
साहिबगंज। जिले के सिविल सर्जन रामदेव पासवान साहिबगंज के जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों और उपस्वास्थ्य केंन्द्रो पर ध्यान देने के साथ ही सिविल सर्जन कार्यालय में मैं आज निरीक्षण किया निरीक्षण के दरमियान इन्होंने यक्ष्मा केंद्र के हो रहे मरम्मत कार्य का जायजा लेते हुए वह भी रोचक रह गए उन्होंने उपस्थित कर्मियों से पूछा पदाधिकारी का चैंबर कौन है वहां उपस्थित कर्मियों ने उन्हें बताया की पदाधिकारी का चेंबर बगल में है तो उन्होंने वहां के मरम्मत किए गए कार्य पर संतोष व्यक्त किया सिविल सर्जन के साथ साहिबगंज के उपाधीक्षक डॉक्टर देवेश कुमार एवं नोडल पदाधिकारी मुकेश कुमार भी उपस्थित थे।

साहेबगंज। सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की हत्या की सीबीआई जांच कराने एवं नगड़ी के रैयतों को रिम्स 2 के नाम पर छीनी जा रही जमीन किसानों को वापस दिलाने केलिए राज्य सरकार को निर्देशित करने के संबंध में संवेदनहीन भ्रष्ट एवं निकम्मी हेमंत सरकार में राज्य की स्थिति दिनोदिन बद से बदतर होती जा रही। राज्य की विधि व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। राज्य सरकार के संरक्षण में अपराधी, माफिया ,दलाल , बिचौलियों ने पूरे सरकारी तंत्र पर कब्जा जमा लिया है। इनका विरोध करने पर नृशंस हत्या , बिना कारण मुकदमे,धमकी ,फिरौती जैसी सजा सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भुगतने केलिए विवश होना पड़ रहा है। ,सरकारी रजिस्टर में दर्ज आंकड़े बता रहे की राज्य में प्रतिमाह 5000 से अधिकहत्या ,लूट,बलात्कार,डकैती जैसे गैर जमानती आपराधिक मामले घटित हो रहे।
विगत दिनों संथाल परगना के प्रसिद्ध सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता की राज्य की पुलिस द्वारा एनकाउंटर दिखाकर नृशंस हत्या कर दी गई। राज्य पुलिस जिन्हें अपराधी बता रही वे लोकतांत्रिक तरीके से राज्य में विभिन्न दलों के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे। सामाजिक कार्यकर्ता के नाते 250 से अधिक गरीब आदिवासी बच्चों को पढ़ाते थे।उनके भोजन,आवास की चिंता करते थे। साथ ही क्षेत्र में व्याप्त अवैध उत्खनन, पत्थरों की तस्करी का विरोध करते थे जो माफिया तत्वों को पसंद नहीं था।
स्व सूर्या हांसदा पर कोई वारंट नहीं था। 14 मुकदमों में वे बरी हो चुके थे, 5 पर जमानत मिल गई थी । बावजूद इसके राज्य की पुलिस इन्हें अपराधी बताकर घर से उठाती है, टॉर्चर करती है और फिर गोली मार देती है जो पूरी तरह से स्पष्ट है। और यही कारण है कि पुलिस ने मीडिया को भी फर्जी इनकाउंटर की जानकारी नहीं दी। इससे साफ है कि यह एनकाउंटर नहीं हत्या है। क्षेत्र की जनता, उनके परिजन स्व सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई से कराना चाहते है लेकिन हेमंत सरकार राज्य की एजेंसी के माध्यम से लीपापोती में जुटी है।
एक तरफ राज्य में आदिवासियों की हत्याएं हो रही वही दूसरी ओर आदिवासी रैयतों की नगड़ी में खेतिहर जमीन को रिम्स 2 के नाम पर राज्य सरकार किसानों को उजाड़ने पर अड़ी हुई है।
नगड़ी की उपर्युक्त जमीन को अधिग्रहित करने का प्रयास 1955 में तत्कालीन बिहार सरकार ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय केलिए करने का प्रयास किया था जिसे प्रबल विरोध के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री ने नगड़ी आकर जमीन नहीं लेने की घोषणा की थी।तब से रैयतों के नाम मालगुजारी रसीद काटी जाती रही। वर्ष 2012 में फिर एकबार झारखंड सरकार ने जमीन का अधिग्रहण किया और फिर से प्रबल विरोध के बाद सरकार ने प्रक्रिया रोक दी।परन्तु तब से मालगुजारी रसीद नहीं काटी जा रही। ऐसे में किसान अपनी जमीन को लेकर सशंकित हैं।
