रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहरीकरण के कार्यों में तेजी लाने के क्रम में इन सभी टर्मिनलों के आधुनिकीकरण, नवीनीकरण और जीर्णोद्धार का निर्देश दिया है। इसी क्रम में राजधानी रांची के तीनों प्रमुख बस टर्मिनलों, आइटीआई बस स्टैंड, सरकारी बस डिपो और बिरसा मुंडा बस टर्मिनल खादगढ़ा का कायाकल्प अब राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जाएगा। इस कार्य को आरंभ करने के लिए विभागीय मंत्री सुदिव्य कुमार के निर्देश पर निविदा भी निकाली गयी है। उन्होंने विभागीय प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार को जुडको के माध्यम से निविदा के शीघ्र निष्पादन का निर्देश दिया है।
ज्ञातव्य हो कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री सुदिव्य कुमार ने कुल 48.72 करोड़ रुपये की स्वीकृति पहले ही दे चुके है।इसमें आइटीआई बस स्टैंड के लिए 24.77 करोड़, सरकारी बस डिपो के लिए 20.19 करोड़ और बिरसा मुंडा बस स्टैंड के लिए 3.76 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है है। प्रधान सचिव सुनील कुमार ने जुडको को निर्देश दिया है कि तीनों बस टर्मिनलों के टेंडर शीघ्र निष्पादन कर कार्य जल्द प्रारंभ किया जाए ताकि इन परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद रांची के बस टर्मिनल राज्य में ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर के मॉडल स्टैंडर्ड पर नजर आएंगे। जहां यात्रियों को सुरक्षा, स्वच्छता और आधुनिक सुविधाओं का बेहतर अनुभव मिलेगा।
आइटीआई बस स्टैंड बनेगा अत्याधुनिक एवं आकर्षक
वर्तमान में यात्रियों के लिए न्यूनतम सुविधाओं वाले इस बस स्टैंड को आधुनिक रूप में विकसित किया जाएगा। यह तीन एकड़ क्षेत्रफल में बनेगा, जिसमें 2330 वर्गमीटर ग्राउंड फ्लोर और 880 वर्गमीटर प्रथम तल पर टर्मिनल भवन होगा।बसों के परिचालन के लिए 13 बस वे बनाया जाएगा। 35 बसों के लिए स्टैंड बाई पार्किंग की सुविधा रहेगी I भूतल पर ड्राइवर कैंटीन, मेंटेनेंस शेड, गार्ड रूम, स्लाइडिंग प्रवेश द्वार, वातानिकुलित प्रतीक्षालय, कार, फ़ूड कियोस्क, परिवहन कार्यालय , कैफेटेरिया, ,महिला एवं पुरुष शौचालय ,ऑटो और ई-रिक्शा पार्किंग की सुविधा होगी। प्रथम तल पर रेस्टोरेंट, प्रशासनिक भवन, टिकट काउंटर, 4 डॉरमेट्री, लॉकर युक्त गेस्ट रूम तथा हरियाली के लिए लैंडस्केपिंग की व्यवस्था रहेगी। प्रति दिन 416 बसों का परिचालन सुनिश्चित किया गया है।
सरकारी बस डिपो का होगा पुनर्निर्माण एवं जीर्णोधार
साल 1962 से 1970 के बीच बना सरकारी बस डिपो डिपो अब जर्जर अवस्था में है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसे 20.19 करोड़ रुपये की लागत से इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों के अनुसार पुनर्निर्मित किया जाएगा। पुराने भवन को तोड़ कर नया टर्मिनल भवन बनाया जायेगा I
नए भवन में 1771 वर्गमीटर ग्राउंड फ्लोर और 845 वर्गमीटर प्रथम तल में सुविधाएं विकसित होंगी। यहां गार्ड रूम, मेंटेनेंस क्षेत्र ,कैंटीन का प्रावधान रहेगा I टर्मिनल बिल्डिंग में ट्रांजिट यात्रियों के लिए डॉरमेट्री, गेस्ट रूम, प्रतीक्षालय, फूड कियोस्क, शेडयुक्त बस वे, टिकट काउंटर ,परिवहन प्रबंधन कार्यालय, हेल्प डेस्क, 12 फ़ूड कियोस्क, कैफेटेरिया, रेस्टोरेंट, शौचालय तथा स्लाइडिंग गेट, कार व ऑटो स्टैंड जैसी सुविधाएं होंगी। आठ बस वे के जरिये रोजाना लगभग 512 बसों का परिचालन होगा।
बिरसा मुंडा बस टर्मिनल खादगढ़ा का होगा जीर्णोद्धार
वर्तमान ढांचे को बरकरार रखते हुए बिरसा मुंडा बस टर्मिनल खादगढ़ा बस स्टैंड को 3.76 करोड़ रुपये की लागत से और अधिक सुविधाजनक बनाया जाएगा।
11.6 एकड़ में फैले इस परिसर में 31 बस वे, 89 बसों व 70 कारों के लिए पार्किंग, स्मार्ट शेड, 50 बेड की डॉरमेट्री, रेस्टरूम, स्नानागार, गेस्टहाउस, हाइमास्ट लाइट, बाउंड्री वाल और महिला सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की जाएगी। टेरेस एरिया की वाटर प्रूफिंग, पुराने टर्मिनल भवन का नया प्लास्टर एवं पेंटिंग, क्षतिग्रस्त टाइल्स का बदलाव, सभी वाटर टैप का परिवर्तन, सीसीटीवी, नए फ़र्निचर दो हाई वालूम, लो स्पीड फैन लगाये जायेंगेI परिसर का लैंडस्केपिंग और सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा।
रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड विधानसभा में सिद्धो–कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (सिद्धकोफेड) के निदेशक मण्डल की चतुर्थ बैठक आयोजित हुई। बैठक में कृषि एवं वनोपज क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण, किसानों की आय वृद्धि, स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा प्रशिक्षण एवं विपणन तंत्र को सशक्त बनाने से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई और कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य में कृषि एवं वनोपज क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएं हैं। किसानों को आधुनिक और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
फसलों का मूल्य समय पर मिले, किसानों का मनोबल बढ़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती के प्रत्येक चरण—उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण से लेकर विपणन तक—पूर्ण सहयोग प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को आधुनिक तकनीक, उन्नत बीज, सिंचाई की बेहतर सुविधा और बाजार तक उनकी पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम कर रही है।मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि किसानों को उनकी फसलों के उचित मूल्य का भुगतान समय पर मिलना चाहिए, ताकि उनका मनोबल बढ़े, वे आर्थिक रूप से सशक्त हों और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि खेती-किसानी राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इसलिए किसानों की समृद्धि ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।उन्होंने जलस्रोतों के संरक्षण और चेक डैमों की मरम्मत एवं देखरेख की आवश्यकता पर भी विशेष बल दिया। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इन जल संरचनाओं की देखरेख की जिम्मेदारी किसानों के समूहों या जलसहिया समितियों को सौंपी जाए, ताकि स्थानीय स्तर पर स्वामित्व और जवाबदेही दोनों सुनिश्चित हो सकें। इस पहल से न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण आजीविका को भी स्थायी आधार प्राप्त होगा।
