
रांची। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी, राँची, मंजुनाथ भजन्त्री ने दिनांक- 16 सितंबर 2025 को समाहरणालय ब्लॉक-बी स्थित सभागार में आयोजित करमा मिलन समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने एक साथ मिलकर करमा पर्व की खुशियों को साझा किया। यह समारोह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक एकता का एक जीवंत प्रतीक रहा।
इस समारोह में उप विकास आयुक्त राँची, सौरभ भुवनिया, अपर समाहर्ता राँची, रामनारायण सिंह, अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) राँची, राजेश्वर नाथ आलोक, विशिष्ट अनुभजन पदाधिकारी राँची, मोनी कुमारी, ITDA राँची, संजय भगत, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राँची, के. के. राजहंस, जिला नजारत उप समाहर्ता राँची, डॉ. सुदेश कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी राँची, अखिलेश कुमार, जिला कोषागार पदाधिकारी राँची, सारिका भगत, SAR राँची, मनीषा तिर्की, EDC, श्रीमती वंदना ज्योति कुजूर, कार्यापालक दंडाधिकारी जफर हसनात, सुश्री साइनी तिग्गा, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी राँची, राजीव कुमार, जिला खनन पदाधिकारी राँची, अबु हुसैन सहित जिला प्रशासन के सभी संबंधित पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
उपायुक्त मंजुनाथ भजन्त्री ने कहा, "करमा पर्व हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ा एक अनमोल उत्सव है, जो हमें सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और एक-दूसरे के साथ मिलजुल कर आगे बढ़ने का संदेश देता है। आज का यह समारोह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करने का एक शानदार उदाहरण है।"
समाहरणालय के कर्मचारियों ने अपनी कला के माध्यम से झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवंत कर दिया
कार्यक्रम में पारंपरिक नृत्य, संगीत और रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। समाहरणालय के कर्मचारियों ने अपनी कला के माध्यम से झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवंत कर दिया, जिसे देखकर सभी उपस्थित लोगों में गर्व और उल्लास की भावना जागृत हुई। उपायुक्त ने कर्मचारियों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि इन प्रदर्शनों ने न केवल हमारी संस्कृति को उजागर किया, बल्कि सामाजिक एकता को भी मजबूत किया।
पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने की प्रेरणा
उपायुक्त ने कहा कि करमा पर्व हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा, "यह पर्व हमें सिखाता है कि हम अपनी परंपराओं को संजोए रखें और अगली पीढ़ियों तक इसे पहुंचाएं। हमारी सांस्कृतिक धरोहर हमें एक सूत्र में बांधती है और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है।"
इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखें और इसे भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने में योगदान दें
उपायुक्त ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के उत्साह और एकजुटता की सराहना की। उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपनी इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखें और इसे भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने में योगदान दें।
मांदर की धुन से अपने आप को रोक नही पाए उपायुक्त
इस कार्यक्रम के दौरान ज़ब मांदर की धुन ज़ब गूंज रही थी, सब के पैर थिरक रहें थे, सभी इस आनंद में इतना खो गए की अचानक मांदर की धुन से अपने आप को रोक नही पाए उपायुक्त उन्होंने मांदर अपने गले में लटकाया और मांदर बजाने लगे, ज़ब उन्होंने मांदर बजाया तो उनके साथ जिला के तमाम वरीय पदाधिकारी एवं समाहरणालय कर्मी थिरकने लगे। ये दृश्य सबके मन को मोहने वाला रहा, जो सभी की यादों में हमेशा सुनहरी यादों का गवाह बनेगा। यह क्षण निश्चित रूप से सभी के लिए एक अविस्मरणीय और सुनहरी याद बनेगा।