
रांची। शहिद शेख भिखारी एवं शहिद टिकैत उमराव सिंह के शहादत दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस भवन में कार्यक्रम के संजोजक शज़ादा अनवर की अध्यक्षता में किया गया।दोनों महान विभूतियों के चित्र पर माला अर्पण कर केशव महतो कमलेश विधायक दल नेता प्रदीप यादव ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह एवं अन्य कांग्रेस जनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पूर्व चुटुपालु घाटी स्थित शहीद स्थल पर प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित अन्य नेताओं ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में रांची के आदिल अख्तर एवं गुमला के आफताब आलम लाडले ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की जिन्हें नेताओं ने माला एवं अंग पट्टीका पहनाकर कांग्रेस की सदस्यता प्रदान की।
इस अवसर पर उपस्थित नेताओं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री केशव महतो कमलेश ने कहा कि झारखंड की भूमि शहिद और क्रांतिकारियों की भूमि है। आजादी की लड़ाई में जिस तरह अन्य सुबे के लोगों ने अपना योगदान और कुर्बानियां दी थी उसी तरह हमारे पूर्वजों ने भी कुर्बानी दी थी। शहादत की एक लंबी श्रृंखला झारखंड से है। झारखंड के छात्रों युवाओं को उनके जीवनी से सीख लेनी चाहिए। क्रांति के इतिहास में झारखंड के वीर सपूतों के योगदान से युवा वर्ग को परिचित कराने हेतु उनके जीवनी को झारखंड के पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने की मांग मुख्यमंत्री से मिलकर किया जाएगा। 1857 की क्रांति को धार देने हेतु जिस तरह से शेख भिखारी और टिकैत उमराव सिंह ने सबल नेतृत्व किया उससे दिन प्रतिदिन झारखंड क्षेत्र में स्वतंत्रता आंदोलन मजबूत होता गया।
विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने कहा कि इन दोनों महान विभूतियों का सपना आजाद भारत का था। जनता का राज आजाद भारत में होगा इसी आशा से आजादी की लड़ाई में इन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। आजादी की लड़ाई में सर्वस्व न्यौछावर करने वालों के सपनों को हमने साकार किया लेकिन हाल के दिनों में भारत में लोकतंत्र पटरी से बेपटरी हो रहा है।केंद्र की सत्ता में बैठे लोग भारत की एकता,अखंडता और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रहे हैं।हमें संकल्प लेना होगा कि जैसे इन दो महान विभूतियों ने अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ी हमें दूसरी आजादी की लड़ाई लड़नी होगी। शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि संविधान बचाने की लड़ाई लड़कर ही दी जा सकती है।
ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए हमारे पूर्वजों ने अपनी जिम्मेवारियों के निर्वहन किया है हमें उसे बरकरार रखना है।छोटा नागपुर संथाल परगना के इलाके में अंग्रेज सरकार से संघर्ष का गौरवमई इतिहास है। झारखंड के महान विभूतियों को सम्मान और श्रद्धांजलि देने हेतु हमारी सरकार लगातार प्रयास करती है, योजनाओं, संस्थानो का नामकरण उनके नाम पर किया जा रहा है। पाठ्यक्रम में जीवन वृत्त शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। आज जिस आजादी की हवा में हम सांस ले रहे हैं उसके लिए लगभग 200 साल पहले इन क्रांतिकारीयों ने अपनी जान दी थी, हमारी जवाबदेही है कि उनके योगदान को याद रखें।
कार्यक्रम के आयोजन के लिए गठित समिति के संयोजक शहजादा अनवर ने कहा कि स्वतंत्रता के लिए सभी धर्म के लोगों ने बलिदान दिया। आज देश में प्रायोजित तरीके से धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है। इस देश में केंद्रीय सत्ता की ऐसी हनक चल रही है कि लोगों को इंसाफ और न्याय के लिए सड़कों पर आना पड़ रहा है। न्यायपालिका को संवाददाता सम्मेलन करना पड़ रहा है। संवैधानिक प्रमुख लोग आर एस एस के प्रचारक के रूप में राज्यों में जाकर सामाजिक ताने-बाने को छिन्न भिन्न करने में लगे हैं।
कार्यक्रम में रविंद्र सिंह,जयशंकर पाठक,राकेश सिन्हा,सतीश पॉल मुजिनी, किशोर शाहदेव,सोनाल शांति, रियाज अंसारी आलोक कुमार दूबे, नेलीनाथन,अभिलाष साहू,जगदीश साहू,राजन वर्मा, राकेश किरण महतो ,डॉ राजेश गुप्ता, विनय सिंन्हा दीपू, गजेंद्र सिंह,अमूल्य नीरज खलको, पप्पू अजहर के के गिरी,हुसैन ख़ान,खुर्शीद हसन रूमी, आबेदुल्लाह हक अंसारी सुरेंद्र सिंह, मो सलीम, अख़्तर अली, राजराजेंद्र प्रताप देव गुलाम सरवर नरेंद्र लाल गोपी, टिंकू वर्मा, जितेंद्र त्रिवेदी, मनोज सहाय पिंकू, समुद्र गुप्ता ऐनुल हक, कलाम आजाद मो सफ़र परवेज अली सहित सैकड़ो लोग शामिल थे।