवादी संगठनों ने युद्धविराम और शांतिवार्ता की इच्छा जताई थी, तब संवाद की बजाय हिंसा क्यों चुनी गई।
वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यह विमर्श माओवादी विचारधारा के समर्थन या विरोध का नहीं, बल्कि माओवाद उन्मूलन के नाम पर आदिवासियों के खिलाफ चल रहे दमन पर है। किसी भी प्रकार की हिंसा चाहे राज्य की हो या किसी और की, जायज नहीं है, और ऑपरेशन ग्रीन हंट, सलवा जुड़ुम व ऑपरेशन कगार जैसे अभियानों ने यह साबित किया है कि उनका सबसे बड़ा शिकार आदिवासी समाज ही बनता है।
महासभा के दिनेश मुर्मू ने कहा कि UAPA, SIR जैसे कानून आज दमन के हथियार बन चुके हैं। इन कानूनों के जरिए हजारों आदिवासी, युवा और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया है। संदेश साफ है “हमारे पुरखों की जमीन, जंगल और संघर्ष की विरासत को हमसे छीना जाएगा।”
वक्ताओं ने अदाणी जैसे कॉरपोरेट समूहों का नाम लेते हुए कहा कि खनन, इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आदिवासी इलाकों को खाली कराया जा रहा है और जो विरोध करेगा, उसे देशद्रोही करार दिया जा रहा है। राज्य का दमन केवल सशस्त्र आंदोलनों तक सीमित नहीं है। विस्थापन, जबरन खनन, जबरन सुरक्षा कैंप निर्माण और सैन्यीकरण के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलनों को भी कुचला जा रहा है। मूलवासी बचाओ मंच पर प्रतिबंध और उनके नेताओं पर UAPA के मामले इसका उदाहरण हैं। 2019–23 के बीच देशभर में UAPA के तहत 10,400 से अधिक गिरफ्तारियां (झारखंड में 501) हुई हैं।
गोमिया से हीरालाल टुडू ने बताया कि हेमंत सोरेन सरकार आँख बंद करके केंद्र के माओवादी-खात्मा अभियान के नाम पर आदिवासी-खात्मा के रणनीति के नक्शेकदम पर चल रही है। राज्य में 21 अप्रैल व 16 जुलाई को गोमिया में हुए मुठभेड़ों पर भी कई सवाल खड़े होते हैं।
संघर्ष मोर्चा की अल्मा खलखो ने कहा कि जमीन लूटने के लिए फर्जी ग्राम सभाओं के जरिए परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा में 33% महिला भागीदारी जैसे संवैधानिक प्रावधानों का खुला उल्लंघन होता है अकसर सिर्फ एक महिला, वह भी मुखिया के नाम पर, कागजों में मौजूद होती है। वक्ताओं ने स्व. रामदयाल मुंडा को याद करते हुए कहा कि “सत्ता द्वारा आदिवासियों पर दमन इसलिए होता है क्योंकि उनकी जमीन के नीचे खनिज है।” पेसा, पांचवीं अनुसूची और संविधान ने जो अधिकार आदिवासियों को दिए हैं, उनके बारे में जन-जन तक जानकारी पहुंचाना जरूरी है, नहीं तो दिकू साहब जो कहते हैं, वही अंतिम सच बना दिया जाता है। संविधान के तहत प्रतिरोध करना देशद्रोह नहीं है।
महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर लीना पादम् ने अनुभव साझा किए। उन्होंने सोनी सोरेन सहित अनेक महिलाओं के उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह आदिवासी इलाकों में महिलाओं और युवतियों को जबरन खाना पकाने, यौन हिंसा और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं के प्रतिरोध, साहस और संघर्ष की कहानियों को सामने लाना, उन्हें सम्मान और मंच देना और उनके अधिकारों व गरिमा के प्रति समाज को शिक्षित करना जरूरी है।
झारखण्ड जनाधिकार महासभा के टॉम कावला ने “अबुआ सरकार” से भी गहरी निराशा व्यक्त की। भूमि बैंक, विस्थापन और दमनकारी नीतियों पर उसकी चुप्पी सवालों के घेरे में है। सीपीएम के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव द्वारा भारतमाला परियोजना को रांची और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर विस्थापन के ब्लूप्रिंट के रूप में बताया गया। पश्चिमी सिंहभूम से अजीत कांडेयांग ने बताया कि बिना ग्राम सभा की सहमति के लगातार सुरक्षा बल कैम्प लगाए जा रहे हैं।
