
रांची। झारखंड राज्य में आज 15 लाख से अधिक छात्र-छात्राएँ अपने हक की छात्रवृत्ति राशि से वंचित हैं। यह स्थिति पिछले दो वर्षों से बनी हुई है, जहाँ सरकार द्वारा समय पर छात्रवृत्ति की राशि जारी न किए जाने के कारण गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के छात्र गंभीर संकट से गुजर रहे हैं।
छात्र नेता इन्द्रोजीत साह ने कहा –
यह बेहद शर्मनाक है कि झारखंड सरकार छात्रों का भविष्य दांव पर लगाकर उनके हक का पैसा रोक कर बैठी है। छात्र महीनों से आवेदन और दस्तावेज़ जमा कर चुके हैं, लेकिन अब तक बैंक खातों में एक रुपया भी नहीं पहुँचा। इससे लाखों छात्रों की पढ़ाई, किताबें, हॉस्टल और कॉलेज की फीस प्रभावित हो रही है। यह सीधे तौर पर छात्रों के सपनों और भविष्य के साथ धोखा है।”
उन्होंने बताया कि—
• पिछले 2 वर्षों से छात्रवृत्ति वितरण में लगातार देरी हो रही है।
• कई जिलों में हजारों छात्र आवेदन करने के बावजूद अब तक एक भी किश्त प्राप्त नहीं कर पाए हैं।
• छात्रवृत्ति की कुल बकाया राशि सैकड़ों करोड़ रुपये में पहुँच चुकी है, जो छात्रों के भविष्य को अधर में लटका रही है।
इन्द्रोजीत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा –
“छात्रों का पैसा सरकार की मेहरबानी नहीं, बल्कि उनका अधिकार है। अगर सरकार ने तुरंत सभी लंबित छात्रवृत्ति की राशि छात्रों के बैंक खाते में नहीं भेजी, तो राज्यभर में बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। छात्र सड़कों पर उतरेंगे और तब सरकार को इसका जवाब देना होगा। हम किसी भी कीमत पर छात्रों का हक छीनने नहीं देंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि—
छात्रों का एक-एक रुपया उन्हें मिलना चाहिए। अगर यह सरकार छात्रों को उनका हक नहीं देती है, तो यह सरकार छात्रों के भविष्य की दुश्मन कहलाएगी। अब चुप्पी नहीं, संघर्ष होगा।