बोधगया (बिहार), 16 दिसंबर 2025 — संत विनोबा भावे द्वारा संस्थापित आचार्यकुल का तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन बोधगया, बिहार में आयोजित हुआ, जिसमें संपूर्ण विश्व के विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों एवं विद्वानों ने भाग लिया। सम्मेलन का भव्य उद्घाटन विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. चंद्रभूषण शर्मा ने दीप प्रज्वलन कर किया।
इस अवसर पर झारखंड से पधारे शिक्षाविदों का विशेष स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। झारखंड राज्य आचार्यकुल के प्रदेश मंत्री डॉ. ओमप्रकाश ने जानकारी दी कि सम्मेलन के दौरान आरटीसी बी.एड. कॉलेज, रांची की प्राचार्या डॉ. ऋचा पद्मा को शिक्षा एवं शिक्षक-प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए शिक्षा कर्मवीर सम्मान से मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया।
सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. ऋचा पद्मा ने इसे समस्त शिक्षक समुदाय के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि यह सम्मान उन्हें मूल्यपरक, नवाचारी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए और अधिक प्रतिबद्ध होकर कार्य करने की प्रेरणा देता है।
तीन दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में गणित एवं शिक्षा शास्त्र के प्रख्यात विद्वान डॉ. सुबोध कुमार, डॉ. ओमप्रकाश उपाध्याय, डॉ. रवि कुमार सिंह, डॉ. वासुदेव प्रसाद, डॉ. जंग बहादुर पांडे, डॉ. रामजी यादव, डॉ. चमन सिंह ठाकुर, डॉ. नीतू सिंह, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. जयंत मिश्रा सहित देश-विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षक, समीक्षक, शिक्षाविद एवं संस्थापक उपस्थित रहे।सम्मेलन के तकनीकी सत्रों में शिक्षा, गणित, शिक्षक-प्रशिक्षण, नैतिक एवं मूल्यपरक शिक्षा पर व्यापक विमर्श हुआ। कार्यक्रम का समापन शैक्षणिक एकता, वैश्विक सहभागिता और राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ हुआ।