गौतम मुंडा ने कहा कि आदिवासियों के मूल मुद्दों को भटका के समुदायों के भीतर जाति-धर्म के आधार पर विभाजन को बढ़ावा दिया जा रहा है—सरना, ईसाई, हिंदू, मुसलमान जैसे खांचों में बांटकर एकता को तोड़ा जा रहा है।
चेरो समुदाय के प्रतिनिधियों ने सतबरवा में 130 एकड़ पहाड़ पर कब्जे, सैकड़ों लोगों पर मुकदमों और आंदोलन के बाद नीलांबर–पीतांबर की प्रतिमा तक पर नोटिस दिए जाने की जानकारी दी, जबकि पलामू टाइगर रिजर्व के नाम पर बड़े पैमाने पर विस्थापन जारी है। अशोक वर्मा ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार वंदे मातरम पर सांप्रदायिकता फैला रही है। और दूसरी ओर ग्रामीण वंदे मातरम गाते हुए जन विरोधी गोंदुलपुर कोयला परियोजना के विरुद्ध लोकतान्त्रिक आंदोलन कर रहे हैं।
उक्त वक्ताओं के अलावा कार्यक्रम में जन संस्कृति मंच के मोती बेदिया, सुरेंद्र बेदिया, आदिवासी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष आर.डी. माझी, नन्दकिशोर गंझु, नंदिता भट्टाचार्य, भाकपा (माले) लिबरेशन सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने एकजुट प्रतिरोध पर जोर दिया। अंत में 1–9 जनवरी को प्रतिरोध सप्ताह, विधानसभा घेराव जैसे कार्यक्रमों का प्रस्ताव रखते हुए कानूनी जागरूकता, जनशिक्षा, संगठित जनआंदोलन और व्यापक एकजुटता का आह्वान किया गया। चेतावनी दी गई कि यदि अब भी चुप रहे, तो हमारी संस्कृतियाँ, जंगल, जैवविविधता और कई आदिवासी समुदाय समाप्ति की कगार पर पहुँच जाएंगे।
रांची। जनजाति सुरक्षा मंच एवं झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा रांची के एक प्रतिनिधि मंडल अंचल अधिकारी नामकुम रांची से मुलाकात यह पहनई जमीन की खरीद बिक्री एवं हस्तांतरण कैसे हुआ इसकी जानकारी लेना था किंतु अंचल अधिकारी से मुलाकात नहीं हो पाई उनके कार्यालय में रिसीविंग कर दिया गया है। अगला अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची और उपायुक्त रांची से मुलाकात कर इसकी जानकारी लेंगे।
जो चांद गांव थाना तुपुदाना ओपी पंचायत हरदाग जिला रांची का खाता नंबर 71 प्लॉट नंबर 224 रकबा 1,08 (एक एकड़ आठ डिसमिल पास्कल कुजूर पिता नाथा नियल कुजूर के नाम से हस्तांतरण किया गया है जो नियम के विरुद्ध है। यह प्रथागत सामाजिक पहनई जमीन ना तो खरीद बिक्री होता है ना ही किसी व्यक्ति द्वारा किसी प्रकार का निर्माण कार्य न खरीद बिक्री न हीं हस्तांतरण किया जा सकता है। यह जमीन समाज के द्वारा पूजा पाठ करने के एवज में केवल पाहन (पुजारी) को दिया जाता है, किंतु इस प्रथागत सामाजिक पहनई जमीनों को भी चर्च के लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा कर रखा उस जमीन पर डेढ़ वर्षो से झारखंड महाभिषेक चर्च चंगाई सभा चल रहा है है। इस जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची उपयुक्त रांची, और एलआरडीसी रांची को आवेदन देकर जमीन मुक्त कराने का निवेदन करेंगे।
ये सीएनटी एक्ट एवं पेसा अधिनियम का उल्लंघन है।
मेघा उरांव ने कहा है कि आदिवासी/ जनजातियों का अस्तित्व और अस्मिता की रक्षा सुरक्षा हक और अधिकार उनका पहचान सरना मसना अखड़ा धूमकुड़िया सामाजिक धार्मिक और पहनई जमीनों को चिन्हित कर कब्जा मुक्त कराएगे। नामकुम प्रखंड के चांद गांव में झारखंड महाअभिषेक चर्च के द्वारा चंगाई सभा हर हाल में हटकर ही रहेगा
