रांची (ऋषभ राजा ) ऑनलाइन गेमिंग एप की जाल में फंसकर जिले के 40 प्रतिशत से अधिक टीनएजर्स व यूथ अपना करियर बर्बाद कर रहे हैं . अपने माता - पिता के द्वारा देखे गए डॉक्टर , इंजीनियर , आइएएस व आइपीएस, बनाने सपना पर पानी फेर रहे हैं . आलम यह है कि जिले में 14 से 35 साल के बीच के हर 10 लड़को में से 4 ऑनलाइन गेमिंग के जाल ने फंस चुके हैं . रियल टाइम में अधिक रुपये कमाने की चाह में लड़के अपने माता - पिता के अकाउंट खाली कर दे रहे हैं .
गेमिंग एप में पैसा लगाने को सूद पर देते हैं रुपये
टीनएजर व यूथ को ऑनलाइन गेमिंग एप की लत लगने पर जब पैसा नहीं मिलता है . तो उनको रुपये देने के लिए सूदखोर भी उपलब्ध है . यूथ को 10 से 20 रुपये उपलब्ध करवा देता है . इसके लिए लड़को से सादे स्टाम्प पर दस्तखत लेता है . ऑनलाइन गेमिंग एप में लगे रुपये की वसूली को लेकर सूदखोर प्रोटेक्शन गैंग का भी सहारा लेते है . जब मामला परिजन तक पहुंचता है तो उनको रुपये देना पड़ता है .
ऑनलाइन गेमिंग एप में पांच लाख हारने पर की सुसाइड की कोशिश
शहर के बालूघाट के रहने वाले एक 22 वर्षीय युवक ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग एप में पांच लाख से अधिक रुपये हार गया था . इसमें तीन लाख रुपये कमा कर रखा था . दो लाख रुपये के आसपास ब्याज पर लिया था . जब रुपये नहीं चुका पाया तो चार दिन पहले वह अखाड़ाघाट पुल पर पहुंच कर सुसाइड का प्रयास किया था . उसकी दोस्तों ने जान बचायी थीं .