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केंद्र के मोदी सरकार ने झारखंड में पिछड़ा वर्ग आरक्षण के बिल को रोका - प्रदीप यादव
August 2, 2025 | 154 Views
केंद्र के मोदी सरकार ने झारखंड में पिछड़ा वर्ग आरक्षण के बिल को रोका  - प्रदीप यादव

रांची। आजादी के समय यदि भाजपा का शासन होता तो पिछड़ा दलित आदिवासी और वंचित समाज के लिए संविधान में आरक्षण और उनके मूल अधिकार का समावेश नहीं होता।उक्त आरोप कांग्रेस विधायक दल नेता  प्रदीप यादव ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर लगाया। उन्होंने मोदी सरकार पर झारखंड में आरक्षण मे वृद्धि संबंधित विधेयक को लटकाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि झारखंड में लगभग 55% पूरे देश में 52% आबादी पिछड़ों की है,संविधान में भी स्पष्ट रूप से पिछड़ों को शैक्षणिक आर्थिक सामाजिक रूप से संबल बनाने हेतु आरक्षण का प्रावधान है। कांग्रेस ने खड़गे जी एवं राहुल जी के नेतृत्व में जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी को लेकर वंचित समाज को हक दिलाने के लिए संघर्ष छेड़ा है।उन्होंने कहा किया तभी संभव है कि जब 50% आरक्षण के बैरिकेडिंग को हटाया जाए,50% की लक्ष्मण रेखा को मिटाना होगा। 1993 में तमिलनाडु की सरकार ने 50% की आरक्षण सीमा को तोड़ते हुए 69% आरक्षण की व्यवस्था की। केंद्र में नरसिम्हा राव के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस की सरकार ने 1994 में 76 वां संविधान संशोधन करके उसे नौवी अनुसूची में डाला तथा उसे कानून का रूप दिया ,आज 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण को मिलाकर तमिलनाडु में 79% आरक्षण है।
उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि जब भारत सरकार 50% आरक्षण सीमा को तोड़कर ईडब्ल्यूएस को आरक्षण दे सकती है तो जिसकी आबादी 50 से 60% के बीच है उसके लिए सीमा क्यों नहीं तोड़ी जा सकती,कानून में संशोधन क्यों नहीं किया जा सकता है। अभी कई राज्यों ने जिसमें झारखंड सहित कर्नाटक हरियाणा तेलंगाना छत्तीसगढ़ ने अपने विधानसभा से इस सीमा को तोड़ने का प्रयास किया है,भारत सरकार इस पर चुप्पी साध कर बैठी है,हम इस चुप्पी को तोड़ना चाहते हैं।मोदी जी चुप्पी को तोड़े और सचमुच यदि इस देश के बड़े वर्ग के लिए कुछ करना चाहते हैं तो आरक्षण की लक्ष्मण रेखा को मिटायें।
झारखंड में भी 2 वर्ष पहले दो-दो बार विधानसभा से सर्वसम्मति  से पारित कराकर इस आरक्षण को तोड़ा गया लेकिन पहले राजभवन इस पर चुप था और अब केंद्र चुप है। हम इस चुप्पी को तुड़वाने का प्रयास करेंगे। हम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने पिछड़ों को शैक्षणिक,सामाजिक आर्थिक रूप से संविधान में जगह दिया।झारखंड में आदिवासी के लिए 28 दलितों के लिए 12 और पिछड़ों के लिए 27% आरक्षण की व्यवस्था के अनुशंसा है और ईडब्ल्यूएस के 10% को मिलाकर यह 77% होता है जिस पर भारत सरकार कुंडली मारकर बैठी है,इसके लिए हमारे संघर्ष की पहली लड़ाई राजभवन के सामने ओबीसी विभाग की अगुवाई में 6 अगस्त को 11:30 बजे से महा धरना एवं प्रदर्शन के माध्यम से शुरू होगी जिसमें पूरी कांग्रेस शामिल होगी। निजीकरण और आउटसोर्सिंग के माध्यम से हमारी हिस्सेदारी समाप्त की जा रही है हम उसका भी विरोध करते हैं आवश्यकता पड़ी तो हम यह लड़ाई दिल्ली तक लड़ेंगे।संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा,सोनाल शांति, कमल ठाकुर,अभिलाष साहू,राजन वर्मा उपस्थित थे।
 


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