*_मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए स्पेशल मोबाइल ऐप एवं कृषि पोर्टल विकसित करने के दिए निर्देश_*
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों के हित में एक विशेष मोबाइल एप्लीकेशन (Mobile Application) विकसित किया जाए। इस एप के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों के किसान अपनी फसलों, आवश्यक कृषि सामग्रियों, विपणन स्थिति और बाजार संबंधी जानकारी को सीधे डिजिटल माध्यम से साझा कर सकेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस डिजिटल पहल से किसानों को न केवल अपने उत्पादों के बेहतर मूल्य निर्धारण में सहायता मिलेगी, बल्कि उन्हें बाजार की वास्तविक स्थिति की अद्यतन जानकारी भी प्राप्त होगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि कृषि विभाग का एक स्थानीय पोर्टल (Local Portal) विकसित किया जाए, जिसके माध्यम से उपभोक्ता सीधे किसानों से जुड़कर कृषि उत्पादों की खरीद कर सकें। इस व्यवस्था से किसानों और उपभोक्ताओं के बीच एक पारदर्शी एवं लाभकारी संपर्क स्थापित होगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका घटेगी और किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित होगी।बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य में लाह, इमली, कोदो, कुटकी, चिरौंजी, महुआ, करंज, रेशम और तसर जैसे झारखंड के विशिष्ट वनोपजों के उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस दिशा में कार्ययोजना तैयार कर समयबद्ध रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें, ताकि राज्य के किसानों और वनोपज संग्राहकों को इसका सीधा आर्थिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि कृषि एवं वनोपज आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सभी विभाग समन्वित रूप से कार्य करें।
*_किसान पाठशाला और वीडियो आधारित प्रशिक्षण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई दिशा_*
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य के वनोपज उत्पादों को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ठोस एवं निर्णायक पहल कर रही है। सरकार का उद्देश्य न केवल इन उत्पादों के विपणन और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना है, बल्कि राज्य के किसानों, विशेषकर ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों के कृषकों को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना भी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खेतिहर समुदाय को वैकल्पिक कृषि, प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और विपणन के बेहतर अवसर उपलब्ध करा रही है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा और गति दी जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को ज्ञान और तकनीक के माध्यम से समृद्ध बनाने के लिए “किसान पाठशाला” जैसी पहल को सुदृढ़ किया जाए। किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों, संरक्षण तकनीकों तथा नवाचारों से जोड़ने के लिए वीडियो आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जाएँ, ताकि वे संबंधित मूल्य संवर्धन की तकनीकों को व्यवहारिक रूप से अपना सकें। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इन पहलों के माध्यम से ग्रामीण एवं जनजातीय समुदायों को उनकी परंपरागत आजीविका से जोड़ते हुए आधुनिक आर्थिक तंत्र में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और परिणामोन्मुख दृष्टिकोण अपनाया जाए, ताकि झारखंड के किसान वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो।
बैठक में सिद्धो–कान्हू कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (सिद्धकोफेड) द्वारा वित्तीय वर्ष 2025–26 एवं 2026–27 के लिए विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, बजट एवं कार्ययोजनाओं पर विस्तृत विचार–विमर्श किया गया। इस दौरान लाह, बीज, तसर सहित राज्य के प्रमुख कृषि–वनोपज उत्पादों के उत्पादन, संकलन, प्रसंस्करण एवं विपणन को बढ़ावा देने से संबंधित नीतिगत निर्णय लिए गए।
इस बैठक में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, सचिव अबु बकर सिद्दीक, प्रशांत कुमार, कृपानंद झा, अरवा राजकमल सहित संबंधित विभागों के वरीय पदाधिकारीगण एवं आमंत्रित सदस्यगण उपस्थित रहे।
रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में 08 दिसंबर 2025 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय :-
नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय, पलामू अंतर्गत लातेहार जिले के बालूमाथ में डिग्री महाविद्यालय, बालूमाथ, लातेहार के निर्माण कार्य हेतु रू० 38,82,08,000/-(अड़तीस करोड़ बयासी लाख आठ हजार) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
वर्ष 2026 में झारखण्ड सरकार के सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों तथा बैंकों में सार्वजनिक एवं अन्य अवकाश घोषित करने की स्वीकृति दी गई।
माननीय न्यायालय द्वारा W.P. (S) No. 625/2021, वन्दना भारती एवं अन्य बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में दिनांक 04.10.2024 को पारित न्यायादेश तथा Cont Case No. 1040/2024 में दिनांक-02.05.2025 को पारित अंतरिम आदेश के अनुपालन के क्रम में वादियों श्रीमती वन्दना भारती तथा श्रीमती सुषमा बड़ाईक की उप समाहर्त्ता के पद पर नियुक्ति तिथि संशोधित करने तथा वरीयता पुनर्निर्धारण करने की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।
केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 (The Dam Safety Act, 2021) के तहत झारखण्ड राज्य में State Committee on Dam Safety (SCDS) के पुनर्गठन की स्वीकृति दी गई।
गोड्डा अन्तर्गत "घाटबंका (NH-333A) से देवडांड़ (दामा) (सुन्दरपहाड़ी-अगिया मोड़, ODR पथ पर) भाया संदमारा, बेलबथान, राजदाहा एवं जामकुंदर पथ के कि०मी० 0.00 से किमी० 17.808 (कुल लं०-17.808 कि०मी०) को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य (भू-अर्जन, युटिलिटी शिफ्टिंग, Rehabilitaion & Resettlement एवं Plantation सहित)" हेतु रू० 127,54,22,800/- एक सौ सताईस करोड़ चौवन लाख बाईस हजार आठ सौ) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
