ब्यूरो। भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में वापसी का रास्ता साफ कर लिया है। उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की, जिसमें भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और नेता ऋतुराज सिन्हा भी मौजूद थे। इस मुलाकात के बाद पवन सिंह की भाजपा में घर वापसी तय मानी जा रही है।
पवन सिंह की भाजपा में वापसी को आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले एनडीए की एकजुटता मजबूत करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। उनकी वापसी से शाहाबाद क्षेत्र में एनडीए को लाभ मिल सकता है, जहां पवन सिंह की लोकप्रियता काफी अधिक है। पवन सिंह के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को राजपूत और कुशवाहा दोनों जातियों के वोट मिल सकते हैं।
पवन सिंह की भाजपा में वापसी के मायने:
- शाहाबाद क्षेत्र में एनडीए को लाभ: पवन सिंह की लोकप्रियता का फायदा एनडीए को शाहाबाद क्षेत्र में मिल सकता है, जहां 22 विधानसभा सीटें हैं।
- राजपूत और कुशवाहा वोटों का समीकरण*: पवन सिंह की वापसी से एनडीए को राजपूत और कुशवाहा दोनों जातियों के वोट मिल सकते हैं, जिससे महागठबंधन के समीकरण कमजोर हो सकते हैं।
 आरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना*: पवन सिंह को आरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है, जहां से वर्तमान विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह हैं।
पवन सिंह 5 अक्टूबर को औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे और एनडीए के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
भाजपा से क्यों हुए थे निष्कासित 
भोजपुरी स्टार पवन सिंह को लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने पार्टी से निलंबित कर दिया था। मामला काराकाट लोकसभा से उपेन्द्र कुशवाह के विरुद्ध चुनाव लड़ लिया था। इसके कारण उपेंद्र कुशवाहा चुनाव हार गए थे।