शिव कुमार सिंह बनें एनजीटी के कार्यकारी अध्यक्ष ,पर्यावरण हितैषी व कड़क मियाज के रूप में है प्रसिद्ध  
                      
                      
                      
                        
            ब्यूरो रिपोर्ट। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रधान बेंच के चेयरपर्सन के रूप पांच साल का कार्यकाल पुर्ण करने के उपरांत जस्टिस आदर्श कुमार गोयल गुरूवार को सेवानिवृत्त हो गए.इनके सेवानिवृत्त के बाद सरकार ने जस्टिस शिव कुमार सिंह को एक्टिंव चेयरपर्सन के रुप में नियुक्त किया है.एनजीटी का गठन 18 अक्टूबर 2010 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट -2010 के तहत् की गई है.भारत एक विशेष पर्यावरण न्यायाधिकरण स्थापित करने वाला दुनिया का तीसरा देश और पहला विकासशील देश के सुची में शामिल हो गया है.इससे पहले आस्ट्रेलिया व न्युजीलैंड में ही ऐसे निकाय की स्थापना की गई है.एनजीटी के स्थापना का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण,वन व प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण व संवर्धन से संबंधी मुद्दों का तेजी से निपटारा करना है.जिससे देश की अदालतों में पर्यावरण संबंधी लगे मुकद्दमों के बोझ को कम किया जा सके.एनजीटी का मुख्यालय दिल्ली में है जबकि एनजीटी की चार क्षेत्रिय कार्यालय भोपाल,कोलकाता,पुणे व चेन्नई में स्थित है.जल प्रदूषण निवारण व नियंत्रण अधिनियम -1974,वन संरक्षण अधिनियम -1980,वायु प्रदूषण निवारण व नियंत्रण अधिनियम -1981,जल प्रदूषण निवारण व नियंत्रण उपकरण अधिनियम -1977, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम -1986 व जैव विविधता अधिनियम -2002 के तहत् सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के ख़िलाफ़ एनजीटी में लोगों द्वारा चुनौती दी जा सकती है साथ ही वन, पर्यावरण,जल,वायु व ध्वनि प्रदुषण को लेकर भी एनजीटी में याचिका दायर की जा सकती है.एनजीटी को मामले पर स्वत संज्ञान लेकर सुनवाई करने की भी शक्ति प्रदत है.एनजीटी पर्यावरण क्षति के पीड़ितों को क्षतिपूर्ति प्रदान कर सकता है साथ ही क्षतिग्रस्त पर्यावरणों की बहाली व उसका पुनः निर्माण करवा सकता है.एनजीटी को कारावास व भारी भरकम आर्थिक दंड लगाने की शक्ति प्राप्त है.एनजीटी के आदेश व निर्णय के विरुद्ध 90 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है.एनजीटी के प्रथम चेयरपर्सन जस्टिस लोकेश्वर सिंह ने पदभार संभाला था तो दूसरी पारी के रूप में जस्टिस स्वतंत्र कुमार तो तीसरी पारी के रूप में जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने पद भार संभाला.इस बीच जस्टिस उमेश दत्तात्रेय व जस्टिस जावेद रहीम कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में पद भार संभाला अब एक्टिंग चेयरपर्सन के रूप में जस्टिस शिव कुमार सिंह की नियुक्ति की गई है.जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने अपने कार्यकाल के दौरान पर्यावरण हित में कई ऐतिहासिक फैसला सुनाया,जिसकी गुंज आज भी देश में सुनाई पड़ रही है.अब देखना है कि नए चेयरपर्सन का कार्यकाल कैसा होता है,जबकि नये चेयरपर्सन पर्यावरण हितैषी व कानून के कड़क मजाज़ के रूप में जाने जाते हैं.जस्टिस शिव कुमार की नियुक्ति पर पर्यावरण प्रेमी सह चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर ने ख़ुशी का इज़हार प्रकट करते हुए सरकार को धन्यवाद देते हुए शिव कुमार सिंह को बधाई व शुभकामनाएं दी है.विदित हो की राजमहल के ऐतिहासिक पहाड़ को बचाने व संवर्धन को लेकर एनजीटी प्रधान बेंच नई दिल्ली में अरशद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है.जिसकी अगली सुनवाई तिथि 08 अगस्त को है.जिस सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।              
                            
                         
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                   
                   
                   
                   
                   
                   
                   
                   
                   
                   
                 
                                    
                                 
                                    
                                 
                                    
                                 
                                    
                                 
                                    
                                