साहेबगंज जिलान्तर्गत "दिग्धी मोड़ (NH-80) से मालिन रिसौड़ मोड़ (NH-80) (कुल लं०-8.176 कि०मी०)" को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य (पुलों के निर्माण, भू-अर्जन, युटिलिटी शिफ्टिंग एवं Plantation सहित)" हेतु रू० 61,57,55,800/-(इकसठ करोड़ सन्तावन लाख पचपन हजार आठ सौ) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
पथ प्रमण्डल, डालटनगंज अन्तर्गत "डालटनगंज से चैनपुर पथ (चैनपुर ब्लॉक) में नॉर्थ कोयल नदी पर उच्चस्तरीय सेतु निर्माण कार्य (पहुँच पथ निर्माण, भू-अर्जन, R&R एवं Electrical Utility Shifting सहित) (Span Arrangement-12x37.20m)" हेतु रू० 64,06,15,000/- (चौंसठ करोड़ छः लाख पंद्रह हजार) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
पथ प्रमण्डल, गुमला अन्तर्गत बांकुटोली-कुरकुरा बानो पथ (कुल लम्बाई-33.568 कि०मी०) के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य (भू-अर्जन, यूटिलिटी शिफ्टींग एवं पुल निर्माण सहित) हेतु रु० 140,51,68,000/- (एक सौ चालीस करोड़ इक्यावन लाख अड़सठ हजार) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
WP(S) No-3574/2021 बुकेश्वर हाँसदा एवं अन्य बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में माननीय न्यायालय द्वारा पारित न्यायादेश दिनांक 06.10.2025 एवं दिनांक 20.09.2022 को पारित आदेश के अनुपालन हेतु वादीगण की सेवा नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई।*
झारखण्ड राज्य में गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र, मुटा के संचालन हेतु सरकार की ओर से प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक, झारखण्ड एवं Bombay Natural History Society (BNHS) के बीच MoU का अनुमोदन वित्त नियमावली के नियम 235 को शिथिल करते हुए वित्त नियमावली के नियम 245 के तहत किए जाने की स्वीकृति दी गई।*
माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद संख्या- WPS No.5991/2022, नीरा कुमारी बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में श्रीमती नीरा कुमारी की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गई।
माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद संख्या-WPS No. 5220/2024, राम बहादुर मोची बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में स्व० राम बहादुर मोची, भूतपूर्व पदचर की सेवा सम्पुष्ट करते हुए देय ACP/MACP का वित्तीय लाभ प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गई।*
भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए झारखण्ड में लघु खनिजों के प्रबंधन पर प्रतिवेदन, झारखण्ड सरकार, वर्ष 2025 की प्रतिवेदन संख्या-4 (निष्पादन लेखापरीक्षा) को झारखण्ड विधान सभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति दी गई।
WP(S) No.-5588/2024 Dr. Pushplata V/s State of Jharkhand & Ors. में दिनांक-14.10.2025 को पारित न्यायादेश के अनुपालन हेतु डॉ० पुष्पलता के योगदान स्वीकृत करने की स्वीकृति दी गई।
राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, परसपानी, गोड्डा के इंटर्नी छात्र-छात्राओं के मासिक वृत्तिका राशि में वृद्धि की स्वीकृति दी गई।*
रिम्स, रांची के अधीन कार्यरत सरकारी सह-प्राध्यापकों को प्राध्यापक के पद पर दिनांक 01.07.2019 के प्रभाव से प्रोन्नति प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।
डॉ० प्रभु सहाय लिण्डा, चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल, गोड्डा को सेवा से मुक्त करने की स्वीकृति दी गई।
डॉ० अंजना गांधी, सहायक प्राध्यापक, सर्जरी विभाग, शेख भिखारी चिकित्सा महाविद्यालय, हजारीबाग को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी गई।*
राजकीय मेला / महोत्सवों के आयोजन हेतु संशोधित मार्गदर्शिका की स्वीकृति दी गई।
राज्य में अवस्थित सम्बद्धता प्राप्त उपशास्त्री (इंटर) स्तर एवं शास्त्री स्तर (स्नातक) के संस्कृत महाविद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को पंचम, छठा एवं सप्तम पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति दी गई।
"मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना" में संशोधन की स्वीकृति दी गई।*
WP(S) No-1003/2021 माया देवी एवं अन्य बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में दिनांक:-09.02.2024 को पारित न्यायादेश के अनुपालन हेतु दैनिक वेतनभोगी के रूप में की गयी सेवावधि को सेवान्त लाभों हेतु गणना के निमित स्वीकृति दी गई।
खरीफ विपणन मौसम 2025-26 एवं आगामी खरीफ विपणन वर्षों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान अधिप्राप्ति के लिए 'झारखण्ड राज्य धान अधिप्राप्ति योजना' की स्वीकृति दी गई।
खरीफ विपणन मौसम 2025-26 में धान अधिप्राप्ति हेतु धान के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा किसानों को बोनस की राशि की स्वीकृति एवं इस हेतु कुल 48 करोड़ 60 लाख रुपए स्वीकृति दी गई। न्यूनतम समर्थन मूल्य और बोनस दोनों मिलाकर 2450 रुपए प्रति क्विंटल धान अधिप्राप्ति की दर निर्धारित किए जाने की स्वीकृति दी गई।*
पथ प्रमण्डल, राँची अन्तर्गत "सिरमटोली चौक-राजेन्द्र चौक-मेकॉन गोलचक्कर (Mecon Round about) (कुल लंबाई-2.34 कि०मी०) पर चार लेन फ्लाईओवर (Flyover) / एलिवेटेड (Elevated) road cum आर०ओ०बी० (ROB) निर्माण कार्य (भू-अर्जन, युटिलिटी शिफ्टिंग तथा resettlement एवं rehabilitation सहित)" हेतु रू० 470,12,79,800/- (रूपये चार सौ सत्तर करोड़ बारह लाख उन्नासी हजार आठ सौ) मात्र की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
हजारीबाग जिलान्तर्गत अंचल-बड़कागांव के विभिन्न मौजा, विभिन्न खाता संख्या, विभिन्न प्लॉट संख्या, विभिन्न किस्म, कुल रकबा 41.965 एकड़, गैरमजरूआ खास एवं गैरमजरूआ आम खाते की भूमि कुल देय राशि 16,91,71,252 /- (सोलह करोड़ इक्यानवे लाख इकहत्तर हजार दो सौ बावन) रूपये मात्र की अदायगी पर बादम कोयला खनन परियोजना हेतु NTPC Lid. के साथ 30 वर्षों के लिए सःशुल्क लीज बंदोबस्ती की स्वीकृति दी गई।*
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अन्तर्गत गठित झारखण्ड पारिस्थितिकी पर्यटन प्राधिकार (JETA) के Articles of Association (Rules, Regulations and Byelaws) में संशोधन की स्वीकृति दी गई।*
विनोबाभावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग अंतर्गत चतरा जिले में सिमरिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत डिग्री महाविद्यालय, सिमरिया, चतरा के निर्माण कार्य हेतु रू० 34,62,10,300/- (चौतीस करोड़ बासठ लाख दस हजार तीन सौ रूपये) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।*
राँची विश्वविद्यालय, राँची एवं इसके अंतर्गत अंगीभूत महाविद्यालयों में शैक्षणिक तथा गैर-शैक्षणिक पदों के पुनर्गठन (Restructuring) की स्वीकृति दी गई।
हजारीबाग जिलान्तर्गत अंचल बड़कागाँव के मौजा-रूदी अंतर्निहित कुल रकबा 52.57 एकड़, गैमजरूआ खास, किस्म जंगल झाड़ी भूमि कुल देय राशि 12,86,60,182/- (बारह करोड़ छियासी लाख साठ हजार एक सौ बयासी) रूपये मात्र की अदायगी पर बादम कोयला खनन परियोजना हेतु एन०टी०पी०सी० लिमिटेड के साथ 30 वर्षों के लिए सःशुल्क लीज बंदोबस्ती करने की स्वीकृति दी गई।
झारखण्ड राज्य के अंतर्गत झारखण्ड खनिज धारित भूमि उपकर अधिनियम, 2024 की धारा-10 के तहत प्रदत्त शक्तियों के द्वारा अधिनियम की अनुसूची में संशोधन के बावत मंत्रिपरिषद की स्वीकृति दी गई।*
झारखण्ड कोषागार संहिता, 2016 (Jharkhand Treasury Code, 2016) में संशोधन/परिमार्जन की स्वीकृति दी गई।
वित्तीय वर्ष-2024-25 के लिये भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का वित्त लेखे भाग -1 एवं II तथा विनियोग लेखे से संबंधित लेखा परीक्षा प्रतिवेदन को झारखण्ड विधान सभा के पटल पर उपस्थापन की स्वीकृति दी गई।
रांची। अगर इरादें नेक हों तो हर चीजें बेहतर होती है। इसी का परिणाम है है जेएसएससी की संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के रिजल्ट और नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ी सारी अड़चनें अब दूर हो चुकी है। हालांकि, इसमें थोड़ा विलंब हुआ, नहीं तो राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में आपके हाथों में भी नियुक्ति पत्र देने की खुशियां हम सभी मनाते। लेकिन, आप सभी को लंबे संघर्ष के बाद मिली सफलता और विजयी होने के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज जेएसएससी सीजीएल रिजल्ट जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद ढोल - नगाड़ों के साथ जश्न मनाते मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय पहुंचे सैकड़ों अभ्यर्थियों को संबोधित कर रहे थे।
राज्य सरकार ने पूरी निष्पक्षता के साथ कराई जांच
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राज्य में कुछ ऐसे विरोधी तत्व है जो हर प्रतियोगिता परीक्षाओं को बाधित करने की साजिश रचते रहते हैं । जेएसएससी संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा को लेकर भी उन्होंने षड्यंत्र रचने का प्रयास किया। मामला उच्च न्यायालय तक पहुंचा। लेकिन, हमारी सरकार ने पूरी निष्पक्षता के साथ इसकी जांच कराई। जिन्होंने इस प्रतियोगिता परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता को दागदार बनाने की साजिश रची, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हुई । झारखंड उच्च न्यायालय ने भी इसे समझा और आपके ईमानदार प्रयास और भावनाओं को सम्मान देते हुए आपको न्याय दिया।
18 वर्षों में जेपीएससी की जितनी परीक्षाएं हुई, उतनी हमारी सरकार पिछले 5 वर्ष में ले चुकी है
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा पिछले 18 वर्षों में सिविल सेवा की जितनी परीक्षाएं ली गई, उतनी परीक्षाएं हमारी सरकार ने पिछले 5 वर्षों में ही ली है। इतना ही नहीं उस दौरान ली गई जेपीएससी की तमाम परीक्षाओं को लेकर धांधली बरते जाने के मामले सामने आए थे, लेकिन हमारी सरकार में ली गई तमाम परीक्षाएं बेदाग रही है।
युवाओं के साथ मजबूती से खड़ी है सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं के साथ हर कदम पर पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। हमारी स्पष्ट सोच है कि जब युवा खुश होंगे तभी हमारा राज्य खुशहाल होगा। यही वजह की तमाम चुनौतियों के बीच युवाओं का भविष्य संवारने का प्रयास निरंतर जारी है।
मुख्यमंत्री जी के अथक प्रयासों से ही हमें न्याय मिला है
इस अवसर पर अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों, राज्य सरकार के द्वारा जेएसएससी सीजीएल परीक्षा प्रकरण से जुड़े पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने, दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होने से हमें न्याय मिल सका है। हमारे संघर्ष को जीत मिली है तो इसमें मुख्यमंत्री जी का हमें पूरा सहयोग मिला।
रांची। युवा राज्य में युवा शक्ति के साथ सरकार हर कदम पर खड़ी है। आज आपके भविष्य के साथ एक नया अध्याय जुड़ रहा है । आप सरकार के अभिन्न अंग के रूप में अब अपनी सेवा देंगे। मुझे पूरा विश्वास कि आप राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अपना अहम योगदान देंगे। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन सरकार के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर मोरहाबादी मैदान, रांची में आयोजित भव्य राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 8792 नव नियुक्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आज जिन्हें नियुक्ति पत्र मिला है, उससे कम से कम 50 हज़ार लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है।
मन उत्साहित भी है और उदास भी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य सरकार अपने दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ बना रही है। यह दिन हम सभी के लिए काफी उत्साह वाला है , लेकिन मन थोड़ा उदास भी है। क्योंकि, दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी इस ऐतिहासिक समारोह में हमारे बीच नहीं है। वे अगर आज होते तो इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को नियुक्ति पत्र मिलता देख काफी खुश नजर आते। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने महान सुधारक ज्योतिबा फुले को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए नमन किया ।
