
रांची । राजधानी के लालपुर थाना अंतर्गत भगवान बिरसा मुंडा के समाधि स्थल के बगल में अवस्थित जमीन किसी और का झंडा किसी और का और उस जमीन पर किसी और के द्वारा मात्र जमीन कब्जा करने के लिए आदिवासियों का आस्था और विश्वास के प्रतीक झंडा को गाड़ अपमानित कर रहे हैं ,अपने आप को ईसाई भी बता रहे हैं अगर आप ईसाई है तो आप रोम वेटिकन सिटी अर्थात ईसाई झंडा को गाड़े उसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी।
झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा रांची के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि है जो लोग आदिवासियों का रुढ़ि प्रथा परंपरागत पूजा पद्धति पर्व त्यौहार आस्था विश्वास से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है आज वेसे लोग आदिवासी /जनजातियों का आस्था के प्रतीक सरना झंडा को जमीन कब्जा करने के लिए एक गंदे नाली पर झंडा को गाड़ रहे हैं जो सरासर गलत है।
वहीं पर विधायक राजेश कच्छप का कहना है कि सरना झंडा को हिंदू मुस्लिम सिख इसाई अर्थात कोई भी इसका इस्तेमाल कर सकता है अर्थात ये सरना झंडा आस्था का प्रतीक नहीं बल्कि जमीन कब्जा करने वाला झंडा बन गया है जिसको कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। ये जमीन दलालों जमीन कब्जा करने वाला झंडा बन गया है झंडा गाड़ो झंडा उखाड़ो ।
दूसरी ओर केंद्रीय सरना समिति क एक गूट द्वारा दिनांक 31,7,.2025 दिन गुरुवार को एक सौ सरना झंडा को विधिवत पहानों के द्वारा स्थापित किया जाएगा देखते हैं कौन रोकता है ये तो इनका अहंकार बोल रहा है मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि वह जमीन पूजा स्थल है सरना स्थल है या कोई धार्मिक जमीन है क्या है? जिसमें आप विधिवत झंडा गाड़ेंगे वह जमीन किसी और का है विवादित है नाला है कचरा है और उस जमीन पर विधिवत झंडा गाडकर क्या साबित करना चाहते। यदि किसी विवादित जमीन पर या कब्जा करना हो तो एक रंगा लाल झंडा गढ़ दिया जाता है अर्थात खतरा के लिए न कि किसी आस्था का प्रतीक को और ऐसे भी यह व्यक्ति विवादित है हमेशा विवाद में रहते हैं कुछ साल पहले भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी झारखंड रांची आए थे भगवान बिरसा मुंडा को माल्यार्पण किये दूसरे तीसरे दिन यह व्यक्ति शुद्धिकरण के लिए पहुंच गए बिरसा चौक वहीं पर सिरम टोली को मामले को लेकर काफी छी छी लेदर हुए।