नई दिल्ली/रांची। — विश्व हिंदी परिषद् द्वारा 21 एवं 22 नवंबर 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में “राष्ट्रीयता एवं मानवता के प्रतीक पंडित दीनदयाल उपाध्याय” विषय पर भव्य अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह बहु-आयामी आयोजन राष्ट्र, भाषा और साहित्य के त्रि-संयोजन को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में झारखंड से अखंड भारत साहित्य परिषद के संस्थापक एवं राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर, धनबाद (झारखंड) के संस्थापक प्राचार्य डॉ वासुदेव प्रसाद तथा राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, कांके, रांची के शिक्षक डॉ ओम प्रकाश अतिथि के रूप में भाग लेंगे। दोनों ही विद्वानों का हिंदी भाषा, राष्ट्रचिंतन तथा शिक्षण-प्रशिक्षण के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान रहा है।सम्मेलन में झारखंड एवं बिहार के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के भाषा विज्ञान एवं साहित्य विभागों से अनेक प्रख्यात शिक्षक, शोधकर्ता, प्रशिक्षक, शिक्षाविद तथा हिंदी भाषा प्रेमी बड़ी संख्या में शामिल होंगे। यह सम्मेलन न केवल विचार-विमर्श का मंच प्रदान करेगा, बल्कि विभिन्न भाषाई पहलुओं, राष्ट्रीय चिंतन, भारतीय संस्कृति तथा साहित्यिक प्रवृत्तियों पर भी सारगर्भित संवाद स्थापित करेगा।
विश्व हिंदी परिषद् के अंतरराष्ट्रीय महासचिव डॉ विपिन ने सभी देश-विदेश से आए साहित्यकारों, भाषाविदों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं एवं हिंदी भाषा सेवियों के सम्मान, स्वागत और अभिनंदन हेतु विस्तृत एवं उच्चस्तरीय व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की हैं। विज्ञान भवन के भव्य प्रांगण में सम्मेलन की सभी तकनीकी, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए समर्पित टीमें गठित की गई हैं।इस अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का उद्देश्य हिंदी भाषा के वैश्विक विस्तार, भारतीय चिंतन की समकालीन उपयोगिता, मानवता आधारित राष्ट्रवाद और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सिद्धांतों को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है। दो दिवसीय इस आयोजन में विशेष व्याख्यान, शोध-पत्र वाचन, परिसंवाद, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ एवं साहित्यिक विमर्श के अनेक सत्र आयोजित होंगे।विश्व हिंदी परिषद् आशा व्यक्त करती है कि यह सम्मेलन भारतीय साहित्यिक परंपरा को नई दिशा देगा और नवसृजन, शोध तथा सांस्कृतिक संवाद की दृष्टि से एक ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायी पड़ाव सिद्ध होगा।