अबुआ राज की डुगडुगी पीटने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में आदिवासी लूटे भी जा रहे और पीटे भी। रोज हत्याएं हो रही।बहन बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं।प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासी जमीन की लूट और सूर्या हांसदा की हत्या को लेकर सड़क से सदन तक लगातार आंदोलन किया है , लेकिन राज्य सरकार कान में तेल डालकर सोई हुई है आप राज्य के संवैधानिक प्रमुख के साथ साढ़े तीन करोड़ जनता के अभिभावक हैं। इसलिए प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में प्रखंड स्तर पर प्रदर्शन करते हुए आपसे गुहार लगा रहे। आज प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से भाजपा के कार्यकर्ता आपसे अनुरोध करते हैं कि जनहित में ,राज्य हित में दोनों मुद्दों को आप गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लें तथा स्व सूर्या हांसदा की हत्या की सीबीआई जांच कराने तथा नगड़ी में रैयतों को उनके जमीन को वापस दिलाने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने की कृपा की जाए मांग पत्र को सौंपने के लिए राजमहल के पूर्व विधायक अनंत ओझा रामानंद साह धर्मेंद्र कुमार अनंत सिंन्हा संजय कुमार चांदनी देवी डब्लू ओझा गणेश तिवारी चंद्रभान शर्मा और सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।

रांची। ऑल इंडिया एससी एसटी एकता मंच झारखंड के अध्यक्ष वंश लोचन राम ने झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को पत्र लिखकर अनुसूचित जातियों के लिए कई महत्वपूर्ण मांगें उठाई गई हैं। पत्र के माध्यम से निम्नलिखित मांग की है।
1. अनुसूचित जाति आयोग का गठन और रिक्त पदों को भरना झारखंड अनुसूचित जाति आयोग के रिक्त पदों को भरने और नियमावली तैयार करने की मांग की गई है।
2. अंबेडकर छात्रावास की व्यवस्था*: सभी जिलों में अंबेडकर छात्रावास की व्यवस्था करने की मांग की गई है।
3. आरक्षण का लाभ*: चौकीदार के पद पर नियुक्ति में अनुसूचित जातियों को आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई है।
4. शिक्षा का अधिकार : गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सभी गरीब लोगों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने की मांग की गई है।
5. न्यूनतम मजदूरी*: असंगठित श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण करने और इसका अनुपालन करने की मांग की गई है।
इन मांगों का उद्देश्य अनुसूचित जातियों और अन्य वंचित वर्गों को सामाजिक और आर्थिक न्याय प्रदान करना है। झारखंड सरकार से इन मांगों पर विचार करने और आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
नुसूचित जाति आयोग: झारखंड अनुसूचित जाति आयोग के रिक्त पदों को भरने और नियमावली तैयार करने की मांग की गई है
शिक्षा और स्वास्थ्य गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सभी गरीब लोगों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने और स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने की मांग की गई है।
न्यूनतम मजदूरी: असंगठित श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण करने और इसका अनुपालन करने की मांग की गई है।इन मांगों को पूरा करने से अनुसूचित जातियों और अन्य वंचित वर्गों को सामाजिक और आर्थिक न्याय मिलेगा।

