रांची। आदिवासी संगठनों का एक प्रेस वार्ता/ बैठक स्थान धुर्वा सेक्टर 3 एन टाइप सरहुल पूजा स्थल धूमकुड़िया प्रांगण में हुई। इस प्रेस वार्ता के माध्यम से बताना चाहते हैं कि ग्राम चांद गांव, पंचायत हरदाग प्रखंड नामकुम थाना तुपुदाना जिला रांची में विगत 1 वर्ष से ऊपर झारखंड महा अभिषेक चर्च द्वारा रविवार एवं बुधवार को हजारों की भीड़ एकत्रित कर यह कहा जाता है कि प्रभु यीशु के नाम पर प्रार्थना करने से अंधा देखेगा बड़ा सुनेगा लंगड़ा चलेगा गंगा बोलेगा और तो और मुर्दा भी जी उठेगा जानि सारे दुख बीमारी, परेशानी ठीक होने का दावा करते हुए भोले भाले आदिवासी एवं गैर आदिवासियों को गुप्त तरीके से धर्मांतरण कराया जा रहा है। इस विषय को लेकर उपयुक्त रांची अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची थाना प्रभारी तो पुराना एवं महामहिम राज्यपाल झारखंड से भी मुलाकात कर इस संबंध में अवगत कराया कि 5वीं अनुसूचित क्षेत्र में बिना ग्राम सभा के अनुमति ना हीं शासन प्रशासन के अनुमति लिए बगैर एक साल से अंधविश्वास और चंगाई प्रार्थना सभा के माध्यम से धर्मान्तरण कराया जा रहा है इस पर हस्तक्षेप करते हुए रोक लगाने की मांग की गई। किंतु कहीं से भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। दूसरी ओर दिनांक 12 10.2025 को ग्राम सभा का बैठक का निर्णय लिया गया कि यथाशीघ्र चंगाई सभा का टेंट पंडाल को हटा लें इसका कॉपी भी चंगाई सभा वाले को दे दिया गया था किंतु ग्राम सभा का निर्णय को भी नहीं माना बल्कि और भी निडरता और निर्बाध रूप से कार्यक्रम को चल रहा है।
मेघा उरांव ने कहा है कि चर्च मिशनरी चंगाई सभा का नाम बदलकर कहीं झारखंड प्रार्थना महोत्सव, शुभ संदेश प्रार्थना सभा, झारखंड रिवाइवल मीटिंग, बीमारी से छुटकारा नशा मुक्ति इत्यादि नामों से लोगों को प्रभावित कर किसी न किसी रूप में ईसाईयत की ओर ले जाना इनका मुख्य मकसद है और इसमें वर्तमान झारखंड सरकार प्रत्यक्ष रूप से अंधविश्वास और चंगाई प्रार्थना सभा को बढ़ावा और संरक्षण दे रही है। उदाहरण स्वरूप चांद गांव तुपुदाना रांची एवं गुमला एयरपोर्ट मैदान चंगाई प्रार्थना सभा एवं अन्य जगहों पर इस तरह के कार्यक्रमों के लिए सैकड़ो पुलिस प्रशासन मजिस्ट्रेट को सुरक्षा व्यवस्था में लगाए जा रहे हैं। यदि चंगाई सभा से ही सारे बीमारी ठीक हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति में सारे अस्पतालों को बंद कर देना चाहिए और ईसाई मिशनरी की चंगाई सभा को ही सौंप देना चाहिए ताकि गरीब दुखियों का पैसा भी बच जाए ।
संदीप उरांव ने कहा है कि इस प्रेस वार्ता के माध्यम से उन सभी चाहे कोई भी पार्टी के सांसद और विधायक हों उनसे निवेदन करना चाहते हैं कि पहले समाज उसके बाद अर्थात पार्टी से हटकर अपने मूल आदिवासी/जनजाति समाज और धर्म को बचाने के लिए आगामी 23 नवंबर 2025 को तुपुदाना दस माइल चौक जतरा मैदान में अवश्य शामिल होना चाहिए। अन्यथा जिस रफ्तार से धर्मांतरण का कार्य चल रहा है उसमें हम बचने वाला नहीं है। प्रेस वार्ता/बैठक में मेघा उरांव, संदीप उरांव, अंजलि लकड़ा, चरवा खलखो, गणेश तिग्गा , सोमा उरांव, प्रदीप टोप्पो, खेतवा उरांव, सुनील उरांव, सनी उरांव, रोपनी मिंज, जय मंत्री उरांव, छोट राय मुंडा, कैलाश मंडा, लुथरु उरांव, मोती सिंह बड़ाइक, राजू उरांव, बबलू उरांव, सोमानी पहनाईन, विश्वकर्मा पहान, खेतवा उरांव एवं अन्य उपस्थित थे।