ऐतिहासिक है आज का दिन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आज पहले वर्ष पूरा हो रहा है । यह दिन कई काफी ऐतिहासिक है। क्योंकि, एक साथ इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को नियुक्ति पत्र देने का अवसर हमें मिला है। हमारी सरकार युवाओं का भविष्य संवारने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सिर्फ इसी वर्ष 16 हज़ार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और 8 हज़ार लोगों को गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वहीं, पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकारी और निजी क्षेत्र में हजारों लोगों को नौकरी और रोजगार से जोड़ने का सार्थक पहल सरकार के स्तर पर हुआ है। नियुक्तियों का यह सिलसिला निरंतर जारी रहेगा।
कम से कम एक नौजवान को अपने जैसा बनाने का लें संकल्प
मुख्यमंत्री ने इस समारोह में नियुक्ति पर प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों से कहा कि आपकी पोस्टिंग राज्य के विभिन्न जिलों में होती रहेगी। ऐसे में आपसे आग्रह है कि आप जहां भी जाएं, वहां काम से कम एक नौजवान को अपने जैसा बनाने का संकल्प लें। अगर हम इसमें कामयाब हुए तो निश्चित तौर पर झारखंड की तस्वीर बदल जाएगी।
नियुक्तियों में बरती जा रही है पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बीच राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। हमारी सरकार पूरी शिद्दत, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ इस राज्य के नौजवानों को सशक्त बना रही है। हालांकि, कुछ ऐसे भी तत्व हैं, जो इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन, सरकार इसकी चिंता किए बगैर अपना कार्य कर रही है। हमारा मकसद इस राज्य में नया आयाम स्थापित करना है।
समाज के हर वर्ग और तबके के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ कर रहे हैं काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर वर्ग और तबके के लिए हमारी सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। आदिवासी, दलित, पिछड़ा, महिला नौजवान, दिव्यांग... हर किसी को सरकार सौगात दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे पढ़ा -लिखा व्यक्ति हो या कम पढ़ा- लिखा अथवा अनपढ़, सबको आगे ले जाने का काम सरकार कर रही है। सभी को उनकी योग्यता और क्षमता के रोजगार देने का प्रयास हो रहा है।
राज्य को आगे ले जाने की जिम्मेदारी हम सभी के कंधों पर है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने लड़कर इस राज्य को लिया है। ऐसे में इस राज्य के पदाधिकारी, किसान, नौजवान, महिला शिक्षक... हर किसी की कंधों पर अहम जिम्मेदारी है कि वे इस राज्य को सजाने- संवारने में अपनी भूमिका निभाएं। सभी के सामूहिक एवं सार्थक प्रयासों से झारखंड सशक्त औऱ मजबूत राज्य बन सकता है।
सरकार के कार्यों का दिख रहा चौतरफा असर
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का चौतरफा असर देखने को मिल रहा है । इस कड़ी में आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री मईंया सम्मान योजना का प्रभाव पूरी तरह झलक रहा है। आज महिलाएं इस योजना से जुड़कर स्वावलंबी बन रही हैं। उन्होंने नियुक्ति पत्र लेने के लिए आई एक महिला का जिक्र करते हुए कहा कि उसने मुख्यमंत्री मईंया सम्मान योजना के तहत मिली सम्मान राशि से अपनी पढ़ाई पूरी की और आज पदाधिकारी बनकर हमारे बीच हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सहायक आचार्य में 40 प्रतिशत और जेपीएससी सिविल सेवा में 30 प्रतिशत महिलाएं चुनकर आईं हैं, जो महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण है।
इन पदों के लिए नव नियुक्त अभ्यर्थियों को मिला नियुक्ति पत्र
इस समारोह में कुल 8792 नव नियुक्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। इसमें झारखंड लोक सेवा आयोग की 11वीं से 13 वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा से अनुसंशित 197 उप समाहर्ता, 35 पुलिस उपाधीक्षक, 55 राज्य कर पदाधिकारी, 2 काराधीक्षक, 08 झारखंड शिक्षा सेवा श्रेणी -2, 01 जिला समादेष्टा, 8 सहायक निबंधक, 14 श्रम अधीक्षक, 6 प्रोबेशन पदाधिकारी और 3 उत्पाद निरीक्षक हैं। इसके साथ दंत चिकित्सक के 22, कीटपालक के 150 और सहायक आचार्य के 8291 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिला। वहीं, कर्तव्य के दौरान 84 शहीद पुलिस कर्मियों के पारिवारिक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मंत्री राधा कृष्ण किशोर, मंत्री दीपक बिरुवा, मंत्री चमरा लिंडा, मंत्री संजय प्रसाद यादव, मंत्री श्री हफीजुल हसन, मंत्री श्री इरफान अंसारी, मंत्री दीपिका पांडेय, मंत्री योगेंद्र प्रसाद, मंत्री सुदिव्य कुमार, मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की, राज्य सभा सांसद श्रीमती महुआ माजी, विधायक ममता देवी, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, विकास आयुक्त अजय कुमार सिंह एवं विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव/ सचिव तथा अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे।
रांची। सरकार के प्रथम वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को लेकर दिनांक 27 नवंबर 2025 को मुख्य कार्यकम आयोजन स्थल मोरहाबादी में उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी, राँची मंजुनाथ भजन्त्री एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, राँची राकेश रंजन, ने सभी संबंधित पदाधिकारियों एवं बलों की संयुक्त ब्रीफिंग की गई।
मोरहाबादी मैदान, राँची में दिनांक - 28 नवंबर 2025 को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के मुख्य आतिथ्य एवं अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के चयनित/अनुशंसित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरण का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में हजारों नवचयनित अभ्यर्थी, उनके परिजन, गणमान्य नागरिक एवं आमजन भाग लेंगे। कार्यक्रम की गरिमा, सुरक्षा तथा सुचारु विधि-व्यवस्था सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से दण्डाधिकारियों एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है।
कार्यक्रम के वृहद स्वरूप को ध्यान में रखते हुए दण्डाधिकारियों को विभिन्न सेक्टरों/जोन में विधि-व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, पार्किंग व्यवस्था, आपातकालीन मार्ग तथा वीवीआईपी मूवमेंट हेतु प्रतिनियुक्त किया गया है।