रांची। झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उराँव ने पीएम नरेंद्र मोदी भारत सरकार ,नई दिल्ली, एवं नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री ,बिहार सरकार को जनजातियों के प्राचीन धरोहर स्थल रोहतासगढ़ किला (कैमूर-बिहार) को गोद (संरक्षण एवं संर्वधन) लेने के संबंध में लिखा पत्र। पत्र के माध्यम श्री उरांव ने जनजातियों / आदिवासियों की प्राचीन धरोहर रोहतासगढ़ किला (कैमूर-बिहार) को गोद लेकर इसका कायाकल्प करने की सख्त आवश्यकता है। इसी रोहतासगढ़ किला से जनजातियों का शासन-प्रशासन चलता था। आज इस किला जो जीन-सीन (खण्हर) अवस्था में है, उसका उद्धार करना अतिआवश्यक है। इस प्राचीन धरोहर स्थल से शेरशाह सूरी को हमारे पूर्वज सिनगी दई-कैली दई ने पुरुष वेश धारण कर तीन बार हराया था। ऐसे धरोहर स्थल का जीर्णोद्धार होना अतिआवश्यक है। माघ पूर्णिमा के दिन प्रति वर्ष वनवासी कल्याण आश्रम के तत्त्वावधान में रोहतासगढ़ तीर्थ यात्रा महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन होते आ रहा है। इस कार्यक्रम में देश के कई राज्यों से जनजाति/आदिवासी समाज आते हैं और पूजा-पाठ कर पूर्वजों से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।वर्तमान समय में रोहतास प्रखण्ड से किला की दूरी 37 कि.मी. है जो अत्यंत ही जर्जर (उबड़-खाबड़ ) है, किला का सुन्दरीकरण हो, शौचालय की व्यवस्था, सामुदायिक भवन, पानी पीने की व्यवस्था, बिजली की व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, किला से शिव मंदिर की दूरी 5 कि.मी. है उसका भी निर्माण होना आवश्यक है। नोट:- किला के देखभाल करने हेतू स्थानीय आदिवासी को स्थायी पर रखा जाए ताकि किला का उचित देखभाल कर सके।
प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री से सादर प्रार्थना है कि रोहतासगढ़ किला (कैमूर-बिहार) को गोद लेते हुए जनजातियों / आदिवासियों की धरोहर को बचाने की कृपा प्रदान करें ताकि जनजाति/आदिवासी समाज आपको मसीहा के रूप में देख सके, इसके लिए समस्त भारत देश के जनजाति समाज आपका सदा आभारी बने रहेंगे।

रांची। झारखंड प्रजापति( कुम्हार) महासंघ की प्रदेश का कार्य समिति की बैठक विधानसभा सभागार रांची में संपन्न हुए इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण प्रजापति एवं संचालन प्रदेश महामंत्री सह माटी कला बोर्ड के माननीय पूर्व सदस्य ईश्वरचंद्र प्रजापति ने की इस बैठक में मुख्य रूप से महासंघ के पूर्व संरक्षक सह बेरमो के पूर्व विधायक योगेश्वर महतो (बाटुल ) महासंघ के पूर्व अध्यक्ष माटी कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्रीचंद प्रजापति, महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष सह माटी कला बोर्ड के मा० पूर्व सदस्य राजेंद्र पंडित जी एवं माटी कला बोर्ड के सदस्य श्री नीरज प्रजापति उपस्थित रहे ! इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सभी जिला का अध्यक्ष/ महामंत्री गण भाग लिए सभी सदस्यों ने बारी बारी से अपना विचार रखा तत्पश्चात सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि महासंघ को ग्राम स्तर तक जोड़ने हेतु जिला प्रवास का कार्यक्रम बनाया गया। एवं सभी जिला में प्रवास हेतु जिला संयोजक, सहसंयोजक का गठन किया गया।
झारखंड प्रजापति (कुम्हार) महासंघ ने कहा कि झारखंड में कुम्हारो की संख्या 32 लाख है फिर भी हम कुम्हार को पता नहीं सरकार क्यों अपेक्षित रख रही है हमारा हक हमें नहीं दे रहे हैं इसलिए महासंघ सरकार से मांग करता हूं की माटी कला बोर्ड का गठन जल्द से जल्द करें। राजनीति में भी उचित प्रतिनिधित्व दें।
इस बैठक में मुख्य रूप से मुख्य रूप से
मुख्य रूप से उपाध्यक्ष संजय पंडित, पुना बेसरा, संगठन मंत्री पप्पू पंडित, प्रदेश मंत्री लक्ष्मण पंडित, रमेश चंद्र मांझी प्रदेश प्रवक्ता विक्रम महतो, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय प्रजापति, महिला प्रदेश महिला प्रभारी कामिनी देवी, प्रदेश युवा प्रभारी शंभू प्रजापति ,सह प्रभारी संदीप पंडित, हजारीबाग जिला अध्यक्ष नरेंद्र प्रजापति , जमशेदपुर जिला अध्यक्ष तेतर प्रजापति, बोकारो जिला अध्यक्ष शेखर प्रजापति, गुमला जिला अध्यक्ष राजू प्रजापति, कोडरमा जिला अध्यक्ष भुनेश्वर पंडित, रामगढ़ जिला अध्यक्ष राधा विनोद प्रजापति , लातेहार जिला अध्यक्ष भुनेश्वर प्रजापति , लोहरदगा जिला अध्यक्ष सरोज प्रजापति, धनबाद जिला महामंत्री अर्जुन पंडित, साहिबगंज जिला अध्यक्ष पिंटू पंडित, उमेश प्रजापति।
