
रांची। झारखंड के सभी 24 जिलों के जिला परिषद अध्यक्षों और उपाध्यक्षों ने मंगलवार को रांची स्थित ऐतिहासिक पुराने विधानसभा भवन में एक अहम और रणनीतिक बैठक कर राज्य सरकार को सख्त संदेश दिया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने और 15वें वित्त आयोग की बकाया राशि की मांग को लेकर शीघ्र ही राज्यव्यापी आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
इससे पूर्व सभी जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की बैठकें आयोजित की गई थीं, जिनमें यह स्पष्ट निर्णय हुआ कि यदि समय रहते पंचायतों को उनका वैध वित्तीय हक नहीं दिया गया, तो चरणबद्ध जनआंदोलन चलाया जाएगा।
रांची में हुई बैठक में जिला परिषद अध्यक्षों और उपाध्यक्षों ने एक स्वर में राज्य सरकार से मांग की कि ग्राम पंचायत से लेकर जिला परिषद तक की योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही वित्तीय बाधाओं को दूर किया जाए और 15वें वित्त आयोग की लंबित राशि शीघ्र आवंटित की जाए। पंचायत प्रतिनिधियों ने इसे विकास और लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण से जोड़ते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो मजबूर होकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में धनबाद जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती शारदा सिंह, चतरा से श्रीमती ममता कुमारी, रांची से श्रीमती निर्मला भगत, हजारीबाग से श्री उमेश मेहता, कोडरमा से श्री रामधन यादव, तथा अन्य जिलों से श्री सोनाराम गोदारा, श्री मासी गुड़िया, श्रीमती जोशी बेसरा, श्रीमती बड़ी मुर्मू, श्रीमती सुनीता देवी, श्रीमती शांति देवी समेत सभी जिलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सभी प्रतिनिधियों ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि यह सिर्फ पंचायत प्रतिनिधियों का नहीं, बल्कि ग्रामीण जनता के अधिकारों का सवाल है। आज यदि इस मांग पर चुप्पी साधी गई, तो कल विकास की बुनियाद हिल जाएगी।
बैठक में यह भी तय हुआ कि यदि मांगों की अनदेखी हुई तो आगामी सप्ताह से जिला स्तर पर धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा, और जरूरत पड़ी तो राजधानी में विशाल प्रदर्शन की योजना भी बनाई जाएगी।
मुख्य बिंदु:
24 जिलों के जिला परिषद अध्यक्षों और उपाध्यक्षों ने लिया सर्वसम्मत निर्णय
15वें वित्त आयोग की बकाया राशि के लिए चलाया जाएगा चरणबद्ध आंदोलन
पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार को दी स्पष्ट चेतावनी दी है कि आवश्यकता पड़ने पर राजधानी में विशाल प्रदर्शन की योजना है।