ब्रीफिंग के दौरान उप विकास आयुक्त राँची, सौरभ भुवनिया, अनुमंडल पदाधिकारी सदर राँची, उत्कर्ष कुमार, अपर जिला दंडाधिकारी विधि-व्यवस्था राँची, राजेश्वर नाथ आलोक, अपर समाहर्ता राँची, श्री राम नारायण सिंह, पुलिस अधीक्षक शहर, श्री पारस राणा, ग्रामीण, श्री प्रवीण पुष्कर, ट्रैफ़िक, राकेश सिंह, एल.आर.डी.सी. राँची, मुकेश कुमार, जिला जन संपर्क पदाधिकारी राँची, उर्वशी पांडेय, एवं जिला के सभी वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
दिए गए निर्देश
(1) सुरक्षा घेरा कार्यक्रम स्थल पर आंतरिक, मध्य एवं बाहरी तीन स्तरों पर सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे।
(2) ड्रोन सर्विलांस, सीसीटीवी मॉनिटरिंग एवं क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT)की तैनाती सुनिश्चित की गई।
(2) पार्किंग एवं यातायात प्रबंधन को लेकर निर्देश दिए गए।
(3) विशिष्ट वीआईपी/वीवीआईपी पार्किंग एवं सामान्य दर्शकों की व्यवस्था को लेकर निर्देश।
(4) ट्रैफिक डायवर्जन प्लान तैयार, सभी चौराहों पर अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस तैनात करने के निर्देश दिए गए।
(5) आपातकालीन व्यवस्था
फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, मेडिकल टीम स्टैंडबाई व्यवस्था करने निर्देश।
(6) मंच एवं दर्शक दीर्घा सुरक्षा
को लेकर मेटल डिटेक्टर, डीएफएमडी, हैंड हेल्ड डिटेक्टर के माध्यम से प्रवेश।
उपायुक्त द्वारा प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग एवं आइडेंटिटी कार्ड चेकिंग अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने सभी इस कार्यक्रम से सम्बंधित पदाधिकारियों को अपने दिए गए उत्तरदायित्व का निर्वाहन सुनिश्चित रूप से करने के लिए कड़े निर्देश दिए। साथ सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि सभी अतिथि एवं दर्शकगण सुगमतापूर्वक अपना स्थान ग्रहण कर बैठें एवं अपनी गैलरी में शांति व्यवस्था बनाये रखें। महिला पदाधिकारी महिला आरक्षी की सहायता से सभी महिला दर्शकों / अतिथियों के साथ शांति व्यवस्था कायम रखना सुनिश्चित करेंगी।
कार्यक्रम को लेकर पार्किंग व्यवस्था
(1) मुख्य समारोह स्थल मोरहाबादी मैदान के अंदर एवं बाहर की प्रशासनिक व्यवस्था-
वी.वी.आई.पी. एवं मुख्य अतिथि प्रवेश द्वार इस गेट से महानुभावों का प्रवेश होगा। ये राजकीय अतिथिशाला के सामने बायें फ्लैंक से होकर मोरहाबादी मैदान जायेंगे।
(2) वी.आई.पी./ मीडिया प्रवेश द्वार इस गेट से वी.आई.पी./ मीडिया का प्रवेश होगा। ये एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम के सामने प्रवेश द्वार एवं ऑक्सिीजन पार्क के सामने वाले प्रवेश द्वार से जायेंगे।
(3) आम जनता लाभुक का प्रवेश गेट नं0-1, 2 एवं 3 से होगा।
(4) पत्रकारों का प्रवेश प्रिंट मिडिया एवं इलेक्ट्रोनिक मिडिया के पत्रकारों के लिए अलग से प्रवेश द्वार बनाया गया है, जो स्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम के सामने से प्रवेश द्वार से जायेंगे। सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी / पुलिस पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि सभी जिलों के आगन्तुक एवं दर्शकगण अपने निर्धारित गेट से ही प्रवेश करें।
रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज शहीद सोबरन सोरेन जी के 68वें शहादत दिवस पर लुकैयाटांड़ (नेमरा, गोला) पहुंचे। यहां उन्होंने शहीद स्थल स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज के दिन प्रत्येक वर्ष हम सभी लोग यहां एकत्रित होकर मेरे (दादा जी) शहीद सोबरन सोरेन जी के शहादत दिवस पर उन्हें याद कर नमन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी लोग यह जानते हैं कि झारखंड के अलग-अलग जगहों पर हमारे कई वीर सपूतों ने जन्म लिया जिन्होंने यहां के आदिवासी-मूलवासी सहित सभी वर्ग-समुदाय को लोगों के हक-अधिकार की लड़ाई लड़ी तथा यहां की जल, जंगल, जमीन एवं राज्यवासियों की अस्मिता की रक्षा का नेतृत्व किया। हमारे वीर सपूतों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर यहां के आदिवासी एवं मूलवासियों का हक-अधिकार का हनन तथा शोषण करने वालों के विरुद्ध मजबूती से आवाज उठाई। मुख्यमंत्री ने कहा की हमारे कई वीर सपूतों की सामंती विचारधारा के लोगों द्वारा हत्या कराई गई, कई वीर सपूतों को जेल की सलाखों में भेजने का कार्य किया गया।
झारखंड वीरों की धरती
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड प्रदेश खून से सींचा हुआ प्रदेश है। इस प्रदेश के हर कोने में हमारे वीर शहीदों की स्मृतियां, प्रतिमाएं और समाधि स्थल हैं। इन वीर सपूतों के पुण्यतिथि तथा शहादत दिवस के मौके पर हम इन्हें याद कर नमन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज शहीद सोबरन सोरेन (हमारे दादा ) का शहादत दिवस है। आज हमारे बीच आदरणीय दिशोम गुरु स्मृति शेष-स्व० शिबू सोरेन जी का नहीं होना एक युग का अंत है। पूर्वजों के आदर्श पर चलते हुए हमारे वीर सपूत अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना को पूरा कर हम सभी को एक ताकत देते हुए, अपने अधिकार को पहचानने की शक्ति देते हुए विधि के अनुरूप अपने-अपने जगह पर चले गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जिम्मेदारी और बड़ी हो गई है आगे हम सभी को एकजुट होकर अपने हक-अधिकार की लड़ाई लड़नी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को एक साथ आगे बढ़ते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास में अपना योगदान देना सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड 25 वर्ष का युवा राज्य हो चुका है। हमारी सरकार प्रत्येक क्षेत्र में तेज गति से कार्य कर रही है। यहां के नौजवानों के कंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है।
महिलाएं सरकार की योजनाओं से जुड़कर बन रही स्वावलंबी