प्रदेश कार्य समिति सदस्य--- विशेश्वर महतो, हरिवंश पंडित, जागेश्वर प्रजापति , प्रकाश बाबा
विशेष आमंत्रित सदस्य , प्रदीप प्रजापति, विनोद प्रजापति, उमाशंकर पंडित, रणजीत पंडित, गोपाल पंडित, बोधी पंडित, विजय पंडित, केदार पंडित ।

रांची। झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष लोकसभा नई दिल्ली एवं सोनिया गाँधी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी नई दिल्ली को पत्र लिखकर कांके प्रखंड के नगड़ी ग्राम के कृषि युक्त भूमि पर रिम्स-2 नहीं बनाने हेतू डा. इरफान अंसारी को मना करने के संबंध में, चिट्ठी लिखा। पत्र में उल्लेख है कि है झारखंड के रांची जिला के कांके प्रखंड के नगड़ी ग्राम के आदिवासियों के कृषि युक्त भूमि पर डा. इरफान अंसारी के द्वारा जबरजस्ती बिना मुआवजा दिए रिम्स-2 बनाने पर अड़ा हुआ है। विदित हो कि सरकार द्वारा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय हेतू सन् 1957-58 ई. में अधिकृत किया गया था, जबकि कुल 153 किसानों में से मात्र 19 किसानों ने ही मुआवजा लिए थे और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का कहना है कि मैनें उस आदिवासियों की कृषि भूमि को कभी भी अधिकृत नही किया है। उस समय से लेकर अभी तक आदिवासियों के द्वारा खेती-बारी कर जीवन यापन करते आ रहे हैं। भूमि अधिकरण 1913 के अनुसार भूमि अधिग्रहण करने से पूर्व उचित मुआवजा, पूनर्वास एवं भूमि देने के उपरांत ही भूमि अधिकरण किया जा सकता है अन्याथा नहीं। सन् 1912-13 ई. तक किसानों का रसीद भी कटते आया है, फिर रसीद कटना बंद हो गया, उसी समय 2012-13 में स्व. शिबू सोरेन उसी कृषि युक्त भूमि पर सभा स्थल में ग्रामीणों को स्पष्ट शब्दों में कहा था कि कृषि युक्त भूमि को सरकार नहीं ले सकती है, आप लोग हल जोतिये और खेती-बारी कीजिए, उस समय से अभी तक आदिवासी खेती-बारी कर जीवन बसर कर रहे है। उसी समय तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्री जयराम रमेश जी ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि कृषि युक्त भूमि को अधिकृत नहीं किया जा सकता है।
चूंकि झारखंड प्रदेश पांचवी अनुसूची क्षेत्र है और यहां सी.एन.टी 1908 (छोटानागपुर काशकारी अधिनियम 1908) लागू है। तथा इस कानून के अंतरगत घारा 49 का 3 में यह उल्लेख किया गया है कि यदि सरकार किसी प्रयोजन हेतू भूमि अधिकृत करती है और उस भूमि के एवज में यदि किसान मुआवजा भी ले लेते है और सरकार यदि पांच साल तक उस भूमि पर कोई कार्य नहीं करती है तो ऐसी परिस्थिति में उपायुक्त के माध्यम से भूमि को किसानों को
स्वत: वापस कर देना है। परंतु इस कृषियुक्त भूमि पर इस प्रकार का कोई कार्य नहीं किया गया, नाहि ग्रामीणों को सूचना दिया गया तथा नाहि ग्रामसभा से अनुमति ली गई।
बीतें दिनों हजारों-हजार की संख्या में आदिवासी समाज के लोग 24 अगस्त 2025 को हल जोतो और रोपा रोपो के कार्यक्रम में हल जोताई एवं धान रोपाई की गई, जिसमें प्रशासन के द्वारा आसू गैस के गोले, लाठीचार्ज एवं बंदूक के नोंक में भय दिखाया गया, परंतु किसान मार खाते हुए भी हल जोताई एवं धान रोपाई का कार्यक्रम किया, जिसमें प्रशासन के द्वारा झूठा आरोप एवं खतरनाक धारा लगाते हुए कुल 85 लोगों पर प्रथमिकी दर्ज की गई।
