महिला सिपाही के साथ इश्क लड़ाने के चक्कर में डीएसपी बन गए सिपाही

ब्यूरो। आम जीवन में लोगों ने सांप सीढ़ी का खेल तो बहुत खेल होगा लेकिन एक ऐसी दिलचस्प कहानी यूपी से निकलकर के सामने आई है जो सुनने में काफी अचंभा और आश्चर्यजनक के साथ साप सीढ़ी जैसा खेल है। मामला काफी गंभीर भी है और हास्यास्पद भी। जहां एक डिप्टी सुपरीटेंडेंट ऑफ़ पुलिस, महिला पुलिस के साथ इश्क लड़ाने के चक्कर में इस कदर फंसे कि डिमोशन होकर वह सिपाही के पद पर आ गए । घटना काफी दिलचस्प है। इस मामले में जो कहानी है उनमें बताया गया है कि देवरिया जिला निवासी कृपाशंकर कनौजिया जो उन्नाव के बीघापुर में डीएसपी के पद पर तैनात थे और कई महीनो से वह घर नहीं गए थे उन्होंने एसपी से छुट्टी की दरखास्त लगाई और कहा कि वह अपने परिवार के साथ कुछ दिन बिताना चाहते हैं। एसपी ने उनके आवेदन को स्वीकार करते हुए उन्हें छुट्टी भी दे दिया । अब डीएसपी साहब अपना घर जाने के बजाय वह एक महिला पुलिसकर्मी के साथ इश्क लड़ाने कानपुर चले गए इस बीच परिवारजन उनका इंतजार कर रहे थे जब परिवार जनों के द्वारा उनके मोबाइल पर कॉल लगाया गया तो जितने भी नंबर उनके पास थे सभी स्विच ऑफ थे । परिवार जनों की चिंता होने लगी कृपा शंकर कनौजिया जी कहां गए हैं। और जब कई घंटे बीत गए उसके बाद उनके परिवार वालों ने एसपी को फोन किया की छुट्टी के बाद वह घर आने वाले थे अब तक घर नहीं आए हैं। मामला देख एसपी ने तुरंत उनके नंबर को सर्विलांस पर लगवा दिया क्योंकि मामला डिप्टी सुपरीटेंडेंट ऑफ़ पुलिस के गायब होने का था और पुलिस भी तुरंत एक्शन में आ गई क्योंकि उनके अधिकारी का मामला था। अब उनके मोबाइल नंबर को डिकोड किया गया तो उनका नम्बर कानपुर दिखाया गया और पुलिस जब कानपुर पहुंची और लोकेशन के आधार पर एक होटल में छापा मारा गया तो कृपा शंकर कनौजिया एक महिला सिपाही के साथ इश्क लड़ाते हुए नजर आए , इसके बाद परिवारजन और पुलिस विभाग को यह मामला समझ में आया। अब क्या इसके बाद उनके ऊपर जांच बैठाई गई और जांच के बाद उनके ऊपर पुलिस नियमावली उल्लंघन का मामला के आधार पर उन्हें डीएसपी से सिपाही के पद पर नियुक्त करते हुए गोरखपुर पीएससी में तैनात कर दिया गया। क्योंकि पूर्व में सांप सीढ़ी के बारे में जो कहानी बताई गई इनमें मुख्य बिंदु यही है की कृपा शंकर कनौजिया 1986 में सिपाही पद पर ही बहाल हुए थे और विभागीय परीक्षा पास करते-करते डीएसपी के पद पर पहुंचे थे अब डीएसपी से पुनः वह सिपाही के पद पर तैनात हो गए।