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। गांव, गरीब, किसान खुशहाल रहे इस निमित्त योजनाओं को निरंतर धरातल पर उतारा जा रहा है। लोग अपने श्रम शक्ति से, खेती-किसानी के माध्यम से अपने परिवार का जीवन यापन कर सकें इस दिशा में भी सकारात्मक कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की जिम्मेवारी का पूरा ख्याल राज्य सरकार रख रही है। हमारी सरकार ने यहां की आधी आबादी को अपने पैरों पर खड़ा करने का काम किया है। राज्य सरकार निरंतर युवा पीढ़ी को मजबूत करने में जुटी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारी महिलाएं सरकार की योजनाओं से जुड़कर स्वावलंबी बन रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में अलग-अलग तरीके से कार्य योजना तैयार कर झारखंड को देश के अग्रणी राज्यों में लाकर खड़ा करना हमारी प्राथमिकता है।
नौकरी के साथ-साथ स्वरोजगार पर भी फोकस
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि 28 नवंबर 2025 को वर्तमान राज्य सरकार का 1 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है, इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा यहां के 10 हजार से अधिक युवक-युवतियों को सरकारी नियुक्तियां मिल रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकारी नौकरियां ही नहीं बल्कि स्वरोजगार के विभिन्न साधनों का भी सृजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार रांची हेड क्वार्टर से नहीं बल्कि गांव से चलती है। "सेवा का अधिकार" कार्यक्रम के तहत हमारी सरकार योजनाओं को आपके घर आंगन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। आपकी समस्याओं का निदान भी आपके गांव घर पर ही किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी व्यवस्था में जो भी हक अधिकार आपको मिलना चाहिए हमारी सरकार आप तक पहुंचाने का कार्य कर रही है।
घर-आंगन तक पहुंच रही योजनाओं की गठरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि योजनाओं का लाभ लेने के लिए आपको कहीं भटकने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार के अधिकारी अब आप तक पहुंच रहे हैं। आपको अधिकारी को खोजने की आवश्यकता नही है। अब सरकारी कार्यालयों में बिचौलियों का कोई जगह नहीं है। दलालों को ढूंढ कर भगाया जा रहा है। सरकारी व्यवस्थाओं पर अब कड़ी नजर रखी जा रही है।
इस मौके पर विधायक रामगढ़ ममता देवी, जिला प्रशासन के अधिकारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
नई दिल्ली: मुख्य सचिव अविनाश कुमार मंगलवार को झारखंड पैवेलियन पहुंचे। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और दीप प्रज्वलित कर झारखंड दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदेश की समृद्ध परंपराओं, आदिवासी सांस्कृतिक विरासत और विकास यात्रा की इस प्रस्तुति को विशेष रूप से सराहा। इसके बाद उन्होंने पैवेलियन में लगे सभी 32 स्टॉलों का अवलोकन किया, जहाँ उन्होंने राज्य के कारीगरों, उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रस्तुत उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कहा कि झारखण्ड राज्य भी इस अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अपने विकास के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित कर रहा है। वर्तमान झारखंड सरकार राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी संस्कृति, परंपरा और विकास मॉडल—तीनों को समान प्राथमिकता देते हुए हम शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल, तकनीक और हवाई कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आधुनिक और उपयोगी इंफ्रास्ट्रक्चर को तेज़ी से विकसित कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य झारखंड को एक सक्षम, समृद्ध और भविष्य-उन्मुख राज्य के रूप में स्थापित करना है"।
झारखंड की सांस्कृतिक विविधता प्रभावशाली
नाट्यशाला थिएटर में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में झारखंड के लोक कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोकसंगीत और विरासत से सजी इन प्रस्तुतियों ने झारखंड की सांस्कृतिक विविधता को प्रभावशाली रूप में उजागर किया।
दर्शकों ने झारखंड की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का लिया आनंद
राज्य के रजत पर्व पर आयोजित झारखंड दिवस के अवसर पर प्रगति मैदान का एम्फीथियेटर झारखंड की लोक-संस्कृति के मनोहारी रंगों से गुलजार रहा। दर्शकों ने झारखंड की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया, जिनमें झारखण्ड के तपन नायक और टीम का छऊ नृत्य, किशोर नायक और टीम का नागपुरी नृत्य, सुखराम पाहन और टीम का मुंडारी नृत्य , कृष्ण भगत और टीम का उरांव नृत्य और अशोक कच्छप के पाइका नृत्य ने लोगो को मंत्रमुग्ध किया।
झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड जैसे संस्थागत स्टॉल विशेष आकर्षण
झारखंड पवेलियन में इस वर्ष विविधता और रचनात्मकता का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है, जहाँ राज्य के दर्जनों स्टॉल संचालक अपनी विशिष्ट कला और उत्पादों के साथ मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। पैतकर और सोहराय पेंटिंग जैसे पारंपरिक कला स्टॉलों के साथ-साथ मत्स्य निदेशालय, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, झारक्राफ्ट, पलाश मार्ट और झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड जैसे संस्थागत स्टॉल विशेष आकर्षण बने हुए हैं।
*हस्तनिर्मित कला और उत्पाद आगंतुकों को विशेष रूप से कर रहे हैं आकर्षित*
इसके अलावा छोटानागपुर क्राफ्ट, माटी कला बोर्ड, अर्मान कार्पेट, करियातपुर ब्रास, एमवीएम भागिमा (जोहार रागी), पीपल ट्री सहित कई स्थानीय उद्यमी और कारीगर जैसे मकबूल जादोपटिया, गीता वर्मा, संध्या सिंह कुंतिया, अनीता मंडल, अनूपा कुजूर, रजत कुमार हैंडलूम, आरती देवी हैंडलूम, अमोलीना सारस, ओम क्रिएशन, आइशा हैंडलूम, डामू बोदरा, बेबी कुमारी, बोगेंद्र पासवान और शांति विजय एंड कंपनी अपनी हस्तनिर्मित कलाओं और उत्पादों से आगंतुकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे हैं।
झारखंड दिवस समारोह ने IITF 2025 में राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, कारीगरों की रचनात्मकता, और सरकार की विकासोन्मुख नीतियों का एक जीवंत, प्रेरक और गतिशील रूप प्रस्तुत किया। झारखंड पैवेलियन इस वर्ष भी नवाचार, परंपरा और प्रगति का अनूठा संगम बनकर उभरा है।
इस अवसर उद्योग सचिव अरवा राजकमल, उद्योग निदेशक विशाल सागर तथा अन्य पदाधिकारी भी माजूद रहे।