आदिवासियों की कृषि युक्त भूमि पर रिम्स-2 बनाने के लिए डा. इरफान अंसारी अडे़ हुऐ है। अगर सरकार जबर-जस्ती उसी भूमि पर असंवैधानिक, गैर-कानूनी, प्रशासन के बल पर रिम्स-2 बनाती है तो झारखंड ही नहीं, भारत के समस्त आदिवासी समाज कांग्रेस पार्टी से अपना मुंह मोड़ लेगी और आने वाले दिनों में जो भी आदिवासी कांग्रेस पार्टी के साथ है, वो भी साथ छोड़ देगी। इसलिए कांग्रेस पार्टी की हित को देखते हुए, पत्र मिलते ही तुरंत डा. इरफान अंसारी को नगड़ी की कृषि युक्त भूमि को छोड़ दुसरे जगह रिम्स-2 बनाने के लिए आदेश देने की कृपा करें, ताकि आदिवासियों का कांग्रेस पार्टी के प्रति विश्वास बना रहे नही तो झारखंड ही नहीं पूरे भारत देश में कांगे्रस पार्टी के प्रति आदिवासियों का विश्वास जो स्व. इंदिरा गांधी के समय से है वह टूट जाएगा और इसका खामियाजा काग्रेस पार्टी को ही भूगतना पडे़गा।

साहिबगंज। जिला के परिवहन पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह ने साहिबगंज संवाददाता से बात करते हुए कहा कि साहिबगंज जिले में जितने भी इलेक्ट्रॉनिक टोटो डीजल पेट्रोल ऑटो है उन सभी चालकों को जल्द ही आईडी कार्ड निर्गत किया जाएगा और साथ में उन सभी टोटो चालकों ऑटो चालकों का निबंधन भी नगर परिषद के द्वारा किया जाएगा इसे आम जनता को सुविधा होने के साथ-साथ अगर किसी क्षेत्र में कोई दुर्घटना होती है तो टोटो चालकों और ऑटो चालकों के आईडी कार्ड से तुरंत जानकारी प्राप्त हो जाएगी जिससे कि त्वरित गति में सहायता की जा सके साथ में परिवहन पदाधिकारी ने कहां की कुछ असामाजिक तत्व भी कुछ चालकों के रूप में आकर गलत कार्य करते हैं अगर उनके पास आईडी कार्ड नहीं होगा तो यात्री भी सचेत हो जाएंगे और उनसे अपराधिक गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही साहिबगंज के सभी इलेक्ट्रिक वाहनों और डीजल वाहनों को ड्रेस कोड अनिवार्य किया जाएगा जिससे कि यात्रियों को सुविधा अधिक मिल सकेगी उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

साहिबगंज। जिला के परिवहन पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह ने साहिबगंज संवाददाता से बात करते हुए कहा कि साहिबगंज जिले में जितने भी इलेक्ट्रॉनिक टोटो डीजल पेट्रोल ऑटो है उन सभी चालकों को जल्द ही आईडी कार्ड निर्गत किया जाएगा और साथ में उन सभी टोटो चालकों ऑटो चालकों का निबंधन भी नगर परिषद के द्वारा किया जाएगा इसे आम जनता को सुविधा होने के साथ-साथ अगर किसी क्षेत्र में कोई दुर्घटना होती है तो टोटो चालकों और ऑटो चालकों के आईडी कार्ड से तुरंत जानकारी प्राप्त हो जाएगी जिससे कि त्वरित गति में सहायता की जा सके साथ में परिवहन पदाधिकारी ने कहां की कुछ असामाजिक तत्व भी कुछ चालकों के रूप में आकर गलत कार्य करते हैं अगर उनके पास आईडी कार्ड नहीं होगा तो यात्री भी सचेत हो जाएंगे और उनसे अपराधिक गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही साहिबगंज के सभी इलेक्ट्रिक वाहनों और डीजल वाहनों को ड्रेस कोड अनिवार्य किया जाएगा जिससे कि यात्रियों को सुविधा अधिक मिल सकेगी उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

रांची। झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह को 8 सूत्री मांगों के संबंध में पत्र लिखा है। इन मांगों में शामिल हैं :-
पंचायतों को वित्तीय सहायता: 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग की राशि तत्काल उपलब्ध कराना।
आकस्मिक मृत्यु/दुर्घटना के लिए बीमा/मुआवजा: पंचायत जनप्रतिनिधियों के लिए 30 लाख रुपये का बीमा/मुआवजा और विधायकों की तरह सेवा समाप्ति के बाद पेंशन की मांग।
मासिक मानदेय: सभी त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को केरल राज्य के तर्ज पर मासिक मानदेय प्रदान करना।
वित्तीय शक्तियों का उपयोग: टाइड और अनटाइड मद की राशि को जरूरत के अनुसार खर्च करने और चेक द्वारा भुगतान करने का अधिकार देना।