संदीप उरांव ने कहा है कि चर्च के लोग घबराहट में अनाप-शनाप बयान बाजी कर हम आदिवासी/जनजातियों के बीच विभेद पैदा करना चाह रहे हैं चर्च के लोग अपने बयान बाजी से बाज आए । चर्च का करतूत को आदिवासियों/ जनजातीय के बीच जागरूकता अभियान चलाएंगे।
इस कार्यक्रम में जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांत महिला प्रमुख अंजलि लकड़ा , संदीप उरांव, मेघा उरांव ,दिलीप मुंडा, सोमा उरांव,अजय कुमार भोगता, आरती कुजूर, सनी उरांव, बलवंत तिर्की, गणेश तिग्गा , मोती सिंह बड़ाइक एवं अन्य।
रांची । रविवार को एचईसी मज़दूर संघ की बैठक बीएमएस कार्यालय, सीडी–241 सेक्टर–3 में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता रविकांत ने की। इस दौरान कर्मचारियों ने अपने विभागीय और व्यक्तिगत कार्य-संबंधी मुद्दों को खुलकर सामने रखा। दिल्ली में आयोजित ऑल इंडिया पीएसयू की तीन दिवसीय बैठक में संघ के महामंत्री रमाशंकर प्रसाद ने एचईसी की गंभीर परिस्थितियों से केंद्रीय नेताओं को अवगत कराया। उन्होंने विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर स्पष्ट किया कि एचईसी को बचाने के लिए केंद्र सरकार लगातार चर्चा और समीक्षा कर रही है । उन्होंने कर्मियों से अपील की कि कारखाने के अंदर उपलब्ध हर कार्य को जिम्मेदारी से पूरा करें, उत्पादन बढ़ाकर एचईसी को अधिक मुनाफे में लाने में योगदान दें। सप्लाई कर्मियों को ‘एचईसी की रीढ़’ बताया । बैठक में सप्लाई कर्मियों की समस्या पर विशेष चर्चा हुई। महामंत्री ने कहा कि सप्लाई कर्मी एचईसी की रीढ़ हैं और प्रबंधन को हर हाल में उनकी सुविधाओं व सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। संघ ने आश्वस्त किया कि सप्लाई कर्मियों के मुद्दों को सर्वोच्च स्तर पर उठाया जाएगा।
अध्यक्षता करते हुए रविकांत ने कहा कि संघ को केंद्र सरकार की गतिविधियों और एचईसी को लेकर होने वाली बैठकों पर लगातार नज़र रखनी होगी। उन्होंने कहा कि भारी उद्योग मंत्री एवं सचिव से निरंतर संपर्क बनाए रखना और एचईसी के पुनरुत्थान के लिए हर स्तर पर दबाव बनाना अत्यंत आवश्यक है । एचईसी मजदूर संघ के महामंत्री रमा शंकर प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों के विभिन्न समस्याओं को विस्तार पूर्वक हम सभी ने सुना एवं इसे अमल करने के लिए इन सभी मुद्दों को समाहित कर जल्द ही सीएमडी को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा जाएगा । बैठक में जीतू लोहरा, विकास तिवारी, मनोज कुमार, सुनील कुमार पांडे, सरोज कुमार, संजय कुमार, बसंत पिल्लई, शायून बागे, मोहम्मद असलम, उदय शंकर, अजय शर्मा, कुंदन शर्मा, मनोज कुमार गुप्ता, घनश्याम ठाकुर, संदीप सेन, नरेश मालाकार, सतेंद्र कुमार, जौन तिग्गा, अलख निरंजन, अमर नाथ, जय नारायण सिंह, गुड्डू सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।
गया। बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला शाखा गया जी 21 वा सम्मेलन, जयप्रकाश नारापण अस्पताल में आयोजित किया गया । खुले सत्र का उद्घाटन राज्याध्यक्ष संजय कुमार , प्रतिनिधि सत्र का उद्घाटन महामंत्री दिनेश कुमार ने किया । मुख्य वक्ता के रूप में अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शशी कान्त राय सीटू के उपाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह ने किया वक्ताओ ने 90 के दशक के बदली हुई अंतराष्ट्रीय राष्ट्रीय परिस्थिति में निजीकरण, उदारीकरण वैश्वीकरण के सहारे देश का संचालन किया जाने लगा जिसके कारण स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो स्थाई प्रवृति का विभाग है, उसमे ठेका संविदा, आउटसोर्सिंग तथा स्कीम वर्कर के आधार पर कार्यों का संचालन हो रहा है। स्वास्थ्य के मानक के अनुरूप उप केंद्र से लेकर मेडिकल कालेज तक के अभाव, चिकत्सकों , नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल , फार्मासिस्ट की रिक्त पदो पर बहाली नहीं हो रही है। इस कारण कर्मियों पर कार्य का बोझ है। वम्ताओं ने सरकार से स्वास्थ्य को जनता का मौलिक अधिकार बनाने की माँग की । सम्मेलन को राकेश कुमार महिला उपसमिति का उद्घाटन भाषण रेखा कुमारी ने किया । सीटू के नेता जयवर्धन कुमार, पेंशनर यूनियन के कपिलदेव प्रसाद सिन्हा, शमीम , दूधेश्वर पंडित ने भी अपनी बातों को रखा।
नव निर्वाचित कमिटी निम्नलिखित है :
अध्यक्ष : रेखा कुमारी
जिला कमिटी : चितरंजन कुमार
कोषाध्यक्ष : रंजीत कुमार
का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया ।
साहेबगंज। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद साहिबगंज नगर इकाई द्वारा सामाजिक समरसता दिवस के अवसर पर शहर में तीन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता नगर मंत्री श्री अविनाश साह ने की। कार्यक्रम की शुरुआत साहिबगंज नगर परिषद परिसर में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई, जहां उपस्थित कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों को बाबा साहेब के विचारों तथा सामाजिक न्याय और समानता के उनके संदेश के बारे में अवगत कराया गया। इसके बाद उत्क्रमित नगरपालिका उच्च विद्यालय, साहिबगंज में आंबेडकर समरसता भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।पहले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया गया, वो प्रतियोगिता में भारती कुमारी प्रथम, श्रेया कुमारी द्वितीय तथा सोनम परवीन तृतीय स्थान पर रही। विजेता विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एनआरपी सेंटर स्कूल के प्रधानाचार्य श्री मनोज झा तथा एबीवीपी के प्रदेश सोशल मीडिया संयोजक इंद्रोजीत साह विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के तीसरे चरण में साहिबगंज शहर के गुल्ली भट्टा स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के समीप आंबेडकर सेवा बस्ती में आंबेडकर समरसता चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल के दौरान बस्तीवासियों को बाबा साहेब के विचारों, संवैधानिक अधिकारों तथा सामाजिक समानता के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। बच्चों के बीच चॉकलेट भी वितरित की गई। नगर मंत्री अविनाश साह ने कहा कि सामाजिक समरसता दिवस का उद्देश्य सिर्फ कार्यक्रम करना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को बाबा साहेब के विचारों से जोड़ना है। एनआरपी सेंटर स्कूल के प्रधानाचार्य श्री मनोज झा ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ छात्रों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ाती हैं। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्री चंदन कुमार ने कहा कि एबीवीपी समाज में समता, स्वतंत्रता और बंधुता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वहीं जिला कार्यालय मंत्री श्री अंकुश कुमार ने बताया कि सेवा बस्ती में आयोजित चौपाल ने उन लोगों तक जागरूकता पहुँचाई है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