सोनाहातू।तामाड़ विधानसभा और सिल्ली विधानसभा को जोड़ने वाला लगभग 8 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महत्वपूर्ण पुल अब पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। यह पुल सोनाहातू, गोमियाडीह, डिम्बुजार्दा, तामाड़ सहित कई गांवों के लिए जीवन रेखा जैसा था, क्योंकि यही मार्ग ग्रामीणों को मुख्य बाजार, सरकारी सेवाओं, अस्पताल और स्कूलों तक जोड़ता था।
पुल के अचानक टूट जाने के बाद इन गांवों के हजारों लोगों की दिनचर्या मानो रुक-सी गई। लोगों को काम पर जाने, बच्चों को स्कूल पहुंचाने और मरीजों को इलाज के लिए ले जाने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई बार लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए 14-16 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ा, जिससे समय, पैसा और ऊर्जा – तीनों की भारी बर्बादी हुई।
ग्रामीणों का आरोप है कि पुल ध्वस्त होने के बाद प्रशासन और सरकार ने स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया। कई बार शिकायतें और निवेदन किए गए, परंतु पुल की मरम्मत या पुनर्निर्माण की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। सरकारी विभागों की इस लगातार नाकामी और उदासीनता ने ग्रामीणों की परेशानियों को और बढ़ा दिया।
इसी कठिन परिस्थिति के बीच गांववालों ने एकजुट होकर वह कर दिखाया जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। आपसी सहयोग और श्रमदान की मिसाल पेश करते हुए ग्रामीणों ने मात्र 2 लाख रुपये की लागत में एक मिट्टी का पुल तैयार कर दिया। इस पुल के निर्माण में बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक—सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
10 दिनों की अथक मेहनत के बाद तैयार हुआ यह अस्थायी मिट्टी का पुल अब एक बार फिर से लोगों की राह आसान कर रहा है। आवागमन शुरू हो गया है, जिससे स्कूल, अस्पताल और बाजार तक पहुंचना पहले की तुलना में बेहद सरल हो गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर उन्होंने खुद पहल न की होती, तो शायद कई और महीनों तक मुश्किलें झेलनी पड़तीं। उन्होंने यह भी मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द स्थायी और मजबूत पुल का निर्माण कराए, ताकि भविष्य में ऐसी समस्या न आए।
नई दिल्ली। भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में झारखंड पवेलियन इस वर्ष विशेष रूप से सुर्खियों में है। इसकी सबसे बड़ी वजह है।तसर सिल्क के क्षेत्र में झारखंड की अद्वितीय पहचान, जहां देश के कुल तसर उत्पादन का 70 प्रतिशत योगदान अकेले झारखंड देता है। यह उपलब्धि न केवल राज्य की प्राकृतिक संपदा और कौशल का प्रमाण है, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व में उभरती एक मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कहानी भी है।
देश की तसर राजधानी के रूप में झारखंड ने ख़ुद को किया स्थापित
झारखंड का तसर उद्योग आज एक स्पष्ट विज़न के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है—स्थानीय आजीविका को सुदृढ़ करना, कच्चे रेशम के उत्पादन को बढ़ाना, तसर से जुड़े संपूर्ण इकोसिस्टम का निर्माण करना और राज्य को भारत के हस्तशिल्प मानचित्र पर विशिष्ट स्थान दिलाना। इसी मिशन के तहत, झारखंड में आज 100 कोकून संरक्षण केंद्र और 40 पूर्ण-सुविधायुक्त परियोजना केंद्र संचालित हो रहे हैं। 2001 में 90 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन बढ़कर 2024–25 में 1,363 मीट्रिक टन तक पहुँच गया है, जिसने झारखंड को देश की तसर राजधानी के रूप में स्थापित कर दिया है।इस अभूतपूर्व सफलता के केंद्र में हैं झारखंड की महिलाएँ। तसर उत्पादन के 50–60 प्रतिशत कार्यों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी है । कोकून प्रसंस्करण से लेकर तसर धागा उत्पादन और तैयार उत्पादों के निर्माण तक। उल्लेखनीय है कि यार्न उत्पादन पूरी तरह से महिला कर्मियों द्वारा किया जाता है, जिसने उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ राज्य की तसर अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ भी बनाया है।
महिलाओं की इस बढ़ती भूमिका को और मजबूती देने के लिए उद्योग विभाग और रेशम निदेशालय द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। झारक्राफ्ट, झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) और अन्य संस्थाओं के सहयोग से महिलाओं को प्रशिक्षण, रोज़गार और बाज़ार तक पहुंच उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अतिरिक्त, राज्य भर में स्थापित कॉमन फ़ैसिलिटी सेंटर (CFC) में 30–60 महिलाएँ एक साथ उत्पादन, कौशल विकास और प्रशिक्षण गतिविधियों से जुड़कर स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। युवा रियरर्स और किसानों के लिए सेरीकल्चर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी नए अवसर पैदा कर रहे हैं।
*पैविलियन का मुख्य आकर्षण कोकून से रेशम धागा निकालने की पारंपरिक प्रक्रिया का लाइव डेमो*
पैविलियन का मुख्य आकर्षण वह लाइव डेमो है, जहां तसर कोकून से रेशम धागा निकालने की पारंपरिक प्रक्रिया प्रत्यक्ष रूप से दिखाई जाती है। प्रशिक्षित महिला कारीगर कोकून उबालने से लेकर धागा तैयार करने तक हर चरण को विस्तार से समझाती हैं। वहीं, “तम्सुम” उसी धागे से करघे पर कपड़ा बुनने की कला प्रस्तुत करती हैं। यह अनोखा प्रदर्शन न केवल तसर उद्योग की समृद्ध विरासत को सामने लाता है, बल्कि महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर करता है, जो ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्थायी आजीविका का मजबूत आधार बन चुकी हैं।
इसके साथ ही, झारखंड पवेलियन में झारक्राफ्ट राज्य की ग्रामीण कला, कारीगरी और तसर आधारित हस्तशिल्प को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में अपनी अहम भूमिका को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत कर रहा है। IITF 2025 में प्रदर्शित इसके उत्कृष्ट उत्पाद झारखंड की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को सामने लाने के साथ-साथ कारीगरों के आर्थिक सशक्तिकरण की मजबूत कहानी भी बयां करते हैं।
IITF 2025 में झारखंड पवेलियन तसर उत्पादन से जुड़े इस गौरवशाली सफर को एक ही छत के नीचे जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है, जहाँ तसर की चमक, महिलाओं की मेहनत और ग्रामीण झारखंड की तरक्की की प्रेरक गाथा साथ-साथ आगे बढ़ती दिखाई देती है।