वित्तीय शक्तियों की बहाली : बिना जांच के जनप्रतिनिधियों की वित्तीय शक्तियाँ जब्त न करना और जिनकी शक्तियाँ जब्त की गई हैं, उन्हें बहाल करना, साथ ही आत्मरक्षा के लिए अंगरक्षक और शस्त्र लाइसेंस देना।
डीएमएफटी फंड का उपयोग: त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अनुसार डीएमएफटी फंड का उपयोग करना।
पूर्ण अधिकार: त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को 14 विभाग और 29 विषयों में पूर्ण अधिकार देना।
निजी मद की उपलब्धता: सांसद और विधायक मद के तर्ज पर राज्य वित्त आयोग के द्वारा त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को निजी मद उपलब्ध कराना।
इन मांगों को पूरा करने के लिए झारखंड प्रदेश मुखिया संघ ने केंद्रीय मंत्री से शीघ्र कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। संघ का कहना है कि अगर मांगें पूरी होती हैं तो इससे पंचायतों और जनप्रतिनिधियों को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी ।

रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सत्ता से बेदखल भाजपा को आज भी समानांतर सरकार चलाने का भ्रम हो गया है। हर मुद्दे पर भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह करना ही भाजपा का एजेंडा है।
श्री पांडेय ने कहा कि सूर्या हांसदा प्रकरण में भाजपा जिस तरह से राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रही है, वह आदिवासी समाज का अपमान है। झामुमो के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं विधायक हेमलाल मुर्मू पहले ही सूर्या के आपराधिक जीवन का पूरा विवरण सार्वजनिक कर चुके हैं। आदिवासी समाज अपराधियों को स्वीकार नहीं करता। ऐसे व्यक्ति को ‘सामाजिक कार्यकर्ता’ बताकर भाजपा जनता की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि आखिर सूर्या पर दर्ज 24 से अधिक मुकदमों का सच क्या था। क्या अवैध खनन और तस्करी के संरक्षण से भाजपा के कुछ चेहरे जुड़े नहीं रहे हैं? सच तो यह है कि भाजपा अपने दिल्ली वाले आकाओं के इशारे पर नाचना बंद करे और प्रदेश की लोकप्रिय हेमंत सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र त्याग दे।
नगड़ी भूमि विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री पांडेय ने कहा कि भाजपा जानबूझकर आधे-अधूरे तथ्यों को पेश कर रही है। रैयतों की भावनाओं का सम्मान हेमंत सरकार ने किया है और विकास के साथ अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित कर रही है। जमीन अधिग्रहण का निर्णय पूर्ववर्ती सरकारों में लिया गया था, जिसे लेकर संघर्ष भी हुआ। हेमंत सरकार ने हमेशा संवाद की पहल की है, लेकिन भाजपा सस्ती राजनीति के लिए किसानों को भड़काने से बाज नहीं आ रही।
श्री पांडेय ने कहा कि भाजपा के पास न तो जनादेश है, न ही कोई ठोस मुद्दा। इसलिए कभी सीबीआई का राग, कभी भूमि विवाद का बहाना बनाकर जनता को गुमराह कर रही है। प्रदेश की जनता सब समझ रही है।
उन्होंने कहा कि यदि बाबूलाल मरांडी सचमुच आदिवासी समाज और गरीबों के हितैषी हैं तो केंद्र की भाजपा सरकार से झारखंड के बकाया खनिज राजस्व, विशेष पैकेज और एमएसपी की गारंटी की मांग करें। हेमंत सरकार की ओर से एसटी को 28 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत व एससी को 12 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर किए गए पहल को पूरा करने के लिए भाजपा नेता केंद्र सरकार और राज्यपाल से क्यों नहीं बात करते।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को चाहिए कि वे झूठ की राजनीति छोड़कर जनता की भावनाओं के अनुरूप सकारात्मक सहयोग करें। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी प्राथमिकता है।