इन कार्यक्रमों में नगर सह मंत्री निधि सिंह, प्रदेश सोशल मीडिया संयोजक इंद्रोजीत साह, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चंदन कुमार, जिला कार्यालय मंत्री अंकुश कुमार, राजा, प्रिया कुमारी, माहि कुमारी, आदर्श, समीर, नीरज, विवेक, बादल, आकाश सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
रांची। शनिवार को आरोग्य भवन रांची में जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांतीय कार्यालय में जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्य नारायण सुरी की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक की गई। इस बैठक में विशेष रूप से 23 नवंबर 2025 को जो चंगाई सभा के विरोध में दसमाइल चौक पर जतरा मैदान में आयोजित आदिवासी सरना बचाओ महारैली की समीक्षा की गई। आने वाले दिनों में कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने अपने स्तर से विभिन्न मौजों में भ्रमण कर चंगाई सभा, मुक्ति महोत्सव सभा, मुर्दे उठकर खड़े होने वाले सभा एवं प्रार्थना सभा का पता लगाकर पुरजोर विरोध किया जाएगा। बैठक में संकल्प लिया गया कि धर्मांतरित ईसाई कभी भी किसी कीमत पर आदिवासी जनजाति नहीं हो सकता है। बैठक में जनजाति सुरक्षा मंच के झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे भारत देश में संगठन की गतिविधियां को बढ़ाने के लिए क्रमबद्ध योजना बनाई जा रही है।
आप भी समय है धर्मांतरित ईसाई जनजाति का आरक्षण का लाभ जितना दिन खाया सो खाया अब जनजाति सुरक्षा मंच किसी भी कीमत पर जनजाति का आरक्षण का लाभ धर्मांतरित ईसाई को खाने नहीं देगा,। धर्मांतरित ईसाई यदि वापस आना चाहे तो अब भी समय है अपने पूर्वजों का पूजा पाठ रीति रिवाज रूढ़ि प्रथा में पुन वापस आए जाए नहीं तो बाद में फिर समय नहीं मिलेगा ताकि आने वाली नई पीढ़ी अपनी रीति रिवाज परंपरागत व्यवस्था रूढ़ि प्रथा से वंचित न हो।
धर्मांतरण एवं आरक्षण के विरोध में कई प्रदेशों में माननीय उच्च न्यायालयों के द्वारा दिए गए निर्णय पर कानूनी रूप से चिंतन एवं विचार किया गया।
इस बैठक में
संदीप उरांव, मेघा उराँव,सोमा उराँव, जगन्नाथ भगत, एडवोकेट पिंकी खोया, नकुल तिर्की, प्रदीप लकड़ा, बिना उरांव, विशु उराँव, प्रदीप उरांव, अजय कुमार भोक्ता, हिंदूवा उरांव, राजू उराव, दुर्गा उरांव एवं चारवा उरांव व अन्य उपस्थित थे।
रांची। झारखंड प्रदेश टैक्सी यूनियन के पूर्व निर्धारित प्रेस कॉन्फ्रेंस के घोषणा के अनुसार 6 दिसंबर, 2025 दिन शनिवार को प्रेस क्लब, रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। प्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख रूप से यूनियन के संस्थापक सह प्रदेश अध्यक्ष अमित ओझा, प्रदेश महासचिव नीरज सिन्हा जी, प्रदेश मीडिया प्रभारी सत्यजीत ठाकुर , यूनियन के मुख्य सलाहकार वैद्यनाथ मिश्र, रांची जिला के संयोजक आयुष तिवारी ने प्रेस को संयुक्त रूप से संबोधित किया । मामले में जानकारी देते हुए संघ के नेताओं ने बताया कि यूनियन के फेज 03 के अध्यक्ष राजन शर्मा यूनियन के फेस 2 के सचिव देव सिंह, रांची फेस 3 के सचिव रोहित गुप्ता , मोनू पांडे , सक्रिय सदस्य गौरव आनंद जी, रूपेश साहनी प्रेस क्लब में उपस्थित थे
आयोजन करने का प्रमुख मुद्दा :
1. रांची जिला अध्यक्ष एवं रांची जिला सचिव का चुनाव की तिथि का घोषणा करना है तथा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करना है।
2. यूनियन में दोषी पाए गए पदाधिकारी एवं सदस्यों के निष्कासन की घोषणा करना है।
मुद्दा 1
प्रत्याशियों के नाम:
जिला अध्यक्ष प्रत्याशी
1. दीपक सिंह
3. उदय कुमार सिंह
जिला सचिव प्रत्याशी
1. अरुण कुशवाहा
2. रोहित गुप्ता
3. मनीष कुमार
4. सोनू श्रीवास्तव
मुद्दा 2
निष्कासित सदस्य / पदाधिकारी
निष्कासित अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह के विरुद्ध निम्न आरोप/अनियमितताएँ पाई गईं थी
1. बार बार नशे की हालत में यूनियन के सदस्यों के साथ बदसलूकी करना
2. ओला, उबर जैसे एग्रीगेटर कंपनी में गाड़ी अटैचमेंट के नाम पर ड्राइवर से पैसा वसूली करना
3. ओला, उबर जैसे एग्रीगेटर कंपनी के कर्मचारी के साथ मिलीभगत कर किसी ड्राइवर के गाड़ी को ऑफ रोड करवा देना फिर गाड़ी ऑन रोड के नाम पर ड्राइवर से पैसा वसूल करना
4. ड्राइवर को पद का रौब दिखाना
5. किसी भी कार्य के लिए यूनियन से राय विचार ना करना
6. आम सभा का अवहेलना करना
इस बाबत यूनियन के नियमवाली के प्रावधानों के अनुसार अध्यक्ष को नोटिस देकर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया था, परंतु प्राप्त कोई स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं हुआ।
उसके उपरांत यूनियन के नियमवाली के प्रावधानों के अनुरूप आम सभा द्वारा श सुरिन्दर सिंह को यूनियन के अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से हटाते हुए निष्कासित कर दिया गया जहां यूनियन के किसी भी प्रकार की गतिविधि में हिस्सा ले पाएंगे ना कभी चुनाव लड़ पाएंगे।
रांची । भारत के संविधान निर्माता " भारत रत्न " बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर 10 सूत्री मांगों को लेकर झारखण्ड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत द्वारा नागा बाबा खटाल , जाकिर हुसैन पार्क के सामने राँची में विशाल रैली प्रदर्शन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने की और इसका संचालन गोड्डा जिला सचिव तौहीद आलम ने किया । भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए चौकीदार दफादारों का रैली प्रदर्शन शुरू किया गया ।
जिन मांगों को लेकर रैली प्रदर्शन किया गया उनमें तत्काल में माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय , रांची द्वारा झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली __ 2015 में उल्लेखित प्रावधानों और चौकीदारों की नियुक्ति के संबंध में पारित आदेश के कारण झारखंड में चौकीदारी व्यवस्था समाप्त होने से जनहित और राज्यहित में बचाना , झारखण्ड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में संशोधन करके सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने और 01 जनवरी , 1990 के पूर्व और बाद में सेवा निवृत चौकीदार और दफादारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार करने का प्रावधान निर्धारित करना , सेवा विमुक्त और एवजी चौकीदारों को न्याय दिलाने हेतु तत्काल अध्यादेश जारी करना या झारखंड ग्राम चौकीदार ( संशोधन) विधेयक _ 2025 पारित कराना , हर माह के प्रथम सप्ताह में वेतन करने की व्यवस्था करना, सभी बकाया जोड़कर वर्दी भत्ता का भुगतान करना , योग्यता के आधार पर पदोन्नति करना , पुलिस की तरह ही चौकीदार दफादारों को भी 13 माह का वेतन देना, यात्रा और ठहराव भत्ता भुगतान करने और प्रोत्साहन राशि पुरस्कार देने हेतु आबंटन आबंटित करना प्रमुख है ।
रैली प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने
झारखंड के माननीय मुख्य मंत्री श्री हेमंत सोरेन से मांग करते हुए कहा कि जनहित और राज्यहित में भारत की सबसे पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था चौकीदारी व्यवस्था बचाने हेतु झारखण्ड में चौकीदारों की नियुक्ति प्रक्रियाऔर उनके तबादला करने के संबंध में झारखण्ड उच्च न्यायालय रांची द्वारा पारित आदेश को शिथिल करने हेतु तत्काल अध्यादेश जारी करें । बीट से बाहर के अभ्यर्थी को चौकीदार पद पर नियुक्ति करना और इनका तबादला बीट से बाहर करना चौकीदारी मैनुअल और झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली _ 2015 में उल्लेखित प्रावधानों के खिलाफ तो है ही यह जनहित और राज्यहित के भी खिलाफ है । सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने और 01जनवरी , 1990 के पूर्व और बाद में सेवा निवृत चौकीदार दफादार दिग्वार घटवार और सरदारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार करने हेतु भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद _ 16( 4) की भावना के आलोक में तत्काल अध्यादेश जारी किया जाए या झारखंड ग्राम चौकीदार ( संशोधन) विधेयक _ 2025 पारित किया जाए।
प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि झारखण्ड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 की कंडिका 2( 9) में प्रावधान है कि " बीट" से अभिप्रेत है एक चौकीदार का कार्यक्षेत्र जिसमें 100 से120 आवासीय घरों का समूह होगा । कंडिका 4 में प्रावधान है कि नियुक्ति एवं प्रोन्नति हेतु राज्य सरकार द्वारा समय समय पर निर्धारित जिला स्तरीय आरक्षण लागू होगा और कंडिका 5 ( 5) में प्रावधान है कि अभ्यर्थी को संबंधित बीट का स्थायी निवासी होना अनिवार्य होगा ।
श्री सिंह ने बताया कि झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में उल्लेखित उक्त प्रावधानों का अनुपालन जिलों में चौकीदार पद पर नियुक्ति में नहीं हुआ है । चौकीदारों के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु निकाला गया विज्ञापन से पहले या बाद में100 से 120 आवासीय घरों पर किसी जिला में बीट सृजित नहीं किया गया है। सफल अभ्यर्थियों को जिस बीट में चौकीदार के पद पर नियुक्त किया गया है अपवाद को छोड़कर उस बीट के स्थायी निवासी नहीं हैं । एक बीट में एक ही चौकीदार नियुक्त होंगे , लेकिन एक बीट में 01 से ज्यादा 3_ 4 चौकीदारों को नियुक्त किया गया है। एक बीट ( पुराना) के अलावे नया बीट किसी जिला में नहीं बना है और ना ही एक बीट से ज्यादा पद और बल झारखंड कैबिनेट से स्वीकृत है तो एक बीट में एक से ज्यादा 3 _ 4 चौकीदारों को कैसे नियुक्त कर दिया गया है ? बीट के बाहर से चौकीदार के पद पर नियुक्ति करने से भारत की सबसे पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था चौकीदारी व्यवस्था झारखंड से समाप्त हो जाएगी और इसका सीधा बूरा असर जनहित और राज्यहित पर पड़ेगा । उक्त उल्लेखित तथ्यों से स्पष्ट है कि किसी जिला में चौकीदारों की नियुक्ति में झारखण्ड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में उल्लेखित प्रावधानों का अनुपालन नहीं हुआ है । किसी किसी जिला में चौकीदारों की नियुक्ति में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य कर दिया गया है जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16( 4 ) का खुलम खुला उल्लंघन है ।
रैली प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में मुख्य रूप से सर्वश्री एतवा उरांव , मिथलेश यादव , बाबूलाल दास ,उदित पासवान, उमेश पासवान , सरयू यादव ,तौहीद आलम , शिबू पहाड़िया, राम किशुन गोप ,रामदेव प्रसाद , मुनिलाल पासवान , किशोर कुमार महली , सीता उरांव, भैयाराम तुरी, नारायण भोगता ,,जय प्रकाश यादव, रहमान अंसारी, नीजेन कुमार भोगता , मानिक राय परमेश्वर पासवान , धनराज प्रसाद यादव , जगदीश भगत बबलू।लोहारआदि शामिल थे ।